अक्सर महिलाओं को वेजाइनल इंफेक्शन के कारण खुजली की समस्या हो जाती है। वेजाइनल इंफेक्शन (vaginal infection in hindi) के कारण हो रही खुजली तब सबसे ज्यादा परेशानी पैदा करती है जब आप काम के सिलसिले में कहीं बाहर हों और खुजली पर नियंत्रण न कर पा रही हों। महिलाओं को अपने जीवन में कभी न कभी इस दर्दनाक स्थिति का सामना करना ही पड़ जाता है। बहुत अधिक खुजली, जलन, दर्द और डिस्चार्ज वैजाइनल इन्फेक्शन के आम लक्षण हैं। वैसे तो इस समस्या का निदान आसानी से किया जा सकता है लेकिन फिर भी वैजिनल इन्फेक्शन (vaginal infection treatment) होने की वजह से महिलाओं को बहुत असहज महसूस होने लगता है और इसके कारण उन्हें अपने दैनिक कार्य करने में भी दिक्कत आती है। इस इन्फेक्शन को खत्म करने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय (yoni me infection ke gharelu upay) इस्तेमाल किए जाते हैं लेकिन जब उनसे भी बात न बने तो इसे खत्म करने के लिए गायनोकॉलोजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए और उनकी बताई हुई एंटीफंगल क्रीम्स का इस्तेमाल करना चाहिए। एक शोध के मुताबिक, लगभग 90% महिलाएं योनि संक्रमण या योनि में खुजली की समस्या से जूझती हैं। इसके लिए हमारी लाइफस्टाइल, खाना-पान, पहनावा और लापरवाही जिम्मेदार है।
वेजाइनल इंफेक्शन (vaginal infection in hindi) को खमीर संक्रमण भी कहते हैं। खमीर एक तरह का फंगस होता है जो काफी कम मात्रा में वैजाइना में पाया जाता है। अगर आपकी वैजाइना में खमीर की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि हो जाए तो उससे संक्रमण हो सकता है। वैजाइना में खुजली इसके सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है। वैजिनल यीस्ट इन्फेक्शन (vaginal infection) होने पर महिलाओं को खुजली, जलन और वैजाइना में दर्द महसूस होने लगता है। हालांकि कई बार महिला जननांग में नम वातावरण के कारण भी इस फंगस को बढ़ने का मौका मिल जाता है। वैसे तो पुरुषों को भी इसका अनुभव हो सकता है लेकिन यह समस्या महिलाओं में ज्यादा आम है। इस संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं की वैजाइना पर सफेद रंग के निशान पड़ जाते हैं और वहां से होने वाले डिस्चार्ज से बदबू आती है। वैजाइना में बैक्टीरियल संक्रमण के शुरुआती स्तर पर घरेलू नुस्खों (yoni me infection ke gharelu upay) की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है लेकिन स्थिति गंभीर होने पर तुरंत चिकित्सक या स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
योनि संक्रमण या वैजिनल यीस्ट इन्फेक्शन (yoni infection) होने के कारण हो सकते हैं लेकिन आमतौर पर ये कैंडिडा नामक फंगस प्रजाति के कारण होता है। कैंडिडा आपकी योनि में कम संख्या में प्राकृतिक रूप से मौजूद रहते हैं जो आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होते। लेकिन जब वे किसी वजह से संख्या में बढ़ जाते हैं तब योनि संक्रमण का कारण बनते हैं। इसके अलावा भी कई कारण वैजिनल इन्फेक्शन (yoni mein infection) के लिए जिम्मेदार हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में -
ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्राइवेट पार्ट के आस-पास साफ-सफाई न रखने से शरीर में यीस्ट इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार जब शरीर में पित्त एवं कफ का स्तर बढ़ता है तो तब भी वैजिनल यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है। घरेलू उपायों की मदद से योनि में इन्फेक्शन (yoni mein infection) को ठीक किया जा सकता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही नुस्खे शेयर कर रहे हैं, जिसके इस्तेमाल से योनि में दर्द, खुजली, जलन और बदबूदार वाइट डिस्चार्ज आदि समस्याओं को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं वैजाइनल इंफेक्शन के घरेलू उपाय (yoni me infection ke gharelu upay) के बारे में -
लहसुन आपकी किचन में रखी एक ऐसी प्रसिद्ध जड़ी बूटी है जिसे विभिन्न बीमारियों का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लहसुन के अपने फायदे है। लहसुन में मौजूद एंटी फंगल, जीवाणुरोधी और प्राकृतिक एंटीबायोटिक कारक किसी भी प्रकार के यीस्ट संक्रमण और वैजिनल यीस्ट इन्फेक्शन के इलाज में अत्यधिक प्रभावी होते हैं। वेजाइनल इंफेक्शन के इलाज (vaginal infection treatment) के तौर पर आप लहसुन की कुछ फांकों को क्रश करके पेस्ट तैयार कर लें। अब लहसुन के पेस्ट को सीधा योनि के प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। अगर ताज़ा लहसुन आपके पास नहीं है तो आप लहसुन के तेल, विटामिन ई के तेल और नारियल के तेल को एक साथ मिलाकर योनि के प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं। इसके अलावा आप लहसुन की गोलियां या कुछ ताज़े लहसुन की फांकें रोज़ाना खा सकते हैं। ताज़ा लहसुन खाने से आपके मुंह से गंध आ सकती है लेकिन ये खमीर संक्रमण के इलाज के लिए बहुत प्रभावी है।
अगर आपको किसी दवाई के इस्तेमाल से वेजाइनल इंफेक्शन (vaginal infection) हुआ है तो आप दही खाकर उसे ठीक कर सकती हैं। आप चाहें तो दही को बाहर से प्रभावित क्षेत्र पर भी लगा सकती हैं। धोने से पहले इसे कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। ध्यान रखें कि दही में चीनी, फल या अन्य कोई भी सामग्री नहीं होनी चाहिए। इसे लगाने के लिए रूई को दही में भिगोकर 2 घंटे के लिए अलग रख दें। दही एक ऐसा आहार है, जो स्वस्थ बैक्टीरिया से भरा हुआ होता है और इस कारण यह आपके वैजाइना को संक्रमण से भी सुरक्षित रखता है। दही के बैक्टीरिया वैजाइना मे होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं तो अच्छा होगा कि आप प्रतिदिन एक कप दही जरूर खाएं। इससे स्वास्थ अच्छा बना रहेगा और योनि में भी किसी तरह की समस्या नहीं होगी।
योनि को सेब साइडर सिरके से धोने से वैजिनल इन्फेक्शन (yoni mein infection) से होने वाली इचिंग और रेडनेस को कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए लगभग एक लीटर पानी में 3 बड़े चम्मच कार्बोनिक सेब साइडर सिरका मिला कर वैजाइना को धोएं। यह आपको किसी भी स्टोर में आसानी से मिल जाएगा।
टी ट्री तेल में शक्तिशाली और प्रभावी प्राकृतिक एंटी फंगल गुण होते हैं जो योनि संक्रमण या योनि में खुजली के घरेलू उपचार (yoni me infection ke gharelu upay) में मदद करते हैं। हालांकि ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाओं को इस उपाय का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि टी ट्री के तेल में मौजूद कुछ गुण बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं। एक कप पानी में टी ट्री ऑयल मिलाएं। अब उसमें एक चम्मच जैतून का तेल या मीठा बादाम तेल मिलाएं। अब इस मिश्रण को योनि के प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं। दिन भर में कई बार इस मिश्रण का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
जैतून और इसके पत्ते कई बीमारियों में लाभकारी होते हैं। इसलिए वेजाइनल इंफेक्शन (vaginal infection treatment) में भी जैतून के पत्ते बहुत प्रभावी साबित होते हैं। जैतून के पत्ते यीस्ट संक्रमण को रोकने के लिए भी बहुत प्रभावी माने जाते हैं। इनमें एंटीवायरल, एंटीफंगल, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो खमीर संक्रमण से बचाते हैं। यह आपके शरीर में अच्छे बैक्टीरिया को भी बनाये रखता है। घर पर जैतून के पत्तों का जूस बनाने के लिए ताज़ा पत्तों को काट कर उन्हें एक गिलास में डाल दें और उस गिलास को ढक दें। कुछ मिनट बाद ढक्कन को हटाएं और उन पत्तियों के ऊपर वोदका डालें। ध्यान रहे, वोदका से आपकी सभी पत्तियां डूब जानी चाहिए। अब ढक्क्न से गिलास को बंद करें और लगभग 4 हफ्तों के लिए इसे किसी अंधेरी जगह पर रख दें। फिर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
नारियल तेल योनि संक्रमण के लिए प्रभावी प्राकृतिक उपचारों में से एक है। इसमें प्रभावी कवकरोधी गुण होते हैं जो संक्रमण के लिए जिम्मेदार खमीर को मार सकते हैं। नारियल का तेल 25 प्रकार की कैंडिडा प्रजातियों (जो खमीर संक्रमण के लिए जिम्मेदार हैं) को मारने में प्रभावी है। नारियल तेल को प्रभावित क्षेत्र पर दिन में 2 या 3 बार लगाएं, जब तक आपको सुधार दिखना शुरू न हो जाए। आप नारियल तेल को अपने दैनिक आहार में भी शामिल कर सकती हैं। 1 चम्मच नारियल तेल को दैनिक रूप से लेना शुरू करें ताकि आपको कभी वैजाइना से संबंधित कोई परेशानी न हो और धीरे-धीरे आप इसकी खुराक में वृद्धि कर सकती हैं।
अक्सर लोग बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक्स का यूज़ करते हैं पर एंटीबायोटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को भी खत्म कर देता है। इसलिए एंटीबायोटिक दवाइयों का कम से कम इस्तेमाल करें। जब भी दवाइयां खाने के बाद वैजाइना की समस्या परेशान करे तो अपनी दिनचर्या में पानी की मात्रा बढ़ा दें। इससे सारे एंटीबायोटिक्स बाहर निकल जाते हैं।
वैजाइना में इन्फेक्शन की समस्या ज्यादा नम और गर्म स्थिति में भी होती है। अगर आपकी वैजाइनल के क्षेत्र में गर्मी बनी रहेगी तो आपको संक्रमण की समस्या हो सकती है। अगर आप चाहती हैं कि आपको इस तरह की समस्या न हो तो ठंडे पानी से ही स्नान करें और अगर आप गर्म पानी का इस्तेमाल करती भी हैं तो उसके बाद हमेशा ढीले कपड़े ही पहनें।
मेथी के बीच भी वैजाइनल में होने वाले इन्फेक्शन को खत्म (yoni me infection ke gharelu upay) करते हैं। दो बड़े चम्मच मेथी के बीज को रात भर के लिए पानी में रख दें। इस मिश्रण को सुबह खाली पेट पियें। इस मिश्रण का प्रयोग रोज़ाना करें, जब तक कि आपको किसी भी प्रकार का असर न दिख जाये।
दूध में लैक्टोबैसिली बैक्टीरिया होता है। बैक्टीरियल वेजिनोसिस के उत्कृष्ट प्राकृतिक इलाज के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा दूध प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। दूध में रोज हल्दी पाउडर मिलाकर पीने से योनि में संक्रमण की समस्या जड़ से खत्म हो सकती है।
योनि संक्रमण यानि वैजिनल यीस्ट इन्फेक्शन हर आयुवर्ग की महिलाओं को हो सकता है, लेकिन यह रिप्रोडक्टिव आयु वर्ग की महिलाओं में ज्यादा होता है। महिलाओं को अपनी वैजाइना की साफ- सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस ओर ध्यान नहीं देती या इस बारे में उन्हें जानकारी ही नहीं होती। तो आइए जानते हैं ऐसी कौन-कौन सी बातें हैं , जिन्हें ध्यान में रखकर वैजाइनल इंफेक्शन (yoni infection) होने से बचा जा सकता है -
POPxo की सलाह : त्वचा को स्वच्छ और नरम बनाये रखने के लिये यूकलिप्टस और नींबू के तेल से युक्त वाइपआउट सैनिटाइजिंग वाइप्स (WIPEOUT Sanitizing Wipes) का इस्तेमाल करें!
वेस्टर्न टॉयलेट इस्तेमाल करने वाली हर दूसरी महिला यूटीआई का शिकार होती है। इनमें भी वर्किंग वुमन की संख्या सबसे ज्यादा है। क्योंकि वेस्टर्न टॉयलेट की सीट से हमारे प्राइवेट पार्ट टच होते हैं, जिससे वैजाइनल इंफेक्शन ( yoni mein infection) होने की आशंका ज्यादा होता है। इसीलिए पब्लिक प्लेस पर इंडियन टॉयलेट एकदम सेफ मानी जाती है।
आमतौर पर योनि पर स्वस्थ प्रकार के बैक्टीरिया रहते हैं जिनसे कोई भी प्रॉब्लम नहीं होती लेकिन कभी कभी कई कारणों से बुरे बैक्टीरिया की संख्या ज्यादा हो जाती है और आपको प्राइवेट पार्ट में बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो जाती है जिसके कराण वैजाइना में सूजन आ जाती है।
वैजाइनल इंफेक्शन के दौरान यूरिन पास करते समय जलन होती है। लेकिन कभी-कभी यह जलन इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि आप तिलमिला उठते हैं। अगर यूरिन पास करते समय जलन ज्यादा हो रही है तो एक गिलास गुनगुना पानी लें और उसमें एक नींबू निचोड़ने के बाद एक चम्मच शहद डालकर मिक्स कर लें। इस पानी को पीने से पेशाब करते समय जलन से छुटकारा मिलेगा।
योनी में यीस्ट संक्रमण यह सबसे आम प्रकार का योनि संक्रमण (vaginal infection in hind) है। इस दौरान योनि में खुजली, जलन, सूजन जैसी समस्याएं हो जाती है। इसीलिए योनि में यीस्ट संक्रमण के दौरान खूब पानी पीने और दही खाने की सलाह दी जाती है।
अक्सर महिलाओं को योनि में खुजली होने की समस्या (vaginal infection in hind) होती ही है। प्राइवेट पार्ट में खुजली के उपाय (vaginal infection treatment) की बात करें तो एप्पल साइडर विनेगर यानि कि सेब का सिरका काफी कारगर साबित होता है। क्योंकि इसमें एंटी बैक्टेरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं। इसके लिए 2 चम्मच विनगर को एक गिलास पानी में मिलाएं और इसे रोज़ पियें। या फिर एक चम्मच एप्पल साइडर वेनिगर को 1 कप गर्म पानी में मिलाएं और इससे अपने गुप्त अंगों को धोएं।