बॉडी लैंग्वेज (Body Language) हमारे व्यक्तित्व का आईना होती है। आमतौर पर बॉडी लैंग्वेज के माध्यम से ही लोग किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व (Personality) का आंकलन करते हैं। आप के उठने- बैठने, चलने और इशारा करने के तरीके से पता चलता है कि आप कॉन्फिडेंट हैं, अंडर कॉन्फिडेंट हैं या फिर ओवर कॉन्फिडेंट। बहुत से लोग इनमें अंतर नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें बॉडी लैंग्वेज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती, जिसके चलते वो इंटरव्यू जैसे मौकों पर सफल होने से चूक जाते हैं। यहां हम आपको बॉडी लैंग्वेज से जुड़ी हर वो जानकारी दे रहे हैं जो आपका कॉन्फिडेंस बढ़ाने के साथ ही आपको सफलता के शिखर तक पहुंचाने में भी मददगार साबित होगी।
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जिंदगी में हर बार हमें हर चैलेंज को फेस करना पड़ता है और हर बार उन चुनौतियों को जीत पाना आसान नहीं होता। जॉब इंटरव्यू भी एक चैलेंज की ही तरह है। अपनी मनपसंद जॉब पाना हर एक का ख्वाब होता है। लेकिन क्या हो जब आप पहली बार जा रहे हों किसी इंटरव्यू को फेस करने और आपको फील हो रहा हो कि आज कुछ गड़बड़ है ? ऐसे वक्त में ओवर कॉन्फिडेंस (Overconfidence) या कॉन्फिडेंस में कमी (lack of confidence), दोनों ही नहीं होने चाहिए। यहां हम आपको इंटरव्यू के दौरान बॉडी लैंग्वेज के बारे में टिप्स दे रहे हैं जो आपके काम आ सकते हैं भारत के सबसे अच्छे कॉलेज
बिना इजाजत के न बैठें
आपका इंटरव्यू लेने वाला आपसे सीनियर है, यह बात आपको याद रखनी है चाहे वह शक्ल से कितना भी छोटा क्यों न लगे! इंटरव्यू रूम में दाखिल होने के बाद बिना उसकी इजाजत के आपको नहीं बैठना है। अपना परिचय कैसे दें
आप पत्थर नहीं हैं !
जब भी बैठे खुद को कुर्सी से चिपका न लें जिससे लगे कि आप इंसान नहीं, पत्थर है। जब भी बैठें, थोड़ा कंधों को उठा कर और पीठ को हल्का झुका कर बैठे। इससे आपको भी सहज महसूस होगा और सामने वाला भी आपको एक कॉन्फिडेंट कैंडिडेट की तरह लेगा।
हैंड मूवमेंट पर ध्यान दें
अगर आप चाहते हैं कि आपके बातों में लोग दिलचस्पी लें तो सिर्फ बोलना ही काफी नहीं है क्योंकि दिमाग बोली हुई बातों से ज्यादा चलती हुई चीज़ों पर ध्यान देता है, तो इसलिए बोलते समय हाथों की हरकतों पर जरूर ध्यान दें। लेकिन ज्यादा मूवमेंट भी बातों को ख़राब कर सकती हैं इसलिए इनमें तालमेल बनाए रखें।
जरा हंसिए तो !
पूरे समय एक ही भाव लिए बैठना सामने वाले को बोर कर सकता है इसलिए अपने आप को बिना रोबोट बनाये, चेहरे पर थोड़ी स्माइल लाइए।
सब्र रखिये
हर सवाल का जवाब जल्दी- जल्दी देने के बजाय थोड़ा एक्सप्लेन करके और पेशेंस के साथ दें। जवाब देते वक़्त ऐसा न लगे कि आपके पास इस इंटरव्यू से भी ज्यादा जरूरी और कोई काम है। जल्दबाजी और हड़बड़ी आपके किए कराए पर पानी फेर सकती है।
सीधे आंखों में न देखें
सीधे आंखों में देखने के बजाय सामने वाले के चेहरे पर देखें। आंखों में देखने से सामने वाले को ऐसा लगेगा कि आप उसके ऊपर शक कर रहे हैं और इससे वह कंफर्टेबल (comfortable) नहीं हो पाएगा।
अपनी बात और खूबियां खुलकर बयान करें
इंटरव्यू के दौरान अपनी खूबियों को इस तरह सामने रखें कि वह इंप्रेस हो जाये। अपनी कमियों को हर बार उजागर करने की जरूरत नहीं है।
पॉजिटिव बॉडी लैंग्वेज – Positive Body Language Tips
बातचीत के दौरान कोई आपके कितने नजदीक बैठता है, इससे आप दोनों के संबंधों का पता चलता है। इसीलिए किसी से बात करते समय दूरी का विशेष तौर पर ख्याल रखें। क्योंकि नजदीकी जितनी अधिक होगी उतना ही बेहतर संबंध होगा।
कॉन्फिडेंट दिखना एक पॉजिटिव बॉडी लैंग्वेज की निशानी है। अगर आपको अपनी बात किसी से मनवानी है तो दूसरों के सामने कॉन्फिडेंट दिखें। सामने वाला आपकी इस बेहतरीन कोशिश को देखते हुए हार मान लेगा।
अपने चेहरे पर हमेशा स्माइल बनाए रखें। अक्सर देखा गया है कि जो लोग हर हाल में मुस्कुराते रहते हैं, लोग उनकी तारीफ भी करते हैं अन्य लोगों की तुलना में खुशमिजाज लोगों से बात करना ज्यादा पसंद करते हैं।
अगर सबके सामने आपसे कोई कठिन सवाल किया गया है और उसका जवाब आपको नहीं पता तो ऐसे में मन को स्थिर रखते हुए धीरे- धीरे गहरी सांस लें और बोलने की कोशिश करने का दिखावा करें। इससे आपको सोचने का समय मिलेगा और लोग भी आपको लूजर नहीं समझेंगे। इतनी देर में आपको अपना जवाब भी मिल जाएगा।
बातचीत के दौरान सबसे जरूरी है कि आप भी खुद को सहज महसूस करें और आपके सामने वाला भी। इसीलिए आपका ये फर्ज बनता है कि सामने वालों को ऐसा फील कराएं कि आप उनकी बातों में दिलचस्पी ले रहे हैं, ऐसे में आपकी इमेज उनकी नजरों में एक पॉजिटिव छाप छोड़ती है।
आपकी बॉडी की पोजीशन, आपकी सोच के बारे में बहुत कुछ बयां कर सकती है। जब भी किसी से मिलें अपना बॉडी पॉश्चर ओपन रखें, खुद को समेटे नहीं।
बिजनेस या जॉब के सिलसिले में जब भी किसी से मिलें तो सीधे खड़े रहें और सीधे ही बैठें, अच्छा इम्पेक्ट पड़ेगा और सामने वाला आपकी बात को सीरियसली भी लेगा।
आंख मिलाकर बात करने का मतलब सामने वालों की आंखों में आंखें डालकर घूरना नहीं होता है। आमतौर पर बातचीत के दौरान एक बार में 8 से 10 सैकेंड तक आंख मिलाकर बात करना चाहिए फिर पलक झपका लेनी चाहिए।
पॉजिटिव बॉडी लैंग्वेज अपनाने के फायदे – Positive Body Language Benefits
अगर आपकी बॉडी लैंग्वेज अच्छी होगी तो आपका सक्सेस लेवल भी बढेगा। इससे आपको दूसरों से ज्यादा सफलताएं मिलेंगी और दूसरों से बड़ी सफलताएं मिलेंगी।
एक अच्छी बॉडी लैंग्वेज आपकी बातों का वजन बढ़ाने में सक्षम होती है। इससे आपकी बात सुनी भी जाती है और साथ ही सराही भी जाती है।
बॉडी लैंग्वेज से आपके आत्मविश्वास यानि कि सेल्फ कॉन्फिडेंस पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर आपकी बॉडी लैंग्वेज पॉजिटिव है तो आपका कॉन्फिडेंस लेवल भी पॉजिटिव और हाई रहेगा।
बॉडी लैंग्वेज एक तरह से ऐसी मौन भाषा है, जोकि उन जगहों पर बहुत काम आती है जहां आप कुछ बोल नहीं सकते। साथ ही अगर कोई इंसान आपसे दूर खड़ा है तो आप उसकी बॉडी लैंग्वेज से उसके बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं।
एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि अगर आप किसी से बात रहे होते है तो 47 प्रतिशत आपकी बोली या भाषा के बारे में बताती है। वहीं 53 प्रतिशत बॉडी लैंग्वेज आपके व्यवाहार के बारे में बताती है। इससे ये पता चलता है कि बोली जाने वाले भाषा से ज्यादा इंपेक्टफुल बॉडी लैंग्वेज होती है।
बॉडी लैंग्वेज और गलतियां – Body Language Mistakes to Avoid
अगर आपसे कोई बात कर रहा है या आपको कुछ समझा रहा है तो इस दौरान अपने हाथ में ली हुई चाबी, पैंसिल, मोबाइल या पेपर पर ध्यान न दें। क्योंकि ये सामने वाले पर आपका निगेटिव प्रभाव डालती है। ऐसा करना दूसरे व्यक्ति का अपमान करने जैसा है।
किसी विशेष मौके खासतौर पर जॉब इंटरव्यू के दौरान अगर सामने वाले व्यक्ति की कोई बात समझ नहीं आ रही या फिर आपको इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है, तो अपने चेहरे को इधर- उधर न घुमाएं। इससे साफतौर पर यही लगता है कि बात की अनसुनी की जा रही है।
इंटरव्यू, मीटिंग या किसी कॉन्फ्रेंस में उबासी लेने की गलती बिलकुल न करें।
अगर आपका बॉडी पॉश्चर क्लोज है यानि कि आपने हाथ मोड़े हुए, आपका कंधा या सिर झुका हुआ है तो सामने वाले को लग सकता है आप बात करने के इच्छुक नहीं।
मीटिंग के दौरान ज्यादा हिलें भी नहीं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि न तो जरूरत से ज्यादा बोलें और न ही जरूरत से कम। आपको इनमें ही तालमेल बनाकर चलना है।
अगर आप किसी दूसरे व्यक्ति से बात करते समय अपने होठों को ऊपर या नीचे करते हैं या अपने होठों को काटते हैं तो यह अच्छा नहीं माना जाता है।
किसी से बात करते समय सर, माथा या गाल खुजलाना इस बात का संकेत होता है कि आपको कुछ समझ नहीं आ रहा है, जोकि सामने वाले पर आपके व्यक्तित्व के प्रति गलत प्रभाव डालता है।
अगर आप बैठकर किसी से बात कर रहे हैं और तब आप अपनी चिन (Chin) पर या गाल पर अपने हाथ को रखकर अपने चेहरे का वजन अपने हाथ पर डाले हुए हैं तो आपकी ये बॉडी लैंग्वेज ये दर्शाती है कि आपको दूसरों पर निर्भर रहना पसंद है।
बातचीत के दौरान कभी भी अपने बालों को या कपड़ों को बार- बार ठीक न करें। इससे ये लगता है कि आप बस खुद का ध्यान रखते हैं सामने वालों की बात में आपकी कोई रुचि नहीं है।
बहुत से लोग बातचीत के दौरान आईब्रोज चढ़ा लेते या फिर आंखें गोल- गोल घुमाते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे भी गलत इंप्रैशन पड़ता है।
ऊपर दी हुई बॉडी लैंग्वेज से जुड़ी इन जानकारियों से आप अपने व्यक्तित्व में निखार ला सकते हैं और लोगों को प्रभावित भी कर सकते हैं। साथ ही अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों ही जिंदगी में सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं।