प्राचीन समय से हल्दी का प्रयोग होता आया है। भारतीय मसालों में हल्दी का एक अलग ही महत्व है। यही वजह है कि हर रसोई के मसालदान में हल्दी विशेषतौर पर मिलती है। हल्दी एक विशेष प्रकार की औषधि है और माना जाता है कि इसमें दैवीय गुण भी होते हैं। यही वजह है हल्दी का इस्तेमाल मांगलिक कार्यों में करना शुभ माना जाता है। एक कहानी तो यह भी बताती है कि करीब दस हजार साल पहले जब भगवान राम धरती पर पधारे थे, इसका प्रयोग तब भी किया जाता था। प्राचीन आयुर्वेद में भी इसके इस्तेमाल का जिक्र मिलता है, और अब भी इसका प्रयोग लगातार किया जाता है। यही वजह है कि पश्चिमी देशों में भी अब इसका इस्तेमाल काफी होने लगा हैं। कच्ची हल्दी की गांठ में ऐसे कई गुण होते हैं जो बड़ी से बड़ी बीमारी को दूर करने में सहायक होते हैं। आज यहां हम आपको स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही हल्दी के फायदे (haldi ke fayde in hindi) और हल्दी के उपयोग के बारे में विस्तारपूर्वक बताने जा रहे हैं। सैलिसिलिक एसिड के उपयोग
हल्दी क्या है – What is Turmeric in Hindi
हल्दी को संस्कृत में हरिद्रा कहते हैं. यह अदरक के परिवार जिंजीबेरेसी की सदस्य है. हल्दी का वानस्पतिक नाम कुरकुमा लोंगा है। हल्दी वह मसाला है, जिसे भारतीय व्यंजनों में न डाला जाए तो खाना कुछ अधूरा सा लगता है। यह हमारे किचन का एक अहम हिस्सा है, जो संतरी- पीले रंग का होता है और जिसकी महक दूर से ही आ जाती है। इसका स्वाद भी अनूठा होता है, जिसमें हल्का कड़वापन और काली मिर्च का जायका होता है। हमारे खाने में पीला रंग हल्दी की वजह से ही आता है लेकिन इससे दाग लगने का खतरा भी रहता है। यदि हाथ या नाखूनों में लग जाए तो इसका रंग तुरंत नहीं जाता। हल्दी की सबसे ज्यादा खेती आंध्र प्रदेश में होती है। इसके बाद ओडीशा, तमिलानाडु और महाराष्ट्र में हल्दी की खेती का नंबर आता है।
हल्दी के औषधीय गुण
हल्दी में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं, जिनकी वजह से हल्दी का प्रयोग दवा की तरह से भी कर लिया जाता है। यह एक बेहतरीन एंटीऑक्सिडेंट, एंटीवायरल, एंटीफंगल, एंटीम्यूटाजेनिक और एंटीइंफ्लेमेट्री होता है। इतने सारे औषधीय गुण हल्दी को इतना खास बना देते हैं कि ज्यादातर लोग भोजन में इसका इस्तेमाल करने के अलावा स्किन पर भी इसका प्रयोग करते हैं। इसी वजह से हल्दी (haldi ke fayde in hindi) को सभी मसालों में बेहद गुणकारी माना जाता है।
हल्दी के फायदे और उपयोग – Haldi ke Fayde in Hindi
हल्दी को मसालों की रानी कहा जाता है क्योंकि गिने-चुने भारतीय व्यंजन ही इसके बिना बनते हैं। पाचन की दृष्टि से दैनिक खाना पकाने में हल्दी का उपयोग (haldi ki sabji) महत्वपूर्ण है। हल्दी का उपयोग केवल भोजन तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी हैं। हल्दी का उपयोग त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। तो आइए जानते हैं हल्दी के फायदे (haldi ke fayde in hindi) के बारे में जानें क्योंकि कई बीमारियों के लिए इसे दवा के रूप में उपयोग किया जाता है।
हल्दी वाला पानी पीने के फायदे
हल्दी वाला पानी पीने के कई फायदे हैं। हल्दी में पाया जाने वाला कुर्कुमिन तत्व सूजन और जोड़ों में होने वाले असाह्य दर्द को ठीक कर देता है। सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी। सुबह उठने के तुरंत बाद हल्दी वाला गुनगुना पानी पीने से पेट और छाती की जलन कम होती है। जिन्हें सुबह उठते के साथ ही पेट में जलन होती है, उन्हें हल्दी पानी पीने से आराम मिलेगा। जिन्हें एसिडिटी की समस्या रोजाना रहती है, उन लोगों को यह पानी रोजाना पीना चाहिए।
कच्ची हल्दी खाने के फायदे – Kachi Haldi ke Fayde
सर्दी के मौसम खांसी-जुकाम जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इन सभी समस्याओं को रोकने के लिए आमतौर पर कच्ची हल्दी का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है। कच्ची हल्दी औषधीय गुणों का खजाना है। हल्दी पाउडर की तुलना में कच्ची हल्दी स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है। आयुर्वेद में, कच्ची हल्दी को सूजन को कम करने, जुकाम से राहत, पाचन तंत्र में सुधार, इम्यूनिटी बढ़ाने, रक्त को शुद्ध करने और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में प्रभावी बताया गया है। कच्ची हल्दी का उपयोग काढ़ा बनाकर या फिर इसका हलुआ बनाकर उपयोग में ला सकते हैं।
शहद और हल्दी के फायदे
शहद और हल्दी दोनों ही बेहद गुणकारी होते हैं। साथ में इनका उपयोग करने से फायदा तेजी से होता है। हल्दी और शहद का मिश्रण सांस संबंधी समस्याओं का बढ़िया समाधान है। इसके अलावा निम्न रक्तचाप, मधुमेह और सर्दी-जुकाम आदि समस्या होने पर इस मिश्रण का सेवन दिन में 3 बार आधा चम्मच की मात्रा में करें। एक सप्ताह तक इसे लेना फायदेमंद होगा।
रक्त प्रवाह की समस्याओं के लिए हल्दी के फायदे
आयुर्वेद में हल्दी को रक्त शोधन में महत्वपूर्ण बताया गया है। हल्दी के सेवन से रक्त शोधित होता रहता है। इसे खाने से रक्त में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा हो जाता है। पतला होने के बाद रक्त का धमनियों में प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति को हृदय संबंधी परेशानियां नहीं होती।
बवासीर में हल्दी के फायदे
बवासीर के मरीजों के लिए हल्दी बहुत ही कारगर है। अगर किसी को कब्ज की शिकायत है तो उसे तुरंत ही हल्दी वाला दूध पानी शुरू कर देना चाहिए। बवासीर की समस्या में हल्दी और देसी घी का मिश्रण अपने गुदा के हिस्से पर या अपनी बवासीर वाली जगह पर नियमित तरीके से लगाएं। इससे बवासीर की समस्या भी खत्म हो जाती है।
पथरी में हल्दी के फायदे
पथरी के दर्द से परेशान हैं तो हल्दी का घरेलू नुस्खा अपना सकते हैं। पथरी में हल्दी और अदरक की चाय बहुत ही फायदा करती है। अदरक और हल्दी दोनों में ही एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं साथ ही ये बॉडी को डीटॉक्सीफाई करने में बहुत मदद करते हैं। अदरक और हल्दी की चाय के नियमित सेवन से किडनी स्टोन से राहत मिलती है। बस इसके लिए पथरी का साइज छोटा होना चाहिए, यदि बड़ा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डायबिटीज में हल्दी के फायदे
हल्दी में निहित एंटीइंफ्लेमेट्री और एंटीऑक्सिडेंट गुण प्रीडायबिटीज़ वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज़ के आने में देरी कर सकते हैं। यह इंसुलिन स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और डायबिटीज़ के इलाज वाली दवाओं के प्रभाव को बढ़ाता है। हालांकि, जरूरी है कि आप दवाइयों के साथ इसे लेने से पहले किसी चिकित्सक से परामर्श कर लें। आयुर्वेद में नीम, हल्दी और शहद को डायबिटीज की सबसे बेहतर दवा बताया गया है। इसके लिए इन तीनों चीजों का मिश्रण बनाकर रोजाना रात में गर्म पानी के साथ मिक्स करके पी सकते हैं।
कैंसर के लिए हल्दी के फायदे
कई शोध बताते हैं कि हल्दी में निहित सक्रिय घटक ट्यूमर/कैंसर के खिलाफ रक्षा प्रदान करने वाले आहारों में से एक है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन शरीर में कैंसर के विकास को रोकता है। करक्यूमिन कैंसर से लड़ता है और कीमोथेरेपी के प्रभाव को भी बढ़ाने में मदद करता है। यदि इसे काली मिर्च के साथ मिला दिया जाए तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
पीलिया में हल्दी के फायदे
हल्दी पीलिया रोग के उपचार के लिए बहुत अच्छी होती हैं। पीलिया होने पर आप एक चम्मच हल्दी को आधे गिलास पानी में मिला लें और रोजाना पीएं। आप चाहें मठ्ठा के साथ भी हल्दी मिलाकर पी सकते हैं, एक हफ्ते में पीलिया ठीक हो सकता है।
चर्म रोग में हल्दी के फायदे
हल्दी स्वास्थ्य के साथ-साथ आपकी स्किन के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। अगर किसी स्किन संबंधित कोई बीमारी, दाद या चर्म रोग है तो उसे हल्दी का प्रयोग करने से फायदा होता है। इसके लिए हल्दी को मक्खन या फिर गोमूत्र में मिलाकर स्किन इंफेक्शन वाली जगह पर लगाने से जल्द फायदा होता है।
पेट दर्द में हल्दी के फायदे
पेट दर्द होने पर भी हल्दी का सेवन करने से दर्द से जल्दी आराम मिलता है। इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में आधी चम्मच हल्दी मिलाकर पी लें, तुरंत आराम मिलेगा। पाचन की समस्या होने पर जब हल्दी का सेवन कच्चे तौर पर किया जाता है तो इससे पाचन तंत्र सुधरता है। हल्दी के प्रमुख घटक पित्त का उत्पादन करने के लिए पित्ताशय की थैली को उत्तेजित करते हैं, तुरंत पाचन तंत्र को सही करते हैं। इसे सूजन और गैस के लक्षणों को भी कम करने के लिए जाना जाता है।
सर्दी-जुकाम में हल्दी के फायदे
सर्दी-जुकाम में हल्दी और वो भी खासतौर पर कच्ची हल्दी बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होती है। दरअसल, हल्दी में लिपोपॉलीसैकराइड होता है, जो एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- वायरल और एंटी- फंगल एजेंट होने की वजह से हम इंसानों के इम्यून सिस्टम को प्रोत्साहित करता है। रोजाना एक गिलास दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर पिएं, आप पाएंगे कि इससे आपको फ्लू लगने का खतरा कम हो गया है।
हल्दी चूना के फायदे
बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि हल्दी में चूना मिला देने से हल्दी के गुण बड़ जाते है और ये बात सच भी है। हल्दी को चूने में मिलाकर अंदरूनी चोट या सूजन में लगाने से यह दर्द को खींच लेता है।
चोट-घाव में हल्दी के फायदे
सालों पहले जब कहीं चोट लग जाती थी तो हमारी दादी- नानी हमें हल्दी का लेप लगाने की सलाह दिया करती थीं। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक आैर एंटी- बैक्टीरियल गुणों वाला मसाला होता है, जो इसे बेहतरीन और प्रभावी डिसइंफेक्टेंट बनाता है। पिसी हुई हल्दी को चोट वाली जगह पर छिड़क दें, चोट जल्दी ठीक हो जाती है।
गठिया में हल्दी के फायदे
हल्दी के एंटी- इंफ्लेमेट्री गुण ऑस्टियो आर्थराइटिस आैर रह्यूमेटॉयड आर्थराइटिस के इलाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें निहित एंटी- ऑक्सिडेंट शरीर के उन मुक्त कणों भी नष्ट कर देता है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी तरह के हल्के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए इस मसाले का उपयोग रोजाना करना चाहिए। हालांकि, यह भी समझ लेना चाहिए कि हल्दी किसी भी तरह से दवा का विकल्प नहीं हो सकता।
अल्ज़ाइमर में हल्दी के फायदे
हल्दी में टरमैरोन भी होता है, जो यौगिक मस्तिष्क की कोशिकाओं को मरम्मत करने में मदद करता है। यह स्ट्रोक और अल्ज़ाइमर जैसे रोग को भी रोकने में मददगार है। करक्यूमिन भी अल्ज़ाइमर रोग में स्मरण की शक्ति को सुधारने में मददगार है। हल्दी मस्तिष्क में प्लाक के गठन को हटाने और ऑक्सीजन के प्रवाह को सुधारने में मदद करता है। इससे अल्ज़ाइमर रोग की गति धीमी हो जाती है।
हल्दी का इस्तेमाल कैसे करें
हल्दी में प्राकृतिक रूप से एंटीइंफ्लेमटरी और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी वजह से इसका सेवन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। हल्दी के फायदे (haldi khane ke fayde) चाहिए तो उसके लिए इन तरीकों से हल्दी का इस्तेमाल आप कर सकते हैं –
- सबसे पहले तो ये बात जान लीजिए कि हल्दी की मात्रा को संतुलित रखें। पूरे दिन भर में आधा चम्मच से ज्यादा हल्दी का सेवन न करें। दाल व सब्जी में एक चौथाई चम्मच या उससे थोड़ी कम हल्दी डाल सकते हैं। और वहीं अन्य चीजों में चुटकी भर हल्दी भी काफी है।
- भारतीय रसोई के लगभग हर व्यंजन में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। किसी भी सब्जी में हल्दी को उसकी जरूरत के अनुसार डालें।
- इसके अलावा आप करी, स्मूदी, गर्म दूध, सलाद, स्टर फ्राइड डिश, यानी कि अपनी मर्जी से हर व्यंजन में चुटकी पर हल्दी को डाल सकते हैं।
- जब भी घर में अपने लिए सूप बनाएं, उसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर डाल लें।
- चाहें तो पानी में हल्दी पाउडर के साथ शहद, नींबू और काली मिर्च मिलाकर ड्रिंक बनाकर पिएं। यह काफी फायदेमंद है।
- देखा जाए तो हल्दी के सप्लीमेंट भी मौजूद हैं लेकिन कच्ची हल्दी सबसे बढ़िया ऑप्शन है। आप चाहें तो सर्दियों में कच्ची हल्दी का हलुआ बनाकर रोजाना एक चम्मच इसका सेवन कर सकते हैं।
- हल्दी की चाय भी बना सकते हैं। इसमें स्वाद के लिए थोड़ा-सा शहद मिक्स कर सकते हैं।
- हल्दी का उपयोग आप फेसपैक और उबटन के तौर पर भी कर सकते हैं।
हल्दी के नुकसान – Haldi ke Nuksan
अमूमन हमें हल्दी का सेवन नियमित मात्रा में करना चाहिए। कहा गया है कि रोजाना एक छोटे चम्मच हल्दी का सेवन हमारे लिए सही है। कुछ भी सीमा से ज्यादा हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसकी अधिकता खराब पेट, जी मिचलाने और डिजीनेस का कारण बन सकता है। हल्दी के सप्लीमेंट्स या कैप्सूल तो बिना चिकित्सकीय परामर्श के लेने ही नहीं लेना चाहिए। बेहतर तो यह होगा कि आप हल्दी का सेवन उसके प्राकृतिक रूप में ही करें।
प्रेगनेंसी के दौरान अधिक हल्दी का सेवन मासिक धर्म और गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है। इसलिए इस समय हल्दी का सेवन जरूरत भर ही करें। अधिक हल्दी का सेवन किडनी स्टोन का कारण बन सकता है। अधिक हल्दी के सेवन से चक्कर आने और दस्त की समस्या हो सकती है। अधिक हल्दी के सेवन से शरीर में आयरन का अवशोषण रुक सकता है। इसलिए, आयरन की कमी वाले लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने भोजन में अधिक कच्ची हल्दी (kachi haldi) का सेवन नहीं करें।
हल्दी से जुड़े सवाल-जवाब FAQs
आयुर्वेद में पीलिया के इलाज में हल्दी को रामबाण बताया गया है। आप इसे कई तरह से प्रयोग कर सकते हैं। पीलिया में मट्ठा के साथ हल्दी का सेवन बेहद लाभकारी माना गया है।
हल्दी में विटामिन सी, ई के अलावा फाइबर, कैल्शियम और प्रोटीन भी पाया जाता है। हल्दी में मौजूद औषधीय गुणों की वजह से ही आर्युवेद में उसे विशेष स्थान दिया गया है।
प्रेगनेंसी के दौरान अधिक हल्दी का सेवन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है। इसलिए इस समय हल्दी का सेवन जरूरत भर ही करें। ज्यादा मात्रा में कच्ची हल्दी का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान नहीं करना चाहिए।
यूं तो हल्दी वाला दूध बेहद फायदेमंद होता है। लेकिन जिन लोगों को पित्त व किडनी स्टोन की समस्या हो और ज्यादा ब्लीडिंग की दिक्कत हो तो उन्हें हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए।
माना जाता है की सूखी हल्दी से ज्यादा कच्ची हल्दी फायदेमंद होती है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में तो कच्ची हल्दी रामबाण की तरह है।
हल्दी को आप अपने भोजन में रंग व स्वाद लाने, गर्म दूध व पानी के साथ भी ले सकते हैं। सीधे हल्दी का सेवन आमतौर पर नहीं किया जाता है।
हल्दी ज्यादा खाने से गर्भवती स्त्रियों को गर्भपात होने का खतरा रहता है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में इसका सेवन ब्लड शुगर को बहुत कम कर देता है।
आयुर्वेद में हल्दी को जड़ी-बूटी के रूप में प्रयोग करते है। चोट पर तुरंत हल्दी का लगाने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है और दर्द में आराम मिलता है।