गर्भावस्था महिला के लिए एक उतार-चढ़ाव का दौर होता है। एक तरफ गर्भ में पल रहे शिशु को महसूस करने की खुशी तो अगले ही पल शरीर में हो रहे बदलावों का अलग अनुभव। कभी थकान तो कभी शरीर में दर्द, ये सारी समस्याएं और मूड में हो रहे बदलाव के बारे में कई लोग बताते हैं। लेकिन, शायद ही कोई प्रेग्नेंसी के दौरान त्वचा में बदलाव के बारे में बात करता है।
बड़े-बूढ़े के मुंह से भी प्रेग्नेंसी ग्लो के बारे में बहुत सुना होगा, लेकिन गर्भावस्था में त्वचा में बदलाव के बारे में कोई बात नहीं करता है। यह सच है कि कई बार गर्भावस्था के दौरान महिला की रंगत गहरी हो सकती है। त्वचा पर झाइयां या पैचेज यानी धब्बे हो सकते हैं। ऐसे में क्या है ये धब्बे, इसकी जानकारी हम हमारे इस खास लेख में दे रहे हैं। तो लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
हां, गर्भवती होने पर त्वचा पर गहरे दाग या झाइयां होना आम बात है। इस स्थिति को मेलास्मा या क्लोस्मा कहा जाता है। मेलास्मा को कभी-कभी गर्भावस्था के मास्क के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि आमतौर पर ये आपके ऊपरी होंठ, नाक, चीकबोन्स और माथे के आसपास एक मुखौटे के आकार में धब्बे जैसे दिखाई देते हैं।
गर्भवती महिलाओं में ये धब्बे गालों, जॉलाइन, फोरआर्म्स या धूप के संपर्क में आने वाले शरीर के अन्य हिस्से में दिख सकते हैं। इसके अलावा, त्वचा के वो हिस्से जिनका रंग पहले से ही अधिक गहरा है वो और गहरे हो सकते हैं। जैसे निप्पल, झाइयां, जननांगों की त्वचा आदि। गर्भावस्था में त्वचा में बदलाव उन क्षेत्रों में भी होता है जहां घर्षण होना आम है। जैसे कि अंडरआर्म्स और आंतरिक जांघ।
प्रेग्नेंसी के दौरान त्वचा में बदलाव होना नॉर्मल है। परंतु, यदि त्वचा की रंगत में बदलाव, धब्बे या निशान के साथ सूजन, छाले, चकत्ते की शिकायत हो तो यह किसी परेशानी के लक्षण हो सकते हैं। यदि ये लक्षण तीन दिन से ज्यादा बने रहे तो समय पर चिकित्सक से परामर्श लेना बेहतर होगा।
गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों से मेलास्मा शुरू हो सकता है। ये आपके शरीर द्वारा उत्पादित मेलेनिन की मात्रा में अस्थायी वृद्धि को प्रोत्साहित करता है। मेलेनिन एक प्राकृतिक पदार्थ है जो बाल, त्वचा और आंखों को रंग देता है।
इसके अलावा, ज्यादा धूप में निकलना भी मेलास्मा का एक कारण हो सकता है। इतना ही नहीं, जिन महिलाओं की त्वचा की रंगत गहरी है उनको हल्की रंगत की त्वचा वाली महिलाओं की तुलना में मेलास्मा होने की संभावना अधिक हो सकती है। लेख में आगे हम मेलास्मा से बचाव के कुछ उपाय बताएंगे, तो लेख का अगला भाग जरूर पढ़ें।
आमतौर पर प्रसव के बाद मेलास्मा के कारण त्वचा की रंजकता में सभी परिवर्तन अपने आप ठीक हो सकते हैं। लेकिन, गर्भावस्था के दौरान त्वचा में होने वाले काले धब्बों से बचाव या उन्हें कम करने के लिए नीचे बताए गए उपाय कर सकती हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
प्रेग्नेंसी के दौरान त्वचा में बदलाव होना सामान्य है। हो सकता है कभी त्वचा पर ग्लो आए तो कभी त्वचा डल दिखे। दोनों ही स्थिति में चिंता करने की जरूरत नहीं है। जरूरत तो है बस इससे बचाव के लिए जरूरी टिप्स को फॉलो करने की। उम्मीद है हमारे इस खास लेख में बताए गए टिप्स आपके लिए उपयोगी हो। प्रेग्नेंसी से जुड़े ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण लेख पढ़ने के लिए बनें रहें हमारे साथ। हैप्पी प्रेग्नेंसी!
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