मेन्स्ट्रुअल हाइजीन यानी पीरियड्स के दिन। आज भी कई जगह लोग मेन्स्ट्रुअल हाइजीन (Menstrual Hygiene) के बारे में बात करने से कतराते है। मगर पीरियड्स के दिनों में दर्द और तनाव से दूर रहने के लिए मेन्स्ट्रुअल हाइजीन का ख्याल रखना बहुत जरुरी है। आज भी कई गांव ऐसे हैं जहाँ मासिक धर्म के बारे में लोग जागरूक नहीं हैं और महिलाएं उन दिनों में साफ़ सफाई का महत्व नहीं समझती। कई बार महिलाएं एक ही नैपकिन पूरे दिन इस्तेमाल करती है जो स्वस्थ के लिहाज़ से कई बीमारियां का कारण बन सकता है। ऐसे में स्वच्छता की तरफ विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है। कई बार वैजाइनल इन्फेक्शन का मुख्य कारण भी मासिक धर्म (पीरियड्स) में साफ़ सफाई न होना है। तो चलिए आपको मेन्स्ट्रुअल हाइजीन टिप्स (Menstrual Hygiene in Hindi 2022) के बारे में बताते हैं जो आपको बीमारियों से बचाने के साथ-साथ पीरियड्स के दिनों में साफ़-सफाई की जरूरत को समझायेगा।
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हर साल 28 मई को विश्व स्तर पर ‘मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2014 में जर्मन एनजीओ ‘वॉश यूनाइटेड’ द्वारा हुई थी। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लड़कियों/महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में साफ़ सफाई और सुरक्षा के लिए जागरूक करना है। ज्यादातर महिलाओं के मासिक धर्म 28 दिनों के भीतर आते हैं और जिसकी सायकल पांच दिनों की होती है। इसी कारण मासिक धर्म स्वच्छता दिवस को मनाने के लिए पांचवें महीने मई का महीना चुना गया।
मेन्स्ट्रुअल हाइजीन क्या है – Menstrual Hygiene Meaning in Hindi
पीरियड होना कोई शर्म की बात नहीं है मगर इस दौरान सही खानपान के साथ-साथ स्वच्छता का भरपूर ध्यान रखना चाहिए। अगर साधारण भाषा में कहें तो पीरियड्स के दौरान स्वच्छता बनाए रखने को मेन्स्ट्रुअल हाइजीन कहा जाता है। कई महिलाएं इस दौरान एक ही पैड का इस्तेमाल लम्बें समय तक करती है जो सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है। अगर पीरियड्स के दौरान होने वाले संक्रमण से खुद को बचाना हैं तो साफ़-सफाई का ध्यान रखना जरूर है। नीचे दिए गए टिप्स आपको मेन्स्ट्रुअल हाइजीन के बारे में जानने में मदद करेंगे।
Menstrual Hygiene Meaning in Hindi
दो बार नहाएं
कई महिलाओं को लगता हैं कि पीरियड्स के दौरान कम नहाना चाहिए। मगर यह गलत धारणा है। अक्सर पीरियड्स के दौरान आप लो फील करते हैं ऐसे में दिन में दो बार हलके गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। इससे आपको दिनभर फ्रेश फील होगा और हाइजीन बनी रहेगी। आमतौर पर भी दिन में दो बार नहाने की सलाह दी जाती है।
सोते वक़्त अपनी चादर अलग रखें
सोते वक़्त सबसे ज्यादा लीकेज का खतरा रहता है। जिससे आपके बिस्तर पर दाग लग जाता है। ऐसे में किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचने के लिए आप अपनी अलग चादर का इस्तेमाल करें। हमेशा पेरिडोस के दौरान इस्तेमाल किये कपडे जैसे अंडरवियर, चादर या टॉवल को डेटशन से साफ़ करें।
सही सैनिटरी पैड / मेन्स्ट्रुअल कप / टैम्पून का चुनाव करें
कई बार महिलाएं हड़बड़ाहट में किसी भी कंपनी का सैनिटरी पैड / मेन्स्ट्रुअल कप / टैम्पून का इस्तेमाल कर लेती है जो सेहत के लिहाज़ से खतरनाक हो सकता है। सैनिटरी पैड में कई तरह की वैरायटी आती है आपको अपनी जरूरत अनुसार इसे चुनना चाहिए। एक पैड का इस्तेमाल चार घंटे से ज्यादा न करें। अगर आप टैम्पून का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो ऐसे टैम्पून का चुनाव करें जिसकी ब्लड फ्लो को एब्सोर्ब करने की दर कम हो। स्वास्थ्य के लिहाज़ से आपको अच्छे ब्रांड का चुनाव करना चाहिए।
वेजाइना को नियमित साफ़ करें
पीरियड्स के दौरान अक्सर साफ सफाई न होने से अक्सर वेजाइनल इन्फेक्शन, फंगस और खुजली जैसी परेशानियां पैदा हो जाती है। ऐसे में जब भी आप वॉशरूम जाये वेजाइना को हलके गुनगुने पानी से साफ करें। इससे आपको इचिंग या किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। ऐसा करने से आप पीरियड्स में आने वाली दुर्गन्ध से भी बच सकते हैं। अगर आप कही बाहर या ऑफिस में हैं तो आप टॉयलेट पेपर या टिश्यू से वेजाइना को साफ करें।
अंडरगारमेंट्स का खास ख्याल रखें
पीरियड्स के दिनों में आपको अलग अंडरगार्मेंट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। ज्यादातर डॉक्टर्स पीरियड्स में कॉटन की पैंटी इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। कॉटन के कपडे से रैसेस होने का खतरा कम होता है। कॉटन पसीना सोखने के साथ-साथ स्किन ड्राई रखती है।मासिक धर्म में इस बात का ध्यान रखें की आप अपनी अंडरगार्मेंट्स को गर्म पानी से धोएं इससे बैक्टीरिया पूरी तरफ से कपडे से साफ़ हो जायेगा।
सेनेटरी पैड को हमेशा रैप करके डिस्पोस करें
कई लोग सेनेटरी पैड का इस्तेमाल तो करते हैं मगर इससे अच्छे से डिस्पोस नहीं करते जिससे गंदगी और बीमारियां फैलती है। ऐसे में आप इस बात का खास ध्यान रखें की आप इस्तेमाल किये हुए पैड को किसी पेपर या कवर में रैप करके फेकें इससे आस-पास स्वच्छता बनी रहेगी। किसी तरह की कोई बीमारी नहीं होगी।
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