‘मणिकर्णिका’ फिल्म की पंक्तियां हैं, ‘हम रहें या न रहें, देश रहना चाहिए।’ जी हां, हम सबके लिए देश से बढ़ कर कुछ भी नहीं है। हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारत जैसे समृद्ध और खुशहाल देश के निवासी हैं। हमें आज़ादी दिलाने के लिए न जाने कितने वीरों ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी थी। ऐसे में उन्हें याद कर उनके सम्मान में एकजुट होने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहिए।भारतीय गणतंत्र दिवस (Republic Day) एक ऐसा ही खास दिन है, जो एक भारतवासी के रूप में हमें हमारे अस्तित्व की पहचान कराता है और इसीलिए यह दिन हमारे लिए हमेशा गर्व करने का दिन रहेगा।
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को ‘भारतीय गणतंत्र दिवस’ समारोह मनाया जाता है, जिसमें हमारे देश के राष्ट्रपति देशवासियों को संबोधित करते हैं, तिरंगा फहराते हैं और फिर 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके बाद विभिन्न राज्यों की झांकियां निकलती हैं और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है। हमारी आने वाली पीढ़ियों को इस बात की जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि हमारे देश के इतिहास में यह दिन क्यों सर्वोपरि है और हर साल इसे मनाया जाना क्यों जरूरी है।
आइए, आपको इस आलेख के माध्यम से भारतीय गणतंत्र दिवस से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराते हैं।
भारतीयों के लिए इस बात की उत्सुकता होना लाज़िमी है कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है और देश में रहने वाले हर निवासी का फर्ज बनता है कि वह इस दिन को धूमधाम से मनाए और अपनी आने वाले पीढ़ी को भी इस दिन का महत्व अवश्य समझाए। सबसे पहला गणतंत्र दिवस सन 1950 यानी आज़ादी के तीन साल बाद तब मनाया गया था, जब भारत को गणराज्य घोषित किया गया था। इस दिन से ही भारत का संविधान लागू हुआ था।
राष्ट्रीय पर्व होने के कारण यह दिन न तो किसी जाति विशेष, न ही धर्म और संप्रदाय के आधार पर मनाया जाता है, बल्कि यह दिन एक राष्ट्र के होने का प्रतीक है। यह दिन देशवासियों को उन यादों और बलिदानों से अवगत कराता है, जब हमारे देश के लिए वीरों ने संघर्ष किया था और अपने समर्पण से हमें आज़ादी दिलाई थी। यह दिन हमारे लिए सम्मान और गौरव का दिन है। गणतंत्र दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि हमारे संविधान को किस तरह मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार किया गया था। यह जानना बेहद जरूरी है कि आजादी के बाद हमारे देश के पास अपना संविधान नहीं था। ऐसे में आजादी के बाद लगभग तीन साल लगे, जब हमारे देश को गणतांत्रिक देश की उपाधि मिली।
1950 में 26 जनवरी वह ऐतिहासिक दिन बना, जब देश में पहली बार संविधान लागू हुआ और उसके बाद से ही इस दिन को देश में एक महत्वपूर्ण दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हमारा देश अपने संविधान होने की वजह से ही विश्व के प्रमुख प्रजातांत्रिक देशों में से एक माना जाता है। इसलिए 26 जनवरी हमारे लिए एक अहम और महत्वपूर्ण दिन है।
यह दिवस सरकारी संस्थानों और स्कूलों में विशेष रूप से मनाया जाता है। जगह-जगह पर झांकी, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत के वीर सपूतों को भी याद किया जाता है। पूरे देश में देश भक्ति का माहौल छाया रहता है। हर तरफ देश भक्ति के गाने सुनाई देते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली में इस दिन को खास बनाने के लिए विशेष तैयारियां की जाती हैं। कई महीनों से ही संबंधित लोग आयोजन के लिए सभी तैयारियों में जुट जाते हैं। देश के प्रधानमंत्री 26 जनवरी को इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को नमन करते हैं। परेड और झांकियां इस दिन का मुख्य आकर्षण होती हैं।
इस समारोह में सिर्फ देश से नहीं, बल्कि विदेश के गणमान्य लोगों को भी आमंत्रित किया जाता है। इस परेड में तीनों सेनाएं राष्ट्रपति को सलामी देती हैं। यही नहीं, इसी दिन परेड में सेना द्वारा प्रयोग में आने वाले हथियारों और शक्तिशाली टैंकों आदि का प्रदर्शन भी किया जाता है। 26 जनवरी को भारत के सभी राज्यों की राजधानी में बड़े पैमाने पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हर जगह झंडा रोहण के साथ ही राष्ट्रगान भी गाया जाता है। दिल्ली में तीनों सेनाओं की परेड विजय चौक से शुरू होती है, फिर झांकियां, प्रदर्शनी, मार्च पास्ट और कई स्कूलों में पुरस्कार समारोह जैसी गतिविधियों का भी खासतौर पर आयोजन किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस के साथ ही भारतीय गणतंत्र दिवस पर भी ऐसे कई हिंदी देश भक्ति गाने खूब बजाए जाते हैं, जो हमें वीरों की याद दिलाते हैं।
लता मंगेशकर द्वारा गाया गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ तो इस दिन बच्चे-बच्चे की ज़ुबान पर होता है। चर्चित फिल्मी देश भक्ति गीत और ऐसे ही कई दूसरे प्रचलित गीत भी इस समय हर जगह फिज़ा में गूंजते सुनाई देते हैं, जिनसे पूरा माहौल एक अलग ही उल्लास से भर उठता है और इन गीतों को सुनने वाले हर व्यक्ति के दिल में देश प्रेम का ज़ज़्बा उछाल मारने लगता है।
हमारे देश के प्रत्येक नागरिक के लिए 26 जनवरी का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। दरअसल, हमारी मातृभूमि पर लंबे समय तक ब्रिटिश शासन रहा, भारत के लोगों को गुलामी करने पर मजबूर किया गया और उन्हें ब्रिटिश शासन द्वारा बनाए गए क़ानूनों का पालन करने के लिए भी मजबूर किया जाता रहा। लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमें आजादी मिली। फिर आजादी के लगभग ढाई साल बाद यानी 26 जनवरी, 1950 को भारत ने अपना संविधान लागू किया।
भारतीय संविधान को हमारी संसद ने लगभग दो साल, 11 महीने और 18 दिन के बाद पास किया था। इस दिन से भारत ने खुद को सारे बंधनों से मुक्त होकर संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणराज्य देश घोषित कर दिया था। इस दिन से जुड़ी एक रोचक बात यह भी है कि आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमिटी की बैठक 28 अगस्त, 1947 को रखी गई थी। इस सभा में भारत के स्थायी संविधान की रूपरेखा को तैयार करने की बात रखी गई। ऐसे में डॉक्टर बी.आर. अंबेडकर अध्यक्ष बने और उन्हीं की अध्यक्षता में चार नवंबर को भारतीय संविधान का प्रारूप सदन में पेश किया गया। इसके बाद लगभग तीन साल के समय में यह पूरी तरह से तैयार हो सका था। आख़िरकार 26 जनवरी, 1950 को वह दिन आया, जब इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गईं और देश गणतंत्र घोषित हो गया।
10. न हिन्दू बन, न मुसलमान बन, इंसान बन, इंसान बन। वंदे मातरम! भारतीय गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!