भारत में ज्यादातर रसोई में हींग (Hing – Asafoetida) का इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। बिना हींग के छोंके के तो यहां दाल अधूरी ही समझी जाती है। हींग सिर्फ सुंगध और स्वाद ही नहीं बढ़ाता है बल्कि खाने को सुपाच्य भी बनाता है। आमतौर पर ये गहरे लाल या फिर भूरे रंग की होती है। हींग को भारत में कई नामों से जाना जाता है। इसे तमिल भाषा में पेरुंगायम (Perungaayam), तेलगु में इंगुवा (Inguva), मराठी में हींगा (Hinga), मलयालम में कायम (Kayam), कश्मीर में यांग (Yang) के नाम से जाना जाता है। इलायची खाने के फायदे
हींग के औषधीय गुण – Medicinal Properties of Asafoetida in Hindi
हींग (Hing Benefits) में फेरूलिक एसिड , अल्फ़ा पायनिन , टरपीनेयोल , ल्युटेलिन ,एजुलीन आदि तत्व होते है। इसके अलावा हींग में कई विटामिन और खनिज जैसे कैल्शियम , फास्फोरस , आयरन , केरोटीन , राइबोफ्लेविन और नियासिन आदि भी पाए जाते हैं। ये सभी तत्व मिलकर हींग को एक प्रभावकारी दवा बनाते हैं। पुराने समय में लोग हींग को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग करते थे। शायद आपको ये बात जाकर हैरानी होगी कि हींग का प्रयोग कई दवाओं में भी किया जाता है। इसमें पाएं जाने वाले महत्वपूर्ण तत्व मानसिक तनाव, डिप्रेशन, कफ, अस्थमा, अपच, पेट से जुड़ी समस्याओं, मांसपेशियों में ऐंठन, अर्थराइटिस, कैंसर आदि परेशानियों से छुटकारा दिलाने में बहुत सहायक होते हैं। यहां हम आपको बताएंगे हींग के फायदे (Hing benefits in hindi), हींग के घरेलू उपचार (asafoetida uses in hindi) और हींग के नुकसान (Hing ke nuksan) के बारे में ….
हींग कैसे बनती है – How is Asafoetida Made?
हींग पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले 6-8 फुट के फेरूल फोइटिडा नाम के पौधे से बनती है। इसमें पीले रंग के फूल गुच्छे के रूप में टहनी के अंत में लगते है। इसकी जड़ से हींग प्राप्त होती है। जड़ पर चीरा लगाने से रस निकलता जो सूख कर गोंद जैसा हो जाता है। इससे स्वादिष्ट सुगंधित हींग प्राप्त होती है। एक पेड़ से लगभग 100 ग्राम से लेकर 300 ग्राम तक हींग (Hing) प्राप्त हो सकती है। बता दें हींग की खेती ज्यादातर ईरान, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान में ज्यादा होती है। वहीं भारत के पंजाब और कश्मीर में हींग की खेती की जाती है।
हींग के स्वास्थ्य संबंधी फायदे – Health Benefits of Hing in Hindi
हींग के कई फायदे (Hing ke fayde) हैं, जो हमारे स्वास्थ्य में लाभदायक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। महर्षि चरक के अनुसार हींग दमा के रोगियों के रामबाण औषधि, कफ का नाश करने वाली, गैस की समस्या से राहत देने वाली, मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद व आंखों के लिए भी बेहद लाभदायक होती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो प्राचीन समय से ही इसे आयुर्वेद में खास जगह दी गई है। इसके औषधीय गुण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। आइए जानते हैं हींग (Hing) के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में –
खांसी और कफ से निजात – Treatment for Cold and Cough
भोजन पचाने और पेट संबंधी परेशानियों में सहायक – Helps in Digestion
कई बार भोजन इतना स्वादिष्ट होता है कि हम ओवरईटिंग कर लेते हैं। इसका असर बदहजमी, पेट दर्द आदि के रूप में दिखने लगता है। यही कारण है कि कई व्यंजन हींग के साथ परोसे जाते हैं। क्योंकि यह खाए गए भोजन के उचित पाचन में मदद करता है। इसमें पाएं जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट घटक के कारण पाचन तंत्र सुचारू रूप से संचालित होता है। पेट की बीमारियों को कम करने में मदद करता है। एसिडिटी अपच के दर्द को कम करता है। अक्सर, पेट दर्द में आपको हींग वाला पानी पीने की सलाह दी जाती है। क्योंकि पेट के लिए हींग बहुत अच्छा होता है।
मधुमेह में लाभदायक – Beneficial for Diabetes
डायबिटीज रोगियों को अक्सर नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन के सटीक आहार पर सवाल उठाते हैं। यदि आपको मधुमेह है, तो रसोई में एक काज का उपयोग करना सुनिश्चित करें। क्योंकि हींग एक एंटी डायबिटिक पदार्थ है। एक काज का उपयोग निश्चित रूप से आपके रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकता है।
पीरियड में होने वाले दर्द से आराम – Relief from Menstrual Pain
हींग में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाएं जाते हैं, इसीलिए ये आपके दर्द या सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। अक्सर मासिक धर्म के दौरान, महिलाओं को पेट में ऐंठन, सूजन या दर्द का अनुभव होता है। इसे दूर करने के लिए आप गर्म पानी में हींग का पाउडर डाल कर पीएं। इससे आप जल्दी राहत पा सकते हैं।
जख्म या सूजन में असरदायक – Reduce Injuries or Swelling
अगर किसी को कोई जख्म हो गया है और संक्रमण का खतरा है या फिर सूजन पिचक नहीं रही है। ऐसे में हींग बेहद असरदायक होता है। क्योंकि हींग में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। रूई के टुकड़े या फिर किसी कपड़े में हींग का घोल लगाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं। ऐसा करने से तुरंत आराम मिलेगा।
सांस संबंधी समस्याओं में – Best for Respiratory Disorders
हींग का इस्तेमाल श्वसन नाल से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। हींग में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-बायोटिक प्रभाव के कारण, हींग अक्सर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, शुष्क खांसी, काली खांसी और सर्दी जैसी श्वसन समस्याओं का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है। अगर आपको बलगम या फिर छाती में दर्द की शिकायत है तो आप इसका उपचार अपना सकते हैं।
ब्लड प्रेशर को करें नियंत्रित – Control High Blood Pressure
हींग (Hing) के औषधीय गुण आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डालते हैं। लेकिन खासकर अगर आपको ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो आपको अपने खान-पान में हींग का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है। हींग में खून को पतल करने के गुण होते हैं। इससे खून के थक्के नहीं बन पाते हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन पूरे शरीर में सुचारू रूप से होता है।
फर्टिलिटी बढ़ाए – Boost Fertility
हींग का इस्तेमाल खासतौर पर पुरुषों के लिए बहुत कारगर है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फर्टिलिटी की प्रॉब्लम दूर करते हैं। नपुंसकता और शीघ्रपतन जैसी समस्याओं में भी ये रामबाण का काम करता है। साथ ही ये कामेच्छा को भी बढ़ाती है।
कैंसर जैसे रोग में कारगर – Cancer Fighting
हींग में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। जब आप इसे लगातार खाते हैं तो ये फ्री रेडिकल्स से शरीर की कोशिकाओं को बचाव प्रदान करती है। हींग की कैंसर-विरोधी गतिविधि कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने का काम करती हैं।
हींग के फायदे त्वचा संबंधी समस्याओं में – Hing Benefits for Skin Problem in Hindi
हींग (Hing Ke fayde) सेहत के साथ-साथ त्वचा संबंधी समस्याओं में भी काफी लाभदायक है। हींग का उपयोग त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। हींग स्वास्थ्य, बालों और त्वचा को निखारने में बड़ी ही असरदार है। चेहरे पर ग्लो लाने और एंटी एंजिग के तौर पर इसे कई तरह के फेस पैक में इस्तेमाल भी किया जाता है। यह चेहरे से डार्क स्पॉट, एक्ने मार्क और तेल का चिपचिपापन मिटाती है। हींग को पानी या रोज वॉटर के साथ मिक्स कर के चेहरे पर लगाएं। चाहें तो इसमें चंदन पावडर भी मिक्स कर सकती हैं।
हींग के घरेलू उपचार – Home Remedies of Asafoetida (Hing) in Hindi
हींग (Asafoetida) सिर्फ हमारे भोजन में स्वाद और सुंगध ही नहीं बढ़ता है बल्कि एक बेहतरीन औषधि की तरह भी काम करता है। हींग हमारे शरीर के लिए अति उत्तम माना गया है। हींग में भूख बढ़ाने वाले और भोजन को पचाने वाले अनोखे गुण होते हैं। यह एक उत्तम घरेलु औषधि है।इसमें एक नहीं बल्कि कई ढेर से गुण होते हैं। हम अपनी रोजमर्रा की आधी तकलीफों को हींग ( asafoetida uses in hindi) के इस्तेमाल से ही हल कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि हींग के कुछ घरेलू उपचार या घरेलू नुस्खे के बारे में –
- हींग में एंटीफंगल गुण होते है। अचार को फफूंदी से बचाने के लिए अचार भरे जाने वाले कंटेनर में हींग का धुआं कर लेना चाहिए फिर अचार भरना चाहिए। इससे अचार खराब नहीं होता।
- हींग को पानी में घोलकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन में आराम मिलता है और फफोला नहीं पड़ता।
- मधुमक्खी डंक मार दे तो हींग को पानी में घिस पर गाढ़ा पेस्ट बना कर प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है।
- नीम की पत्ती और हींग को साथ में पीस कर लगाने से फोड़े , फुंसी और मुंहासे आदि ठीक हो जाते है। इससे दाग भी नहीं पड़ते हैं।
- अगर हिचकी ज्यादा आ रही हो तो पुराने गुड़ के साथ हींग खाने से हिचकी बंद हो जाती है।
- अगर शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया है और निकल नहीं रहा तो उस स्थान पर पर हींग और पानी का घोल भर दें। कुछ समय बाद अपने आप ही कांटा बाहर निकल आयेगा।
- पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो इससे फायदा होगा।
- हींग (Asafoetida) को पानी में मिलाकर घुटनों पर लगाने से घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।
- दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात के समय दांत में हींग (asafetida) के घोल में डुबी हुई रूई का टुकड़ा दबाकर सोएं। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे।
- खाने में हींग के रोज सेवन से मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
- अगर आप को कब्ज जैसी शिकायत है तो भोजन में हींग का इस्तेमाल करें। ये भोजन को पचाने में सहायक होती है।
- हींग (Asafoetida) को पानी में घोलकर नाभि के आसपास लगाने से या घी में भुनी हींग शहद में मिलाकर खाने से पेट दर्द में लाभ होता है।
- गला बैठ गया हो तो हींग को उबले हुए पानी में घोल लें और इस पानी से गरारे करें। ऐसा दिन में 2-3 बार करें, आपका गला ठीक हो जाएगा।
- किसी को अगर दस्त आ रहे हैं तो उसे हींग का सेवन कराएं। हींग, सफेद जीरा, सोंठ, पीपल और सेंधा नमक को 10-10 ग्राम कूट कर चूर्ण तैयार करें और एक शीशी में भरकर रख लें। और 1-1 चम्मच सुबह, दिन और रात को गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इससे राहत मिलेगी।
- यदि सिर में दर्द है तो आप हींग को पानी में मिलाकर पीने से सिर दर्द से राहत मिलती है।
- काली खांसी हो या सूखी खांसी, अदरक और हींग को शहद में मिलाकर लेने से इसमें तुरंत आराम मिलता है।
- बहुत समय से अगर आपको माइग्रेन की समस्या है तो हींग (Asafoetida) को पानी में घोलकर उसकी कुछ बूंदें रोजाना नाक में डालें। इससे जल्द ही निजात मिल जायेगा।
- दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है।
- हींग को पानी में उबालकर कुल्ला करने से भी दांतों के दर्द से राहत मिलती है।
हींग के नुकसान
औषधीय गुणों से भरपूर हींग का इस्तेमाल खाने के साथ-साथ कई बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। यहां हम आपको हींग के फायदों के बारे में तो बता ही चुके हैं लेकिन क्या आप जानते है कि इसका अत्यधिक सेवन करने से आपको ये नुकसान (Hing ke Nuksan in Hindi) भी पहुंचा सकती है। आइए जानते हैं आपके स्वास्थ्य पर हींग का इस्तेमाल करने के कौन-कौन से नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं –
- हींग का अत्यधिक सेवन करने से बदहजमी और गैस बनने जैसी शिकायत हो सकती है। इसीलिए खाली पेट कभी भी हींग का सेवन न करें।
- ज्यादा मात्रा में हींग का सेवन करने से चक्कर आना, जी मिचलाना जैसी भी समस्या हो सकती है।
- बिना किसी खाद्य पदार्थ में डाले हींग को सीधा खाना या चखना होंठों में सूजन, होंठों का फूलना और झनझनाहट का कारण भी बन सकता है।
- ब्लड प्रेशर के मरीजों को तो हींग (Hing) का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसका सेवन ब्लड प्रेशर नियंत्रण पर नकारात्मक असर डालता है।
- अगर कोई महिला गर्भवती है या फिर नवजात शिशु को दूध पिलाती हैं तो उसके लिए भी हींग का सेवन अच्छा नहीं है।
- अगर आपको कलवा मार चुका या आपको ऐठन ये जुड़ी कोई प्रॉब्लम है तो हींग का सेवन करने से बचे। इससे आपको दौरा पड़ने का भी खतरा रहता है।
- जिन लोगों को स्किन प्रॉब्लम या एलर्जी अकसर हो जाती है उन्हें हींग का सेवन नहीं करना चाहिए। कुछ लोगों को हींग (asafetida) के सेवन से शरीर में चकत्ते पड़ने लगते हैं, ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
हींग के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब FAQS
आयुर्वेद के अनुसार हींग (Asafoetida) पित्त प्रधान और गर्म तासीर वाली होती है। यही वजह है कि ठंड में हींग काफी फायदेमंद माना जाता है। वहीं गर्मियों के मौसम में हींग का सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए।
प्रेगनेंसी मे हींग का सेवन बहुत ही कम मात्रा मे करना चाहिए। कोशिश करें की इस दौरान हींग न ही खाएं। दरअसल, हींग की तासीर गर्म होती है, इसलिए, प्रेगनेंसी में हींग खाने से मिसकैरेज होने का खतरा रहता है।
जी हां, ये बात सच है कि हींग जहर के असर को कम कर देती है। अगर कोई जहर खा ले तो उसे तुरंत हींग का पानी पिलाएं। ऐसा करने से उल्टी के द्वारा जहर बाहर निकल जाता है और जहर का प्रभाव कम या खत्म भी हो जाता है।
अगर आप हींग का प्रयोग खाना बनाने में कर रहे हैं तो चुटकी भर हींग तेल में भून कर किसी भी व्यजंन में डाल सकते हैं। वहीं अगर आप हींग का प्रयोग स्वास्थ्य संबंधी परेशानी को ठीक करने के लिए सीधे उपयोग कर रहे हैं तो गुनगुने पानी में चुटकी भर हींग मिलाकर पीएं। इसके अलावा आप हींग का पेस्ट या पाउडर (asafoetida powder) बनाकर भी रख सकते हैं। लेकिन चुटकी भर से ज्यादा हींग का प्रयोग सही नहीं होता है।
आजकल खाने-पीने की चीजों में सबसे ज्यादा मिलावट हो रही है। ऐसे में हींग भी अछूता नहीं है। हींग में आटा या फिर रवा मिलाकर भी बेचा जाता है। बाजार में खुले में बिकने वाली हींग नकली भी हो सकती है। असली हींग की पहचान करने के लिए उसे पानी में घोल कर देखें। पानी का रंग दूध जैसा सफेद हो जाये तो हींग को असली है अगर पानी का रंग नहीं बदला तो वो नकली है।
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