देशभर में कोरोनावायरस (coronavirus) का कोहराम मचा हुआ है। देश की जनता को सुरक्षित रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ कठोर फैसले लेते हुए लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी है। जो लॉकडाउन (lockdown) पहले सिर्फ 1-2 दिन का था, अब उसे 21 दिन का कर दिया गया है। इस दौरान इमर्जेंसी सुविधाओं के अलावा बाकी हर तरह की सुविधा व आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। स्कूल-कॉलेज-ऑफिस, सब कुछ बंद होने की वजह से लोग घरों में कैद हैं और ऐसे में बच्चों के साथ ही खुद को व्यस्त रखना भी एक चुनौती जैसा हो गया है। इस दौरान परेशान होने के बजाय यह सोचें कि कोरोनावायरस का साया खत्म होने के बाद सबको एक नई ज़िंदगी मिलेगी, जिसका स्वागत करने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए।
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क्रिएटिविटी देगी साथ
यह तो सच है कि अकेलापन इंसान को परेशान कर देता है। जो लोग कहीं अकेले फंस गए हैं या जिनके ऑफिसेस बंद हो जाने की वजह से उनका काम रुक गया है, उनके लिए यह कोरोनावायरस लॉकडाउन काफी मुश्किलों भरा दौर है। यह तो तय है कि आने वाली पीढ़ियों को सुनाने और अपनी खुद की ज़िंदगी को सुगम बनाने के लिए इस मुश्किल समय ने हमें काफी कुछ सिखा दिया है।
कुछ लोगों से बात करके मैंने जाना कि इस कठिन दौर को भी अपनी सूझ-बूझ और सकारात्मकता से आसान बनाया जा सकता है। अगर आप बोर हो रहे हैं तो देखिए, बच्चे और बड़े कोरोनावायरस लॉकडाउन में किस तरह खुद को व्यस्त रख रहे हैं।
क्रिएटिविटी से मिलेगी मदद
बच्चे मन के सच्चे होते हैं, यह सिर्फ एक कहावत ही नहीं, बल्कि हकीकत भी है। बच्चों की नन्ही और रंगीन दुनिया में आकर मन अपने आप खुश हो जाता है। काफी छोटे बच्चों को भले ही कोरोनावायरस की गंभीरता का अंदाज़ा नहीं होगा, मगर अपने वर्किंग मम्मी-पापा को 24 घंटे घर में देखकर विचलित वे भी हो रहे होंगे। उसके बावजूद इन बच्चों की अपनी एक प्यारी सी दुनिया है, जिसे वे अपने रंगों से खूबसूरत बना रहे हैं। देखिए तस्वीरें।
तनिष्का पांडे
तनिष्का बेहद क्रिएटिव है। डांस और म्यूज़िक के साथ ही आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स में भी उसका इंट्रेस्ट और एक्सीलेंस देखने लायक है।
रिद्धिमा-रिषिका दोशी
ट्विन सिस्टर्स रिद्धिमा और रिषिका को खुद को व्यस्त रखना बखूबी आता है। आप भी देखिए, कैसे दोनों बहनें मिलकर अपनी क्रिएटिव स्किल्स को पंख लगा रही हैं।
तेजस पांडे
मात्र 8 साल की उम्र के तेजस को पढ़ाई-लिखाई के साथ ही ड्रॉइंग का भी काफी शौक है। वैसे तो हर बच्चे की तरह तेजस भी खेलने-कूदने में व्यस्त रहते हैं, मगर लॉकडाउन के बाद से उन्होंने ड्रॉइंग शीट्स से दोस्ती बढ़ा ली है।
अन्वित
पेरेंट्स के साथ न्यू जर्सी में रह रहे अन्वित अपनी मम्मी कनुप्रिया गुप्ता की तरह बेहद क्रिएटिव हैं। लॉकडाउन के दौरान वे कहानियां सुना रहे हैं और अपनी खुद की किताब बनाकर उसके सुपर हीरो भी बन रहे हैं!
काव्या सिंह
उम्र में बेहद छोटी काव्या इस लॉकडाउन में अपने मम्मी-पापा के साथ भविष्य के नए सपने बुन रही हैं। मम्मी ज्योति और पापा सुमितांशु सिंह काव्या को विभिन्न गेटअप्स में तैयार कर उनका फोटोशूट कर रहे हैं।
लोगों को दें सलाह
मीडिया में कोरोनावायरस क्या है से लेकर उसके बचावों तक की सारी जानकारी को बार-बार अपडेट किया जा रहा है, जिससे कि लोग सुरक्षित रह सकें। अगर आप चाहें तो अपने आस-पास के लोगों को एजुकेट कर सकते हैं। ब्लॉगर शिवांगी पेसवानी ने अपने दोस्तों और सोसाइटी को सजग करने के लिए यह अनूठा तरीका निकाला है।
बच्चों को सिखाएं नए गेम्स
पेशे से पत्रकार रजनी सेन इन दिनों अपने बेटे के साथ मिलकर फोटो फ्रेम्स बना रही हैं। उन फोटो फ्रेम्स में वे अपनी पुरानी यादों को संजो रही हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, वे अपने बेटे को भूले-बिसरे गेम्स खेलना भी सिखा रही हैं। है न कमाल की बात!
पढ़ें और पढ़ाएं
ब्लॉगर शिल्पा अरोड़ा सेल्फ क्वॉरंटाइन के इन दिनों को बिलकुल भी वेस्ट नहीं कर रही हैं। इस दौरान वे नई किताबें पढ़ रही हैं, अपने घर की साज-सज्जा पर ध्यान दे रही हैं और सब कुछ करीने से सेट कर रही हैं। शिल्पा का मानना है कि कोरोनावायरस का साया खत्म होने के बाद हमें एक नई ज़िंदगी मिलेगी।
ऑनलाइन एजुकेशन
माना कि स्कूल-कॉलेज-ट्यूशन, इन दिनों सभी बंद चल रहे हैं, मगर डिजिटल एजुकेएशन को बढ़ावा देने पर कोई रोक नहीं है। मानवी सिंह और उनकी मम्मी अर्चना ठाकुर इन दिनों नई डिशेज़ तैयार करने के अलावा अपने स्टूडेंट्स को ऑनलाइन पढ़ा भी रही हैं।
गमलों का री डेकोरेशन
क्रिएटिव लोगों के घर के कोने-कोने में उनकी रचनात्मकता झलकती है। कुछ ऐसा ही है आज-कल चेतना पोरवाल का घर भी। अब जब घर पर रहकर रेस्ट करने का मौका मिल ही गया है तो वे रोज़ाना नई डिशेज़ तैयार करने के साथ ही अपने घर के गमलों को भी नया रूप दे रही हैं।
घर पर करें वर्कआउट
जिम बंद हैं और अब लोग पार्क में जाकर भी वर्कआउट नहीं कर सकते हैं। अगर आप फिटनेस के लिए क्रेज़ी हैं और अपने बच्चे के साथ टाइम भी बिताना है तो अपूर्वा श्रीवास्तव की तरह कुछ ऐसे दोनों काम कर सकती हैं।
वर्क फ्रॉम होम
मीडिया संस्थानों व कई आईटी कंपनियों में एंप्लॉइज़ को घर से काम करने की सुविधा दी गई है। वे घंटों तक घर से काम कर कंपनी की प्रोडक्टिविटी को बनाए रखने की कोशिश में लगे हुए हैं। अगर आप भी घर से काम कर रहे हैं तो बेड पर लेटने या सोफा पर आराम से काम करने के बजाय घर पर ही अपना एक प्राइवेट वर्कस्टेशन बना लीजिए। इससे आपका काम में मन लगेगा और ऑफिस वाली फीलिंग भी आएगी।