जाने- माने संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि सोशल मीडिया का जानामाना हैंडल ट्विटर महिला अधिकारों का सम्मान नहीं कर पाया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार ट्विटर महिलाओं के साथ हिंसा और अपमान की ऑनलाइन खबरों पर पारदर्शी जांच और प्रतिक्रिया में महिला अधिकारों का सम्मान करने में असफल रहा है।
हिंसा और अपमान का अनुभव
ऑनलाइन महिलाओं से हिंसा और अपमान के शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत सी महिलाओं के लिए ट्विटर एक ऐसी जगह है जहां थोड़ी बहुत जवाबदेही के साथ उनके खिलाफ हिसा और अपमान पनपा है। महिलाओं की आवाज को सशक्त बनाने से कोसों दूर सोशल मीडिया मंच पर बहुत सी महिलाओं ने हिंसा और अपमान का अनुभव किया है और जो भी वह पोस्ट कर रही हैं उसके लिए उन्हें आत्म नियंत्रक बना दिया है। साथ ही महिलाओं को पूर्ण रूप से माइक्रोब्लॉगिंग साइट छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है।
महिलाओं के साक्षात्कार पर आधारित रिपोर्ट
यह रिपोर्ट ब्रिटेन और अमेरिका में समूहों और निजी तौर पर 86 महिलाओं के साक्षात्कार पर आधारित है, जिसमें स्कॉटलैंड की पहली मंत्री निकोला स्टर्जन का जिक्र करने वाले अपमानजनक ट्वीट का हवाला दिया गया है। स्टर्जन के हवाले से कहा गया है, राजनीति में महिलाओं के लिए आनलाइन अपमान अस्वीकार्य है। एक महिला के लिए कहीं भी इस तरह के अपमान से जूझना अस्वीकार्य है।
शारीरिक और यौन हिंसा
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 16 महीनों के शोध के बाद पाया कि मंच पर महिलाओं द्वारा अनुभव किए गए अपमान में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शारीरिक और यौन हिंसा की धमकियां, महिला की पहचान के एक या एक से अधिक पहलुओं पर लक्षित भेदभावपूर्ण अपमान, लक्षित उत्पीड़न, महिला की बिना मंजूरी के यौन या अंतरंग चित्रों को साझा करना शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया, ट्विटर अपने को एक ऐसी जगह बताता है जहां प्रत्येक आवाज के पास विश्व पर प्रभाव डालने की शक्ति है लेकिन वह महिलाओं के खिलाफ उनके मानवाधिकार की रक्षा करने में और प्रभावी रूप से हिंसा पर रोकथाम लगाने में विफल रहा है।
(सौजन्य – आईएएनएस)
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