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Typhoid Symptoms in Hindi | टाइफाइड के लक्षण, कारण और उपचार

Archana Chaturvedi  |  Nov 18, 2022
Typhoid Symptoms in Hindi

 

टाइफाइड या मियादी बुखार (Miyadi Bukhar) कोई आम बुखार जैसा नहीं होता है। इसीलिए इस बुखार को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। सही समय पर टाइफाइड के लक्षण (Typhoid Symptoms in Hindi) देखकर उसका इलाज (typhoid ka ilaj) न मिलने की वजह से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। मियादी बुखार में व्यक्ति को 104 डिग्री तक भी बुखार हो सकता है। गंभीर स्थित हिोने पर अस्पताल में भर्ती भी करवाना पड़ता है। टाइफाइड में बुखार आना टाइफाइड का एक अहम लक्षण है और यह एक संक्रामक बुखार होता है। ये साल्मोनेला टायफी बैक्टीरिया गंदे पानी और संक्रमित भोजन से फैलता है। साथ ही ये संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी आसानी से पहुंच जाता है। इसीलिए टाइफाइड के रोगियों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इलाज के दौरान और ठीके होने के बाद भी टाइफाइड में परहेज की आवश्यकता होती है। आइए टाइफाइड के लक्षण, कारण, इलाज के साथ यह भी जानते हैं कि टाइफाइड कितने दिन तक रहता है और इसमें क्या-क्या सावधानी बरतनी होती हैं। हेपेटाइटिस बी के लक्षण

टाइफाइड क्या है – Typhoid Kya Hai?

 

जिन लोगों को नहीं पता कि टायफाइड क्या होता है (Typhoid Kya Hai) ? उन्हें बता दें टायफाइड एक तरह का बुखार है, जिसे मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह का संक्रामक बुखार होता है इसलिए ये एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। कहने का मतलब है कि अगर घर में किसी सदस्य को टाइफाइड फीवर हुआ है तो उससे अन्य लोगों को भी होने का खतरा बना रहता है उनमें टायफाइड के लक्षण (Typhoid Symptoms in Hindi) दिखने लगते हैं। टाइफाइड फीवर के लिए दूषित पानी एवं संक्रमित आहार सेवन मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है। साफ़ पानी एवं ताज़ा भोजन सेवन कर से इस रोग से बचा जा सकता है।

टाइफाइड के कारण –  typhoid causes in indi

 

टाइफाइड फीवर या मियादी बुखार सालमोनेला टायफ़ी नामक बैक्टीरिया से फैलने वाला एक संक्रमण है। यह बैक्टीरिया आमतौर पर दूषित पानी एवं संक्रमित खाद्य पदार्थों में ही पनपते हैं। साथ ही यह बैक्टीरिया पानी में लंबे समय तक जिंदा रह सकते हैं। टाइफाइड के मुख्य कारण (Typhoid Causes in Hindi) दूषित पानी या संक्रमित भोजन का सेवन होता है। क्योंकि इसके बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं। इसीलिए ऐसी गंदी जगह के आस-पास पानी या खाने का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

टाइफाइड कैसे होता है?

 

दरअसल, टाइफाइड का बैक्टीरिया संक्रमित मनुष्यों के आंतों और ब्लड सर्कुलेशन में बना रहता है और उसके मल के सीधे संपर्क में आने से दूसरे मनुष्यों में फैल जाता है। अगर सही समय पर संक्रमित व्यक्ति को इलाज न मिले तो टाइफाइड फीवर से उसकी मौत भी होने का खतरा रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में प्रतिवर्ष 1 से 2 करोड़ लोग मियादी बुखार (Miyadi Bukhar) के शिकार होते हैं जिनमें लगभग 13 लाख से 16 लाख लोगों को सही समय पर ईलाज नहीं मिलने के कारण जान भी गंवानी पड़ती है।

टाइफाइड बुखार के लक्षण – Typhoid ke Lakshan

 

टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है। आम सर्दी-जुकाम, बुखार, वायरल के साथ जो बीमारी सबसे ज्यादा देखी जा रही है, वह है टाइफाइड। भारत में यह बीमारी आम है। टाइफाइड बुखार और पैराटीफाइड बुखार के समान लक्षण हैं। लोगों को आमतौर पर एक निरंतर बुखार होता है (जो आता है और जाता नहीं है) जो कि 103-104  डिग्री (39–40 ° C) तक हो सकता है।  बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 6 से 30 दिनों के बाद से ही टाइफाइड बुखार के लक्षण (Typhoid ke Lakshan) दिखना शुरू होते हैं। टाइफाइड के लक्षणों में शामिल हैं –

Typhoid ke Lakshan

 

कई बार टाइफाइड बुखार से पीड़ित कुछ लोगों के गर्दन और पेट पर गुलाबी रंग बड़े-बड़े चकत्ते भी देखने को मिल जाते हैं। शरीर का तापमान ज्यादा बढ़ने की वजह से ये समस्या हो जाती है।

टाइफाइड टेस्ट – Typhoid Test in Hindi

टाइफाइड एक बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो तेज बुखार, दस्त और उल्टी आदि जैसी समस्याएं पैदा कर देता है। अगर किसी व्यक्ति में टाइफाइड के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे जल्द से जल्द टेस्ट या परीक्षम करवा लेना चाहिए। टाइफाइ़ड की जांच करने के लिए विडाल (Widal) टेस्ट कराया जाता है। टाइफाइड का परीक्षण मल, पेशाब या खून आदि की जांचों के द्वारा किया जाता है। विडाल टेस्ट की मदद से आंतों में बुखार का एक संभावित परीक्षण किया जाता है। आंत के बुखार या आंत्र ज्वर को ही टाइफाइड बुखार के नाम से जाना जाता है। 

टाइफाइड का इलाज – Typhoid Treatment in Hindi

 

टाइफाइड का समय रहते इलाज कराना बेहद जरूरी है नहीं तो प्राण घातक बन जाता है। टाइफाइड बुखार के इलाज में अधिकांश तौर पर मरीज को एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने की ही सलाह दी जाती है। यदि मरीज हालात ज्यादा गंभीर है तो उसे अस्पताल में भर्ती करके दस्त और उल्टी की वजह से जो कमजोरी आ रही है उसे नसों द्वारा तरल पदार्थ देकर दूर किया जाता है। वहीं जिन लोगों की आंतों में छेद हो गये हैं, उनका ऑपरेशन से टाइफाइड का इलाज (Typhoid Treatment in Hindi) किया जाता है।

टाइफाइड का घरेलू इलाज – Home Remedies for Typhoid in Hindi

 

टाइफाइड एंटीबायोटिक्स लेने के बाद ठीक तो हो जाता है लेकिन बाद में पलटवार भी कर सकता है। टाइफाइड के इलाज के बाद भी आपको कई घरेलू उपाय करने चाहिए जिससे ये समस्या दोबारा न होने पाए। टाइफाइड के बाद शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर पड़ जाती है और उसे बूस्ट करने की भी जरूरत होती है। यहां हम टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज के लिए कुछ ऐसे कारगर आयुर्वेदिक उपाय बता रहें, जिससे टाइफाइड की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है और आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है। तो आइए जानते हैं टाइफाइड के घरेलू उपचारों (Typhoid Symptoms in Hindi) के बारे में –

 

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए? – Typhoid me Kya Khana Chahiye?

टाइफाइड बुखार से पीड़ित लोगों को ये जानना बेहद जरूरी है कि ये बुखार कोई आम बुखार जैसा नहीं होता है। ये शरीर को पूरी तरह से कमजोर बना देता है। इसीलिए दवाओं के साथ-साथ अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है। यह आंत से संबंधित रोग है इसीलिए बिना डॉक्टर की परामर्श लिए आप कुछ भी नहीं खा सकते हैं। मियादी बुखार को ठीक करने में एक खास तरह का डाइट प्लान बनाया जाता है। इसे टाइफाइड डाइड प्लान कहते हैं, जिसे फॉलो करने से मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और शरीर को ताकत भी। आइए जानते हैं टाइफाइड में क्या खाना चाहिए (Typhoid me Kya Khana Chahiye) –

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए?

 

टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए? – Typhoid me Kya Nahi Khana Hai?

शरीर में तरह-तरह के इंफेक्शन टाइफाइड बुखार होने पर हो सकते हैं। इस दौरान अच्छे खान-पान की जरूरत होती है। ऐसी खाने-पीने की चीजें जो पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं उन्हें टाइफाइड के दौरान और कुछ दिनों बाद तक भी न खाएं।  अगर आपको दस्त आ रहे हैं तो कुछ भी गलत खाने से ये और भी बढ़ सकते हैं। तो आइए जानते है कि टाइफाइड में किन-किन चीजों का परहेज करना चाहिए यानि कि नहीं खाना चाहिए –

Typhoid Symptoms in Hindi

 

टाइफाइड की दवा

टाइफाइड का बुखार सैल्मोनेला टाइफी के द्वारा होने वाली एक जीवाणु जनित रोग है। इसीलिए इस बुखार में एंटीबायोटिक्स दवाएं ही दी जाती है। जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा करने से पहले टाइफाइड बुखार का टीका लगाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा दवा भी दी जाती है। टीके 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं हैं और खाने-पीने के समय भी सावधानी बरतनी चाहिए। वैसे तो आजकल आयुर्वेद और ऐलोपैथी में तमाम टाइफाइड की दवाएं (एलफिक्स एल.बी, सीफ्टस,सिप्लॉक्स आदि)  उपलब्ध हैं। बेहतर इलाज व परामर्श के लिए डॉक्टर की ही सलाह लें। बिना किसी डॉक्टरी सलाह के ऐलोपैथी दवाओं का सेवन न करें।

टाइफाइड फीवर से जुड़े सवाल-जवाब – FAQs

टाइफाइड कितने दिन तक रहता है?

टाइफॉइड का बुखार कोई आम बुखार जैसा नहीं है जो 1-2 दिन में उतर जाए। टाइफाइड कितने दिन में ठीक होता है-टाइफाइड का बुखार में ठीक होने में काफी समय लेता है। जी हां, इसका बुखार 15 से 20 दिन तक बना रहता है। साथ ही रोजाना तापमान घटता-बढ़ता भी रहता है।

टाइफाइड में नहाना चाहिए कि नहीं?

चाहे मियादी बुखार हो (typhoid me nahana chahiye ya nahi) या फिर कोई सामान्य बुखार उसमें नहाना मना होता है। खासतौर पर सिर से पानी डालकर तो बिल्कुल नहीं नहाना चाहिए। टाइफाइड के मरीजों को डॉक्टर भी सिर्फ देही पोंछने की इजाजत देते हैं।

सबसे खतरनाक बुखार कौन सा है?

ये कहा जाना काफी मुश्किल है कि टाइफाइड बुखार सबसे खतरनाक बुखार है। क्योंकि टाइफाइड सही इलाज और देखभाल से ठीक हो जाता है। लेकिन चमकी बुखार वास्तव में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस ) है। इसे दिमागी बुखार भी कहा जाता है। इससे काफी लोगों की जान भी जा चुकी है।

टाइफाइड में उल्टी होती है क्या?

टाइफाइड में जी मिचलाना, उल्टी होना और थकान होना आम है। लेकिन इस दौरान अपने खाने-पीने का विशेष तौर पर ध्यान रखें। अगर खाने का मन नहीं कर रहा है तो लिक्विड डाइट लें ताकि शरीर में ताकत मिलती रहे।

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