सरोजिनी नायडू ने भारत को अंग्रेज़ों से आज़ादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारत को आज़ाद कराने के लिए काफी संघर्ष किया था। बता दें कि सरोजिनी नायडू को भारत कोकिला के नाम से भी जाना जाता है। सरोजिनी नायडू केवल स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं बल्कि साथ ही कवियत्री और देश की पहली महिला गवर्नर भी थीं और उन्होंने बचपन में ही अपने हूनर का परिचय दे दिया था। मात्र 12 साल की उम्र में ही उन्होंने बड़े समाचार पत्रों के लिए आर्टिकल और कविताएं लिखना शुरू कर दिया था। 13 फरवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है और इस मौके पर हम आपके लिए सरोजिनी नायडू (sarojini naidu quotes in hindi) के अनमोल विचार लेकर आए हैं। बाबासाहेब आंबेडकर विचार
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सरोजिनी नायडू के अनमोल विचार – Sarojini Naidu Thoughts in Hindi
सरोजिनी नायडू ने 10वीं की परीक्षा में टॉप किया था और 16 वर्ष की उम्र में वह आगे की पढ़ाई हासिल करने के लिए लंदन चली गई थीं। लंदन में उन्हें किंग्स कॉलेज और फिर बाद में कैम्ब्रिज के गिरटन कॉलेज में पढ़ने का मौका मिला था। वह पढ़ने के साथ-साथ कविताएं भी लिखा करती थीं और वह भारत की पहली महिला गवर्नर थीं। देश की आज़ादी के बाद वह उत्तरप्रदेश की गवर्नर रही थीं। आज हम यहां आपके लिए सरोजिनी नायडू (sarojini naidu quotes) के कुछ अनमोल विचार लेकर आए हैं।
– एक देश की महानता, बलिदान और प्रेम, उस देश के आदर्शों पर निहित करता है।
– ऊंचा उठती हूं मैं कि पहुंचू नियत झरने तक, टूटे ये पंख लिए मैं चढ़ती हूं ऊपर तारों तक।
– श्रम करते हैं हम कि समृद्ध हो तुम्हारी जागृति का पल, हो चुका है जागरण अब देखो, निकला दिन कितना उज्जवल।
– जब उत्पीड़न होता है तो केवल आत्म सम्मान की बात उठती है और कहते हैं कि यह आज खत्म हो जाएगा, क्योंकि मेरा अधिकार न्याय है।
– यदि आप मजबूत हैं तो आपको कमज़ोर लड़के या लड़की को खेलने और काम, दोनों में ही मदद करनी होगी।
– हम गहरी सच्चाई का मकसद चाहते हैं, भाषण में अधिकार से अधिकार साहस और कार्यवाही में ईमानदारी चाहते हैं।
– नींद की भूमि में उस जादुई लकड़ी में बहने वाली शांति की आत्माओं की धाराओं से अपनी लालसा को बुझाने के लिए मैंने खुद को नीचे झुका लिया।
सरोजिनी नायडू कोट्स – Sarojini Naidu Quotes in Hindi
सरोजिनी नायडू (सरोजिनी नायडू के विचार) के पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक वैज्ञानिक और शिक्षाशास्त्री थे और उनके पिता ने हैदराबाद में एक कॉलेज की स्थापना की थी। वहीं उनकी मां वरदा सुंदरी कवियत्री थीं और बंगाली भाषा में कविताएं लिखा करती थीं। माना जाता है कि यही कारण है कि वह भी कविताएं लिखा करती थीं और साथ ही वह पढ़ाई में काफी अच्छी थीं। हम यहां आपके लिए सरोजिनी नायडू के कोट्स (sarojini naidu slogan in hindi) लेकर आए हैं।
– हम मकसद की गहरी ईमानदारी, भाषण में अधिक साहस और कार्रवाई में ईमानदारी चाहते हैं।
– जब ज़ुल्म होता है, तो स्वाभिमानी बात ही उठती है और कह देती है कि यह आज बंद हो जाएगी, क्योंकि मेरा अधिकार न्याय है। यदि आप मजबूत हैं, तो आपको कमजोर लड़के या लड़की की खेल और काम दोनों में मदद करनी होगी।
– वे राष्ट्र जो बंधुआ अन्धकार में रोते हैं। उन लोगों का नेतृत्व करने के लिए तरसते हैं जहां महान सुबह टूटती है।
– एक पवित्र शांति में, अभी तक भुला दिया गया। नई ख्वाहिशों की पूर्ति में पुरानी ख्वाहिशों को भुलाने को उतावले दिल।
– मैं मरने के लिए तैयार नहीं हूं क्योंकि जीने के लिए असीम रूप से अधिक साहस की आवश्यकता होती है।
– जब तक मेरे पास जीवन है, जब तक मेरी इस भुजा से खून बहता है, मैं स्वतंत्रता का कारण नहीं छोड़ूंगा।
– हम अपनी बीमारी से भारत को साफ करने से पहले, पुरुषों की एक नई नस्ल चाहते हैं।
सरोजिनी नायडू संदेश – Sarojini Naidu ke Sandesh
कॉलेज में पढ़ाई के दौरान सरोजिनी नायडू की मुलाकात डॉ. गोविंद राजुलू नायडू से हुई थी। इसी दौरान दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ गए और फिर 19 साल की उम्र में पढ़ाई खत्म हो जाने के बाद दोनों ने शादी कर ली थी। हालांकि, खास बात ये है कि नायडू गैर-ब्राह्मण थे और उस वक्त में अंतर्जातीय विवाह को मान्यता नहीं दी जाती थी। हालांकि, फिर भी समाज की परवाह किए बिना सरोजिनी ने डॉ. गोविंद नायडू से शादी की थी। हम यहां आपके लिए सरोजिनी नायडू (sarojini naidu dialogues in hindi) के कुछ संदेश लेकर आए हैं।
– हमें असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर, मृत्यु से अमरत्व की ओर ले चलो।
– हम अफगान नहीं हैं, हम तुर्क या तातार नहीं हैं, हम एक बगीचे और एक शाखा के हैं, रंग और गंध का विचार अनाथाश्रम है क्योंकि हम उसी नए वसंत द्वारा पोषित होते हैं।
– यात्रा करने, कल्पना करने, आशा रखने, समुदायों, धर्मों, सभ्यताओं से संपर्क रखने के बाद, मेरी दृष्टि स्पष्ट है। मुझे नस्ल, पंथ, जाति या रंग का कोई पूर्वाग्रह नहीं है, मैं एक भारतीय हूं और एक मदरसी नहीं।
– जब आतंक और घृणा का कोलाहल समाप्त हो जाएगा और जीवन शांति की निहाई पर फिर से भर जाएगा, और आपका प्यार उन साथियों के लिए स्मारक धन्यवाद देगा, जो आपके निडर रैंकों में लड़े थे, और आपका सम्मान अमर लोगों के कामों को याद करता है, मेरे खून को याद रखें शहीद बेटे।
– हल्के से, हे हल्के से हम उसे साथ लेते हैं, वह हमारे गीत की हवा में एक फूल की तरह लहराती है, वह एक धारा के झाग पर एक पक्षी की तरह तैरती है, वह एक सपने के होठों से हंसी की तरह तैरती है, गैली, ओ गैली हम सरकना और हम गाते हैं, हम उसे एक तार पर एक मोती की तरह साथ रखते हैं।
-नहीं, चिड़ मत करो फिर चाहे जीवन में मुसीबत से अंधेरा ही क्यों ना हो।
सरोजिनी नायडू नारे – Sarojini Naidu Slogan in Hindi
सरोजिनी नायडू (सरोजिनी नायडू के नारे) 1925 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष पद के लिए खड़ी हुई थीं और उन्होंने जीत भी हासिल की थी और इसी तरह से वह कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनी थी। सरोजिनी ने इसके बाद अवज्ञा आंदोलन में भी हिस्सा लिया था और वह महात्मा गांधी के साथ जेल भी गई थी। इसके बाद उन्होंने 1942 में भारत छोड़ों आंदोलन में हिस्सा लिया था और 21 महीने के लिए वह जेल भी गई थीं। हम यहां आपके लिए सरोजिनी नायडू के कुछ नारे (sarojini naidu slogan) लेकर आए हैं।
– हम गहरी सच्चाई का मकसद चाहते हैं, भाषण में अधिक से अधिक साहस और कार्यवाही में ईमानदारी।
– श्रम करते हैं हम कि समुद्र हो तुम्हारी जागृति का क्षण, हो चुका जागरण अब देखो, निकला दिन कितना उज्ज्वल।
– मेरा दिल बहुत थका हुआ और उदास और अकेला है, क्योंकि उसके सपने जैसे फड़फड़ाते पत्ते चले गए हैं, और मैं पीछे क्यों कहूं।
– क्या आशा प्रबल होगी जहां कोलाहलपूर्ण घृणा एक संस्कार है?
– नहीं, रो मत; नई उम्मीदें,नए सपने,नए चेहरे, सभी अजन्मे वर्षों का अव्यक्त आनंद, आपके दिल को उसके गम का गद्दार साबित करेंगे और अपनी आँखों को उनके आँसुओं के प्रति विश्वासघाती बना देंगे।
– वह मौलिक रहस्यों के साथ जुड़वां पैदा हुई है, और समय के भूले हुए स्रोत पर जीवन का पेय है।
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Supriya Srivastava