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कैंसर से बचना है तो लाइफस्टाइल में ज़रूर करें ये 5 बदलाव

Deepali Porwal  |  Dec 18, 2017
कैंसर से बचना है तो लाइफस्टाइल में ज़रूर करें ये 5 बदलाव

बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला को 2012 में ओवेरियन कैंसर (cancer) डायग्नॉज़ हुआ था। 5 साल तक दर्द, दवा और दुआओं के भरोसे रहने के बाद मनीषा को अब अपनी सेहत में कुछ सुधार महसूस हो रहा है। जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नरेश लेदवानी के अनुसार, अपनी लाइफस्टाइल (lifestyle) में ये 5 बदलाव कर कैंसर से बचा जा सकता है

नो स्मोकिंग प्लीज़

अगर आप कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचना चाहते हैं तो धूम्रपान करने से बचें। अगर आप खुद स्मोक नहीं करते हैं पर आपके आसपास कोई करता है तो उससे भी दूर रहें। निकोटीन में लगभग 43 कैंसरजनक पदार्थ पाए जाते हैं। सिगरेट का असर इतना ज़्यादा होता है कि अगर आप स्मोक नहीं करते हैं तो भी उसका धुआं आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए कैंसर से बचने के लिए बेहतर होगा कि खुद तो स्मोक करने से बचें ही, अपने परिजनों व दोस्तों को भी इससे दूर रहने की सलाह दें।

मीट कुकिंग टिप्स

कुछ रिसर्च से पता चला है कि मीट को हाई टेम्प्रेचर पर पकाने से उसमें मौज़ूद अमीनो एसिड्स टॉक्सिक कंपाउंड्स में बदल जाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, जब मीट को खुली आंच पर पकाते हैं तो उसमें कार्सिनोजन बनने लगते हैं, जो कि कैंसर कारक तत्व माने जाते हैं। यानी कि मीट को पकाते समय विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। अगर मीट को पकाने से पहले उसे अच्छी तरह से मैरिनेट कर लिया जाए तो इन खतरनाक कंपाउंड्स को बनने से रोका जा सकता है।

कॉफी : यस/नो?

कॉफी को स्वास्थ्य के लिए कभी अच्छा माना जाता है तो कभी खराब। हालांकि कैंसर की बात करें तो कॉफी के रोज़ाना सेवन से इससे बचा जा सकता है। एक दिन में लगभग 3-4 कप कॉफी का सेवन ओरल कैंसर से बचाव करता है। अगर महिलाएं एक दिन में 2 कप कॉफी का सेवन करें तो उनमें गर्भाशय कैंसर के होने की संभावना कम हो जाती है। कॉफी का सेवन ब्रेन कैंसर की आशंका को भी 40 प्रतिशत तक कम करता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन ने हाल ही में कॉफी को संभावित कैंसर कारकों की सूची से हटाया है।

स्किप द ड्राई क्लीनर

ट्रडिशनल ड्राई क्लीनिंग में परक्लोरोएथलीन (पीईआरसी) नाम का एक सॉल्वेंट पाया जाता है, जिससे लीवर और किडनी कैंसर के अलावा व्यक्ति को ल्यूकेमिया भी हो सकता है। पीईआरसी हवा, पीने के पानी, मिट्टी, कुछ लोगों के खून और ब्रेस्ट मिल्क में भी पाया जाता है। 2008 में पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने सुझाव दिया था कि पीईआरसी को मानव संभावित कैंसरकारी तत्वों की सूची में शामिल कर देना चाहिए। इससे ब्रेन और नर्वस सिस्टम को खासा नुकसान पहुंच सकता है।

कलर ऑफ आउटफिट्स

वैज्ञानिकों का मानना है कि आपके आउटफिट का रंग भी आपको स्किन कैंसर से बचा सकता है। एक रिसर्च में साबित हुआ है कि नीले और लाल रंग के कपड़े सूरज की यूवी किरणों से त्वचा की बेहतर सुरक्षा करते हैं, जबकि पीले और सफेद रंग के कपड़े पहनने पर ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता है। यह भी ध्यान रखें कि सिर पर कैप लगाने से भी स्किन कैंसर से बचा जा सकता है क्योंकि यह सूरज की हानिकारक किरणों को डायरेक्ट आप पर पड़ने से रोकने में मददगार होती है।

खानपान में सावधानी बरतें व अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। ईट हेल्दी, लिव हेल्दी।

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