उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के पिता का दिल्ली स्थित एम्स हॉस्पिटल (AIIMS Hospital) में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उत्तराखंड के हॉस्पिटल में भर्ती रखने के बाद कुछ दिन पहले ही उन्हें एम्स में शिफ्ट किया गया था।
दिल्ली में हुआ निधन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (Anand Singh Bisht) का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। यूपी सरकार ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए शोक जताया। यूपी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम) अवनीश अवस्थी (State Additional Chief Secretary Awanish K Awasthi) ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबर साझा की।
CM Yogi Adityanath's father left for his heavenly abode at 10.44 am. Our deepest condolences: State Additional Chief Secretary (Home) Awanish K Awasthi (in file pic – Additional Chief Secretary Home) pic.twitter.com/vG6hUqDBch
— ANI UP (@ANINewsUP) April 20, 2020
उन्होंने लिखा, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता का आज सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर स्वर्गवास हो गया है। हम उनके निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हैं।’
लीवर और किडनी की समस्या
योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट उत्तराखंड के पौड़ी जिले के पंचूर गांव के निवासी थे। उन्हें लंबे समय से लीवर और किडनी से जुड़ी समस्याएं थीं। उन्हें डायलिसिस पर भी रखा जा चुका था। पिछले महीने से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही बिगड़ने लगी थी। एम्स (AIIMS) में भर्ती करवाने से पहले वे उत्तराखंड स्थित जॉलीग्रांट के हिमालयन हॉस्पिटल में एडमिट थे। हालत में ज़रा भी सुधार न होने पर एयर एंबुलेंस से उन्हें दिल्ली स्थित एम्स लाया गया था।
यहां गैस्ट्रो विभाग के डॉक्टर विनीत आहूजा अपनी टीम के साथ उनका इलाज कर रहे थे। रविवार रात से ही उनकी हालत गंभीर होने लगी थी और काफी प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
योगी आदित्यनाथ नहीं जाएंगे अंतिम संस्कार में
1991 में रिटायर होने से पहले योगी आदित्यनाथ के पिता उत्तराखंड में फॉरेस्ट रेंजर के पद पर तैनात थे। रिटायरमेंट के बाद से वे अपने गांव में ही रह रहे थे। योगी आदित्यनाथ कोरोनावायरस को लेकर चल रही बैठक में व्यस्त हैं। इस वजह से वे न तो अपने पिता के अंतिम दर्शन कर पाए और न ही उन्हें मुखाग्नि देने जा सकेंगे। वे लॉकडाउन का पालन करने हेतु अपने पिता के अंतिम संस्कार में उपस्थित नहीं रह सकेंगे और उन्होंने अपने परिजनों से भी अपील की है कि कम से कम लोग ही अंतिम संस्कार की क्रिया में शरीक हों। इसके बाद उन्होंने अपनी मां को एक भावुक पत्र भी लिखा था।