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नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान – Nilgiri Tel ke Fayde

Supriya Srivastava  |  May 29, 2021
Eucalyptus Oil in Hindi, Nilgiri Tel ke Fayde

 

हमारे भारत देश में ऐसे कई तेल हैं, जिनका उपयोग खाना बनाने, त्वचा की खूबसूरती बढ़ाने, रोग के उपचार आदि में किया जाता है। मगर आज हम यहां नीलगिरी तेल के बारे में बता रहे हैं। इस तेल का उपयोग भले ही खाना बनाने में न किया जाता हो लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से नीलगिरी तेल के फायदे (nilgiri tel ke fayde) कई हैं। नीलगिरी तेल सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का निदान करने में मदद करता है। इसके स्वास्थ्य लाभों ने न सिर्फ भारत बल्कि विश्व के कई देशों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। अरोमापैथी के लिए भी नीलगिरी तेल का इस्तेमाल किया जाता है। हम यहां आपको नीलगिरी तेल के फायदे (eucalyptus oil benefits in hindi) बता रहे हैं। मूंगफली के तेल के फायदे

नीलगिरी क्या है – Nilgiri Kya Hai

 

नीलगिरी को अंग्रेजी में यूकेलिप्टस (eucalyptus) कहते हैं। यह पौधा मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में पाया जाता है। भारत में भी नीलगिरी के पौधों की खेती की जाती है। नीलगिरी के पौधे सामान्य मिट्टी और जलवायु में उगते हैं। इसका पेड़ काफी लंबा और पतला होता है। इसकी पत्तियों से तेल की प्राप्ति होती है। नीलगिरी की पत्तियां लंबी और नुकीली होती हैं, जिनकी सतह पर गांठ पाई जाती है। इन्हीं गांठों में तेल जमा रहता है। यह तेल औषघि आदि अन्य रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी बढ़ती डिमांड को देखते हुए नीलगिरी अब अमरीका, यूरोप, अफ्रीका एवं भारत के कई क्षेत्रों में उगाया जा रहा है। छुईमुई अका लाजवंती के फायदे और नुकसान

नीलगिरी तेल के फायदे – Eucalyptus Oil Benefits in Hindi

 

नीलगिरी तेल स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी फायदेमंद होता है। यूकेलिप्टस की ताजी पत्तियों से तेल बनाया जाता है। यह तेल कई तरह के रोगों के उपचार में काम आता है। इसके तेल में किसी भी प्रकार का स्वाद नहीं होता। आपको जानकर हैरानी होगी कि नीलगिरी तेल अल्कोहल में घुलनशील होता है। इसका इस्तेमाल एक एंटीसेप्टिक के रूप में भी किया जाता है। इसकी खास बात यह है कि नीलगिरी का तेल जितना पुराना होता है उतना ही असरदार भी होता है। यह मलेरिया रोग के साथ गले में होने वाले दर्द के लिए भी फायदेमंद है। जानिए नीलगिरी तेल के फायदे (nilgiri tel ke fayde)।

घाव का करे इलाज

 

नीलगिरी तेल को सबसे अच्छा एंटीसेप्टिक माना जाता है क्योंकि इस तेल में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। नीलगिरी तेल न सिर्फ घाव को ठीक करने के काम आता है बल्कि यह अल्सर, जलन और चोट को भी जल्दी ठीक करता है। इस तेल को प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से ठंडक का अनुभव होता है। यही वजह है कि कीड़ो के काट लेने पर भी इसे लगने से फायदा मिलता है।

गले की खराश करे दूर

 

यह तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि नीलगिरी तेल गले के दर्द में राहत देता है। साथ ही यह गले की खराश को भी दूर करता है। दरअसल, नीलगिरी के तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीसेप्टिक और सिनेओल नामक टेरपेनॉइड ऑक्साइड के गुण पाए जाते हैं। ये गुण खांसी और गले में होने वाली खराश को दूर करने में काफी मदद करते हैं।

दर्द और सूजन में फायदेमंद

 

नीलगिरी का तेल स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें शरीर में दर्द और सूजन भी शामिल हैं। दरअसल, आजकल की लाइफस्टाइल और शारीरिक गतिविधि के चलते शरीर में दर्द और सूजन आम बात हो गई है। नीलगिरी का तेल इन समस्याओं को दूर करने का काम करता है। नीलगिरी तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी के साथ दर्द निवारक गुण भी पाए जाते हैं। इसे दर्द या सूजन वाली जगह पर लगाने से काफी राहत मिलती है। 

फंगल इंफेक्शन करे कम

 

नीलगिरी का तेल फंगल इंफेक्शन के प्रभाव को कम करने में भी कारगर है। एंटीफंगल गुणों के कारण यह कई तरह के फंगल इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। यह इंफेक्शन कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकते हैं। नीलगिरी तेल में पाए जाने वाले गुण पैर के नाखून में होने वाले इंफेक्शन के साथ और भी कई प्रकार के फंगल इंफेक्शन को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं। नारियल तेल लगाने के फायदे

जुकाम और बुखार में फायदेमंद

 

नीलगिरी तेल सामान्य ज़ुकाम और बुखार में भी फायदेमंद होता है। इसे बुखार के समय शरीर के तापमान को कम करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इतना ही नहीं यह साइनस जैसी समस्या को भी दूर करने का काम करता है। नीलगिरी तेल में एंटीवायरल गुण पाया जाता है। यह गुण वायरल इंफेक्शन के प्रभाव को भी कम करते हैं। आपको बता दें कि खांसी होने पर इस्तेमाल में लाए जाने वाले वेपर रब में भी नीलगिरी तेल का उपयोग किया जाता है। 

मांसपेशियों के दर्द में दिलाए राहत

 

अगर आपको मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है, तो भी नीलगिरी का तेल लगाना फायदेमंद रहता है। नीलगिरी के तेल की मालिश से मांसपेशियों के दर्द में राहत मिलती है। जिन लोगों को गठिया, कमर दर्द, मोच आदि की शिकायत रहती है, उन्हें नीलगिरी का तेल लगाना चाहिए। नीलगिरी का तेल दर्द को खींच लेता है, जिससे दर्द में काफी राहत मिलती है। 

पेट के कीड़े करे दूर

 

यह तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि नीलगिरी के तेल में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यही वजह है कि नीलगिरी का तेल पेट के कीड़ों के लिए दवा का काम करता है। इसका सेवन करने से शरीर के कई हिस्सों में पैदा होने वाले बैक्टीरिया को हटाने में मदद मिलती है।  

 

नीलगिरी तेल का उपयोग – Nilgiri Oil Uses in Hindi

आप नीलगिरी तेल का उपयोग और भी कई तरीके से कर सकते हैं। जैसे नीलगिरी तेल की खुशबू काफी अच्छी होती है। इस वजह से आप इसे रूम फ्रेशनर के तौर पर भी उपयोग कर सकते हैं। अगर आप नहाने जा रहे हैं तो भी नीलगिरी तेल का उपयोग कर सकते हैं। अरोमपैथी में नीलगिरी के तेल को स्पा के तौर पर भी उपयोग किया जाता है। इसके अलावा अगर आपको मुंह से गंध आने की शिकायत है, तो आप नीलगिरी तेल को माउथवॉश की तरह उपयोग में ला सकते हैं। यहां तक कि दानों को साफ करने के लिए भी नीलगिरी तेल उपयोग में लाया जाता है। इस तेल को बालों पर लगाने से बाल झड़ने जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है।

नीलगिरी तेल के नुकसान – Eucalyptus Side Effects in Hindi

हर चीज के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। नीलगिरी तेल के नुकसान भी हैं। इसके सेवन की अति करने पर उल्टी और मतली की शिकायत हो सकती है। दरअसल, नीलगिरी तेल का सेवन करना ही नहीं चाहिए। वहीं अगर आप किसी भी तरह का होम्योपैथिक इलाज करा रहे हैं तो नीलगिरी के तेल का सेवन न ही करें। यह होम्योपैथिक इलाज में बाधा बन सकता है। इसके अलावा बच्चों को न तो नीलगिरी तेल का सेवन कराएं और न ही या तेल उनके शरीर पर लगाएं। गर्भवती महिलाओं को भी नीलगिरी तेल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। अगर आपको एलर्जी की समस्या है तो नीलगिरी तेल को बिना किसी चीज़ में मिलाए सीधा त्वचा पर न लगाएं। 

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