बचपन की यादें हर किसी के लिए सबसे अनमोल होती हैं। पूरा परिवार या दोस्त- यार जब भी इकट्ठा होते हैं, बचपन के किस्सों की पोटली खोलकर बैठ जाते हैं। ये बचपन होता ही कुछ ऐसा है। खट्टी- मीठी यादों और किस्सों से बुना इठलाता हुआ बचपन। कभी कागज़ की नाव बनाकर दूर निकल जाने की आस में तो कभी पेड़ की डालियों पर पड़े झूलों के साथ ऊंची पींगें भरता है बचपन।
बचपन की ऐसी ही कई यादों का हिस्सा हैं दूरदर्शन पर आने वाले वो सीरियल, जो कभी टीवी पर हमारे मनोरंजन का एकमात्र ज़रिया हुआ करते थे, जिनके इंतज़ार में कभी हम शाम होने का तो कभी पूरा हफ्ता संडे आने का इंतज़ार किया करते थे। चंद्रकांता, सुरभि, अलिफ़ लैला और शक्तिमान जैसे कई सीरियल आज भी हमारी यादों में ताज़ा हैं। खासतौर पर अगर आप 90’s किड हैं, तो यकीनन आज भी ये सीरियल आपके दिल और दिमाग के किसी कोने में बसे होंगे।
दूरदर्शन के 10 फेमस सीरियल, जो याद दिला देंगे बचपन
सीरियल तो आज भी बनते हैं लेकिन जो बात 90’s में आने वाले दूरदर्शन के कार्यक्रमों में हुआ करती थी, वो आज इतने सारे सीरियल्स की भीड़ में कहीं खो सी गई है। हमने आपके लिए संजोए हैं दूरदर्शन के 10 फेमस सीरियल्स, जो कभी हमारे बचपन का अहम हिस्सा हुआ करते थे।
चंद्रकांता
‘चंद्रकांता की कहानी, ये माना है पुरानी…’ अगर आप इस सीरियल के फैन रह चुके हैं तो इसका टाइटल सॉन्ग आज भी आपकी ज़ुबान पर चढ़ा होगा। प्यार और जंग की कहानी कहता यह सीरियल साल 1994 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था। उस समय यह सीरियल काफी ज्यादा लोकप्रिय हुआ था। इतना ही नहीं, चंद्रकांता का किरदार निभा चुकीं एक्ट्रेस शिखा स्वरूप का नाम तब टीवी की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेसेस में भी शुमार था। …और यक्कू तो आपको याद ही होगा।
देख भाई देख
बात जब टीवी पर कॉमेडी सीरियल्स की होती है तो आपके ज़ेहन में सबसे पहले क्या आता है? “कॉमेडी नाइट्स विद कपिल” या फिर “तारक मेहता का उल्टा चश्मा”। मगर इनसे पहले साल 1993 में आया था दूरदर्शन का कॉमेडी सीरियल “देख भाई देख”। शेखर सुमन, फरीदा जलाल, विशाल सिंह, अमर उपाध्याय, उर्वशी ढोलकिया जैसे सितारों को इसी सीरियल ने छोटे पर्दे पर बड़ी पहचान दी थी।
शक्तिमान
हम सब के बीच शायद ही कोई 90’s किड ऐसा हो, जिसने बिस्तर से ज़मीन तक आने के लिए शक्तिमान की तरह घूम कर लैंडिंग न की हो। “कृष” से भी पहले भारत के बच्चों का सुपर हीरो था “शक्तिमान”। साल 1997 से 2005 तक शक्तिमान बने मुकेश खन्ना का यह सीरियल हर किसी के दिल में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा।
कैप्टन व्योम
मिलिंद सोमण, जी हां 53 साल की उम्र में भी अपनी पर्सनैलिटी से यूथ को मात देने वाले मिलिंद सोमण ने “कैप्टन व्योम” में मुख्य किरदार निभाया था। यह छोटे पर्दे का पहला साइंस फिक्शन सीरियल था, जो उस समय काफी पसंद किया गया था। कहना गलत नहीं होगा कि आज से 21 साल पहले आए इस सीरियल के मिलिंद सोमण में और आज के मिलिंद सोमण में कोई फर्क नहीं आया है।
अलिफ़ लैला
हर एपिसोड में अपनी अलग- अलग कहानियों से बांधे रखने वाला सीरियल “अलिफ़ लैला” साल 1993 में पहली बार दर्शकों से रूबरू हुआ था। इसकी सभी कहानियां रोमांच से भरपूर होती थीं। याद है न… !
ब्योमकेश बक्शी
आज भी जब जासूसी सीरियल की बात चलती है तो ज़ेहन में सबसे पहले नाम आता है जासूस ‘ब्योमकेश बक्शी’ का। दूरदर्शन पर यह फेमस जासूस साल 1993 में आया था। बड़े- बड़े केस को अपनी सूजबूझ से सुलझा देना ब्योमकेश बक्शी की खासियत थी। इस किरदार को निभाया था एक्टर रजित कपूर ने, जो आज भी बड़े और छोटे पर्दे पर अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरते रहते हैं।
विक्रम और बेताल
“विक्रम और बेताल” सही मायने में मनोरंजन के साथ शिक्षा प्रदान करने वाला पहला सीरियल था। इसमें बेताल, राजा विक्रम को ज़िंदगी का पाठ पढ़ाने वाली ढेरों कहानियां सुनाता था और हर कहानी के आखिर में राजा से प्रश्न पूछता था। बच्चों को मनोरंजन के साथ प्रेरणादायक कहानियां सुनाने के लिए आज भी इससे बेहतर कुछ और नहीं है।
श्रीमान- श्रीमती
अगर आपने सीरियल “भाबी जी घर पर हैं” देखा है तो “श्रीमान- श्रीमती” की कहानी समझने में आपको ज़रा भी देर नहीं लगेगी। पड़ोसन से लगाव की कहानी इसी सीरियल से ली गई है। सीरियल के मुख्य किरदार कोकी जी, दिलरुबा, प्रेमा जी और केशु के डायलॉग से लेकर पंच तक, उस समय काफी लोकप्रिय हुए थे।
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सुरभि
“सुरभि” टीवी का सबसे पॉपुलर कल्चरल शो था। हिस्ट्री से लेकर ट्रैवल स्टोरी तक, इस शो में सब कुछ था। …और हां, संडे की सुबह रेणुका शहाणे की उस खिली- खिली मुस्कराहट को कोई भला कैसे भूल सकता है।
चित्रहार
1980 के दशक से 1990 के दशक तक चित्रहार दूरदर्शन पर सबसे ज्यादा देखा जाने वाला कार्यक्रम था। खूबसूरत सी एंकर की फिल्मी बातों के साथ बॉलीवुड गानों का शानदार मिश्रण हर किसी की पहली पसंद हुआ करता था। आपको जानकर हैरानी होगी कि “चित्रहार” सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि ‘मिडिल ईस्ट’ और ‘यूनाइटेड स्टेट्स’ में रहने वाले भारतीयों के बीच भी काफी पॉपुलर था।
ये तो सिर्फ कुछ नाम हैं। अगर लिस्ट को बढ़ाया जाए तो “महाभारत”, “रामायण”, “तहकीकात”, “तेनाली रमन”, “ज़बान संभाल के” और “मालगुडी डेज़” जैसे कई चर्चित नाम सामने आ जाएंगे। इतना ही नहीं, बॉलीवुड के सुपरस्टार शाह रुख खान के दो सीरियल “फौजी” और “सर्कस” के नाम भी इस लिस्ट में शामिल किए जा सकते हैं। जिस तरह यादों की कोई सीमा नहीं होती, उसी तरह दूरदर्शन पर टेलीकास्ट होने वाले एक से बढ़कर एक शोज़ की गिनती भी कभी खत्म नहीं होगी।
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