शुरुआत के छह महीने बच्चा माँ के दूध पर रहता है, जो उनके लिए अमृत समान होता है। ब्रेस्टमिल्क से शिशु को एंटीबॉडीज मिलती हैं, जो उन्हें कई बीमारियों से बचाती हैं। लेकिन ब्रेस्टफी़डिंग के दौरान कई महिलाओं को निप्पल पेन का सामना करना पड़ता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे निप्पल में ड्राइनेस, क्रैक निप्पल (Crack Nipples in Hindi), सोर निप्पल (Sore Nipples in Hindi) आदि।
ऐसी स्थिति में माँ के लिए बच्चे को दूध पिलाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यही वजह है इस लेख में आज हम ब्रेस्टफीडिंग कराते समय निप्पल पेन से राहत दिलाने के लिए कुछ असरदार टिप्स जानेंगे।
निप्पल में पेन के कारण (Causes of Nipple Pain in Hindi)
निप्पल में दर्द के पीछे कई वजह हो सकती हैं, नीचे इसके कुछ संभावित कारण के बारे में जानेंगे।
- निप्पल क्षेत्र की जरूरत से ज्यादा सफाई न करें। इससे भी फटे निप्पल्स की समस्या हो सकती है।
- ऐसे साबुन, लोशन व परफ्यूम का इस्तेमाल न करें, जो त्वचा को ड्राई बनाते हो। बेहतर होगा न्यू मॉम के लिए तैयार किए गए स्किन केयर प्रोडक्ट्स का चयन करें।
- कई दफा ब्रेस्ट पंप का ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं करने से निप्पल्स क्रैक हो सकते हैं।
- कपड़ों से अच्छी तरह डिटर्जेंट का न निकलना, यह भी निप्पल्स के फटने का एक कारण हो सकता है।
- अच्छी क्वालिटी का ब्रेस्ट पैड न लगाने की वजह से कई बार निपल्स में दरारे आ जाती हैं।
निप्पल पेन के लिए असरदार घरेलू उपाय (Effective Home Remedies for Nipple Pain in Hindi)
निप्पल में क्रैक व सोर निप्पल (Sore Nipple in Hindi) के कारण होने वाले दर्द की वजह से एक माँ के लिए बच्चे को दूध पिलाना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लेख में आगे निप्पल पेन से राहत के लिए कुछ आसान और असरदार उपाय साझा कर रहे हैं:
1. आइस पैक
आइस पैक लगाने से निप्पल पेन में काफी हद तक आराम मिलता है। चाहें तो आप बर्फ के टुकड़े को कॉटन के कपड़े में फोल्ड करके भी सिकाई कर सकती हैं।
2. एलोवेरा जेल
फ्रेश एलोवेरा की पत्ती से जेल निकालें। इसे निप्पल पर लगाकर छोड़ दें। कुछ समय बाद ब्रेस्ट को नॉर्मल पानी से साफ कर लें। एलोवेरा में कूलिंग एफेक्ट होता है, जो निप्पल पेन को कम करने में सहायक हो सकता है।
3. ऑलिव ऑयल
क्रैक निप्पल (Crack Nipples in Hindi) की परेशानी को दूर करने के घरेलू उपायों में एक नाम ऑलिव ऑयल का हो सकता है। इसके लिए इसमें मौजूद एनलजेसिक (दर्दनाशक) और एंटी-इंफ्लामेटरी (सूजन को कम करने वाले) गुण को प्रभावी माना जाता है। ये प्रभाव ब्रेस्टफीडिंग मदर्स में क्रैक निप्पल और सोर निप्पल को हील कर सकते हैं।
4. ब्रेस्ट मिल्क
ब्रेस्ट मिल्क एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज से भरपूर होता है, जिस वजह से ब्रेस्ट में दर्द से राहत के लिए इसका इस्तेमाल उपयोगी हो सकता है। इसलिए, बच्चे को दूध पिलाने के बाद हमेशा ब्रेस्ट मिल्क को ब्रेस्ट पर अप्लाई करें।
5. कैमोमाइल टी बैग
निप्पल पेन के लिए कैमोमाइल टी बैग को भी काफी उपयोगी माना जाता है। इसके लिए कैमोमाइल टी बैग को गर्म पानी में डालकर पीने के लिए टी तैयार करें। इसके बाद टी बैग को निचोड़कर फ्रीज में ठंडा होने के लिए रखें। ठंडे टी बैग को निप्पल्स पर लगाएं। इससे दर्द से राहत मिलेगी। ध्यान रखें बेबी को फीड कराने से पहले निप्पल्स को अच्छी तरह वॉश जरूर करें।
6. निप्पल बटर
निप्पल बटर को खास इस तरह डिजाइन किया गया है कि निप्पल संबंधित सभी परेशानियों में इसका इस्तेमाल किया जा सके। ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में निप्पल पेन से राहत व निप्पल्स की बेहतर केयर के लिए निप्पल बटर बेहद प्रभावी होता है। इसमें मौजूद सामग्रियां क्रैक व सोर निपल्स (Crack and Sore Nipple in Hindi) को हील करती हैं। साथ ही निप्पल को मॉइश्चराइज कर ड्राई होने से बचाती हैं। इसके साथ ही इसमें ऐसे विटामिन होते हैं, जो निप्पल की त्वचा को रिपेयर करते हैं।
निप्पल पेन में बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराते समय बरतें ये सावधानियां
- स्तनपान कराने से फटे निप्पल की समस्या से जूझ रही हैं, तो ऐसे में बेबी को उस तरफ से दूध पिलाएं जिस साइड आपको कम दर्द हो।
- फीड कराने से पहले आइस पैक लगाने से थोड़ा आराम मिल सकता है।
- बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में दूध पिलाएं। इससे बच्चा लंबे समय तक फीड नहीं करेगा और आपको परेशानी कम होगी।
तो लेख में आपने जाना कि निप्पल पेन को कैसे दूर किया जा सकता है। उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके काम आएगी।
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