एक ज़माना था जब लोगों के पास साधन और सुविधाएं कम हुआ करती थीं, लेकिन ज़िंदगी में सुकून अधिक था। आजकल की भागती- दौड़ती ज़िंदगी में हर तरह की सुख- सुविधाएं और साधन तो मौजूद हैं, मगर सुकून नहीं है। सुकून की जगह अब तनाव ने अधिक ले ली है। कभी ऑफिस जल्दी पहुंचने का तनाव, कभी टारगेट पूरा करने की जल्दी, कभी ब्रेकअप का दर्द, तो कभी फाइनेंशियल मेनेजमेंट का दबाव। ऐसे बहुत से कारण हैं, जो हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में तनाव को बढ़ावा देते हैं। नतीजा, हम धीरे- धीरे इतने गुस्सैल व चिड़चिड़े हो जाते हैं कि अपने आस- पास के लोगों को जाने- अनजाने तकलीफ पहुंचाने लगते हैं। हमारा व्यवहार अपने प्रियजनों के प्रति बदल जाता है, हम उन्हे अपना समय नहीं दे पाते और न जाने क्या- क्या…
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तनाव, जिसे मेंटल प्रेशर या फिर मेंटल स्ट्रेस भी कहा जाता है न सिर्फ हमारे दिल और दिमाग बल्कि ज़िंदगी पर भी बुरा असर डालता है। हम भी कहीं न कहीं इसे अपनी ज़िंदगी का हिस्सा मान लेते हैं और इससे हार जाते हैं। अगर आपने भी तनाव को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बना लिया है और ये सोच रहे हैं कि इसे दूर करने का कोई तरीका नहीं है, तो आप गलत हैं। हम आपको बता दें कि तनाव दूर करना आपकी अपनी इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है। अब ये आपको तय करना है कि ज़िंदगी को सुकून से बिताना चाहते हैं या फिर उम्रभर तनाव से जूझना चाहते हैं। आइए जानते है कि स्ट्रेस को कैसे कम किया जा सकता है (how to reduce mental stress in hindi)?
तनाव के लक्षण – Tanav ke Lakshan
मेंटल प्रेशर के फिज़िकल लक्षण – Physical Symptoms of Stress in Hindi
तनाव दूर करने के उपाय – Stress Management in Hindi
मेंटल प्रेशर को लेकर सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल-जवाब – FAQ’s
तनाव के कारण – Tanav ke Karan
नौकरी चली जाना
आजकल के ज़माने में लड़का हो या फिर लड़की दोनों के लिए ही नौकरी प्राथमिकता हो गई है। अच्छी नौकरी पाने के लिए और उसमें अपनी अच्छी जगह बनाने के लिए सभी जमकर कोशिशें करते हैं। ऐसे में नौकरी से निकाला जाना एक बड़ा मेंटल प्रेशर बन जाता है। कई बार तो इस वजह से लोग डिप्रेशन तक में चले जाते हैं।
किसी प्रियजन का दूर चले जाना
हमारे किसी बहुत करीबी मित्र या रिश्तेदार का दूसरे शहर शिफ्ट हो जाना, आसमायिक मृत्यू हो जाना या फिर एक लंबे रिलेशनशिप के बाद ब्रेकअप हो जाना, तलाक होना आदि तनाव के सबसे बड़े और सामान्य कारण हैं। ऐसे समय में हम इमोशनली इतना कमज़ोर हो जाते हैं कि जीवन में खुशियों को तलाशना ही बंद कर देते हैं।
आर्थिक ज़िम्मेदारियों का बढ़ना
हर किसी के जीवन में एक ऐसा समय ज़रूर आता है, जब घर- परिवार की ज़िम्मेदारियों का बोझ अपने कंधों पर उठाना पड़ता है। ऐसे में या तो वो बिखर जाता है या फिर निखर जाता है। ज़िम्मेदारियां अपने साथ ढेर सारा मेंटल प्रेशर भी लेकर आती हैं। परिवार के हर सदस्य की ख्वाहिश पूरी करना, उनकी ज़रूरतों का ध्यान रखना, अपनी इनकम में बढ़ोतरी करना आदि कई ऐसे कारण हैं, जो तनाव को जन्म देते हैं।
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शादी होना
पढ़ने में थोड़ा फनी लग सकता है, पर ये सच है। शादी के समय ढेर सारी खुशियों के साथ दबे पांव तनाव भी ज़िंदगी में दस्तक दे देता है। जहां लड़कियों को इस बात का तनाव होता है, कि शादी के बाद उन्हें अपना कमरा, घर, परिवार, माता- पिता सबको छोड़कर जाना पड़ेगा… ससुराल में नए लोगों से सामंजस्य बैठाना होगा, पूरी लाइफस्टाइल बदल जाएगी, पति के साथ सबको खुश रख पाएंगी या नहीं…। वहीं लड़कों को भी उनकी बैचलर लाइफ खत्म होने और नई ज़िम्मेदारियों का बोझ उठाने का तनाव होता है।
नए घर में शिफ्ट होना
नए शहर जा रहे हैं या फिर उसी शहर में नया आशियाना बसाना है, कुल मिलाकर घर बदलना आसान नहीं होता। बसी- बसाई गृहस्थी को उठाकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाना काफी तनावपूर्ण प्रक्रिया होती है। जो लोग अपने मेंटल प्रेशर को हैंडल नहीं कर पाते, उनका व्यवहार इस दौरान काफी चिड़चिड़ा भी हो जाता है।
परीक्षा का तनाव
जो लोग पढ़ाई कर रहे हैं या फिर किसी अहम परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं, तनाव उनका भी पीछा नहीं छोड़ता। परीक्षा में कैसे प्रश्न पूछे जाएंगे, पास होंगे भी या नहीं… जैसे कई सवाल हैं, जो दिमाग में लगातार चलते रहते हैं। चाह कर भी इन सवालों से पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता। नतीजा, मेंटल प्रेशर…।
ये तो सिर्फ कुछ सामान्य कारण हैं। हर किसी की ज़िंदगी अलग होती है और उसके साथ ही अलग होती हैं, ज़िंदगी की चुनौतियां भी। कभी- कभी हमारे लिए जो बात तनावपूर्ण होती है, वो सामने वाले के लिए बेकार की बात हो सकती है। अपने तनाव के असल कारण को जाने और उसे भरसक कोशिश करके खुद ही दूर करने की कोशिश करें।
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तनाव के लक्षण – Tanav ke Lakshan
तनाव यानि मेंटल प्रेशर के कारण का पता होने के अलावा उसके लक्षणों को जानना भी बेहद ज़रूरी है। ये लक्षण इमोशनल और फिज़िकल दोनों तरह के हो सकते हैं।
मेंटल प्रेशर के इमोशनल लक्षण – Emotional Symptoms of Stress in Hindi
1- आसानी से गुस्सा आ जाना, उदास रहना या फिर मूड का समय- समय पर बदलते रहना।
2- छोटी- छोटी बातों को दिल पर लगा लेना, खुद पर नियंत्रण न रहना, सामने वाले पर बिना किसी बात के भड़क जाना।
3- मन को शांत रखने में मुश्किल होना या फिर आराम करते समय भी आराम महसूस न होना।
4- हर समय दिमाग में कुछ न कुछ चलते रहना और धीरे-धीरे सोच का नकारात्मक होते जाना।
5- खुद पर तरस खाना, अकेलापन महसूस करना, खुद को किसी काबिल न समझना।
6- दूसरे लोगों से मेलजोल न बढ़ाना, चिड़चिड़ापन महसूस करना, घर से बाहर न निकलना।
मेंटल प्रेशर के फिज़िकल लक्षण – Physical Symptoms of Stress in Hindi
1- कमज़ोरी होना
2- सिरदर्द होना
3- पेट खराब होना जैसे- डायरिया, कब्ज़ आदि।
4- मासपेशियों में तनाव व दर्द
5- सीने में दर्द होना व दिल की धड़कनें तेज़ हो जाना।
6- नींद न आना, रात भर करवटें बदलते रहना
7- बार- बार सर्दी- ज़ुकाम या फिर एलर्जी होना
8- सेक्स में रुचि व क्षमता का कम होना
9- घबराहट और कंपकंपी, कान में सीटी बजना, पैर ठंडे पड़ना या पसीने से तर-बतर होना
10- मुंह सूखना और खाना निगलने में परेशानी होना।
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तनाव दूर करने के उपाय – Stress Management in Hindi
परिवार के साथ मेलजोल बढ़ाएं
हम मानते हैं कि आप वीकडेज़ में काफी बिज़ी रहते हैं। मगर वीकेंड्स पर तो समय निकालकर परिवार वालों से मिल ही सकते हैं। आजकल न्यूक्लियर फैमिली का ट्रेंड कुछ इस कदर बढ़ गया है कि सब अपनी दुनिया मोबाइल या फिर लैपटाॅप पर ही तलाशने लगे हैं। आपको याद है, आपने आखिरी बार कब पूरे परिवार के साथ बैठकर एक कप चाय पी थी या फिर शाम के समय बच्चों को पार्क लेकर गए थे। डिजिटल दुनिया में हम इतना खो चुके हैं कि जो लोग हमारे सामने हैं, उन्हें ही समय नहीं दे पाते। थोड़ा सा समय अपने परिवार के साथ बिताएं। बच्चों का होमवर्क कराएं, घरवालों के लिए खाना पकाएं और दोस्तों के साथ थोड़े गप्पे मारें। फिर देखिये तनाव कैसे आपसे दूर भाग जाता है।
संगीत सुनिए
कहते हैं, संगीत हर दर्द की दवा है। मनपसंद संगीत सुनने से तनाव आस- पास भी नहीं भटकता। सुबह ऑफिस जाते समय या शाम को घर लौटते समय थोड़ा समय संगीत सुनने को दीजिए। शर्त बस इतनी है कि संगीत आपकी पसंद का होना चाहिए। फिर चाहे वो क्लासिकल म्यूज़िक हो, बाॅलीवुड हो, वेस्टर्न म्यूज़िक हो या फिर सूफी। कान में ईयरफोन लगाइए, मोबाइल पर अपने पसंद का म्यूज़िक ऑन करिए, आंखें बंद कीजिए और हर चिंता को छोड़कर खो जाइए संगीत की सुरमई दुनिया में।
मेडिटेशन भी है ज़रूरी
मेडिटेशन यानि ध्यान थोड़े समय के लिए आपको किसी और ही दुनिया में ले जाता है। ध्यान और योग आपके दिमाग से तनाव को दूर कर उसे शांति प्रदान करते हैं। इसके लिए सबसे अच्छा समय सुबह का माना जाता है। इसलिए अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुकून चाहते हैं तो नियमित रूप से ध्यान करना शुरू कर दीजिए। इससे आपका दिमाग और मन शांत होगा व तनाव नहीं होगा।
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अपने शौक को जीना शुरू करें
ज़िंदगी में हर किसी का कोई न कोई शौक ज़रूर होता है। किसी को लिखने का शौक होता है तो किसी को पेंटिंग करने का। किसी को किताबें पढ़ना खुशी देता है तो किसी को कुकिंग करने में मज़ा आता है। मगर पैसा कमाने की होड़ में और दूसरों से आगे निकलने की रेस में हम इस कदर मसरूफ हो जाते हैं कि अपने लिए समय ही नहीं निकाल पाते। हर किसी के पास दिन के सिर्फ चौबीस घंटे होते हैं। अब ये हमारे ऊपर निर्भर करता है कि इस समय को हम कैसे इस्तेमाल करते हैं। अपना मनपसंद काम करने से न सिर्फ थकान मिटती है बल्कि तनाव भी कम होता है। तनाव दूर भगाने के लिए खेल खेलिए, फिल्में देखने जाइए, पेंटिंग करिए, डांस कीजिए, इन शाॅर्ट जो आपको अच्छा लगता हो वो करिए।
ऑफिस का काम सिर्फ ऑफिस में
ऑफिस का काम कभी खत्म नहीं होता। आप चाहे जितना भी काम कर लें, बाॅस को कम ही लगेगा। इसलिए बेहतर होगा कि ऑफिस का काम ऑफिस में ही छोड़ कर आएं। घर पर काम करने से न तो आप आराम कर पाएंगे और न ही घरवालों को समय दे पाएंगे। कोशिश करें कि ऑफिस का काम वहीं पूरा कर लें।
सोलो ट्रिप सबसे अच्छा
सोलो ट्रिप के बारे में तो आपने सुना ही होगा। खुद के साथ घूमने का जो मज़ा है, वो भला और कहां। आज कल तो कई ऐसी वेबसाइट्स हैं, जो सोलो ट्रिप ऑर्गेनाइज़ कराती हैं। दरअसल इसमें अलग- अलग लोग वेबसाइट द्वारा सुझाई गई जगह पर ग्रुप के साथ निकलते हैं। इस ग्रुप में कोई बी एक- दूसरे को नहीं पहचानता। सफर के साथ सबकी पहचान अपने- आप बनती जाती है। ये पूरी तरह से सेफ होते हैं। अगर इस तरह के ट्रिप्स में आप अपने आप को सहज महसूस नहीं करते तो अकेले अपनी गाड़ी से या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का टिकट कराकर निकल सकते हैं।
परिवार संग छुट्टियां मनाएं
सोलो ट्रिप के अलावा अपने प्रियजनों के साथ घूमने का भी अलग ही मज़ा होता है। साल में कम से कम एक या दो बार पूरे परिवार या फिर अपने पार्टनर को लेकर ट्रेवल पर ज़रूर निकलें। इसके लिए सबसे पहले अपने बजट के अनुसार जगह का चयन करें। फिर ऑनलाइन होटल बुकिंग और टिकट बुकिंग कर लें और छुट्टियां जमकर एन्जाॅय करें। बेहतर होगा आप अपनी पसंदीदा जगह का चुनाव मौसम के अनुसार करें। जैसे सर्दियों के मौसम में समुद्र किनारे और गर्मियों में बर्फीली जगह पर जाना आपको ज्यादा आनंद पहुंचाएगा।
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मेंटल प्रेशर को लेकर सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल-जवाब – FAQ’s
सवाल- क्या तनाव दिमागी रूप से बीमार बना देता है ?
जवाब- समय के साथ तनाव आपको कई तरह की बीमारियां दे सकता है। जैसे- दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ आदि। इसके अलावा ये डिप्रेशन और चिंता का भी प्रमुख कारण बन सकता है।
सवाल- क्या मेंटल स्ट्रेस से कोई मर भी सकता है?
जवाब- मेंटल स्ट्रेस जिसे तनाव भी कहा जाता है, डिप्रेशन और दिल से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है। ऐसे कई केसेज़ सुनने को मिलते हैं, जिसमें तनाव में आकर लोग अपनी जान तक दे बैठते हैं। वहीं ज्यादा तनाव लेने से हार्ट अटैक भी आ सकता है।