आयुर्वेद में नीम के पत्तों को बहुत महत्व दिया गया है। नीम (Indian Lilac) के इस्तेमाल से बड़ी से बड़ी बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। पुराने समय से ही नीम को एक औषधि के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। भले ही नीम की पत्तियां खाने में बहुत कड़वी होती हैं लेकिन इनमें एंटीबैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी पैरासिटिक जैसे गुण मौजूद होते हैं, जो इसे आम से खास बनाते हैं। भारत में नीम को आमतौर पर ”गांव की फार्मेसी” कहा जाता है क्योंकि इसमें एक नहीं बल्कि अनगिनत गुण मौजूद होते हैं। यह एक ऐसा पेड़ है, जिसका हर हिस्सा किसी न किसी बीमारी के इलाज में कारगर है।
भारतीय वेदों में नीम का नाम सर्व रोग निवारणी रखा गया है, जिसका अर्थ होता है ‘सभी बीमारियों को रोकने वाला’। नीम दो किस्म का होता है, मीठा नीम और कड़वा नीम । हालांकि दोनों में ही औषधीय गुण पाए जाते हैं लेकिन कड़वे नीम के फायदे (Neem ke Fayde) बहुत है और इसका इस्तेमाल औषधि निर्माण में ज्यादा होता है। आधुनिक शोधों व अनुसंधानों ने सिद्ध कर दिया है कि नीम के औषधीय उपयोग और गुण हैं, जिनका कोई जवाब नहीं है।
भारत में नीम का पेड़ घर के आस-पास होना शुभ माना जाता है ताकि लोग आसानी से इसका फायदा उठा सकें। नीम के पेड़ की हर एक चीज फायदेमंद होती है। आज यहां हम बात करेंगे नीम की पत्तियों के फायदे (neem ke patton ke fayde) के बारे में, जिससे आप अपनी सेहत के साथ- साथ अपने सौंदर्य में भी निखार ला सकते हैं –
सेहत के साथ ही सौंदर्य के लिए भी नीम एक रामबाण की तरह काम करता है। दरअसल, नीम की पत्तियों में कई ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाये जाते हैं (neem ke fayde), जो आपकी स्किन की देखभाल करने के साथ ही उन्हें त्वचा संबंधी रोगों से भी दूर रखते हैं। बाजार में मिलने वाले लगभग सभी ब्यूटी प्रोडक्ट्स में नीम के पत्तों का पेस्ट जरूर मिलाया जाता है। आइए जानते हैं सौंदर्य के लिए नीम के फायदे-
नीम बहुत ही फायदेमंद औषधि है। इसकी भरपूर मात्रा में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो हमारे बालों की देखभाल करते हैं और उन्हें पोषण देते हैं। इसके साथ ही यह बालों की आम समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है। आइए जानते है कि नीम किस तरह हमारे बालों के लिए फायदेमंद है –
नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से आप स्कैल्प क्लीनर के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप सिर में जूं या रूसी यानि कि डैंड्रफ की समस्या से परेशान हैं तो नीम की पत्तियां उबाल लें और उस पानी से बाल धोयें। इसके अलावा नीम की पत्तियों को उबालकर उसमें शहद मिला लें और उसका गाढ़ा पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से रूसी की समस्या जड़ से खत्म हो जायेगी। साथ ही इससे आपके बालों की चमक बढ़ेगी और वे मुलायम भी हो जायेंगे।
ज्यादातर लोग अपने बालों को काला करने के लिए हेयर कलर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि स्किन को बिना किसी तरह का नुकसान पहुंचाये आप नीम से भी बालों को लंबे समय तक काला बनाये रख सकते हैं? इसके लिए नीम के पाउडर में नारियल का तेल डालकर 5 मिनट तक पकाएं। अब इसे ठंडा करके एक बोलत में भर लें। नियमित तौर पर रात में सोने से पहले इस तेल को अपने बालों में लगाएं और सुबह नहाते समय धो लें। 10 ही दिनों में आपको असर दिखने लगेगा।
आजकल ज्यादातर लोगों को बाल झड़ने और टूटने की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आपको भी ये दिक्कत है तो एक बार नीम का तेल इस्तेमाल करके देखें। नीम का तेल आपके स्कैल्प पर हो रहे इंफेक्शन को खत्म कर देता है, जिससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है। नीम के तेल का नियमित तौर पर प्रयोग करने से बाल जल्दी बढ़ते हैं।
खराब लाइफस्टाइल के चलते आये दिन बीमार रहना आम बात है। कुछ बीमारियों में रक्त की विषात्कता होने लगती है यानि कि खून धीरे- धीरे खराब होने लगता है, जो आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। इसका लक्षण है चेहरे पर दाग- धब्बे, ऐक्ने, त्वचा रोग आदि। नीम एक शक्तिशाली रक्त रोधक है। ये शरीर के सभी अंगों में आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है, जिससे शरीर को हानिकारक दूषित पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। ऐसे में नीम के कैप्सूल के फायदे आपको पता होने चाहिए।इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेकर रोजाना भोजन के साथ नीम कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
डायबिटीज को रोकने और शुगर कंट्रोल करने को लेकर हुये कई अध्ययनों में सामने आया है कि नीम के पत्ते डायबिटीज के लिए फायदेमंद होते हैं। जिन लोगों को भी मधुमेह की शिकायत है, अगर वो नियमित तौर पर नीम के पत्ते खाली पेट खायें तो जल्द ही वो इस बीमारी से राहत पा सकते हैं।
नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रैडिकल के हानिकारक प्रभाव को रोकते हैं, जिससे शरीर में कैंसर का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा नीम हृदय रोगों के लिए भी रामबाण औषधि है।
मलेरिया के इलाज के दौरान नीम का इस्तेमाल भी दवा के रूप में किया जाता है। नीम के पत्तों में गेडुनिन (Gedunin) तत्व पाया जाता है, जो इस बीमारी के इलाज में मददगार साबित होता है। डॉक्टर भी मलेरिया के मरीज को नीम के पत्ते खाने की राय देते हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यूरिन इंफेक्शन होने पर अगर नीम का सेवन किया जाये तो जल्द ही उससे राहत पाई जा सकती है। इसके लिए रोज सुबह उठकर नीम के 4 से 5 पत्ते चबाएं, आराम मिलेगा।
वैज्ञानिकों का मानना है कि नीम गर्भ निरोधक का एक प्राकृतिक और आसानी से उपलब्ध होने वाला विकल्प है। इस विषय पर हुई कई रिसर्च में भी ये सामने आया है कि नीम में एंटी फर्टिलिटी तत्व विद्यमान होते हैं। जब नीम के तेल का उपयोग(neem ke upyog) यौन संबंध बनाने से पहले किया जाता है तो औरतों में यह प्रेंगनेसी को रोक सकता है।
जैसा कि आपको पता है कि किसी भी चीज की अति नुकसानदेह साबित होती है, वैसा ही नीम के साथ भी है। नीम की तासीर क्या होती है?दरअसल, नीम की तासीर ठंडी होती है तो इसे गर्मियों में तो खूब इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन सर्दियों में इसका सीमित मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए, नहीं तो ये नुकासनदेह साबित हो सकती है। अगर आप गर्भवती हैं या फिर गर्भधारण करने वाली हैं तो आपको किसी भी रूप में नीम का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये नुकासनदेह साबित हो सकता है। वहीं कई बार नीम का अधिक सेवन करने से पेट में जलन जैसी समस्या भी हो सकती है। साथ ही नीम को छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से उनकी किडनी और लीवर प्रभावित हो सकता है।
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