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जानिए शनि भगवान को आखिर क्यों चढ़ाया जाता है तेल और वो भी शनिवार के दिन

Archana Chaturvedi  |  Jul 26, 2019
जानिए शनि भगवान को आखिर क्यों चढ़ाया जाता है तेल और वो भी शनिवार के दिन

न्याय और कानून के देवता कहे जाने वाले भगवान शनिदेव जब किसी से नाराज होते हैं, तो उसके लिए आफत हो जाती है लेकिन जब वे किसी से प्रसन्न हो जाते हैं तो उसका हर काम आसान कर देते हैं। धर्म ग्रंथों में शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई विशेष उपाय बताए गए हैं, जिनसे शनिदेव शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी कृपा भी बनी रहती है। इन उपायों को सच्चे मन से करने पर शनिदेव अवश्य प्रसन्न हो जाते हैं।

शनिदेव पर क्यों चढ़ाया जाता है सरसों का तेल Why devotees offer oil to Shani Dev on Saturday ?

हिंदू धर्म में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सबसे शुभ दिन शनिवार का ही माना गया है। मान्यता है कि इस दिन शनिदेव अन्य दिनों की तुलना में काफी प्रसन्न रहते हैं और अपने भक्तों के दुख दूर करते हैं। आपने अक्सर शनिवार के दिन मंदिरों में देखा भी होगा कि लोग काफी संख्या में शनिदेव के दर्शन करने आते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए मंदिरों में व अन्य जगहों पर शनिदेव को सरसों का तेल भी चढ़ाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शनिदेव को आखिरकार शनिवार के दिन ही तेल क्यों चढ़ाया जाता है? आइए जानते हैं –

शनिदेव और तेल का संबंध

दरअसल शनिवार को शनिदेव को तेल चढ़ाने के पीछे एक पौराणिक कथा छिपी है। इस कथा के अनुसार, रामायण काल में एक बार शनिदेव को अपने बल और पराक्रम पर अहंकार हो गया था किंतु उस समय चारों दिशाओं में हनुमान जी के बल और पराक्रम का डंका बजता था। जब शनिदेव ने हुनमान जी के बल और पराक्रम की प्रशंसा सुनी तो वे हनुमान जी से युद्ध करने के लिए निकल पड़े। उस समय हनुमान जी अपने प्रभु श्रीराम की भक्‍ति में लीन थे। तभी वहां शनिदेव आ पहुंचे और उन्‍होंने हनुमान जी को युद्ध के लिए ललकारना शुरु किया। हनुमान जी को शनिदेव के क्रोध और घमंड का कारण समझ आ चुका था। इसलिए उन्‍होंने युद्ध को स्‍वीकारने के बजाय उन्‍हें शांत करना उचित समझा। लेकिन शनिदेव के हठ के आगे आज तक कौन टिक पाया है। आखिरकार हनुमान जी को उनसे युद्ध के लिए मानना पड़ा। दोनों के मध्‍य घमासान युद्ध हुआ और अंत में शनिदेव को हनुमान जी ने परास्‍त कर दिया।

ऐसी किंवदंति है कि युद्ध के दौरान हनुमान जी के प्रहार से शनिदेव के शरीर पर कई घाव बन गए थे। उनसे यह पीड़ा सहन नहीं हो पा रही थी। तब हनुमान जी ने उन्‍हें पीड़ा से मुक्‍त करने के लिए उनके शरीर पर सरसों का तेल लगाया था। इससे शनिदेव की पीड़ा कम हो गई थी। इसी के बाद से शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई। चूंकि शनिवार का दिन शनिदेव का प्रिय दिन है तो इस दिन ही लोग उन पर तेल अर्पित कर अपनी जिंदगी में आने वाले दुख, पीड़ा का दर्द दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

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शनिदेव की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय

शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए लोग कई प्रकार के उपाय करते हैं और उनकी पूजा- अर्चना करते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम दिन है शनिवार माना जाता है। अगर इस दिन कोई सच्चे मन से शनिदेव के ये उपाय करता है उसके दुख- दर्द अवश्य दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं वो उपाय –

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