इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो दिल्ली कई राजवंशों की राजधानी रही है। तभी से दिल्ली क़िलों, स्मारकों, मंदिरों, मठों, मस्जिदों, बाज़ारों और कई संस्कृतियों की साक्षी भी रही है। आज भी दिल्ली अपने इतिहास की तरह ही खूबसूरत है। दिल्ली में घूमने के लिए कई तरह की जगह हैं। अगर आप दिल्ली घूमने के लिए निकले हैं या दिल्ली घूमने का प्लान बना रहे हैं तो क्यों न इसकी शुरुआत यहां के ऐसे मंदिरों से की जाए, जो अपनी शांत और खूबसूरती के लिए मशहूर हैं!? इन मंदिरों की वास्तुकला देखकर आप खुद को मंत्रमुग्ध होने से भी रोक नहीं पाएंगे।
दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध मंदिर – Famous Temples in Delhi
दिल्ली में बेहद प्राचीन मंदिरों से लेकर 22 साल पुराने मंदिर तक हैं, जहां आप हर भगवान के दर्शन कर सकते हैं। तो चलिए, आपको रूबरू करवाते हैं दिल्ली के सबसे फेमस मंदिरों से। तिरुपति बालाजी की कहानी
अक्षरधाम मंदिर – Akshardham Temple
दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर को स्वामी नारायण मंदिर भी कहते हैं। यह मंदिर भारत के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है। इसे भव्य वास्तुकला, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के लिए जाना जाता है। लगभग 100 एकड़ में फैले इस मंदिर की ऊंचाई 141 फीट है। अक्षरधाम मंदिर का नाम गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड में दुनिया के सबसे बड़े मंदिर के तौर पर भी दर्ज है। इस मंदिर को आधिकारिक तौर पर 2005 में पर्यटकों के लिए खोला गया था। कुछ लोग यहां सिर्फ दर्शन के लिए आते हैं तो कुछ यहां की अनोखी बनावट के दीवाने हैं। मंदिर परिसर में नीलकंठ नाम का एक थिएटर बना हुआ है, जहां स्वामी नारायण के जीवन की घटनाएं दिखाई जाती हैं। इसके अलावा यहां लगा म्यूजिकल फाउंटेन टूरिस्ट्स को सबसे ज़्यादा आकर्षित करता है। यहां हर शाम फाउंटेन शो का आयोजन किया जाता है, जिसमें जन्म, मृत्यु चक्र का उल्लेख करने के अलावा कई कहानियों को भी बयां किया जाता है। हालांकि ध्यान रखें कि पर्यटकों को मंदिर के अंदर कैमरा, मोबाइल फोन आदि ले जाने की अनुमति नहीं है। मेट्रो से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
कालकाजी मंदिर – Kalka Ji Mandir
यह मंदिर दक्षिणी दिल्ली के नेहरू प्लेस के ऑपोज़िट कालकाजी में स्थित है, जो मां दुर्गा की एक अवतार देवी काली को समर्पित है। मान्यता है कि इसी जगह मां ने महाकाली के रूप में प्रकट होकर राक्षसों का संहार किया था। इसलिए मंदिर को सिद्ध पीठ और जयंती काली पीठ के नाम से भी जाना जाता है। दूर- दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। माना जाता है कि मां के दर्शन करने आए भक्तों की हर मनोकामना यहां पूरी होती है। यह दिल्ली के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। बता दें कि मुख्य मंदिर के 12 द्वार हैं, जो 12 महीनों और 12 राशियों की तर्ज पर बनाए गए थे। कहते हैं, जब यह मंदिर बना था, उस समय राशि के अनुसार ही लोग मंदिर में प्रवेश करते थे और उसी अनुसार पूजा अर्चना होती थी। नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में लाखों की संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता है।
इस्कॉन टेम्पल – ISKCON Temple
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कॉन्शसनेस यानी इस्कॉन। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और इसलिए इसे हरे रामा हरे कृष्णा मंदिर भी कहते हैं। यह दिल्ली के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक है। यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर इस मंदिर को दूसरे मंदिरों से अलग बनाता है। यहां विदेशी भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकी है। इस्कॉन भक्त भगवान कृष्ण को मुख्य देवता मानते हैं। इस मंदिर का पूरा नाम श्री श्री राधा पार्थसार्थी है। दर्शन के अलावा वैदिक म्यूज़ियम व रोबोट शो भी यहां के विशेष आकर्षण हैं। दिल्ली में इस्कॉन मंदिर संत नगर, ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित है। यह नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन के निकट स्थित है इसलिए आपको मंदिर तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
छतरपुर मंदिर – Chhatarpur Temple
दक्षिणी दिल्ली में स्थित यह मंदिर कल्याणी देवी को समर्पित है। 70 एकड़ में फैला यह मंदिर दिल्ली के सबसे खूबसूरत व शानदार मंदिरों में शुमार है। इस मंदिर के आर्किटेक्चर की खूबसूरती देखते ही बनती है। यह उत्तर व दक्षिण भारत की कलाओं को दर्शाती है। संगमरमर से बना यह मंदिर आसपास खूबसूरत बाग- बगीचों से घिरा हुआ है। मंदिर परिसर में लगभग 20 छोटे- बड़े मंदिर भी बने हुए हैं। इन मंदिरों में आप भगवान शिव, विष्णु, श्री गणेश, माता लक्ष्मी, हनुमान जी, श्रीराम व माता सीता के भी दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के मुख्य द्वार के पास एक विशाल पेड़ लगा है, जहां लोग मन्नत का धागा, चुनरी या चूड़ी बांधते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से मन्नत जल्दी पूरी होती है। मेट्रो से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
मलाई मंदिर – Malai Mandir
दिल्ली के मुख्य मंदिरों में शुमार यह मंदिर दिल्ली के आर के पुरम, सेक्टर-7 में स्थित है। पहाड़ी पर बना यह मंदिर भगवान स्वामिनाथ को समर्पित है। आमतौर पर स्वामिनाथ भगवान मुरुगन के रूप में जाने जाते हैं। इस मंदिर में ज़्यादातर तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ समुदाय के लोग दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के आर्किटेक्चर की बात करें तो यहां दक्षिण भारत की झलक दिखाई देती है। मंदिर की दीवारों व छतों पर उकेरी गई सुंदर व अद्भुत कलाकारी देखते ही बनती है। मंदिर की ज़्यादातर मूर्तियां काले ग्रेनाइट पत्थर से बनी हुई हैं। भगवान के दर्शन करने के लिए प्रतिमा के बाईं तरफ आदमी और दाईं तरफ औरतों के लिए जगह नियत की गई है। यही प्रक्रिया पूरे मंदिर परिसर में लागू होती है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही दायीं तरफ एक स्थान बना है, जहां रंगारंग कार्यक्रम चलते रहते हैं।
बिरला मंदिर – Birla Mandir
बिरला मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। लगभग 7 एकड़ में फैला यह मंदिर दिल्ली के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक है। मंदिर का निर्माण नागरा शैली में किया गया है, जबकि मंदिर का बाहरी हिस्सा सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है। कनॉट प्लेस से कुछ ही दूर मंदिर मार्ग पर बने इस मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था। उन्होंने मंदिर का उद्घाटन करने से पहले शर्त रखी थी कि इस मंदिर में सभी धर्म और जातियों के लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। संगमरमर द्वारा बनाई गई आकर्षक मूर्तियों, खूबसूरत बगीचे और फाउंटेन के अलावा मंदिर के पिछले भाग में दो गुफाएं और एक सरोवर भी है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
दिगंबर जैन मंदिर – Digambar Jain Mandir
यह दिल्ली का सबसे पुराना जैन मंदिर है, जो ऐतिहासिक इमारत लाल किले के सामने चांदनी चौक में स्थित है। लाल बलुआ पत्थर से बने इस खूबसूरत मंदिर को लाल मंदिर या रेड टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। जैन धर्म के लोगों के बीच यह मंदिर खासा लोकप्रिय है। इस मंदिर के मुख्य देवता भगवान महावीर हैं, जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। पढ़ने के शौकीन लोगों के लिए यहां एक बुक स्टोर भी बना हुआ है, जहां जैन धर्म से जुड़े कई साहित्य व ग्रंथ रखे हुए हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर में चमड़े से बना सामान व जूते ले जाना मना है। जब भी आप यह मंदिर देखने जाएं तो साथ में चमड़े का कोई भी सामान न ले जाएं।
हनुमान मंदिर – Hanuman Mandir
यह दिल्ली के सबसे पुराने मंदिरों से एक है। माना जाता है कि इस मंदिर को महाभारत के समय में बनाया गया था। कनॉट प्लेस में स्थित इस मंदिर को 1724 में फिर से बनवाया गया था। इस मंदिर की खास बात है कि यहां लगभग 55 सालों से लगातार 24 घंटे श्री राम, जय राम, जय जय राम का मंत्र जाप किया जा रहा है। इसी वजह से हनुमान मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है। मंदिर की बनावट की बात करें तो मंदिर में बने हुए स्तंभों यानी पिलर्स पर सुंदरकांड की चौपाइयां खुदी हुई हैं और सीलिंग पर भी भगवान की कई तस्वीरें देखने को मिल जाएंगी।
शिव मंदिर – Shiv Mandir
दिल्ली के प्रीत विहार में स्थित यह मंदिर गुफा वाले मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षक यहां बनीं भगवान गणेश और भगवान हनुमान की विशाल मूर्तियां हैं। दूर- दूर से भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां एक बड़ी गुफा भी बनी हुई है, जिसके अंदर जाकर आपको लगेगा कि आप वैष्णो देवी मंदिर आए हैं। इस गुफा के अंदर वैष्णो देवी की मूर्ति भी लगी हुई है और जब गुफा से बाहर आते हैं तो भगवान भोलेनाथ की भव्य मूर्ति नज़र आती है, जो गुफा के टॉप पर बनाई गई है। सावन के दिनों में यहां भगवान शिव का अनूठा श्रृंगार किया जाता है और मंदिर को भी भव्य ढंग से सजाया जाता है। अगर आप शिव भक्त हैं तो सावन के पावन महीने में यहां ज़रूर जाएं।
शनिधाम मंदिर – ShaniDham Mandir
दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरों में शनि धाम मंदिर की बात न की जाए, ऐसा कैसे हो सकता है। यह दिल्ली का सबसे लोकप्रिय मंदिर है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां लगी शनि देव की मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। कहा जाता है कि शनि देव की यह मूर्ति कुदरती पत्थर से बनी है। इसे किसी ने अपने हाथों से नहीं बनाया है। मंदिर में प्रवेश करते ही आपको उत्तर व दक्षिण, दोनों दिशाओं में शनि देव ही नज़र आएंगे। शनि देव के अलावा यहां आपको अन्य देवी- देवताओं की मूर्तियां भी देखने को मिल जाएंगी।
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