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शहर की भागमभाग और चकाचौंध से दूर, चाहिए शान्ति और सुकून के पल तो इन 5 गांवों का रुख कर सकते हैं
अगर आप उन लोगों में हैं जिसे अपने देश की मिट्टी की खुशबू सुकून देती है या जिसे प्रदूषण से दूर शांत जीवन, सादगी और ठहराव में आनंद आता है तो गांव की सैर आपको जरूर पसंद होगी। यूं तो देश में ऐसे कई गांव हैं जहां ये बातें शामिल हैं, लेकिन कुछ खास बातों को देखते हुए हमारे यहां ऐसे कुछ गांव हैं जिन्हें टूरिज्म मंत्रालय दुनिया के बेस्ट टूरिज्म विलेज में शामिल करता है। आइए जानते हैं इस साल कौन-कौन से गांव हैं बेस्ट टूरिज्म विलेज की लिस्ट में-
वर्ल्ड टूरिज्म डे के पहले, जो कि 27 सितंबर को आता है, पर्यटन मंत्रालय ने देश के कुछ बेहद खास गांव को 2023 के लिए भारत का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया है। रूरल टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए खासतौर से शुरू की गई इस पहल में एक कमेटी में कुछ सदस्य एक व्यापक चयन प्रक्रिया के बाद कई मानकों पर ये तय करते हैं कि साल में किन गांव को ये सम्मान मिलना चाहिए। इस साल इस के लिए देश भर के 31 विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 791 आवेदनों की समीक्षा शामिल थी।
1. बिश्वनाथ घाट- असम की “गुप्त काशी”
असम के बिश्वनाथ चरियाली शहर के दक्षिण में स्थित बिश्वनाथ घाट को ‘गुप्त काशी’ के नाम से जाना जाता है। गांव को यह नाम शहर के प्राचीन बिश्वनाथ मंदिर से मिला है और यह प्रसिद्ध गुप्त डायनास्टी के समय से ही काशी के समानांतर है। यह खूबसूरत घाट विभिन्न देवताओं को समर्पित मंदिरों के संग्रह से सुशोभित है। यहां बना एक शिव मंदिर, विशेष रूप से खास है। यह ब्रह्मपुत्र के साथ बृहदंगा (बुरीगोंगा) नदी के संगम की शोभा बढ़ाता है।
2. चंदलापुर, तेलंगाना
सिद्दीपेट जिले का चंदलापुर अपने जटिल और उत्तम हथकरघा उत्पादन, विशेष रूप से अपनी ‘गोलभामा’ साड़ियों के लिए जाना जाता है। चंदलापुर प्रसिद्ध रंगनायक स्वामी मंदिर के लिए भी जाना जाता है।
3. पेम्बर्थी, तेलंगाना
जनगांव जिले में स्थित पेम्बर्थी काकतीय काल से अस्तित्व में है और यह पीतल और कांस्य के उत्पादों के लिए जाना जाता है। इन उत्पादों को अमेरिका, जर्मनी, बेल्जियम और जापान जैसे देशों में भेजा जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार हर साल लगभग 25,000 लोग गांव आते हैं, जो घर की सजावट, देवी-देवताओं की मूर्तियों और अन्य हस्तशिल्प के लिए भी जाना जाता है।
4. किरीटेश्वरी गाँव, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के किरीटेश्वरी गाँव को उसके सांप्रदायिक सद्भाव और अद्वितीय धार्मिक वास्तुकला के कारण भारत में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव का नाम दिया गया है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के किरीटेश्वरी गांव का नाम किरीटेश्वरी मंदिर के नाम पर रखा गया था, जो ‘शक्ति पीठों’ में से एक है। किंवदंती है कि देवी सती की खोपड़ी का ऊपरी हिस्सा यहां गिरा था। कई अन्य नए मंदिर और पुराने मंदिरों के खंडहर यहां एक साथ दिखते हैं।
5. पोचम्पल्ली, तेलंगाना
साल 2021 में तेलंगाना का ये गांव यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन की तरफ से दुनिया के बेस्ट गांव में से एक चुना गया था। पोचमपल्ली तेलंगाना के नलगोंडा जिले का एक शहर है और इसे अक्सर इकत नामक एक अनूठी शैली के माध्यम से बुनी गई उत्कृष्ट साड़ियों के लिए भारत के सिल्क सिटी के रूप में जाना जाता है। इस शैली, पोचमपल्ली इकत को 2004 में जीआई का दर्जा प्राप्त हुआ है।
तो अगर आप एक हार्डकोर ट्रैवलर हैं जिसे देश की सांस्कृतिक विरासत को देखना और महसूस करना पसंद है तो बस इन गांव को अपनी बकेट लिस्ट में शामिल करिए।
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