किशमिश की गिनती सेहतमंद ड्राईफ्रूट्स में होती है, इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं। स्वाद में मीठी किशमिश हर घर में पाई जाती है। इसे मुनक्का भी कहा जाता है। ये कई तरह के आकार और रंगों की होती है, जैसे- ग्रीन, ब्लैक, ब्राउन, ब्लू, पर्पल और यलो। अंगूर को सुखा कर बनाई जाने वाली किशमिश कई तरह के विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर होती है। हालांकि ताज़े अंगूरों की तुलना में किशमिश में विटामिन सी कम मात्रा में होता है, लेकिन इसके बावजूद किशमिश के फायदे (kismis ke fayde) कई तरह से सेहत के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। यहां तक कि किशमिश कई गंभीर बीमारियों को दूर करने में भी सक्षम है। जानिए किशमिश में मौजूद पौष्टिक तत्वों के साथ किशमिश खाने के फायदे (benefits of kismis) और नुकसान के बारे में साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे कि किशमिश खाने का सही तरीका क्या है।
किशमिश में मौजूद पौष्टिक तत्व – Raisins Nutrition Facts in Hindi
मिठास से भरी किशमिश में कई पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। ये पौष्टिक तत्व शरीर में ऊर्जा बढ़ाने से लेकर हाजमा तक ठीक करने में मददगार होते हैं। जानिए किशमिश में मौजूद ऐसे ही कुछ पौष्टिक तत्वों के बारे में।
एक-आधा कप किशमिश में लगभग 217 कैलोरी और 47 ग्राम शुगर होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो किशमिश के वज़न का 67% से 72% शुगर होता है। यही कारण है कि किशमिश को लो-कैलोरी व लो-शुगर की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। किसी भी ड्राई फ्रूट में इतनी उच्च मात्रा में कैलोरी और शुगर होना सामान्य बात नहीं है। इसके चलते इसमें कोई दोराय नहीं है कि किशमिश को ‘प्रकृति की कैंडी’, यानी नेचर्स कैंडी क्यों कहा जाता है।
एक-आधा कप किशमिश में लगभग 217 कैलोरी और 47 ग्राम शुगर होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो किशमिश के वज़न का 67% से 72% शुगर होता है। यही कारण है कि किशमिश को लो-कैलोरी व लो-शुगर की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। किसी भी ड्राई फ्रूट में इतनी उच्च मात्रा में कैलोरी और शुगर होना सामान्य बात नहीं है। इसके चलते इसमें कोई दोराय नहीं है कि किशमिश को ‘प्रकृति की कैंडी’, यानी नेचर्स कैंडी क्यों कहा जाता है।
फाइबर
आपकी उम्र और जेंडर के आधार पर एक-आधा कप किशमिश आपको 3.3 ग्राम फाइबर या आपकी दैनिक जरूरतों का लगभग 10 से 24 प्रतिशत हिस्सा फाइबर देगी। फाइबर पाचन क्रिया को संतुलित कर कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा किशमिश में मौजूद फाइबर पेट को भरा रखने में भी मददगार है, इसलिए अगर आप वज़न कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो किशमिश का सेवन लाभदायक है।
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आयरन
किशमिश आयरन का अच्छा स्रोत है। डेढ़ कप किशमिश में 1.3 मिलीग्राम आयरन होता है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने और उन्हें आपके शरीर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन ले जाने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण है। शरीर में आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया को रोकने के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में किशमिश खाने की आवश्यकता होती है।
कैल्शियम
आधा कप किशमिश में लगभग 45 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। यह आपकी दैनिक जरूरतों के लगभग 4 प्रतिशत के बराबर होता है। कैल्शियम स्वस्थ और मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक है। यदि आपके पीरियड्स आना बंद हो चुके हैं तो किशमिश आपके लिए एक बहुत अच्छा स्नैक है, क्योंकि कैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस के विकास को रोकने में मदद करता है, जो हड्डियों को नुकसान पहुंचाने के कारणों में से एक है।
किशमिश खाने के फायदे – Kismis Khane ke Fayde
किशमिश खाने के फायदे कई हैं। (kismis khane ke fayde) ये पाचन क्रिया बेहतर करने से लेकर हड्डियां मजबूत करने तक में कारगर है। जानिए किशमिश के सेवन से होने वाले ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में…
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एनीमिया में असरकारक
एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी होने पर किशमिश का सेवन फायदेमंद होता है। (kismis ke fayde) आमतौर पर आयरन की कमी से शरीर में खून की कमी होती है। ऐसे में किशमिश इस कमी को पूरा करने में मदद करती है। किशमिश में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी पाया जाता है, जो खून की कमी को पूरा करने का काम करता है।
हड्डियां करे मजबूत
किशमिश में मौजूद पौष्टिक तत्व हड्डियों को मजबूत करने का काम करते हैं। किशमिश कैल्शियम का अहम स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। ऐसे में अगर आपको घुटने में दर्द की शिकायत है तो किशमिश का सेवन फायदेमंद रहेगा। (benefits of kismis) न केवल हड्डियां, बल्कि किशमिश खाने से दांत भी मजबूत बने रहते हैं।
पाचन क्रिया करे बेहतर
रोज़ाना किशमिश के सेवन से पाचन क्रिया बेहतर बनी रहती है। इसमें मौजूद फाइबर खाने को पचाने में मदद करते हैं और कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। अगर आप गर्म दूध के साथ इसका सेवन करेंगे तो यह अधिक फायदा करेगा। दिन भर में 10-12 किशमिश का सेवन ज़रूर करें।
एसिडिटी से दिलाए छुटकारा
किशमिश पोटेशियम और मैग्नीशियम से समृद्ध है, जो एसिडिटी के लिए एक प्राकृतिक उपचार की तरह है। दरअसल खान-पान की गड़बड़ी के चलते अक्सर एसिडिटी की समस्या हो जाती है। किशमिश का सेवन इस समस्या को आसानी से दूर कर सकता है, क्योंकि किशमिश में मौजूद पोषक तत्व एसिडिटी को कम करने का काम करते हैं।
शरीर में बनाए रखे ऊर्जा
किशमिश के अनेक फायदों (kismis ke fayde) में से एक फायदा ये भी है। आजकल की लाइफस्टाइल में कम उम्र से ही शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होने लगती है। जल्द थकान महसूस होने की वजह से हम सीढ़ियां चढ़ने से लेकर पैदल चलने तक को नजरअंदाज करने लगे हैं। ऐसे में किशमिश का सेवन शरीर में ऊर्जा बढ़ाने का काम करता है। दरअसल, किशमिश विटामिन-बी के समूह से समृद्ध होती है, जो दिन भर ऊर्जावान रहने में मदद करती है।
किशमिश खाने का सही तरीका – Kismis Kaise Khaye
वैसे तो किशमिश खाने का मज़ा सीधे भी लिया जा सकता है, लेकिन आप चाहें तो इसे कई तरह की डिशेज़ में डालकर भी इसका आनंद ले सकते हैं। नाश्ते से लेकर डिनर और फिर डेज़र्ट तक में किशमिश खाने के कई तरीके छिपे हैं। अपने आहार में अधिक किशमिश शामिल करना चाहते हैं तो जानिए किशमिश खाने का सही तरीका:-
1- आप घर पर दलिया बनाते समय उसमें किशमिश का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बस दलिया बनाने की अपनी रेग्युलर रेसिपी में किशमिश को भी शामिल करना है।
2- घर पर खीर बना रहे हों या फिर और कोई मीठी डिश, किशमिश इसका स्वाद बढ़ाने का काम बेहतरीन तरीके से करेगी।
3- आप कुछ नया बनाने के मूड में हैं तो दालचीनी, किशमिश और काजू का प्रयोग कर ये डिश बनाएं। अगर आप काजू नहीं खाते हैं तो इसकी जगह अखरोट भी मिला सकते हैं। इस डिश को बनाने में महज़ 10 मिनट का समय लगेगा। इसे बनाने के लिए सबसे पहले 3 कप रोस्टेड काजू (बिना नमक वाले) में आधा चम्मच नमक और 1 चम्मच खाने वाला नारियल तेल मिलकर मिक्सी में पीस लीजिए। इसे बार-बार तब तक पीसते रहिए, जब तक कि ये एकदम क्रीमी न हो जाए। अब इसे एक कटोरे में निकल लीजिए और इसके ऊपर 1 छोटा चम्मच दालचीनी, एक चौथाई कप किशमिश और 1 चम्मच वनीला एक्सट्रेक्ट मिला दीजिए। आपकी डिश तैयार है।
किशमिश कैसे बनता है – Kismis Kaise Banta Hai
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अगर आप सोच रहे हैं कि हर ड्राई फ्रूट की तरह किशमिश भी सिर्फ बाजार में महंगे दामों पर ही मिलती है, इसीलिए रोज़ाना इसका सेवन करना आपके बजट से बाहर है तो हम आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं है। दरअसल, किशमिश कभी आपके बजट से बाहर नहीं गई है। अगर बाजार से खरीदने पर ये आपको महंगी लग रही है तो क्यों न खुद घर पर ही इसे बना लिया जाए। किशमिश को बनने में भले ही 2 से 3 दिन का समय लगे, लेकिन इसे बनाना बिल्कुल भी झंझट वाला काम नहीं है। आप चाहें तो आसानी से इसे घर पर बना सकते हैं, वह भी बिना ज्यादा खर्च किए। जानिए घर पर किशमिश बनाने के तरीके…
1- सबसे पहले बाज़ार से कुछ अंगूर खरीद लें। ध्यान रहे, जितनी मात्रा में आप किशमिश बनाना चाहते हैं, उतने ही अंगूर खरीदें। अगर आपके घर पर इसका पेड़ है तो सोने पर सुहागा समझिए।
2- उसके बाद सभी अंगूरों के ऊपर लगी हुई डंठल को हटा लीजिए और ठंडे पानी से अंगूरों को अच्छी तरह धो कर साफ कर लीजिए।
3- अब एक ट्रे में अंगूरों को रखकर उसे बाहर धूप में सुखाने के लिए रख दें।
4- अंगूर के सभी तरफ धूप अच्छी तरह लगे, इसलिए समय-समय पर अंगूरों को हाथ से उलटते-पलटते रहिए।5- हालांकि अंगूर को किशमिश बनने की प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है, इसलिए 2 से 3 दिन तक इसे लगातार कड़ी धूप में सुखाते रहें।
6- इसके बाद आपकी घर पर बनी हुई किशमिश तैयार है।
किशमिश के नुकसान – Kismis Ke Nuksan
घर के बड़े-बुज़ुर्गों से अक्सर सुनते आए हैं कि अति हर चीज़ की बुरी होती है, यहां तक कि किशमिश की भी। इसका ज़रूरत से ज्यादा सेवन करने से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जानिए ऐसे ही कुछ नुकसानों के बारे में।
1- हम पहले भी बता चुके हैं कि किशमिश में अधिक मात्रा में शुगर पाई जाती है। ऐसे में किशमिश के अत्यधिक सेवन से डाइबिटीज़ टाइप-2 का खतरा हो सकता है। खासतौर पर जिन लोगों को पहले से डाइबिटीज़ है, उन्हें किशमिश का सेवन कम ही करना चाहिए।
2- इसके अलावा कुछ लोगों में किशमिश खाने से एलर्जी के लक्षण भी देखे जाते हैं, इसलिए अगर आपको भी किशमिश खाने से एलर्जी होती है तो इसका सेवन बिल्कुल न करें।
3- सामान्य मात्रा में जहां किशमिश कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाती है, वहीं इसका अधिक सेवन दस्त का कारण भी बन सकता है।
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