एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) के कारण होने वाली एक बीमारी है। इस बीमारी में किसी भी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है, जिस वजह से उसकी इन्फेक्शन और बीमारियों से लड़ने की क्षमता खत्म हो जाती है। मुख्य रूप से एचआईवी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज है। हालांकि, कई बार ये प्रेगनेंसी के दौरान मां से बच्चे में भी आ जाती है या फिर ब्रेस्टफीडिंग के कारण भी बच्चे को हो जाती है। एचआईवी इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, जिस वजह से एड्स हो जाता है। तो चलिए जानते हैं एचआईवी और एड्स के बीच क्या अंतर है और एचआईवी के लक्षण,एड्स के लक्षण।
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एचआईवी क्या है – HIV Kya Hai?
एचआईवी एक वायरस होता है, जो इम्यून सिस्टम को डैमेज कर देता है। किसी भी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम उसे बीमारियों और इन्फेक्शन से लड़ने की ताकत देता है। एचआईवी सीडी4 सेल्स को मार देता है, जो एक तरह के इम्यून सेल्स होते हैं। वक्त के साथ एचआईवी अधिक सीडी4 सेल्स को मारता है और इस वजह से व्यक्ति को कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। यदि कोई व्यक्ति समय रहते इलाज नहीं करता है तो उसे एड्स हो सकता है। इस स्थिति में इम्यून सिस्टम बहुत ही ज्यादा कमजोर हो जाता है और किसी भी तरह की बीमारी या इंफेक्शन से लड़ने की स्थिति में नहीं रहता है। एड्स होने की स्थिति में इलाज ना किया जाए तो व्यक्ति केवल 3 वर्ष तक ही जीवित रह सकता है।
एड्स क्या है – AIDS Kya Hai?
एड्स एक ऐसी बीमारी है, जो एचआईवी से संक्रमित लोगों को होती है। मुख्य रूप से इसे एचआईवी (एड्स क्या होता है) की सबसे आखिरी स्टेज कहा जाता है। हालांकि, जरूरी नहीं है कि जिस इंसान को एचआईवी होगा, उसे एड्स हो सकता है। दरअसल, एचआईवी सीडी4 सेल्स को मारता है। किसी भी स्वस्थ व्यस्क में 500 से 1500 क्यूबिक मिलीमीटर के बीच सीडी4 सेल्स काउंट होते हैं। वहीं एचआईवी से संक्रमित जिन व्यक्तियों में इनका काउंट 200 पर क्यूबिक मिलीमीटर से कम होता वो ही एड्स से संक्रमित (What is AIDS in Hindi) होते हैं।
एचआईवी और एड्स के बीच क्या अंतर है?
यह जानना बहुत जरूरी है कि एचआईवी और एड्स के बीच क्या अंतर है। कुछ लोग दोनों को एक ही मानते हैं मगर यह दोनों बीमारी अलग-अलग है।
HIV : एचआईवी मुख्य रूप से खून, सीमन, वैजाइनल और रेक्टल फ्लूइड और ब्रेस्ट मिल्क के जरिए फैलता है। यह वायरल हवा, पानी या फिर किसी तरह के कैजुअल संपर्क से नहीं फैलता है। एचआईवी उम्र भर रहने वाली बीमारी है और फिलहाल इसका कोई इलाज नहीं है।
AIDS : एक इंसान को तभी एड्स होता है, जब उसे एचआईवी हो और वह ऑपर्चूनिस्टिक इंफेक्शन या फिर कैंसर जैसी बीमारी से संक्रमित हो जाए। जिन लोगों को एचआईवी नहीं होता है, उनमें इस तरह के इंफेक्शन बहुत ही असामान्य होता है।
एचआईवी और एड्स के लक्षण –
एचआईवी के कई सारे लक्षण (HIV ke lakshan in hindi) महिलाओं और पुरुषों में एक जैसे होते हैं। मगर कई बार लक्षण अलग-अलग स्टेज पर भी निर्भर करता है। तो चलिए आपको महिलाओं में पाए जाने वाले एचआईवी के लक्षण के बारे में बताते हैं।
शुरुआती लक्षणों में कॉमन कोल्ड और फ्लू होता है।
लिंफ नोड्स में सूजन आ जाना। यह नोड्स इम्यून सिस्टम का हिस्सा होते हैं और इसमें इम्यून सेल्स स्टोर रहती हैं। HIV वायरस के अटैक से इम्यूनिटी सिस्टम प्रभावित होती हैं जो ग्लैंड में सूजन पैदा करती है।
महिलाओं में एचआईवी के लक्षण में सबसे आम मेंस्ट्रुअल साइकिल में बदलाव आना है। कई बार महिलाओं को पीरियड्स आना भी रुक जाते हैं।
क्षमता से अधिक नींद आना। कई रिसर्च में पाया गया है कि अगर महिलाओं को बॉडी के हर पार्ट में दर्द हो रहा है तो हो सकता है आप एचआईवी संक्रमित हो सकती हैं।
तेज़ी से वजन में कमी आना। एचआईवी संक्रमण के फैलने के साथ-साथ भूख ना के बराबर हो जाती है। अगर किसी कारणवश आपको भी भूख बिल्कुल नहीं लग रही हैं तो एक बार एचआईवी जरूर चेक करें।
उम्मीद हैं इस लेख से ने आपको एचआईवी एड्स के लक्षण जानने में मदद की होगी। मगर ऐसी बड़ी बीमारियों के लिए किसी की लक्षण के दिखाई देने पर एक बार डॉक्टर से सलाह मशवरा जरूर करें। चिकित्सकीय परामर्श आपको बीमारी के बारे में समझने में ज्यादा मदद करेगी।
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