वैदिक एस्ट्रोलॉजी के अनुसार नवरत्नों से बनी हर एक अंगुठी को अपना एक विशेष उंगुली में धारण करने का महत्व होता है। आप कोई भी रत्न की अंगूठी किसी भी अंगुली में नहीं पहन सकते हैं। क्योंकि प्रत्येक रत्न की धारण करने विधि और उंगली पहले से ही निर्धारित की गई है और उसे उसी में पहनने से लाभ होता है। तो फिर आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य संजय मिश्र से कि किस उंगली में कौन-से रत्न की अंगूठी पहनने से लाभ मिलता है –
किस उंगली में कौन से रत्न वाली अंगूठी पहननी चाहिए Right Gemstone for Right Finger according to Vedic Astrology in Hindi
अगूंठे वाली उंगली में
बहुत से लोगों को लगता है कि अगूंठे में कोई रत्न धारण ही नहीं किया जाता है। बल्कि ऐसा नहीं है अगूंठा भी एक उंगली ही है और इच्छा शक्ति को दर्शाता है। जीवन में बदलाव लाने के लिए इस उंगली में रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। अगूंठे में रूबी और गार्नेट जैसे रत्न धारण करने चाहिए।
तर्जनी उंगली में
हाथ की तर्जनी उंगली एक अलग शक्ति होती है। ये लीडरशिप, अधिकार और पावर की को दर्शाती हो। पहले के समय में राजा-महाराजा भी इसी उंगली में रत्न धारण करते हैं। क्योंकि धमकी या निर्देश इसी उंगुली से दिया जाता है। तर्जनी उंगली के लिए ब्लू टोपाज, पुखराज, नीलम, ओपल और हीरा भी इसी उंगली में पहनना चाहिए। क्योंकि इस उंगुली के ठीक नीचे शुक्र पर्वत होता है। इसी के साथ केतु के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए केतु का रत्न लहसुनिया भी इस उंगली में पहना जाता है।
मध्यमा अंगुली में
हाथ की बीच की उंगली को मध्यमा कहा जाता है और ये व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व को दर्शाती है। इस उंगली में रत्न पहनने से जीवन में बैलेंस बना रहता है। इससे सही और गलत फैसले में फर्क करने में भी मदद मिलती है। मध्यमा उंगली में मूंगा, क्वार्टज़, नीलम और कोरल पहनना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति की शनि महादशा चल रही है तो उसे शांत करने के लिए लोग शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में गोमेद भी पहन सकते हैं।
अनामिका उंगली में
अनामिका उंगली जिसे हम सब रिंग फिंगर के नाम से भी जानते हैं। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बायें हाथ की इस उंगली का दिल से सीधा जुड़ाव होता है। इसीलिए इसमें सगाई की अंगूठी पहनी जाती है। ये उंगली स्नेह, शांती और आशावादिता को दर्शाती है। इसीलिए इसमें सोने, चांदी, हीरे, जेड, मूनस्टोन और सूर्य के चमत्कारिक रत्न माणिक को धारण करना चाहिए।
कनिष्ठका उंगली में
हाथ की सबसे छोटी उंगली को कनिष्ठका कहा जाता है। यह उंगली रिश्तों को दर्शाती है। इस उंगली में धारण किये जाने वाले रत्न वैवाहिक, व्यवसायिक रिश्तों को मधुर बनाने के लिए पहने जाते हैं। अगर चंद्र की महादशा हो तो कनिष्ठका उंगली में मोती पहनने से लाभ होता और बुध की महादशा में पन्ना पहनना चाहिए।
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