सरसों का तेल (Mustard Oil) भारत के हर घर की रसोईं में पाया जाने वाला सेहत का खज़ाना है। यह न सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाता है बल्कि इसका सेवन सेहत को भी कई फायदे पहुंचाता है। उत्तर भारत में मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल खाना पकाने के लिए किया जाता है। यहां तक कि भारत की कई सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सरसों के तेल (Mustard Oil) का इस्तेमाल किया जाता है। यह तेल सरसों के बीज से बना होता है। इसकी तासीर गर्म होती है। सरसों का तेल जीवाणुरोधी होता है इसलिए शरीर की कई छोटी-बड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है। सरसो के तेल के फायदे (sarso tel ke fayde) जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे। सरसों के औषधीय गुण भी हैं। इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। जानिए सरसो के तेल के फायदे (sarso tel ke fayde) और नुकसान और भी बहुत कुछ। गोंद कतीरा के फायदे
सरसों का तेल क्या है? – What is Mustard Oil in Hindi
सरसों का तेल (Mustard Oil) सरसों के पौधे के बीज से बना होता है। इसका उत्पादन काले सरसों, जिसे ब्रैसिका निग्रा कहते हैं, भूरे रंग के भारतीय सरसों, जिसे ब्रैसिका जुनसिया कहते हैं और सफेद सरसों, जिसे ब्रैसिका हिर्टा कहते हैं, से किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल सदियों से भारतीय घरों में खाना पकाने के लिए किया जाता है। इसमें ओमेगा 3 भी पाया जाता है लेकिन अधिक देर तक गरम होने के चलते तेल में ओमेगा-3 की मात्रा समाप्त हो जाती है और स्वास्थ्य पर इसका असर कम हो जाता है। पश्चिमी देशों में, अक्सर इसकी बिक्री सिर्फ उन्हीं दुकानों में होती है, जो दुकानें भारतीय आप्रवासियों के निमित्त होती हैं। यह न केवल खाने को स्वादिष्ट बनाता है बल्कि मांसपेशियों का विकास भी करता है। मूंगफली के तेल के फायदे
सरसों का तेल में पौष्टिक तत्व – Nutritious elements in mustard oil
सरसों का तेल (Mustard Oil) में कई तरह के पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इसमें 6% ओमेगा-3 अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और 15% ओमेगा-6 लिनोलेनिक एसिड होता है और 12% संतृप्त वसा होता है। इसके अलावा सरसों के तेल में 60% मोनोअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है जिसमें 42% इरुसिक एसिड और 12% ओलेक एसिड होता है। सरसों के बीज में भी ओमेगा-3 का उच्च स्तर पाया जाता है। यही वजह है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से सरसों का तेल (Mustard Oil) बेहद फायदेमंद माना जाता है। न केवल इसका सेवन बल्कि ऊपरी तौर पर इसका इस्तेमाल भी काफी असरदार होता है।
सेहत के लिए सरसो के तेल के फायदे – Sarso ka Tel ke Fayde in Hindi
सेहत के लिए सरसो के तेल (Mustard Oil) के फायदे (sarso ka Tel ke Fayde in Hindi) एक नहीं अनेक हैं। यह बेहद पौष्टिक होता है। इसकी तासीर गर्म होने के लिए सर्दियों में खासतौर से सरसों का तेल लाभकारी होता है। त्वचा संबंधी समस्याओं से लेकर सेहत तक में यह रामबाण है। इसका इस्तेमाल सदियों से बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। छोटे-मोटे ज़ुकाम-खासी से लेकर मांसपेशियों को मजबूत बनाने तक में सरसों का तेल (Mustard Oil) इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं चोट लगने पर, घुटनों के दर्द में और यहां तक कि कैंसर जैसे रोग से बचाने में भी सरसों का तेल फायदेमंद होता है। हम यहां आपको सेहत से जुड़े सरसों के तेल के फायदे (sarso tel ke fayde) बता रहे हैं।
भूख बढ़ाये
भारतीय घरों में सरसों का तेल (Mustard Oil) खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके सेवन से पाचन शक्ति दुरुस्त रहती है। यही वजह है कि पेट से जुडी समस्याओं के लिए सरसों का तेल रामबाण है। इसके साथ ही यह भूख बढ़ाने में भी मदद करता है। इसका स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक असर होता है। इसकिये अगर आप भी भूख न लगने की समस्या से गुज़र रहे हैं तो खाने में सरसों के तेल का इस्तेमाल शुरू कर दीजिये।
वजन घटाये
सरसों के तेल (Mustard Oil) में विटामिन जैसे थियामाइन, फोलेट व नियासिन काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इससे वजन घटाने में मदद मिलती है। आप चाहें तो इसकी मालिश कर भी वजन शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी कम कर सकते हैं। इसके लिए सरसों का तेल में नारियल तेल, अजवाइन, दालचीनी और कपूर डालकर धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब जब तक तेल में से झाघ खत्म ना हो जाए। तेल को गर्म करने के बाद उसमें 2 चम्मच अदरक का रस मिलाएं और चर्बी वाले एरिया पर 4-5 मिनट तक अच्छी तरह मालिश करें। यह मालिश शरीर से चर्बी को तेजी से पिघलाकर कम करने में मदद करती हैं। नारियल तेल के फायदे
अस्थमा में मददगार
सरसों का तेल (Mustard Oil) अस्थमा पीड़ित लोगों के लिए भी काफी असरदार है। हालांकि अस्थमा का अभी तक कोई स्थाई इलाज नहीं है लेकिन सरसों के तेल में कपूर को डालकर सहन करने लायक गर्म तेल की मालिश पीठ और सीने पर की जाये तो अस्थमा में आराम मिलता है। अधिक फायदे के लिए दिन में 2-3 बार इस तेल से मालिश करें।
सरसों के तेल की मालिश के फायदे
सरसों के तेल (Mustard Oil) की मालिश के कई फायदे हैं। यहां तक कि नवजात शिशु की मालिश के लिए भी सरसों का इस्तेमाल किया जाता है।सरसों के तेल की मालिश शरीर में गर्माहट पैदा करती है। इससे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। जो लोग गठिये से परेशान हैं उन्हें सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करनी चाहिए। इससे दर्द में काफी आराम मिलता है।
सरसों का तेल पीने के फायदे
आपको जानकर हैरानी होगी कि सरसों का तेल (Mustard Oil) पीने के भी कई फायदे हैं। खांसी हो जाने पर घर के बड़े-बुज़ुर्ग सरसों का तेल पीने की सलाह देते हैं। इसके स्वाद में मत जाइये बस दवा की तरह 1 चम्मच सरसों का तेल पीने से खांसी व गले के दर्द में काफी आराम मिलता है।
नाभि में सरसों का तेल के फायदे
क्या आप जानते हैं सिर्फ नाभि में सरसों का तेल (Mustard Oil) डालने से कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। इसमें मुख्य रूप से फटे होंठ शामिल हैं। अगर आप फटे होंठों की समस्या से गुज़र रहे हैं, खासतौर पर सर्दियों में तो रात में सोने से पहले नाभि पर सरसों का तेल लगाएं। इससे फटे होंठ वापस नर्म व मुलायम हो जाएंगे। इसके अलावा सोने से पहले नाभि में सरसों के तेल की दो बूंदें नियमित से डालने पर जोड़ो में होने वाले दर्द की समस्या से भी आराम मिलता है।
सरसों का तेल नाक में डालने के फायदे
हो सकता है, आपको सोचकर थोड़ा अजीब लगे लेकिन सरसों का तेल (Mustard Oil) नाक में डालने के भी कई फायदे हैं। दरअसल, सरसों का तेल ऐंटिबैक्टीरियल खूबियों से भरपूर होता है। यही वजह है कि ज़ुकाम होने पर, नाक बंद होने या बहने पर 2 बूंद सरसों का तेल नाक में डालें। ज़ुकाम में तुरंत आराम मिलेगा। इससे नाक में खुजली और सूखापन जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है।
सरसों का तेल चेहरे के लिए
सरसों के तेल (Mustard Oil) का इस्तेमाल सदियों से त्वचा की खूबसूरती बढ़ाने के लिए किया जाता है। घर पर हल्दी से बने उबटन में भी सरसों का तेल मिलाया जाता है। स्किन की ड्राईनेस को खत्म करता है, जिससे स्किन नेचरली ग्लो करने लगेगी। इसका उबटन बनाने के लिए हल्दी और बेसन में सरसों का तेल मिलाएं। अब इसे चेहरे पर लगाकर सूखने दें। सूख जाने के बाद हल्के हाथों से रगड़ते हुए उबटन छुड़ा लें।
दांत दर्द में आराम दे
सरसों का तेल (Mustard Oil) दांत दर्द में भी बेहद फायदेमंद होता है। अगर आप दांत दर्द की समस्या से गुज़र रहे हैं तो सरसों के तेल में हल्दी और नमक मिलाकर नियमित रूप से दांतों में रगड़ें। थोड़ी देर तक लगातार मालिश करने से दांत दर्द की समस्या में आराम मिलता है। पायरिया होने पर भी सरसों के तेल में नमक मिलाकार उंगली की मदद से दांतों पर मालिश करें।
दिल का रखे ख्याल
सरसों का तेल (Mustard Oil) हमारे दिल का भी ख्याल रखता है। इसका इस्तेमाल हृदय को स्वस्थ रखने और बड़े हुए कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने में मददगार होता है। रिफाइंड ऑयल की तुलना में सरसों के तेल में खाना पकाने में हृदय रोग की संभावना लगभग 70 फीसदी तक कम हो जाती है।
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सरसों तेल के नुकसान – Sarson ke Tel ke Nuksan
सरसो के तेल (Mustard Oil) के फायदे हैं तो कई नुकसान भी हैं। सरसों के तेल से कई लोगों को एलर्जी भी हो सकती है। इस एलर्जी को राइनाइटिस एलर्जी भी कहते हैं। इसके लक्षण हैं, खांसी, भरी हुई नाक, लगातार छींक आना, नाक से पानी टपकना आदि। अगर सरसों का तेल लगाने के बाद आपको भी यह लक्षण नज़र आएं तो तत्काल रूप से इसका इस्तेमाल बंद कर दीजिये। इसके अलावा कई लोगों को त्वचा पर सरसों का तेल (Mustard Oil) लगाने से जलन भी महसूस होती है। हमने बताया था कि चेहरे पर चमक के लिए हल्दी और बेसन में सरसों का तेल मिलाकर उबटन लगाएं, लेकिन अगर इससे आपको त्वचा पर जलन महसूस होती है तो उबटन में किसी और तेल का इस्तेमाल करें। अगर नवजात शिशु में भी सरसों के तेल की मालिश के बाद किसी एलर्जी नज़र आए तो उसके बजाय तिल के तेल या नारियल के तेल का इस्तेमाल मालिश के लिए करना बेहतर रहेगा।
सरसों का तेल से जुड़े सवाल और जवाब – FAQ’s
क्या सरसों का तेल वजन कम करता है?
हां, खाने में सरसों का तेल इस्तेमाल करने से वजन कम होता है। इसके अलावा सरसों के तेल की मालिश भी चर्बी कम करने में मदद करती है।
सरसों का तेल और लाॅन्ग के फायदे क्या है?
अगर पैर दर्द की समस्या से गुज़र रहे हैं तो सरसों के तेल में 4-5 लौंग पकाकर उस तेल से पैरों की मालिश करें। दर्द में काफी आराम मिलेगा।
सरसों का तेल कब लगाना चाहिए?
आयुर्वेद शास्त्र की मानें तो सोमवार के दिन सरसों के तेल की मालिश को अच्छा माना गया है।
सरसों के तेल में कौन कौन से तत्व पाए जाते हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार इसमें 6% ओमेगा-3 अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और 15% ओमेगा-6 लिनोलेनिक एसिड होता है और 12% संतृप्त वसा होता है। इसके अलावा सरसों के तेल में 60% मोनोअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है।
सरसों का तेल और लहसुन से क्या फायदा?
सर्दियों के मौसम में सरसों के तेल में लहसुन व अजवाइन पकाकर हल्का गर्म होने बाद शिशु की मालिश करने से उसकी हड्डियां मजबूत होती हैं।
नाक में सरसों का तेल डालने से क्या फायदा है?
ज़ुकाम होने पर, नाक बंद होने या बहने पर 2 बूंद सरसों का तेल नाक में डालें। ज़ुकाम में तुरंत आराम मिलेगा। इससे नाक में खुजली और सूखापन जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है।
क्या हम गीले बालों पर सरसों का तेल लगा सकते हैं?
गीले बालों पर सरसों का तेल लगाना नज़रअंदाज़ करें। क्योंकि गीले बालों की जड़ें कमज़ोर होती हैं। ऐसे में तेल लगाने पर बाल जड़ से टूटते हैं।
क्या नियमित रूप से सरसों का तेल लगाने से त्वचा काली पड़ जाती है?
यह धारणा सही नहीं है। कोई भी तेल आपकी त्वचा के रंग को काला नहीं कर सकता। उल्टा इसके विपरीत होता है। सरसों का तेल त्वचा की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और उनमें रौनक लाता है।
सरसों तेल की तासीर कैसी होती है?
सरसों के तेल की तासीर गर्म होती है। यही वजह है कि सर्दियों में इसका इस्तेमाल अधिक करना फायदेमंद होता है।
कच्ची घानी सरसों का तेल क्या है?
कच्ची घानी का तेल सरसों, तिल, मूंगफली, राई इत्यादि तिलहनों से प्राप्त होता है। तिलहनों को बहुत कम तापमान पर गर्म कर कच्ची घानी तेल तैयार किया जाता है।
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