आसन के रूप में जानी जाने वाली योग मुद्राएं आपके स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए योग अग्न्याशय के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है जो शरीर के शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। योग से शरीर में इंसुलिन की कार्यप्रणाली में भी सुधार होता है। डायबिटीज को 2 प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है- टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2। आपको बता दें कि टाइप 1 डायबिटीज में, शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है और टाइप 2 डायबिटीज में शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। कुछ योग आसनों के माध्यम से शरीर खिंच जाता है, विभिन्न आकृतियों में मुड़ जाता है। जब हमारे शरीर के काठ और वक्ष क्षेत्रों में ऐसा होता है, तो यह अग्न्याशय को प्रभावित करता है। इस दौरान यह इंसुलिन के उत्पादन को विकसित करता है और रक्त शर्करा के स्तर को नीचे लाता है। नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से अंतःस्रावी तंत्र की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है।
डायबिटीज में फायदेमंद योगासान yoga asanas for diabetes control in Hindi
अनुलोम विलोम, भस्त्रिका आदि प्राणायाम तकनीकें शरीर में इम्यूनिटी का निर्माण करती हैं, आपके शरीर में नाड़ियों को साफ करती हैं और तनाव को दूर करती हैं। योग पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को भी लाभ पहुंचाता है जिससे तनाव हार्मोन कम होता है। वैसे ये बात तो आप भी जानते होंगे कि तनाव डायबिटीज के लिए एक प्रमुख ट्रिगर है और योग आपको इसके विभिन्न अभ्यासों के माध्यम से डायबिटीज को कंट्रोल करने, प्रबंधित करने और उसका इलाज करने में मदद कर सकता है। तो आइए जानते हैं अक्षर योग के संस्थापक ग्रैंड मास्टर अक्षर (Master Akshar) जी से कि किन योगासनों को करने से शरीर में बढ़े शुगर लेवल यानि कि डायबिटीज को कंट्रोल (yoga asanas for diabetes) किया जा सरहते हैं और क्या है इन्हें करने की सही विधि –
1. मार्जरी आसन
मार्जरी आसन दो शब्दों से मिलकर बना है। मार्जरी का अर्थ है ‘बिल्ली’ और आसन का मतलब होता है योग पोज़। मार्जरी आसन को कैट पोज़ भी कहा जाता है। यह पाचन से संबंधित अंगों को सक्रिय करता है और एन्ज़इम्स एवं हॉर्मोन के स्राव में मदद करता है जिससे पाचन और कब्ज पर काबू पाने में मदद मिलती है। इसी के साथ योग के इस आसान को फॉलो करके आप डायबीटिज जैसे रोगों पर भी नियंत्रण पा सकते हैं। इस आसन को 2 तरह से करें –
- इसे करने के लिए अपने घुटनों पर नीचे जाएं।
- हथेलियों को कंधों के नीचे और घुटनों को हिप्स के नीचे रखें।
- श्वास अंदर ले, रीढ़ को कर्व करें।
- सांस को अंदर की ओर लें, पीठ को घुमाएं और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती पर गिराएं।
- अपनी नजर को अपने नाभि क्षेत्र की ओर केंद्रित करें।
2. पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन कई रोगों को दूर करने के लिए बेहद खास आसन है। खासकर मधुमेह के मरीजों के लिए यह दवा है। इस योग को करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इस योग करने के लिए अपने पैरों को आगे बढ़ाकर शुरू करें, सुनिश्चित करें कि आपके घुटने थोड़ा झुके हुए हों जबकि पांव आगे की ओर फैले हों। ऊपर की ओर अपने बाजू को फैलाएं और अपनी रीढ़ को सीधा रखें। अंदर की ओर सांस लें और शरीर के निचले हिस्से पर ऊपरी शरीर को रखते हुए कूल्हे पर आगे झुकें। अपने बड़े पैर की उंगलियों को हाथों की उंगलियों से पकड़ने की कोशिश करें।
3. अधोमुख श्वानासन
अधोमुख श्वानासन में बनने वाली शरीर की स्थिति को अगर ठीक उल्टा किया जाए तो नौकासन बन जाता है। इस मुद्रा से निम्न रक्तचाप, रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। यह पेट के अंगों को भी उत्तेजित करता है। डायबिटिज जैसे रोगों से छुटकारा पाने के लिए ये आसान उत्तम है। इसे करने के लिए सांस खींचते हुए अपने पैरों और हाथों के बल शरीर को उठाएं और उल्टे V के आकार मे लेकर आएं। सुनिश्चित करें कि हथेलियां कंधों के नीचे और घुटने कूल्हों के नीचे हों। कूल्हों को ऊपर उठाएं, घुटनों और कोहनियों को सीधा करें और अपने शरीर को उल्टे V के आकार में बनाएं। अब हाथों को कंधों की चौड़ाई से अलग रखें। उंगलियां आगे की ओर इशारा करती हैं। अपनी नजर अपने बड़े पैर की उंगलियों पर केंद्रित रखें।
4. बालासन
बालासन जिसे अंग्रेजी मे चाइल्ड पोज के नाम से भी जाना जाता है, यह एक विश्राम मुद्रा है जो मन को शांत, तनाव से राहत और कूल्हों, जांघों, पैरों मे खिचाव पैदा करता है । यह आराम करने वाली मुद्रा विश्राम करने को प्रोत्साहित करती है, जो इंसुलिन उत्पादक कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करती है। इसे करने के लिए चटाई पर घुटने टेंके और एड़ियों के बल बैठें। अब अंदर की ओर सांस लें और अपने बाजुओं को अपने सिर पर उठाएं, अंदर की ओर सांस लें और अपने ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं। अपने माथे को फर्श पर रखें। अपने नितंबों को अपनी एड़ी पर लाने के लिए पीछे की ओर झुकें। सुनिश्चित करें कि आपकी कमर आपकी पीठ कूबड़ न हो।
5. मंडुक आसन
मंडूक का अर्थ है मेंढक अर्थात इस आसन को करते वक्त मेंढक के आकार जैसी स्थिति में रहना होता है। इस आसन का सही अभ्यास करने से पेनक्रियाज से इन्सुलिन का स्राव में मदद मिलती है जिससे डायबिटीज या मधुमेह को बहुत हद तक रोक जा सकता है। इसे करने के लिए सबसे पहले घुटने टेककर या वज्रासन में बैठ जाएं। अंगूठों को अंदर रखते हुए अपनी मुट्ठियों को कसकर बंद कर लें और श्वास लें। आगे की ओर झुकते हुए सांस छोड़ें और नाभि पर अधिकतम दबाव डालें। अपनी जांघ को अपनी छाती से स्पर्श करें और आगे की ओर मुख करें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहें। गहरी सांस लेकर वज्रासन में आएं।
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