हर साल 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत विविधताओं का देश है और हम सब जानते हैं कि हमारे यहां कई भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं लेकिन इन सबमें सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। देश में करीब 77 फीसदी लोग हिंदी (dohe for hindi diwas) भाषा में बोलचाल करते हैं और बहुत से लोगों के लिए हिंदी भाषा उनके रोजगार का जरिया भी है। इस वजह से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस (हिंदी भाषा पर दोहे) मनाया जाता है। इस वजह से हिंदी दिवस के मौके पर हम आपके लिए dohe on hindi diwas लेकर आए हैं। आप चाहें तो यहां हिंदी दिवस की शुभकामनाएं भी पढ़ सकते हैं।
हिंदी भाषा पर दोहे | Dohe on Hindi Diwas
14 सिंतबर 1949 को भारत के संविधान सभा ने हिंदी (hindi diwas ke dohe) को राजभाषा का दर्जा दिया था। Hindi Diwas ka Mahatva 14 सिंतबर 1949 को भारत के संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा (hindi dohe for hindi diwas) का दर्जा दिया था। के बारे में लोगों को बताने के लिए और जागरुक करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने हर साल 14 सितंबर को हिंदी राजभाषा दिवस मनाने का अनुरोध किया था। वहीं संविधान का निर्माण कर रहे लोगों ने हिंदी के महत्व को देखते हुए इसे संविधान में जगह देने का फैसला किया। भारत के संविधान में भाग 17 के अनुच्छे 343 (1) में कहा गया है कि हमारी राज भाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है। इसके बाद 14 सितंबर को हिंदी दिवस (hindi diwas par dohe) के रूप में मनाया जाने लगा। इस वजह से हम यहां आपके लिए hindi diwas dohe लेकर आए हैं। आप लेख में नीचे 20+ हिंदी दिवस पर दोहे पढ़ सकते हैं।
1. बिन इसके अधूरा हूँ मैं, मेरी हालत ऐसी है, इसके बिना मेरा क्या जीवन, हिंदी मेरी माँ जैसी है।
2. सम्मान जो खोया है इसने, हमें उसको वापस लौटाना है, अस्तित्व न खो दे अपना ये, हिंदी को हमें बचाना है।
3. देश बढ़ेगा आगे यदि सबकी आशा एक हो, मत भी सबका एक हो भाषा भी सबकी एक हो।
4. हिंदी आशीर्वाद सी है अंग्रेजी एक आफत है, हिंदी मात्र भाषा नहीं हिंदी हमारी विरासत है।
5. भारत के हर एक कोने को आपस में जो साथ मिलाये, संपर्क सूत्र का काम करे जो वो भाषा हिंदी कहलाये।
6. जब भी होता ये दिल भावुक और ये जुबान लड़खड़ाती है, ऐसे समय में बस अपनी मातृभाषा ही काम आती है।
7. जिसमें हैं मैंने ख्वाब बुने जिससे जुड़ी मेरी हर आशा है, जिससे है मुझे पहचान मिली वो मेरी हिंदी भाषा है।
8. पिता की डांट से माँ की लोरियों तक, स्कूल की किताबों से यारों की टोलियों तक, जिनसे जो कुछ भी मैंने पाया है, हिंदी भाषा ने इन सब में अपना किरदार निभाया है।
9. सारा जहाँ ये जानता है, ये ही हमारी पहचान है, संस्कृत से संस्कृति हमारी, हिंदी से हिंदुस्तान है।
10. हमारी एकता और अखंडता ही हमारे देश की पहचान है, हिन्दुस्तानी हैं हम और हिंदी हमारी जुबान है।
11. जिससे जुड़े हैं सपने मेरे, जिससे जुड़े हुए अरमान, हिंदी बस भाषा नहीं, हिंदी है मेरी जान।
12. बदलेंगे हालात हमारे, ये धरा भी मुस्कुराएगी, जन-जन की भाषा हिंदी जब दिल से अपनाई जाएगी।
13. बिछड़ जायेंगे हमारे अपने हमसे, अगर अंग्रेजी टिक जाएगी, मिट जायेगा वजूद हमारा, अगर हिंदी मिट जाएगी।
14. विविधताओं से भरे इस देश में लगी भाषाओं की फुलवारी है, जिसमें हमको सबसे प्यारी, हिंदी मातृभाषा हमारी है।
15. हिन्दी से अभिव्यक्ति के, सभी कार्य हैं साध्य, फिर अंग्रेजी पालकी, क्यों ढोने को बाध्य।
16. हिन्दी के प्रति हीनता, मन से करें समाप्त, विश्व -मंच पर तब इसे, होगा गौरव प्राप्त।
17. अपनी भाषा बोलते, आती जिसको लाज, बन सकता वह देश कब, दुनिया का सरताज।
18. सभी प्रान्त की बोलियाँ, दे हिन्दी को मान, राष्ट्र -एकता का करें ,मधुर सुरों में गान।
19. बने कार्य व्यवहार की, हिन्दी भाषा आज, तब कल इसके शीश पर, होगा गौरव -ताज।
20. हिन्दी भारत देश की, जनता की आवाज, हो इसमें सम्पन्न अब, शासन के सब काज।
21. हिंदी पुरातन भाष है, जिसमें भाव अपार, सहज-सरल-सरस इतनी कि सीख रहा संसार है।
22. जहां सारा अचरज है, पढ़ के ग्रंथ पुराण, लौकिक है ज्ञान इसमें, वांचत हर सुजान।
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