मां बनना हर औरत के लिए बेहद खूबसूरत एहसास होता है। बच्चे के जन्म साथ ही एक मां का जन्म भी हो जाता है। ऐसे में ढेरों खुशियों के साथ एकाएक कई ज़िम्मेदारियां भी आ जाती हैं। इन ज़िम्मेदारियों के लिए कई बार एक नई मां तैयार होती है और कई बार नहीं। कहते हैं मां सब जानती है लेकिन इस बात को कहने वाले ये भूल जाते हैं कि बच्चे के साथ मां भी तो नई-नई चीज़ें सीख रही होती है। पैदा होने से लेकर 6 महीने का होने तक बेबी सिर्फ अपनी मां के दूध में या फिर फॉर्मूला दूध पर निर्भर होता है। उसके डाइट चार्ट को लेकर मुश्किलें तो 6 महीने के बाद शुरू होती हैं। हम आपको यहां 6 महीने के बेबी का डाइट चार्ट बता रहे हैं, जो आपके बेबी को खिलाने और उसे पचाने में काफी आसान रहेगा।
कैसा हो आपके बेबी का डाइट चार्ट?
बेबी के 6 महीने का पूरे होने से पहले ही हर मां को यह चिंता सताने लगती है कि अब दूध के सिवा बेबी के फूड में क्या-क्या शामिल होना चाहिए। क्या 6 महीने उसे सॉलिड देना शुरू कर देना चाहिए। उसके खाने नमक की मात्रा कितनी होनी चाहिए या फिर उसे कितना लिक्विड और कितना सॉलिड फूड देना चाहिए। इसके अलावा सॉलिड फ़ूड में क्या-क्या होना चाहिए। इन सभी सवालों के जवाब हम आपके लिए इस आर्टिकल में लेकर आये हैं।
6 महीने के बेबी का डाइट चार्ट
आपका बेबी 6 महीने का भले ही हो चूका है लेकिन उसके बाद भी उसकी पाचन शक्ति अभी इतनी मजबूत नहीं हुई है कि आप उसे सीधा सॉलिड फूड देना शुरू कर दें। 7 महीने का होने तक बच्चे को दूध के अलावा दिन में एक बार ही लिक्विड फूड दें। इसमें दाल का पानी, उबली हुई सब्जियों का पानी, नारियल पानी और बेहत ही फायदेमंद चावल का पानी शामिल हैं।
ध्यान रहे एक लिक्विड फूड बेबी को लगातार 4 से 5 दिन तक दें उसके बाद ही अगली लिक्विड डाइट शुरू करें। ऐसा करने से आपको ये पता चल जायेगा कि उसे वो लिक्विड फूड सूट कर रहा है या नहीं। कहीं उसे कोई एलर्जी तो नहीं हो रही। अगर सब कुछ ठीक है, तभी अगली लिक्विड डाइट पर जाएं। उदाहरण के लिए अगर आप उसे दाल का पानी दे रही हैं तो चावल या उबली हुई सब्जियों का पानी 4-5 दिन बाद ही शुरू करें। इसके अलावा पानी की मात्रा भी अभी कम ही रखें। क्योंकि ज्यादा पानी पीने से बेबी के दूध पीने की मात्रा में कमी आनी शुरू हो जाती है।
नमक की मात्रा
6 महीने के बेबी फ़ूड में नमक की मात्रा एकदम हल्की होनी चाहिए। यानी दाल के पानी में ज़रा सा ही नमक डालें। क्यूंकि अभी बेबी की पाचन शक्ति बड़ों की तरह नमक लेने के लिए तैयार नहीं है। इसके अलावा बच्चे को कुछ भी देने से पहले उसे एक बार खुद चख लें। इससे आपको नमक के कम या ज्यादा होने अंदाज़ भी मिल जाएगा।
7 वें महीने से शुरू करें सॉलिड फूड
7 महीने का होने तक आपका बेबी हल्का सॉलिड फूड कहने के लिए तैयार हो जाता है। इसके लिए आप उसे फलों की प्यूरी, दलिया, पतली खिचड़ी आदि बनाकर खिला सकती हैं। फलों की प्यूरी के लिए केला, सेब और संतरा सबसे बेहतर होता है। वहीं 8 वां महीने का होने तक आप उसे आटे का हलवा और चावल की चीज़ें भी बनाकर खिला सकती हैं।
1 साल तक गाय के दूध को कहें ना
गाय या भैंस का दूध बच्चे को कब से देना शुरू करना चाहिए, यह भी एक बढ़ा चर्चा का विषय है। डॉक्टर्स की मानें तो 1 साल तक बच्चे को गाय या भैंस का दूध नहीं देना चाहिए। दरअसल, बच्चों की पाचन शक्ति गाय या भैंस का दूध पचाने के लिए तैयार नहीं होती। इसलिए 1 साल का होने तक बच्चे को मां का दूध या फिर फॉर्मूला दूध ही पिलाएं।
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