वजन कम करने और फिट रहने के लिए आपको एक्सरसाइज करने और अपने खाने-पीने पर ध्यान देना होता है। विशेष रूप से एक्सरसाइज का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए कार्डियो, बॉडीवेट एक्सरसाइज, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और स्ट्रेचिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए यह जानना भी जरूरी है कि आपको अपने फिटनेस के स्तर के अनुसार कौन-सी एक्सरसाइज कितनी देर तक करने की जरूरत है।
महिलाओं के लिए रोजाना करने वाली बेस्ट एक्सरसाइज Daily Exercise for Women in Hindi
वर्कआउट के लिए आपके पास कई सारे विकल्प हैं जिसमें से आपको अपने लिए बेहतर एक्सरसाइज को चुनना होगा। आप अपनी स्ट्रेंथ के अनुसार अलग-अलग वर्कआउट चुन सकते हैं। इससे आपको बेहतर रिजल्ट मिलेंगे। इस विमेंस डे (Womens Day Wishes in Hindi) पर आइए जानते फिटनेस एक्सपर्ट और न्यूट्रिशनिस्ट, DCFC की फाउंडर दीक्षा छाबड़ा से कि वो कौन सी 5 बेस्ट वर्कआउट हैं जो हर महिला को फिट रहने के लिए जरूर करने चाहिए –
कार्डियो (Cardio)
कार्डियों करने से आपकी हार्ट रेट फैट वाले बॉडी पार्ट पर काम करती है। आपका ब्लड बहुत तेजी से पंप करने लगता है, जिसके चलते आप तेजी से सांस लेते हैं और आपको पसीना आता है। इसकी वजह से आप ज्यादा कैलोरी बर्न कर पाते हैं। हमेशा एक ऐसी कार्डियो एक्टिविटी चुनें जिसे आप दिन में कम से कम 20 से 40 मिनट तक नियमित रूप से कर सकें। वॉकिंग, ब्रिस्क वॉक, स्लो जॉग, तेज दौड़ना, लॉन्ग जम्प कार्डियों के प्रकार हैं।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength training)
वजन उठाने से आपका लीन बॉडी मास बढ़ सकता है, जो दिन में आपके द्वारा बर्न की जाने वाली कैलोरी की संख्या को बढ़ाता है। इससे न केवल आपको अपना वजन कम करने और बॉडी को टोन करने में मदद मिलती है, बल्कि यह डायबटीज, मैटाबॉलिक सिंड्रोम और कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है। कहा जाता है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग महिलाओं को बल्क अप बनाने के लिए अच्छी होती है, लेकिन यह एक मिथक है। जितना वजन आपकी मांसपेशियों से बढ़ता है, आप उतने ही पतले होते हैं। यह बढ़ता वजन बैड फैट नहीं होता। देखा जाए, तो बॉडीवेट अक्सर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के साथ आगे बढ़ता है, लेकिन आप धीरे-धीरे वजन कम करने लगते हैं।
हाई इंटेंसिटी इंटर्वल ट्रेनिंग (HIIT)
हालांकि कार्डियो और वेट ट्रेनिंग दो सबसे लोकप्रिय वर्कआउट हैं, लेकिन इसके अन्य प्रकार भी हैं। इनमें से एक है हाई इंटेंसिटी इंटर्वल ट्रेनिंग (HIIT), जिसमें लो-इंटेंसिटी रिकवरी पीरियड्स के साथ अल्टरनेटिव वर्कआउट के कम समय तक किये जाने वाले वर्कआउट शामिल हैं। आमतौर पर, एचआईआईटी वर्कआउट लगभग 10 से 30 मिनट का होता है। एचआईआईटी को स्प्रिंटिंग, बाइकिंग, जम्पिंग रोप या शरीर के अन्य वर्कआउट के जरिये इसे किया जा सकता है।
सर्किट ट्रेनिंग (Circuit Training)
यह वजन का उपयोग करके एक्सरसाइज करने का एक रूप है, जो एक से अधिक मसल्स ग्रुप को मिलाकर किया जाता है। इसके जरिये आप थोड़े समय में कई सारी एक्सरसाइज कर सकते हैं। इसमें तेजी को बनाए रखते हुए आप अपर बॉडी, लोअर बॉडी या फुल बॉडी पर फोकस कर सकते हैं। धीरे-धीरे एक एक्सरसाइज से दूसरी एक्सरसाइज पर पहुंचे और हर एक्सरसाइज के बाद में लगभग एक मिनट के लिए रेस्ट करें।
स्ट्रेचिंग (Stretching)
वर्कआउट से समय आपकी मसल्स एक्टिव हो जाती और बॉडी एनर्जी रिलिज करने लगती है। इससे बॉडी का फ्यूल काम करता है। यह मसल्स की रिकवरी कर उन्हें मजबूत बनाता है और अकड़न कम करता है। यह तब होता है जब आप सही स्ट्रेचिंग लाइफस्टाइल में आ जाते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि एक्सरसाइज के पहले कौन से फॉर्मेट में आपने स्ट्रेचिंग पोस्ट-वर्कआउट किया है।
POPxo की सलाह: MYGLAMM के ये शनदार बेस्ट नैचुरल सैनिटाइजिंग प्रोडक्ट की मदद से घर के बाहर और अंदर दोनों ही जगह को रखें साफ और संक्रमण से सुरक्षित!