Labour Day 2021: कोविड-19 के बीच पिछले साल मई में सुर्खियों में रहे थे ये मजदूर
लॉकडाउन में साइकिल से पिता को घर पहुंचाने वाली बेटी ज्योति
पिछले साल लॉकडाउन लगने के समय ज्योति अपने पिता के साथ गुरुग्राम में थी। उनके पिता का एक्सीडेंट हो गया था और लॉकडाउन की वजह से पैसे भी खत्म हो गए थे। जहां ज्योति अपने पिता के साथ रह रही थीं वहां भी मकान मालिक घर से निकालने की धमकी दे चुका था। ऐसे में ज्योति ने अपने पिता को कहा कि हम साइकिल से घर चलते हैं। हालांकि, इसके लिए उनके पिता राजी नहीं हुए लेकिन ज्योति के हौंसले के आगे वह हार गए। 13 साल की ज्योति अपने पिता को साइकिल पर बैठा कर 1200 किलोमीटर का सफर तय किया। ज्योति ने अपने पिता के साथ बिहार के दरभंगा तक का सफर साइकिल पर तय किया था।
अपनी बच्ची को गोद में लिए लखनऊ से छत्तीसगढ़ का सफर किया तय
लॉकडाउन की स्थिति इतनी खराब थी कि लखनऊ में अपने पति के साथ काम करने आई पार्वती को अपने 1 साल के बच्चे को गोद में लेकर मई की कड़ी धूप में पैदल ही वापस छत्तीसगढ़ तक का सफर तय करना पड़ा था। पार्वती और उनके पति के पास खर्चे के लिए पैसे नहीं बचे थे और इस वजह से उन्हें लखनऊ से वापस छत्तीसगढ़ के लिए निकलना पड़ा था। मजबूरी में केवल भगवान पर भरोसा (labour day slogans in hindi) रखते हुए दोनों पति-पत्नी ने पैदल ही 700 किलोमीटर का सफर तय किया था।
कई मजदूर ट्रक से पहुंचे थे घर
लॉकडाउन की घड़ी में जब कई लोग एक दूसरे के मुश्किल समय में साथी बन रहे थे तो कई ऐसे भी थे, जिन्हें किसी की मदद नहीं मिल पा रही थी। मजदूरों (mazdoor diwas quotes in hindi) को घर पहुंचने के लिए वाहन नहीं मिल रहे थे लेकिन मुश्किल के समय में जैसे भी अपने घर पहुंचना चाहते थे। जानकारी के अनुसार मुंबई से कई मजदूर ट्रक से अपने घर गए थे लेकिन इसके लिए उन्हें 8,000 रुपये खर्च करने पड़े थे। मुंबई से झारखण्ड में अपने घर लौटने वाले नौशाद अंसारी, ट्रक से अपने घर आए थे। उन्होंने बताया था कि इसके लिए उन्हें 8,000 रुपये किराया देना पड़ा था।