अगर चेहरे को हम सभी अपनी खूबसूरती का विज़िटिंग कार्ड कहें तो इसमें कुछ भी ग़लत नहीं होगा, क्योंकि चाहे बात सिर्फ बाहरी खूबसूरती की हो या कम्पलीट पर्सनालिटी की, कोई भी इसका पहला अनुमान हमारे चेहरे से ही लगाता है। बाकी सारी स्टाइलिंग और आइडियल बातें इसके बाद आती हैं। ऐसे में ज़ाहिर है कि चेहरे की साफ़-सफ़ाई को ही इस शुरुआत की पहली सीढ़ी माना जाएगा, जो होती है अपने चेहरे को धोने से।
चेहरे को आजकल बहुत-कुछ बर्दाश्त करना पड़ता है, क्योंकि ये हमारे शरीर का वह हिस्सा है, जो हमेशा खुला रहता है और वातावरण के सीधे संपर्क में रहता है। जहां तक रही वातावरण की बात तो बढ़ते प्रदूषण ने इस समस्या को बहुत बढ़ा दिया है। बाहरी प्रदूषण की इस परत के अलावा, चेहरे का अतिरिक्त तेल, मृत त्वचा, पुराने मेकअप के अंश जैसी जाने कितनी ही चीज़ें एक परत की तरह चेहरे की त्वचा पर जम जाती हैं। अब सवाल ये उठता है कि चेहरे की साफ़-सफ़ाई में अहम रोल निभाने वाले फेसवॉश के सही इस्तेमाल की हमें कितनी जानकारी है। ये जानना इसलिए भी ज़रूरी है कि हर दिन फेसवॉश को अपने रुटीन में इस्तेमाल करने के बावजूद ज़्यादातर लोग इससे जुड़ी बारीकियों से अंजान होते हैं। झाइयों के लिए बेस्ट क्रीम
क्यों है फेसवॉश साबुन से बेहतर
फेसवॉश चेहरे की साफ़-सफ़ाई के लिए हर लिहाज़ से बेहतरीन है, क्योंकि इसे हर स्किन टाइप की ज़रूरत को समझते हुए बनाया जाता है और यही साबुन का बेहतरीन विकल्प भी है। अगर हम आज के समय की बात करें तो किसी भी कॉस्मेटिक शॉप पर फेस क्लीनिंग के लिए क्लींज़िंग मिल्क, रेजुवेनटिंग सोप, क्रीम, जेल, लोशन जैसी इतनी सारी चीज़ें नज़र आती हैं कि किसी का भी चकरा जाना बड़ी स्वाभाविक सी बात है। इन सभी की अहमियत है, मगर हर चेहरे की ज़रूरत और समय के हिसाब से। बेसिक तौर पर आज भी चेहरे को साफ करने के लिए पहली ज़रूरत साफ़ पानी और अपनी स्किन टाइप को सूट करता क्लींजिंग फेसवॉश ही होता है।
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साबुन चेहरे के लिए पहले तभी तक ठीक था, जब तक हमारे पास समय और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कोई दूसरा विकल्प था ही नहीं। तब हम सिर्फ़ पानी और साबुन पर ही पूरी तरह से निर्भर थे। सबसे बड़ी बात तो ये है कि पहले प्रदूषण और रोज़मर्रा की ज़िंदगी की आपाधापी भी इतनी ज़्यादा नहीं थी, लेकिन आज ऐसा नहीं है। सो समय ने और दूसरी तमाम चीजों के साथ-साथ त्वचा की साफ़-सफ़ाई की ज़रूरत भी बदल दी है और उसके तौर-तरीके भी। ऐसे में साबुन इस ज़रूरत को पूरा नहीं कर पाता।
एक वजह इसकी यह भी है कि साबुन का इस्तेमाल चेहरे के हिसाब से काफ़ी कठोर होता है, जबकि चेहरे की त्वचा बहुत सौम्य, कोमल और संवेदनशील होती है और ये सभी व्यक्तियों की एक-दूसरे से अलग भी होती है। साबुन का इस्तेमाल चेहरे से गंदगी की सारी परतें, डेड स्किन, पुराने मेकअप के अंश, अतिरिक्त तेल वगैरह नहीं निकाल पाता। साथ ही साबुन का नियमित प्रयोग करने से चेहरे की प्राकृतिक नमी ख़त्म हो जाती है और चेहरे की त्वचा पर कठोरता आनी शुरू हो जाती है। साबुन त्वचा का ph बैलेंस भी ख़राब कर सकता है।
कैसे करें सही फेसवॉश का चुनाव
अपनी त्वचा के अनुसार सही फेसवॉश का चुनाव करने के लिए सबसे ज़रूरी बात ये है कि पहले अपनी स्किन टाइप को समझें। तैलीय त्वचा, रूखी त्वचा, डैमेज त्वचा, मिली-जुली त्वचा, संवेदनशील त्वचा, सामान्य त्वचा आदि में से अपनी त्वचा को पहचानने के साथ ही अपनी त्वचा और रुटीन के अनुसार त्वचा की ज़रूरत को समझना भी बहुत ज़रूरी है, यानी की आपका ज़्यादातर समय घर के भीतर ही बीतता है या आपकी लाइफ स्टाइल बहुत ज़्यादा भागदौड़ और थकान भरी है। मेकअप कभी-कभी ही करना पड़ता है या आपका वर्क स्टाइल रोज़ाना मेकअप की मांग करता है। आप जहां रहती हैं, वहां का वातावरण कैसा है, मतलब आस-पास साफ़-सुथरी हवा और हरियाली वगैरह है या बहुत ज़्यादा प्रदूषण वगैरह है। एक फेसवॉश का चुनाव इन सब के आधार पर ही किया जाता है और यही वे बातें हैं, जिनकी आमतौर पर पूरी तरह से उपेक्षा कर दी जाती है। फिर दोष दिया जाता है कि महंगे से महंगा फेसवॉश भी असर नहीं करता। असल में दोष फेसवॉश का नहीं, उसका सही तरीके से चुनाव न करने का होता है।
सेंसटिव स्किन के लिए
अगर आपकी त्वचा सेंसेटिव है तो सबसे पहली बात तो आप ये समझ लीजिए कि साबुन आपकी त्वचा के लिए बना ही नहीं है। फेसवॉश हमेशा अपनी स्किन के अनुसार मेडिकेटेड माइल्ड सा ही चुनें। बहुत अधिक संवेदनशील त्वचा वालों को अपना चेहरा दो से ज्यादा बार नहीं धोना चाहिए। इसमें भी एक बार फेसवॉश और एक बार फेस क्लींज़िंग का इस्तेमाल करना चाहिए।
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ऑयली स्किन के लिए
ऑयली स्किन वालों को आए दिन किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है, क्योंकि इनकी त्वचा के लिए सैलिसिलिक एसिड वाले फेसवॉश ही प्रभावी रहते हैं, जो त्वचा से गंदगी व अतिरिक्त तेल को तो साफ़ करते हैं, लेकिन ज़रूरी कुदरती नमी बनाए रखते हैं।
ड्राई स्किन के लिए
रूखी त्वचा वालों के लिए ऐसे फेसवॉश की ज़रूरत होती है, जो त्वचा से गंदगी तो साफ़ करें, लेकिन ज़रूरी नमी बचाते हुए। इसके लिए आपको बहुत ही माइल्ड फेसवॉश की ज़रूरत होती है। साथ ही आपको बार-बार चेहरा धोने से भी बचना चाहिए।
पैची स्किन के लिए
जिन लोगों को आउटडोर वर्क ज्यादा करना पड़ता है, उनकी स्किन डस्ट और पल्यूशन की वजह से पैची बन जाती है। उनके लिए मेला फेसवॉश का इस्तेमाल ही अच्छा होता है।
फेसवॉश करने का सही तरीका
यह मान लेना कि चेहरा साफ़ करने के लिए पानी और फेसवॉश से मुंह को धो लेना ही काफ़ी है, ग़लत है। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखने की बहुत ज़रूरत होती है –
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1. चेहरा हमेशा ठंडे या हल्के गुनगुने पानी से ही धोएं। गर्म पानी का इस्तेमाल चेहरा धोने के लिए बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
2. फेसवॉश से दिन में दो बार चेहरे का ज़रूर साफ करें। अगर आप किसी प्रदूषित जगह से होकर आई हैं तो तुरंत बाद चेहरे को साफ़ ज़रूर करें।
3. फेसवॉश को चेहरे पर हल्के-हल्के ही मलना चाहिए, बहुत रगड़कर नहीं। चेहरे पर हल्के हाथ से फेसवॉश की मसाज करने के बाद चेहरा धोने से सारी गंदगी निकल जाती है और ब्लड सर्कुलेशन भी हेल्दी बना रहता है।
4. चेहरे को हमेशा साफ टॉवल से हल्के-हल्के थपथपा कर ही पोंछें। ज़ोर-ज़ोर से रगड़कर चेहरे को साफ करने से त्वचा पर झुर्रियां जल्दी पड़ने की संभावना रहती है। साथ ही कभी भी किसी दूसरे का इस्तेमाल किया हुआ टॉवल अपने चेहरे पर इस्तेमाल न करें।
5. इसके बाद चेहरे पर हल्का सा मॉइश्चराइज़क लगाना न भूलें।
फेसवॉश करते समय ध्यान रखें कुछ ये अहम बातें भी
अपना चेहरा धोना हमारे रुटीन का वह काम है, जिसे हम बिना ध्यान दिए बस यूं ही कर लेते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस normal से दिखने वाले काम में भी कई छोटी-छोटी गलतियां हम कर बैठते हैं, जिससे हमें स्किन इंफेक्शन तक हो सकता है।
सही क्लींज़र का इस्तेमाल न करना
आपके cleanser का PH बैलेंस आपके चेहरे की skin टाइप के अनुसार होना चाहिए। ऑयली skin के लिए फोम बेस्ड क्लींजर और ड्राई स्किन के लिए क्रीम बेस्ड क्लींजर होना चाहिए। अगर फेसवॉश के बाद भी आपका चेहरा टाइट, ड्राई या डर्टी फील हो तो यह सीधा सा इशारा है कि आपको अपना क्लींजर बदलने की ज़रूरत है। एक और बात, अगर आपका चेहरा ड्राई है तो भूलकर भी अपने चेहरे पर साबुन का प्रयोग न करें, क्योंकि ये आपके चेहरे पर ड्राइनेस और जलन की वजह हो सकता है।
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गंदे हाथ चेहरे पर न लगाए
क्या आप मुंह धोने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह धोती हैं? अगर नहीं तो आप गंदगी और वैक्टीरिया अपने हाथों के ज़रिये अपने चेहरे पर ट्रांसफर कर रही हैं। अगर आपको लगता है कि मुंह धोने के दौरान ही आपके हाथ भी धुल जाएंगे तो अपनी इस आदत पर आपको गौर करना चाहिए।
मेकअप भी धुल जाएगा
यह बिल्कुल सही है कि जब आप अपना चेहरा धोएंगी तो मेकअप तो धुल ही जाएगा, लेकिन इस सोच के चलते फेसवॉश से पहले चेहरे से मेकअप न उतारना अनहेल्दी स्किन और डार्क कॉम्पलैक्शन की वजह बन सकता है, क्योंकि मेकअप उतारे बिना फेसवॉश करने से स्किन पोर्स बंद हो जाते हैं!
इसे भूलना! न.. न.. न..!
हम सभी जानते हैं कि मॉइश्चराइज़र लगाना हमारी स्किन के लिए कितना जरूरी है, लेकिन क्या वाकई हम हमेशा ऐसा करते हैं? कोमल और सौम्य त्वचा के लिए जरूरी है कि हर बार चेहरा धोने के बाद मॉइश्चराइज़र लगाया जाए। यह हमारे चेहरे को जल्द चिपचिपा होने से भी रोकता है।
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दो बार है ज़रूरी!
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका दिन कितना थकान भरा रहा या पूरे दिन काम से फुर्सत ही नहीं मिली… कंडीशन कोई भी हो, दिन में दो बार फेसवॉश करना ही चाहिए। अगर आप सुबह ऐसा करती ही हैं तो रात सोने से पहले भी करना है, लेकिन बार-बार मुंह धोने से भी नेचुरल ph बैलेंस disturb हो सकता है या रेडनेस और बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, इसलिए दो बार मुंह धोना काफी है।
इतनी भी क्या जल्दी है
क्लीजिंग, स्क्रबिंग और फेसवॉश को पूरा वक्त दें। जल्दबाजी स्किन पर रैशेज़ का करण हो सकती है। क्लींज़र को हल्के हाथों से फेस पर अप्लाई करें। चेहरे को साफ करते समय भी जेंटल रहने की ज़रूरत है, ताकि स्किन इरिटेशन न झेलनी पड़े !
घर पर फेसवॉश कैसे बनाएं – How to make Homemade Face Wash in Hindi
यूं तो बाज़ार में हर स्किन की ज़रूरत के हिसाब से फेसवॉश मौजूद हैं, लेकिन अगर आप उन्हें इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं तो हम आपको कुछ घरेलू फेसवॉश बनाने के उपाय बता रहे हैं, जो आसानी से घर पर ही तैयार किए जा सकते हैं-
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नींबू, खीरे का फेसवॉश – एक चौथाई चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच खीरे का रस और एक चम्मच कच्चा दूध अच्छे से मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाकर पंद्रह मिनट के लिए छोड़ दीजिए। उसके बाद चेहरे को सादे पानी से धो दीजिए।
अंडे का फेसवॉश – अगर आपकी त्वचा ऑयली है तो अंडे का सफेद हिस्सा लेकर उसमें थोड़ा सा नींबू का रस अच्छे से मिलाकर चेहरे पर लगाकर पंद्रह मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद सादे पानी से अच्छी तरह से चेहरे को धो लीजिए। यह आपकी त्वचा को सफाई के साथ-साथ ज़रूरी पोषण भी देता है।
ओटमील का फेसवॉश – ओटमील को दही में मिक्स करके पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाकर दस मिनट के लिए छोड़ दीजिए। बाद में हल्के हाथों से चेहरे को रगड़ते हुए पेस्ट छुड़ा लीजिए और चेहरे को साफ पानी से धो लीजिए। इससे सारी डेड स्किन साफ हो जाएगी।
पपीते का फेसवॉश – अच्छी तरह से पके हुए पपीते को मैश करके पेस्ट बनाकर चेहरे पर कुछ देर के लिए मलें और फिर साफ पानी से धो लें। सारी गंदगी के साथ-साथ मृत त्वचा भी निकल जाएगी और नियमित इस्तेमाल से चेहरे के दाग भी हल्के पड़ जाएंगे।
फेसवॉश करते समय की जाने वाली ग़लतियां – Mistakes While doing Face Wash in Hindi
फेसवॉश करते हुए कुछ बातें अक्सर ज्यादातर लोगों द्वारा नज़र अंदाज़ कर दी जाती हैं, जिसका परिणाम त्वचा को भुगतना पड़ता है, इसलिए इन बातों पर ज़रूर ध्यान दीजिए-
1. फेसवॉश वही इस्तेमाल करें, जो आपकी स्किन को ध्यान में रखकर बना हो।
2. सिर्फ ब्रॉन्ड देखकर कोई प्रॉडक्ट न खरीदें। आपकी त्वचा कोई टेस्टिंग लैब नहीं है।
3. दिन के किसी भी और समय के मुकाबले रात को सोने से पहले फेसवॉश करना बेहद जरूरी होता है, वर्ना आपकी त्वचा खुलकर सांस नहीं ले पाएगी और समय से पहले ही उस पर महीन लाइनें, झुर्रियां नज़र आने लगेंगी।
4. फेसवॉश करते समय न तो बहुत अधिक गर्म पानी का इस्तेमाल करें, न ही बहुत अधिक ठंडे पानी का।
5. अगर पानी खारा या बहुत अधिक क्लोरीन वाला है तो रिहाइड्रेंड वाले फेसवॉश का ही इस्तेमाल करें। यह गंदगी साफ करने के साथ ही त्वचा को ज़रूरी नमी और पोषण भी देता है।
6. गंदे हाथों से चेहरे को कभी न छुएं। पहले हाथों को अच्छे से साफ कर लीजिए। उसके बाद ही उससे चेहरे को साफ करें.
7. फेसवॉश को लगाकर तुरंत धोने की बजाय उंगलियों की सहायता से पहले चेहरे पर हल्की-हल्की मसाज करें। उसके बाद ही साफ पानी से चेहरे को धोएं, पर फेसवॉश से मसाज भी ज्यादा देर तक नहीं की जानी चाहिए।
फेसवॉश का काम सिर्फ चेहरे की गंदगी दूर करना ही नहीं होता, बल्कि उसकी ज़रूरत के अनुसार त्वचा को सही पोषण देना भी होता है। यह ज़रूरत तभी पूरी हो सकती है, जब आप फेसवॉश का इस्तेमाल अपनी स्किन के टाइप के अनुसार ही करेंगे।
2. गर्म पानी से फेसवॉश करने के क्या नुक्सान हैं?
गर्म पानी से चेहरा धोने पर चेहरे का प्राकृतिक ज़रूरी तेल भी निकल जाता है और इससे चेहरे पर झुर्रियां जल्दी पड़नी शुरू हो जाती हैं, इसलिए चेहरे को साफ़ करने के लिए हमेशा सादे या ठंडे पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप बहुत ज़्यादा ठंडे स्थान पर रहती हैं तो आप पानी का टेम्परेचर बहुत हल्का गुनगुना रख सकती हैं, लेकिन गर्म पानी से पूरी तरह से परहेज़ करें।
3. क्या घरेलू फेसवॉश का प्रभाव मार्केट में मिलने वाले कैमिकलाइज़्ड फेसवॉश से कम होता है?
नहीं, ऐसी बात नहीं है। अगर आपने घर में बने जिस फेसवॉश का चुनाव किया है, वह आपकी त्वचा संबंधी सभी ज़रूरतों को पूरा करता है, साथ ही प्रदूषण और गंदगी से भी आपकी त्वचा का बचाव करता है तो होममेड फेसवॉश भी किसी मायने में बाज़ार में मिलने वाले दूसरे कॉस्मैटिक उत्पादों के मुकाबले कहीं से कम नहीं है, बल्कि ये विशुद्ध रूप से प्राकृतिक तत्वों से बने होने की वजह से त्वचा की सौम्यता को और बढ़ा देते हैं।
4. फेसवॉश कितनी बार करना सही रहता है?
दिन में दो बार चेहरे को फेसवॉश से साफ करना बहुत ज़रूरी होता है। खासतौर पर रात को सोने से पहले चेहरे का साफ़ पानी और फेसवॉश से साफ़ करना कभी नहीं भूलना चाहिए। अगर आप दिन में किसी समय बहुत प्रदूषित जगह से आ रहे हैं, तब भी फेसवॉश से चेहरे को साफ़ करना न भूलिएगा।
(यह लेख जानी-मानी सौंदर्य विशेषज्ञा शहनाज़ हुसैन से बातचीत पर आधारित है।)
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