शिशुओं को संक्रमण का खतरा ना हो, इसलिए उनके आस-पास साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है। इससे भी ज्यादा यह जानना जरूरी है कि शिशुओं को पहनाए जाने वाले कपड़े कितने साफ और संक्रमण रहित हैं। क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि शिशु के कपड़े धोने के लिए किस तरह के साबुन या डिटर्जेंट का इस्तेमाल करना चाहिए? अगर नहीं, तो यह लेख आपके लिए अहम हो सकता है।
इस लेख में विस्तार से जानेंगे कि शिशुओं के कपड़े धोने के लिए आपको किस तरह का साबुन या डिटर्जेंट इस्तेमाल करना चाहिए। यह हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि कई बार शिशुओं के कपड़ों में अनदेखे जर्म हो सकते हैं। साथ ही हार्ड कास्टिक साबुन या डिटर्जेंट से कपड़े धोने पर शिशुओं की नाजुक त्वचा के लिए संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
शिशु के कपड़े धोने के लिए अलग डिटर्जेंट की जरूरत क्यों होती है? (Is it necessary to wash baby clothes separately in Hindi)
हम सभी इस बात से अच्छे से वाकिफ हैं कि छोटे बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक होती है। साधारण डिटर्जेंट में कई ऐसे हानिकारक पदार्थ मौजूद होते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पहुंचा सकते हैं। एक शोध में बताया गया है कि यदि कपड़ों से डिटर्जेंट नहीं निकलता है और बच्चा डिटर्जेंट के संपर्क में आ जाए, तो इससे उसमें डिमेंशिया, फूड पॉइजनिंग व मानसिक विकास से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
यही वजह है बाजार में शिशु के कपड़ों को साफ करने के लिए खास लॉन्ड्री डिटर्जेंट्स मौजूद हैं, जो काफी माइल्ड हैं। इन्हें खास बच्चों की त्वचा व स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। लेख में आगे शिशुओं के कपड़ों को साफ करने से सही तरीके के बारे में जानेंगे।
शिशु के कपड़े धोने के लिए साबुन या डिटर्जेंट का चुनाव करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
नीचे बिंदुओं के माध्यम से कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं, जिनका शिशुओं के कपड़ों को साफ करने के लिए डिटर्जेंट खरीदते समय ध्यान रखना जरूरी होता है।
- शिशु के कपड़ों को साफ करने के लिए तेज गंध वाले डिटर्जेंट नहीं लेने चाहिए। आमतौर पर साधारण डिटर्जेंट्स तेज गंध युक्त होते हैं। इनसे शिशुओं को श्वसन संबंधी समस्या के होने का जोखिम अधिक रहता है। बच्चों के लिए हमेशा माइल्ड डिटर्जेंट व साबुन का ही चुनाव करें।
- कपड़ों की चमक बनी रहे, इसके लिए कई सर्फ में फ्लोरोसेंट एजेंट मिलाए जाते हैं। यह एक तेज केमिकल है। ऐसे में फ्लोरोसेंट फ्री सर्फ का चयन करना बेहतर होगा।
- हमेशा ऐसे डिटर्जेंट का चुनाव करें जिसमें किसी तरह की डाई का इस्तेमाल न किया गया हो। बच्चों की नाजुक त्वचा के लिए वही सर्फ अच्छा होता है जो डाई व केमिकल युक्त न हो। क्योंकि कई दफा शिशुओं को डाई व केमिकल से एलर्जी की शिकायत हो सकती है।
- जब भी बच्चों के कपड़े धोने के लिए डिटर्जेंट लें, तो ये जरूर ध्यान दें कि इसमें फॉस्फेट्स न हो। ये शिशु की त्वचा को खुष्क बनाने के साथ कई त्वचा संबंधी समस्या का कारण बन सकते हैं। इसलिए, हमेशा फॉस्फेट्स फ्री सर्फ व साबुन ही लें।
- ध्यान रखें शिशुओं के लिए गए सर्फ में ब्लीच नहीं होना चाहिए। हम सभी जानते हैं कि ब्लीच जिद्दी दागों को हटाने में सक्षम होता है। लेकिन यह शिशुओं की त्वचा को इरिटेट कर सकता है।
बच्चों के कपड़े धोने का सही तरीका क्या है?
बच्चों के कपड़ों को साफ करने का सही तरीका नीचे बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार है:
- शिशु के कपड़ों को कभी घर के दूसरे सदस्यों के कपड़ों के साथ साफ न करें। शिशु के कपड़े हमेशा अलग से धोने चाहिए।
- बच्चों के कपड़े धोने से पहले अपने हाथ साफ करना न भूलें।
- सबसे पहले कपड़ों को आधे घंटे के लिए गुनगुने पानी में भिगोकर रखें। इससे कपड़े में यदि किसी भी तरह के जर्म या बैक्टीरिया मौजूद हैं, तो वो दूर हो जाएंगे।
- अब पानी में अच्छी तरह से डिटर्जंट पाउडर को मिलाएं। अच्छा होगा यदि लिक्वीड वॉश का प्रयोग करें। इससे कपड़ों में डिटर्जेंट के रहने की संभावना कम होती है। कपड़ों को सर्फ से निकालने के बाद 5 से 7 पानी में अच्छी तरह खंगालें। ध्यान रखें कपड़ों में जरा-सा भी डिटर्जेंट नहीं रहना चाहिए।
- अब कपड़ों को अच्छी धूप व हवादार जगह पर सुखाएं। इससे यदि कपड़ों में किसी तरह के कीटाणू मौजूद हैं, तो उन्हें दूर करने में मदद होती है।
इस लेख को पढ़ने के बाद आप इस बात से अच्छे से वाकिफ हो गए होंगे कि आखिर बच्चों के कपड़ों के लिए अलग डिटर्जेंट की आवश्यकता क्यों होती है। ऐसे में यदि आप भी यह गलती कर रहे हैं, तो आगे इसे न दोहराएं।
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