हमारे देश की राजधानी दिल्ली को दिल वालों का शहर कहा जाता है। दौड़ती- भागती ज़िंदगी और मेट्रो के साथ यहां कई ऐसे दार्शनिक स्थल हैं (tourist places in delhi in hindi) जिनका मज़ा आप पूरे परिवार के साथ उठा सकते हैं। देश- विदेश से लोग दिल्ली दर्शन के लिए आते हैं और यहां घूमने का लुत्फ उठाते हैं। दिल्ली का दिन जितना व्यस्त होता है, यहां की शामें उतनी ही सुकून भरी होती हैं। दिल्ली शहर पर अब तक कई फिल्में और गाने बन चुके हैं। यहां गंगा का किनारा भले ही न हो लेकिन इतनी ऐतिहासिक जगहें ज़रूर हैं, जहां आप एक दिन में तो कभी घूम ही नहीं सकते।
दिल्ली सहित पूरे एनसीआर (NCR) में रोज़ हज़ारों लोग अपना करियर बनाने का सपना लेकर आते है। वहीं कुछ लोग 'दिल्ली दर्शन' कर ही खुश हो जाते हैं। अगर आप भी 'दिल्ली दर्शन' का प्लान बना रहे हैं तो यहां बताई गईं 10 जगहों के नाम अपनी लिस्ट में ज़रूर शामिल करें।
दिल्ली शहर की बात होती है तो ज़ेहन से सबसे पहले नाम आता है इंडिया गेट का। दिल्ली में इंडिया गेट घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इसका सबसे अच्छा समय है शाम का। शाम होने के साथ यहां की रौशनी और रौनक, दोनों देखने लायक होती हैं। इसे देखने लोग दूर- दूर से आते हैं।
नई दिल्ली में राजपथ मार्ग पर स्थित इंडिया गेट को भारत की विरासत के रूप में जाना जाता है। इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति लगातार 1971 से जल रही है। अगर आप परिवार या दोस्तों के संग पिकनिक पर जाना चाहते हैं तो इंडिया गेट सबसे बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है। इंडिया गेट के पास ही बच्चों का पार्क है, जहां कई झूले लगे हैं।
वीर शहीदों की याद में दिल्ली के इंडिया गेट के नजदीक बना राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) करीब 22,600 जवानों के प्रति सम्मान का सूचक है, जिन्होंने आजादी के बाद से कई लड़ाइयों में देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। मेमोरियल के बीचों- बीच 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ है, जिसके नीचे अखंड ज्योति जलती रहती है। मेमोरियल में उकेरी गईं तस्वीरें, ग्राफिक पैनल, शहीदों के नाम और 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्तियां भी लगी हैं।
यहां शहीदों के नाम दीवार की ईंटों में उभारकर लिखे गए हैं। साथ ही ऐसी गैलरी भी है, जहां दीवारों पर सैनिकों की बहादुरी को प्रदर्शित किया गया है। राष्ट्रीय समर स्मारक यानि नेशनल वॉर मेमोरियल आम जनता के लिए हर दिन खुला रहता है। इसके अलावा यहां प्रवेश भी मुफ्त रखा गया है। अगर दिल्ली घूमने आए हैं तो शहीदों की याद में एक बार राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) ज़रूर जाइएगा।
नेशनल रेल म्यूज़ियम यानि राष्ट्रीय रेल संग्रहालय नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित है। यह रेल म्यूज़ियम भारत के 140 साल के रेल धरोहर इतिहास की झलक दिखाता है। इस रेल म्यूज़ियम के अंदर रेल इंजनों के अनेक मॉडल और कोच हैं, जिसमें भारत की पहली रेल का मॉडल और इंजन भी शामिल हैं।
यहां एक छोटी रेलगाड़ी भी चलती है, जो कि रेल म्यूज़ियम का पूरा चक्कर लगवाती है। इस म्यूज़ियम में विश्व की सबसे पुरानी लेकिन चालू हालत की रेलगाड़ी भी है, जिसका इंजन साल 1855 में बनाया गया था। इसके अलावा यहां रेस्टोरेंट और बुक स्टॉल भी हैं। यहां आपको तिब्बती हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी देखने को मिल जाएगा।
‘दिल्ली दर्शन’ का प्लान बना रहे हैं तो निजामुद्दीन के पास स्थित हुमायूं का मकबरा देखने ज़रूर जाएं। यह सही मायनों में मुगल शैली का पहला शानदार उदाहरण है, जो मुगल वास्तुकला से प्रेरित है। यह मकबरा हुमायूं की विधवा बेगम हमीदा बानो के आदेश पर साल 1570 में बनकर तैयार हुआ था।
इस परिसर की मुख्य इमारत में मुगल सम्राट हुमायूं का मकबरा है। (famous places in delhi in hindi) यहां रोज़ाना कई पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। शनिवार और रविवार को तो खासतौर पर यहां लोगों का हुजूम लग जाता है।
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दिल्ली में आप एक ही जगह पर सात अजूबे देखने का लुत्फ़ भी उठा सकते हैं। (special places in delhi in hindi) दिल्ली में कुछ समय पहले एक ऐसा पार्क खुला है, जहां दुनिया के सातों अजूबे एक ही जगह पर मिल जाएंगे। इस पार्क का नाम है वेस्ट टू वंडर पार्क। दिल्ली के सराय काले खां में बने इस पार्क में आपको ताजमहल सहित एफिल टावर, पीसा की झूलती मीनार, मिस्त्र का पिरामिड, आदि विश्व के सभी अजूबे देखने को मिल जाएंगे।
इनकी खास बात यह है कि ये सभी अजूबे कबाड़ से तैयार किए गए हैं। इसी वजह से इसका नाम वेस्ट टू वंडर पार्क रखा गया है। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय शाम का है, जब सभी अजूबे रौशनी से सराबोर होते हैं। वयस्कों के लिए जहां इसकी एंट्री फीस 50 रुपये है, वहीं 3-12 साल तक के बच्चों के लिए यहां का टिकट मात्र 25 रुपये का है। इसके अलावा 65 साल के ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस पार्क में कोई एंट्री फीस नहीं है।
भई, दिल्ली घूमने आए हैं और कुतुब मीनार न जाएं, ऐसा कैसे हो सकता है! नई दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब मीनार ईंटों से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनारों में से एक है। यहां तक कि यूनेस्को ने इसे ‘वर्ल्ड हेरिटेज साइट’ का दर्जा भी दे रखा है। कुतुब मीनार कैंपस में कई और प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतें भी हैं।
इसके बारे में यह भी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति इसे उल्टी तरफ से अपनी बांहों में पकड़ ले तो उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। हालांकि, अब इस पिलर के आसपास घेरा बना दिया गया है ताकि लोग इसे छूकर नुकसान न पहुंचा सकें। पर्यटकों के लिए यह हर दिन खुला रहता है और अगर आप भारतीय पर्यटक हैं तो आपकी एंट्री फीस भी मात्र 10 रुपये ही लगेगी।
दिल्ली की शाम को खूबसूरत बनाना चाहते हैं तो हौज खास फोर्ट से बेहतर और कुछ हो ही नहीं सकता। यहां आपको कॉलेज स्टूडेंट्स से लेकर हर उम्र व वर्ग के लोग मिल जाएंगे। हौज खास फोर्ट दिल्ली के प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है। यह जगह फोटोग्राफी के लिए काफी अच्छी है। आप यहां सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक आ सकते हैं। इसे वर्ष 1284 ई. में अलाउद्दीन खिलजी द्वारा स्थापित किया गया था।
इसके पास ही बना है, डियर पार्क। यहां की हरियाली और अंदर बनी हुई झील आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं। इस झील का आनंद आप हौज खास फोर्ट की ऊंचाई से भी ले सकते हैं। इसके अलावा ढलते सूरज के खूबसूरत नज़ारे देखने के लिए भी आप हौज खास फोर्ट आ सकते हैं। यह फोर्ट दिल्ली के हौज़ खास विलेज में स्थित है।
दिल्ली में अगर फोर्ट और बाज़ार घूमकर थक चुके हैं तो थोड़ा सुकून पाने के लिए मंडी हाउस ज़रूर जाएं। मंडी हाउस की हर सड़क, हर गली का एक अलग ही नशा है। सड़क किनारे बैठे गिटार बजाते लोग हों या स्केचिंग करते लोग, तो कहीं बीच पार्क में यूं ही प्ले की प्रैक्टिस करते हुए अपनी ही धुन में खोए लोग, यहां सब अनोखे हैं। मंडी हाउस की दुनिया ही एकदम अलग है।
आप चाहें तो किराए पर साइकिल लेकर मंडी हाउस की गलियों में भी घूम सकते हैं। शाम के समय यहां की शांति भी काफी सुकून भरी लगती है। थिएटर देखने के शौकीन हों तो यहां कई अच्छे प्ले देखे जा सकते हैं। सर्दियों के समय त्रिवेणी संगम के ओपन थिएटर में बैठकर गुनगुनी धुप का आनंद उठाने का भी अपना अलग ही मज़ा है।
परिवार के साथ दिल्ली घूमने आए हों या फिर पार्टनर के साथ, एक बार 'किंगडम ऑफ ड्रीम्स' का प्लान ज़रूर बनाइएगा। यहां आपको 250 रीजनल डिशेज़ के साथ आर्ट एंड क्राफ्ट, थिएटर, कल्चर गली जैसे एंटरटेनमेंट के कई साधन भी मिल जाएंगे। इतना ही नहीं, आप यहां परिवार के साथ रात के समय खूबसूरत म्यूजिकल फाउंटेन का आनंद भी उठा सकते हैं।
सेल्फी लेने के लिए भी यहां बेहतरीन स्पॉट्स मिल जाएंगे। वैसे तो यह गुरुग्राम में बना है लेकिन घूमने के लिहाज से आपको दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं पड़ेगा।
अगर आप दिल्ली घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अपनी लिस्ट में लाल किला का नाम ज़रूर शामिल करें। लाल किला का निर्माण 1638 से 1648 के बीच शाहजहां ने करवाया था। लाल रंग के बलुआ पत्थर से बना होने के कारण इसका नाम लाल किला पड़ा। इसके अंदर दीवान- ए- आम, दीवान- ए- खास, रंग महल, खास महल, हमाम, नौबतखाना, हीरा महल और शाही बुर्ज जैसी कई प्रसिद्ध इमारतें हैं।
यहां शाम को रोज़ होने वाले साउंड और लाइट शो का आनंद भी उठा सकते हैं, जो हिंदी और अंग्रेजी भाषा में होता है। इस दौरान आप न केवल किले को अलग- अलग रंगों में देख पाएंगे, बल्कि आपको शहर की विरासत के बारे में भी बताया जाएगा।
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