थायराइड आपकी गर्दन के पास एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है। इन थायरॉइड ग्रंथियों द्वारा स्रावित हार्मोन शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करते हैं। थायरॉयड ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म, शरीर के तापमान, मस्तिष्क के कार्य और हृदय के कार्य को सुचारू ढंग से चलाने में मदद करते हैं। थायराइड (thyroid) ग्रंथि में होने वाली गड़बड़ी के कारण आपको थायराइड की समस्या होती है। इससे थकान, मानसिक परेशानी बढ़ सकती है और शरीर में लगातार दर्द बना रह सकता है। पुरूषों से ज्यादा महिलाएं इस रोग का शिकार होती हैं। जिसकी वजह से कई तरह की दूसरी बीमारियों के होने का भी खतरा बना रहता है। इसलिए थायराइड से छुटाकार पाने के लिए इसको जड़ से खत्म करना बहुत ही जरुरी होता है। तो इस बीमारी को आयुर्वेदिक उपायों द्वारा कैसे दूर किया जा सकता है, आइए जानते हैं इसके बारे में।
थायराइड की समस्या को कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक उपाय ayurvedic treatment for thyroid disorders in hindi
वमन थेरेपी
पंचकर्म की वमन थेरेपी उपचार से पेट की सफाई करके शरीर के विशाक्त पदार्थ निकाल दिए जाते है जिससे कफ और पित्त का निवारण हो जाता है और थायरॉइड की बीमारी में आराम मिल जाता है। डिप्थीरिया के लक्षण
प्रोबायोटिक्स का सेवन बढ़ाएं
आयुर्वेद के अनुसार, कई रोगों को नियंत्रित करने के लिए पाचन विकारों और खाने-पीने की चीजों को नियंत्रित करना आवश्यक है। थायराइड को नियंत्रित करने के लिए पाचन तंत्र का स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए प्रोबायोटिक्स को अपनी डाइट में शामिल करें। इसके लिए अपने आहार में छाछ, दही, दही, पनीर का सेवन बढ़ाएं।
नियमित योग व ध्यान करें
शरीर में अधिवृक्क ग्रंथियों (adrenal gland) के कमजोर होने से थायराइड के स्तर में असंतुलन होता है। नतीजतन, हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म विकसित होता है। इसलिए एड्रेनल ग्लैंड की देखभाल के लिए पर्याप्त नींद लें, तनाव को नियंत्रण में रखें, नियमित योग करें, ध्यान करें। यह शरीर में हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
नस्यम क्रिया
नासिका छिद्र से शरीर में तेल छोड़ने की आयुर्वेदिक उपचार पद्धति को नासिका उपचार कहा जाता है। ये पंचकर्मा की एक क्रिया है। नस्यम करने के लिए गाय के घी को दो-दो बूंद पिघला के नाक में डालने से इस बीमारी में लाभ मिलता है।
नारियल का तेल
इस बीमारी में नारियल के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं । 1 से 2 चम्मच नारियल का तेल गुनगुने दूध के साथ में खाली पेट सुबह-शाम लेने से भी इस रोग में फायदा होता है।
इन चीजों का करें सेवन
अपने आहार में दालचीनी, अदरक, लहसुन, सफेद प्याज, थाइम और स्ट्रॉबेरी की पत्तियों का प्रयोग बढ़ा देना चाहिए। थायराइट के रोगियों को खाना पकाने के लिए नारियल तेल का प्रयोग करना चाहिए। इन रोगियों को लघु और सुपाच्य भोजन करना चाहिए, खिचड़ी का प्रयोग कर सकते हैं।
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