इसमें तेरा घाटा, मेरा कुछ नहीं जाता, ज्यादा प्यार हो जाता तो दिल सह नहीं पाता। यह गाना लोगों की जुबान पर है लेकिन जब नेहा कक्कड़ ने इस गाने को बैकलेस चोली और साड़ी पहन कर गाया तो साफ समझ में आ गया कि नेहा इस गाने को अपने एक्स ब्वॉयफ्रेंड हिमांश कोहली की ओर इशारा करके गा रही हैं। कुछ ही महीनों पहले एक रियलिटी शो के मंच पर नेहा और हिमांश ने अपने प्यार का इजहार सबके सामने किया था। फिर एक दिन अचानक नेहा की ही ट्वीट से पता चला कि दोनों का ब्रेकअप हो गया है। ब्रेकअप के पीछे की असलियत आज तक पता नहीं लगी है। दोनों के बीच का यह ब्रेकअप फिर से वही सवाल खड़े कर रहा है कि प्यार में डूबे दो लोगों के बीच अचानक ब्रेकअप क्यों? आखिर दो लोगों के बीच ऐसा क्या होता है कि वे प्यार में गहराई से डूबे होने के बाद अलग होने की सोचने लगते हैं? प्यार के बाद तकरार और फिर ब्रेकअप आखिर होता क्यों है?
शोध बताते हैं कि प्यार के बाद ब्रेकअप होने के पीछे की कई वजहें हैं। स्टैंफोर्ड सोशियोलॉजिस्ट माइकल रोजेनफेल्ड ने अपने अध्ययन में पाया कि यदि किसी रिश्ते को पांच साल हो गए हैं तो ब्रेकअप की आशंका केवल 20 फीसद रह जाती है, लेकिन अब तो कई ऐसे कपल भी देखने को मिल जाते हैं, जो पांच- छह साल रिलेशनशिप में रहने के बाद भी ब्रेकअप कर लेते हैं। हां, यह जरूर है कि रिलेशनशिप के एक- दो साल के अंदर ब्रेकअप होने की आशंका जरूर ज्यादा रहती है।
आसान है प्यार में पड़ना
पहली नजर का प्यार, देखते के साथ प्यार हो जाना और आहें भरना, यह सब भले ही किताबी शब्द लगते हों लेकिन हैं सौ फीसद सच। प्यार शरीर में हार्मोनल बदलाव लेकर आता है और कोई विशेष व्यक्ति अच्छा एवं प्यारा लगने लगता है। उसके साथ समय बिताना और उसकी एक झलक पाने को दिल बेताब हो जाता है।
मुश्किल है रिश्ते को निभाना
प्यार होना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल है प्यार के इस नाजुक रिश्ते को निभाना। एक – दूसरे के लिए हमेशा तैयार रहना, एक- दूसरे के जज्बात को समझना, दुख की घड़ी में साथ निभाना और आर्थिक मामलों में मजबूत सहारे के तौर पर खड़े रहना, यह सब करना आसान नहीं है। खासकर आज के समय में, जब जिंदगी भाग रही है और अपने पीछे छूटते जा रहे हैं। यही वजह है कि ब्रेकअप का ट्रेंड बढ़ रहा है और जब यह होता है तो जीवन झंझावात में फंसा दिखता है। सब कुछ टूटता- बिखरता सा लगता है। व्यक्ति आंसुओं में डूबा रहता है और आपके दिल के साथ आपकी आत्मा तार- तार हो जाती है। ब्रेकअप कभी इतना दुखदायी होता है कि एक अच्छे- खासे इंसान को मानसिक तौर पर बीमार बनाने की क्षमता रखता है। हमेशा मुस्कुराने वाला इंसान रोन्दू व्यक्ति में तब्दील हो जाता है।
ब्रेकअप होने के कारण
ब्रेकअप होने की एक नहीं, अनेक वजहें होती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख वजहें हम यहां बता रहे हैं।
पहला साल लाता है चुनौती
रिश्ते का पहला साल कई तरह की चुनौतियां साथ लेकर आता है। इस दौरान ब्रेकअप होने के मौके बहुत ज्यादा रहते हैं। दरअसल दो लोग पहले साल में एक- दूसरे के साथ एडजस्ट करने में लगे रहते हैं। किसी भी रिश्ते के पहले साल में तीन चरण होते हैं- प्रोजेक्शन, मोह भंग और शक्ति का संघर्ष। शुरुआत में आप चीजों को उनके असल रूप में नहीं देख पाते हैं। आप अपने पार्टनर में वही देख पाते हैं, जो आप देखना चाहते हैं। अगले चरण में आप असलियत को पहचानने लगते हैं और आपका मोह भंग होने लगता है। इस लिए लोगों का ब्रेकअप होता है क्योंकि आप सामने वाले की असली इमेज को देखना शुरू कर देते हैं। इसके बाद बारी आती है पावर स्ट्रगल यानी शक्ति के संघर्ष की। यदि आप इन सबसे निकल जाते हैं तो ही रिश्ता बन पाता है।
खास समय में टूटते हैं रिश्ते
क्या आपको पता है कि कई जोड़े क्रिसमस और वैलेन्टाइन डे के समय ज्यादा ब्रेकअप करते हैं? एक अध्ययन में पता चला है कि खास दिनों के आस- पास ब्रेकअप ज्यादा होते हैं क्योंकि उस समय लोगों की अपेक्षा अपने पार्टनर से अधिक रहती है और जब दूसरा उन अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाता है तो ब्रेकअप का होना स्वाभाविक है।
दिखने लगती है असलियत
प्यार में पड़ने के एक साल बाद चीजें असल रूप में सामने आती हैं। आप अपने पार्टनर के साथ इतना वक्त गुजार चुके होते हैं कि उससे और उसकी आदतों से हमेशा प्रभावित नहीं रहते। यह समय काफी आलोचनात्मक होता है क्योंकि आपको व्यक्ति का असली चरित्र दिखने लगता है। या तो आप अपने पार्टनर से बहुत ज्यादा आकर्षित होंगे या फिर दूर होते जाएंगे।
सोच अलग
कई बार एक रिश्ते में नजदीक आने के बाद व्यक्ति को महसूस होता है कि उनकी सोच अलग है और जीवन को जीने एवं देखने का नजरिया भी अलग है। कई दफा यह महसूस होने के बाद ही दोनों लोग एक- दूसरे को समझने की कोशिश भी करते हैं लेकिन दोनों की अलग सोच उन्हें अधिक समय तक बांध कर नहीं रख पाती है और उनका ब्रेकअप होना लाजमी हो जाता है।
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समानता की भावना का न होना
कई बार ऐसा भी होता है कि कि एक रिश्ते में समानता का भाव नहीं होता। कहने का तात्पर्य यह है कि एक पार्टनर खुद को दूसरे पर हावी रखता है तो जाहिर सी बात है कि दूसरे को यह हजम नहीं होता। ऐसी स्थिति में रिश्ते में उकताहट का होना और उससे भागना लाजमी है। ब्रेकअप होने के कई कारणों में से यह एक महत्वपूर्ण कारण है।
जिम्मेदारी से भागना
पहले कुछ दिनों में किसी को भी अच्छा लगता है एक- दूसरे की केयर करना और जिम्मेदारियों को उठाना। रिश्ता जैसे ही धीरे- धीरे आगे बढ़ता है, एक- दूसरे के प्रति अपेक्षाएं भी बढ़ती हैं और जिम्मेदारियां भी। ऐसे में यदि एक पार्टनर जिम्मेदारियों से भागने लगता है तो यह अधिकतर लोगों को चुभता है। यह चुभन धीरे- धीरे आक्रोश और फिर अलगाव पैदा करने लगता है।
पैशन का खत्म होना
एक साल के बाद नए रिश्ते का उत्साह कम होने लगता है। दोनों पार्टनर रिलैक्स हो जाते हैं और अपना बेस्ट दिखाते- दिखाते थक चुके होते हैं। शुरुआत में जहां रिश्ते में हंसना- खिलखिलाना और एक- दूसरे को चैलेंज देना शामिल रहता है, जहां धीरे- धीरे यह उत्साह कम होने लगता है। उनके बीच सेक्स भी कम होना शुरू हो जाता है, जो रोमांस में पैशन के खत्म होने की शुरुआत है।
बातचीत कम हो जाना
रोजमर्रा के काम- काज और जिम्मेदारियां कभी- कभार लोगों को इतना थका देती हैं कि वे मिलने के बाद भी अपनी अन्य परेशानियों में व्यस्त रहते हैं। यदि दोनों अलग- अलग जगह पर रह रहे हैं तो बातचीत का कम हो जाना लाजमी है। यह कम होती बातचीत किसी भी रिश्ते में ब्रेकअप का कारण आसानी से बन जाती है।
धोखाधड़ी
एक प्यार भरे रिश्ते में पारदर्शिता होना बेहद जरूरी है। यह पारदर्शिता रिश्ते में विश्वास और भरोसा लेकर आती है। लेकिन जब यह पारदर्शिता ही खत्म हो जाती है और एक पार्टनर किसी अन्य के साथ टाइम पास भी करता है तो यह कारण ब्रेकअप के लिए पर्याप्त है। इस भागती- दौड़ती जिंदगी में अपने पार्टनर के अलावा, किसी दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाना और किसी हल्के पल में उसके सामने पिघल जाना आम होता जा रहा है।
निवेश के बदले रिटर्न
लाइफ कोच काली रोजर्स का कहना है कि उन्होंने अपने शोध में पाया है कि महिलाएं अपने रिश्ते में इमोशनल रिर्टन या निवेश चाहती हैं। एक बार उन्होंने छह महीने किसी रिश्ते में दे दिए तो वे इसे पकड़े रहना चाहती हैं। एक रिश्ते को बनाने में वे अपना प्यार, ध्यान, धन और समय लगा चुकी होती हैं और अब उन्हें इसका रिटर्न चाहिए होता है। जब उन्हें रिटर्न नहीं मिलता है तो जाहिर सी बात है कि वे दुखी होती हैं और अंतत: यह ब्रेकअप का कारण बनता है।
पहला इंप्रेशन पहला नहीं
हर नया रिश्ता इस आधार पर बनता है कि हम दूसरे को क्या दिखाना चाहते हैं। लेकिन लंबे समय तक हम इस दिखावे को वैसे ही नहीं बना कर रख पाते हैं। असलियत तो कभी न कभी दिखेगी ही! शोध भी बताते हैं कि किसी के प्रति पहला इंप्रेशन तब भी बना रहता है जब हम व्यक्तिगत तौर पर उससे बात कर चुके होते हैं। लेकिन धीरे- धीरे यह पहला इंप्रेशन धीमा पड़ता जाता है और व्यक्ति का असली व्यक्तित्व सामने आने लगता है।
पहले से सोच लेना
कुछ लोग रिश्ते में पड़ने से पहले ही सोच लेते हैं कि वे इस रिश्ते में इतने समय तक ही रहेंगे। वे नहीं चाहते कि वे किसी से अधिक अटैच हों। देखा जाए तो किसी भी रिश्ते में पड़ने का यह सबसे खराब तरीका है।
सेक्स की कमी
दो लोग जब एक- दूसरे को मन से प्यार करते हैं तो उनके बीच किसी तरह की दीवार नहीं रह जाती। शुरुआत में तो सेक्स को लेकर दोनों पार्टनर में उत्साह बना रहता है लेकिन यदि कुछ महीनों या साल के बाद किसी एक में भी सेक्स को लेकर उत्साह क्षीण पड़ गया तो एक- दूसरे से दूरी आ जाती है। यह दूरी अंतत: ब्रेकअप का कारण बनती है।
कैसे मैनेज करें ब्रेकअप का दर्द – How to Manage breakup Pain
ब्रेकअप जीवन का वह बुरा और कठिन दौर है, जो किसी को भी इतना दुखी कर देता है कि उस दुख से उबरने में कहीनों और साल तक लग जाते हैं। जिंदगी बिना किसी काम की और अपने आस- पास की दुनिया मतलबी प्रतीत होती है। ब्रेकअप के बाद इससे उबरना उतना ही जरूरी है, जितना कि जीने के लिए सांसें लेना। फिल्म- “ऐ दिल है मुश्किल” के गाने मेरे सैंया जी से आज मैंने ब्रेकअप कर लिया… की तर्ज पर ब्रेकअप के बाद आप भले ही डांस न करें लेकिन खुद को समझाने और शांत करने की कोशिश जरूर करें।
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समझें दोनों का पक्ष
खुद की बात को ऊपर रखना, अपने को सही साबित करना और अपने एक्स की गलती ढूंढते रहना बेहद आसान है। आसान यह नहीं है कि आप अपने साथ ही उसके पक्ष को भी समझें। संभव है कि आप जिस चश्मे से सब कुछ देखने की कोशिश कर रही हैं, वह सही नहीं हो। उसका भी अपना एक नजरिया हो सकता है, उसकी भी एक सोच हो सकती है, जो आपके साथ ताल- मेल न खाती हो। यह लगभग असंभव है कि आप सौ फीसद सही हैं और वह सौ फीसद गलत।
शांति से करें बात
रिश्ते के कटु होते समय आप तेज आवाज में बातें करने लगती हैं। आपको लगता है कि तेज बोलने, गुस्सा करने से आपकी बात सभी सुनेंगे। आपकी यह सोच गलत है। किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए शांति से बातचीत की जानी चाहिए। शांत माहौल आप दोनों के साथ ही आपके इर्द- गिर्द उपस्थित लोगों को भी वस्तु स्थिति को समझने और समझाने का मौका देगा।
पूछें दोस्तों से
ब्रेकअप हो ही रहा है तो इसे अकेले क्यों झेलना! क्यों अकेले दुखी रहना! इस समय आपको अपने अपनों की जरूरत है। दोस्तों के पास जाएं, उनके साथ समय व्यतीत करें, इस दुख से उबरने में उनकी मदद लें। एक सच्चा और अच्छा दोस्त आपको हर तरह के गम से उबार सकता है।
थेरेपिस्ट से लें मदद
दोस्तों की मदद भी काम नहीं आ रही है तो इसका मतलब यह है कि आपको गहरे में दुख पहुंचा है। इन दिनों हर अस्पताल में थेरेपिस्ट मौजूद हैं, जो भावनात्मक तौर पर आपको सुनते हैं और आपकी मदद करते हैं। फिर चाहे वह मदद बातों के जरिए हो या दवाइयों के जरिए।
ब्रेकअप (breakup) ऐसा दुख है, जिससे उबरना आसान तो नहीं लेकिन कुछ प्रयासों के जरिए इससे निकला जा सकता है।
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Archana Chaturvedi