Table of Contents
- गर्भनिरोधक गोली क्या है – What is Contraceptive Pills in Hindi ?
- गर्भनिरोधक गोलियों के प्रकार – Types of Contraceptive Pills
- गर्भनिरोधक गोली कब लेनी चाहिए ?
- कॉन्ट्रसेप्टिव पिल का उपयोग कैसे करें – How to use Contraceptive Pills in Hindi
- गर्भनिरोधक गोली लेने के जोखिम – Contraceptive Pills Risks in Hindi
- गर्भनिरोधक गोली के नुकसान – Side Effects of Contraceptive Pills in Hindi
- डॉक्टर के पास कब जाएं
- गर्भनिरोधक गोलियों से जुड़े सच और भ्रम – Facts and Myths about Contraceptive Pills in Hindi
- गर्भनिरोधक गोली से जुड़े सवाल-जवाब FAQS
गर्भनिरोधक गोली क्या है – What is Contraceptive Pills in Hindi ?
गर्भ निरोधक टेबलेट या फिर गोलियां अनचाही गर्भावस्था (Pregnancy Stop Pills) को रोकने की दवाएं होती हैं। इन्हें ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स या ओ.सी.पी.(OCP) भी कहा जाता है)। इन गोलियों में महिलाओं के एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरॉन नामक दो हॉर्मोन या फिर दोनों में से एक निश्चित मात्रा में मौजूद होते हैं। इन गोलियों को प्रत्येक मासिक धर्म के दौरान हॉर्मोनल स्तर में बदलाव करने के लिए तैयार किया जाता है ताकि डिंबोत्सर्जन (Ovulation) और गर्भावस्था को रोका जा सके। प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ
गर्भनिरोधक गोलियों के प्रकार – Types of Contraceptive Pills
गर्भनिरोधक गोली (Pregnancy Control Pills) प्रेगनेंट न होने का सबसे आसान और पुराना तरीका है। लाखों महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इन गोलियों को लेने से पहले भी डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी होती है! बिना सोचे-समझे इन गोलियों को इस्तेमाल करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इन गर्भनिरोधक गोलियों के बारे में कुछ बातें हैं जो आपको पता होनी चाहिए। आइए सबसे पहले जानते हैं कि ये गर्भनिरोधक गोलियां कितने प्रकार की होती है –
संयुक्त पिल – Combination Pills
कॉम्बिनेशन पिल्स में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन दोनों ही हार्मोन मौजूद होते हैं। प्रत्येक चक्र में अधिकांश गोलियां सक्रिय होती हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें हार्मोन होते हैं। शेष गोलियां निष्क्रिय हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें हार्मोन नहीं हैं। यह गोलियां 28 या 21 दिनों के ब्लिस्टर पैक में मिलती हैं। अन्य फॉर्मूलों की तरह इन मिश्रित गोलियों को मासिक धर्म की शुरुआत के साथ शुरू किया जाता है और तब तक जारी रखा जाता है जब तक आप अपना अगला चक्र प्राप्त नहीं कर लेती हैं। इन गोलियों को प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन की खुराक और अनुपात के अनुसार आगे वर्गीकृत किया गया है –
- मोनो–फैसिक गोली (Monophasic pills): एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन की निश्चित खुराक।
- द्वि–चरणीय (बाय फैसिक) गोली: एस्ट्रोजन की निश्चित खुराक जबकि प्रोजेस्टेरॉन की खुराक चक्र के मध्य से आधी बढ़ जाती है।
- त्रि–चरणीय गोली: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन की तीन अलग–अलग खुराकें जो हर 7 दिनों में बदलती हैं।
- चौथे चरण की गोली: 28 दिनों तक एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन की 4 अलग–अलग खुराकें दी जाती हैं।
- 91 दिन की गोली: 84 दिनों के लिए एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन की एक निश्चित खुराक शामिल होती है।
प्रोजेस्टेरॉन–ओनली पिल या मिनी पिल – Progestin Only Pills
प्रोजेस्टेरॉन–ओनली पिल्स या पी.ओ.पी. (POP) में सिर्फ प्रोजेस्टेरॉन मौजूद होता है (मानव में मौजूद प्रोजेस्ट्रोन नामक प्राकृतिक हॉर्मोन का एक सिंथेटिक रूप) जिसमें एस्ट्रोजन हॉर्मोन बिलकुल भी मौजूद नहीं है। POP को पीरियड के साधारण सभी दिनों में मौखिक रूप (Oral Pills In Hindi) से लेने की आवश्यकता होती है। इस तरह की गोली को मिनिपिल भी कहा जाता है। प्रोजेस्टेरॉन-ओनली गोलियां उन महिलाओं के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं जो स्वास्थ्य हैं या अन्य कारणों से एस्ट्रोजन नहीं ले सकती हैं। इन प्रोजेस्टेरॉन-ओनली गोलियों के साथ, मासिक चक्र में सभी गोलियां सक्रिय रहती हैं। कोई निष्क्रिय गोलियां नहीं होती हैं।
आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली – Emergency Contraceptive Pills
गर्भनिरोधक गोली कब लेनी चाहिए ?
ओरल पिल्स या गर्भनिरोधक गोलियां (Contraceptive Pills Uses In Hindi) ऐसी महिलाओं के लिए है जो बेबी प्लान नहीं कर रही हैं या फिर उन्हें एक या दो से ज्यादा बच्चों की आवश्यकता नहीं है ऐसे में वो गर्भनिरोधक गोली का सेवन शुरू कर सकती है। वहीं जब उन महिलाओं को लगे कि वो बेबी प्लान करना चाहती हैं तो इन्हें खाना बंद कर देना चाहिए। जबकि इंजेक्शन या कॉपर टी एक निश्चित समय के लिए होते हैं। इन्हें आप बीच में ब्रेक नहीं कर सकते हैं। लेकिन गर्भनिरोधक गोलियों के मामलों में ऐसा नहीं होता है। इन गोलियों को लेना शुरू करने से पहले महिला को किसी डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए। साथ जब आप इन्हें बंद करने की सोच रही हैं तब भी किसी डॉक्टर से परामर्श लेकर ही करना उचित रहता है।
कॉन्ट्रसेप्टिव पिल का उपयोग कैसे करें – How to use Contraceptive Pills in Hindi
गर्भनिरोधक गोली के फायदे – Benefits of Contraceptive Pills in Hindi
- ये 24X7 आपकी रक्षा करती है। इंटीमेसी के दौरान आपको प्रोटेक्शन की चिंता करने कोई जरूरत नहीं पड़ती।
- ये बहुत ही प्रभावी होती है। अन्य गर्भ निरोधकों की तुलना में ये आसान और सुरक्षित होती है।
- ये आपके मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद करती है। यह मासिक धर्म में अनियमितता या भारी अवधि (Havey Bleeding) वाली महिलाओं के लिए सहायक हो सकता है।
- ये पूरी तरह से प्रतिवर्ती (Reversible) हैं। इसका मतलब यह है कि जब आप इसे लेना बंद कर देंगे तो आपका मासिक चक्र सामान्य हो जाएगा और आप बाद में गर्भवती हो सकती हैं।
- ये मुंहासे यानि कि एक्ने रोकने में भी मददगार होती है।
- पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से भी काफी हद तक निज़ात दिलाती है।
गर्भनिरोधक गोली लेने के जोखिम – Contraceptive Pills Risks in Hindi
गर्भनिरोधक गोली के नुकसान – Side Effects of Contraceptive Pills in Hindi
कॉन्ट्रसेप्टिव पिल लेने से पहले इससे होने वालें साइड-इफेक्ट्स के बारे में अच्छी तरह जान लेना चाहिए ताकि आपको शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना न करना पड़े। आइए जानते हैं गर्भनिरोधक गोलियों (Contraceptive Pills) के कुछ ऐसे साइड इफेक्ट्स यानि कि नुकसान जिनके बारे में शायद ही आपको पता हो –
- कुछ महिलाओं को जी मचलाना, चक्कर आना और उल्टी की दिक्कत होती है। डॉक्टर्स के अनुसार यह सबसे कॉमन साइड-इफेक्ट है।
- गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से सिरदर्द या माइग्रेन की शिकायत भी हो सकती है। ज्यादातर मामलों में ये शिकायतें पिल के लगातार यूज के कारण होती हैं।
- कुछ महिलाओं में यह भी होता है कि उनके ब्रेस्ट हेवी या फिर बहुत ज्यादा सॉफ्ट होने लगते हैं। ज्यादातर महिलाओं को ब्रेस्ट में सूजन की शिकायत होती है।
- लंबे समय से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से सबसे बुरा असर महिला के वजन पर पड़ता है। वो धीरे-धीरे मोटापे का शिकार होने लगती है। इन गोलियों के चलते शरीर के अलग-अलग भाग में फ्लूइड रिटेंशन बढ़ जाता है, जिससे वजन बढ़ने लगता है।
- वहीं कुछ मामलों में ये भी सामने आया है कि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाएं लंबे समय तक लो सेक्स ड्राइव अनुभव करती हैं।
- साथ ही पिल्स का ज्यादा यूज़ अक्सर महिलाओं का पीरियड साइकिल गड़बड़ा जाता है। खासतौर पर इमरजेंसी पिल्स यूज करने पर पीरियड टाइमिंग बढ़ सकता है। इससे परेशान न हों और अपनी डॉक्टर से कंसल्ट करें।
- बहुत सी महिलाओं को गोलियों का सेवन करने के दौरान बहुत से मूड स्विंग होते हैं। उनमें चिड़चिड़ापना ज्यादा बढ़ जाता है। हाल ही में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि लंबे समय तक इन गोलियों का सेवन करने वाली महिलाएं भावनाशून्य हो सकती हैं। इसका सीधा नकारात्मक प्रभाव उनके निजी संबधों पर पड़ सकता है।
डॉक्टर के पास कब जाएं
- बुरी तरह से बेहोशी का दौरा पड़ना अथवा गिर जाना
- तेज़ सिर दर्द होना
- धुंधला दिखाई पड़ना
- लड़खड़ाहट के साथ बोलना
- कमज़ोरी अथवा शरीर के एक हिस्से अथवा एक अंग को प्रभावित करने वाला पैराएस्थिसीया
- खांसी के साथ खून आना
- बिना वजह सांस फूलना
- सांस लेने के साथ छाती के दोनों ओर तेज़ दर्द होना
- पेट में तेज़ दर्द होना अथवा पिण्डली में तेज़ दर्द होना
- उच्च रक्तचाप होना
- पीलिया
गर्भनिरोधक गोलियों से जुड़े सच और भ्रम – Facts and Myths about Contraceptive Pills in Hindi
अनचाही प्रेगनेंसी रोकने के लिए सालों से गर्भनिरोधक गोलियों (Pills to Avoid Pregnancy) का इस्तेमाल होता आ रहा है। लेकिन इन गर्भनिरोधक गोलियों को लेकर बहुत महिलाओं के मन में अलग-अलग सवाल हैं और साथ कई तरह की गलफहमियां भी हैं। तो आइए जानते है गर्भ निरोधक टेबलेट (Pregnancy Control Pills) से जुड़े भ्रम और उसके सच्चाई के बारें में –
गर्भनिरोधक गोली से जुड़े सवाल-जवाब FAQS
आमतौर पर गर्भनिरोधक गोलियां एस्ट्रोजेन की मात्रा बढ़ाकर महिलाओं के अंडाशय से अण्डों का प्रवाह बंद कर देती है। इसके अलावा एस्ट्रोजेन के प्रवाह को रोककर गर्भाशय के स्तर में बदलाव कर देती है और ये बदलाव अण्डों को उर्वर बनने से रोकता है जिसके फलस्वरूप गर्भधारण नहीं होता है।
जन्म नियंत्रण पद्धतियों में गर्भनिरोधक गोलियों को काफी कारगर और सुरक्षित माना जाता है। लेकिन बहुत सी महिलाओं को इसके दुष्प्रभावों का भी सामना करना पड़ता है। इसका मुख्य कारण है अलग-अलग ब्रांड में बनने वाली गोलियां। इसीलिए किसी भी तरह की गर्भनिरोधक गोली लेने से पहले अपने डॉक्टर का परामर्श जरूर लें।
यूं तो बाजारों में आजकल तमाम तरह की गर्भनिरोधक गोलियां (birth control pills names) उपबल्ध है। आप अपने डॉक्टर के परामर्श से कोई भी गर्भनिरोधक गोली का सेवन कर सकती हैं। अगर आप बर्थ कंट्रोल के लिए टेबेलेट ले रही हैं तो ‘सहेली’ (Saheli) और ‘छाया’ (Chhaya) जैसी गर्भनिरोधक टेबलेट ले सकते हैं। अगर आप इमरजेंसी पिल्स का सेवन करना चाहती हैं तो आई-पिल (I-pill) और अनवांटेड 72 (Unwanted 72) का सेवन कर सकती हैं। गर्भ रोकने के लिए एस्ट्रोजेन हार्मोन का उपयोग करने की बजाय इस में एस्ट्रोजेन को रोकने की औषधि का प्रयोग किया जाता है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
गर्भनिरोधक गोलियां लैब में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन से तैयार होती हैं। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि गर्भनिरोधक गोली खाने से महिलाओं में मोटापा बढ़ने लगता है और जेंस हार्मोंन बनने लगते हैं। यही नहीं दवा कंपनियां इस साइड इफेक्ट को गर्भनिरोधक के पैकेट पर भी लिखती हैं।
अक्सर सुनने को मिल जाता है कि जब आप प्रेगनेंट होना चाहें उसके 3 से 4 महीने पहले पिल लेना बंद करना होता है। जबकि हकीकत इससे एकदम अलग है। क्योंकि इसका असर आपकी बॉडी से जल्द खत्म हो जाता है और होर्मोन्स अपने नेचुरल तरीके से रिलीज होने लगते हैं और एग बनने की प्रोसेस शुरू हो जाती है। लेकिन डॉक्टर्स कहते हैं कि ये पिल लेना बंद करने के बाद कुछ प्रेगनेंसी के लिए कुछ वक्त लेना चाहिए। ताकि आपकी बॉडी में विटामिन्स और मिनरल्स का लेवल सही हो। तो इस अवधि में अपनी डाइट पर ध्यान ज़रूर दें। मल्टीविटामिन टैबलेट के साथ हैल्दी डाइट लें।
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