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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के उपचार और लक्षण – PCOS ko Khatm Karne ke Upay in Hindi

Megha Sharma  |  Nov 20, 2020
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के उपचार - PCOS ko Khatm Karne ke Upay in Hindi
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या फिर पीसीओएस (पीसीओएस क्या है) एक हार्मोनल स्थिति होती है, जो महिला को बच्चे के जन्म के वर्षों के दौरान होती है। पीसीओएस की वजह से आपकी बच्चा पैदा करने की क्षमता प्रभावित होती है (डॉक्टर की भाषा में इसे प्रजनन क्षमता कहते हैं)। इसके अलावा पीसीओएस की वजह से आपके पीरियड साइकिल आगे-पीछे हो सकती है। या फिर आपके चेहरे पर काफी अधिक मुंहासे हो सकते हैं और साथ ही बाल भी आ सकते हैं।
कई बार पीसीओएस के कारण सेहत संबंधी परेशानियां होती हैं, जिसमें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर शामिल है। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि पीसीओएस (polycystic ovarian disease in hindi) होने पर आप मां नहीं बन सकती हैं। इसके लिए आपको केवल डॉक्टर से दवाई लेनी होती है। पीसीओएस संबंधी परेशानी का सामना करने वाली कुछ महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट होती है। इस वजह से पीसीओएस को पॉलीसिस्टिक कहा जाता है।
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पीसीओएस क्या है – PCOS kya hai

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (What is PCOS in Hindi) प्रजनन आयु की महिलाओं में होने वाला एक प्रकार का हार्मोनल विकार है। पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं की पीरियड साइकिल आमतौर पर लंबी होती है और उनमें कई बार एक्सेस मेल हार्मोन पाया जाता है। वहीं ओवरी में फ्लुइड का छोटा सा कलेक्शन बन जाता है, जिस वजह से वो नियमित रूप से अंडा रिलीज करने में विफल रहती है। 
पीसीओएस (pcos kya hota hai) होने के कारणों के बारे में अभी तक डॉक्टरों को कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, यदि समय रहते पीसीओएस का पता चल जाता है तो महिलाएं, लंबे वक्त में इसके कारण होने वाली बीमारियां जैसे टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारी से बच जाती हैं।
मुख्य रूप से पीसीओएस 4 प्रकार का होता है- 
1. इंसुलिन प्रतिरोधी पीसीओएस- यह पीसीओएस का सबसे आम प्रकार है। इस प्रकार का पीसीओएस धूम्रपान, चीनी, प्रदूषण और वसा के कारण होता है। इसमें इंसुलिन का उच्च स्तर ओव्यूलेशन को रोकता है और टेस्टोस्टेरोन बनाने के लिए अंडाशय को ट्रिगर करता है।
2. दवा लेने की वजह से होने वाला पीसीओएस– यह दूसरा सबसे आम प्रकार का पीसीओएस है। यह जन्म नियंत्रण की गोलियों के कारण विकसित होता है जो ओव्यूलेशन को दबाते हैं। ज्यादातर महिलाओं के लिए, ये प्रभाव लंबे समय तक नहीं रहते हैं और गोली का असर खत्म होने के बाद वे ओवुलेशन फिर से शुरू कर देते हैं। लेकिन कुछ महिलाएं गोलियों के प्रभाव खत्म होने के बाद भी महीनों और सालों तक ओवुलेशन शुरू नहीं करती हैं। उस दौरान महिलाओं को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
3. इन्फ्लेमेटरी पीसीओएस– इस तरह के पीसीओएस में इंफ्लेमेशन के कारण ओव्यूलेशन नहीं होता है और हार्मोन इम्बैलेंस हो जाते हैं, जिस वजह से एंड्रोजेंस का प्रोडक्शन होने लगता है। इंफ्लेमेशन स्ट्रेस, पर्यावरण के टॉक्सिन और इंफ्लामेटरी खाद्य पदार्थों का सेवन करने की वजह से होता है।
4. छिपा हुआ पीसीओएस– यह पीसीओएस का एक सरल रूप है, एक बार जब इसके कारणों का पता चलता है तो इसे खत्म होने में केवल 3 से 4 महीनों का वक्त लगता है। हिडन पीसीओएस मुख्य रूप से थायराइड, आयोडीन की कमी, आदि के कारण होता है। 
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PCOS के लक्षण – PCOS Symptoms in Hindi

अगर आपकी स्किन ऑयली है, पीरियड्स लेट हो जाते हैं और आपका वजन अचानक से बढ़ने लग गया है तो हो सकता है कि ये सभी लक्षण पीसीओएस यानी कि पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के हो। इस कंडीशन के कई सारे लक्षण (pcos symptoms in hindi) है और जरूरी नहीं है कि आप में इसके सारे लक्षण (Pcos ke Lakshan) नजर आए। पीसीओएस कुछ सामान्य लक्षण नीचे बताए गए हैं- 
1. अनचाहे क्षेत्रों में बालों का विकास– आपका डॉक्टर इसे हिर्सुटिज़्म कहेगा। हो सकता है कि आपके चेहरे पर या फिर बूब्स, पटे और हाथों और पैरों की उंगलियों पर जरूरत से अधिक बाल आ रहे हों।
2. बालों का झड़ना या पतला होना- जिन महिलाओं को पीसीओएस होता है, उनके सिर के बाल पतले होने लगते हैं और 30 से 50 की उम्र में उनके बाल काफी अधिक पतले हो जाते हैं।
3. ऑयली स्किन पर मुंहासे होना– पीसीओएस के कारण हार्मोन चेंज होते हैं, जिससे ऑयली स्किन पर पिंपल्स होते हैं। 
4. त्वचा का काला पड़ना- हो सकता है कि आप अपनी ब्रेस्ट और अंडरआर्म्स में मोटे, काले पैच देखें। इस कंडीशन को Acanthosis Nigricans कहते हैं। 
5. सिर दर्द होना- पीसीओएस की वजह से आपको सिर दर्द की समस्या भी रह सकती है। 
6. हैवी पीरियड्स- पीसीओएस की वजह से आपकी मेंसुरल साइकिल प्रभावित होती है और कई बार इस वजह से आपको हैवी ब्लीडिंग भी होने लगती है।
7. वजन बढ़ना-  पीसीओएस का सामना करने वाली आधी से ज्यादा महिलाओं को वजन बढ़ने की समस्या होती है। पीसीओएस की वजह से वजन तेजी से बढ़ता है और इस वजह से पीसीओएस के लक्षण अधिक सीरियस हो जाते हैं। इस वजह से पीसीओएस में थोड़ा वजन भी घटाना काफी फायदेमंद होता है। 
8. प्रेग्नेंट होने में समस्या होना- अनियमित पीरियड्स होने की वजह से कई महिलाओं को मां बनने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
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पीसीओएस के कारण – PCOS Causes in Hindi

पीसीओएस (pcos treatment in hindi) होने के कारणों के बारे में अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि, पीसीओएस होने के पीछे मुख्य रूप से 3 वजह होती है।
1. अतिरिक्त इंसुलिन– इंसुलिन अग्न्याशय में उत्पादित होने वाला हार्मोन है जो कोशिकाओं को चीनी, आपके शरीर की प्राथमिक ऊर्जा आपूर्ति का उपयोग करने की अनुमति देता है। यदि आपकी कोशिकाएं इंसुलिन की कार्रवाई के लिए प्रतिरोधी हो जाती हैं, तो आपके रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है और आपका शरीर अधिक इंसुलिन का उत्पादन कर सकता है। अतिरिक्त इंसुलिन एण्ड्रोजन उत्पादन को बढ़ा सकती है, जिससे ओव्यूलेशन में कठिनाई हो सकती है।
2. निम्न-श्रेणी की सूजन- यह शब्द संक्रमण से लड़ने के लिए श्वेत रक्त कोशिकाओं के पदार्थों के उत्पादन का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है। शोध से पता चला है कि पीसीओएस वाली महिलाओं में एक प्रकार की निम्न-श्रेणी की सूजन होती है, जो पॉलीसिस्टिक ओवरी को एण्ड्रोजन के उत्पादन के लिए उत्तेजित करती है, जिससे हृदय और रक्त वाहिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
3. अतिरिक्त एण्ड्रोजन– अंडाशय एंड्रोजन के असामान्य रूप से उच्च स्तर का उत्पादन करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप hirsutism और मुंहासे होते हैं।

कैसे पता चलेगा कि मुझे PCOS है या नहीं? – PCOS Test Kaise Hota Hai

ऐसा कोई एक टेस्ट (pcos test kaise hota hai) नहीं है, जिससे पता चले कि आपको पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है या नहीं। आपका डॉक्टर आपसे लक्षणों के बारे में पूछेगा और उसके बाद फिजिकल और ब्लड टेस्ट करेगा, जिसकी मदद से आपको सही कारण का पता चलेगा। पीसीओएस एक सामान्य हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसकी वजह से आपके पीरियड्स, फर्टिलिटी, वजन और त्वचा प्रभावित होती है। इसके अलावा पीसीओएस के कारण आपको टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। 
आपका डॉक्टर नीचे दिए गए लक्षणों के आधार पर पीसीओएस का टेस्ट करेगा
– अनियमित पीरियड्स
– शरीर में अधिक मात्रा में मेल हार्मोन होना या फिर ब्लड टेस्ट में मेल पैटर्न बाल्डिंग या फिर चेहरे, चिन और शरीर पर अधिक बालों का आना
– ओवरी में सिस्ट होने पर भी आपको पीसीओएस की समस्या हो सकती है।
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पीसीओएस का घरेलू उपचार – PCOS Treatment in Hindi

यदि आपको पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (pcos ka ilaj) है तो आपके लिए ये घरेलू नुस्खे (PCOS Home Remedies in Hindi) काफी उपयोगी होंगे- 
तुलसी– तुलसी में एंटी एंड्रोजन गुण होते हैं। इस वजह से यह पीसीओएस के लिए काफी लाभकारी होती है। यदि आप पीसीओएस से निजात पाना चाहती हैं तो आपको प्रतिदिन 8 से 10 तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए।
मुलेठी– मुलेठी भी पीसीओएस (pcos ayurvedic treatment in hindi) को दूर करने के लिए बहुत ही अधिक लाभकारी होती है। एक शोध के अनुसार मुलेठी ओव्यूलेशन की प्रक्रिया बढ़ाती है साथ ही ये शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करती है। इसके लिए आपको मुलेठी के चूर्ण को एक कप पानी में डालकर अच्छे से उबालना होगा और फिर इसकी चाय पीनी होगी। आपको कुछ ही दिनों में इसका असर दिखाई देने लगेगा।
मेथी– पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस का इलाज) की समस्या होने पर वजन तेजी से बढ़ता है और इस वजह से मेथी भी इस समस्या को दूर करने के लिए काफी लाभकारी होती है। इसके लिए आपको रात भर मेथी के बीजों को पानी में भिगो कर रख देना चाहिए और रोज सुबह भीगी हुई मेथी के बीजों को शहद के साथ खाना चाहिए। 
पुदीना– अगर आपको पीसीओएस है तो आप पुदीने का भी सेवन कर सकती हैं। इसके लिए आपको पुदीने की 7-8 पत्तियों को पानी में डालकर 10 मिनट के लिए उबालना है। इसके बाद आपको इसे चाय की तरह पीना है। पुदीने से भी शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम होता है। 
दालचीनी– एक शोध के मुताबिक, दालचीनी इंसुलिन के स्तर को शरीर में कम करता है और मोटापा भी घटाता है। इस वजह से पीसीओएस होने पर एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में डालकर नियमित रूप से सेवन करें।
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PCOS से जुड़े सवाल और जवाब- FAQ’s

1. क्या पीसीओएस एक गंभीर समस्या है?

पीसीओएस का इलाज संभव है लेकिन यदि आपको यह ना पता चल पाए कि आपको पीसीओएस है और अगर ये दिक्कत काफी अधिक बढ़ जाए तो इससे कुछ खतरनाक बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज या फिर कैंसर का खतरा रहता है।

2. अगर PCOS का इलाज ना किया जाए तो क्या होगा?

यदि पीसीओएस का इलाज नहीं होता है तो आपको कई प्रकार की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। पीसीओएस का इलाज ना होने पर आपको टाइप 2 डायबिटीज, दिल की बीमारी, एन्डोमार्टिकल कैंसर, बांझपन आदि समस्याएं हो सकती हैं।

3. PCOS होने पर कौन सी डाइट फॉलो करनी चाहिए?

एक स्वस्थ पीसीओएस आहार (pcos diet in hindi) में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं: – प्राकृतिक, असंसाधित खाद्य पदार्थ – उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ – वसायुक्त मछली, सामन, ट्यूना, सार्डिन और मैकेरल सहित – केले, पालक, और अन्य पत्तेदार सब्जियां – गहरे लाल रंग के फल, जैसे कि लाल अंगूर, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, और चेरी – ब्रोकोली और फूलगोभी – सूखे सेम, दाल, और अन्य फलियां – स्वास्थ्यवर्धक वसा, जैसे कि जैतून का तेल, साथ ही एवोकाडोस और नारियल – नट, पाइन नट्स, अखरोट, बादाम और पिस्ता – मॉडरेशन में डार्क चॉकलेट – मसाले, जैसे हल्दी और दालचीनी

4. क्या PCOS होने पर मैं प्रेग्नेंट हो सकती हूं?

हाँ। PCOS होने का मतलब यह नहीं है कि आप गर्भवती नहीं हो सकती हैं। पीसीओएस महिलाओं में सबसे आम है, लेकिन इसका इलाज संभव है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में, हार्मोनल असंतुलन अंडाशय (ओवुलेशन) से अंडे की वृद्धि और रिलीज में हस्तक्षेप करता है। यदि आप ओव्यूलेट नहीं करते हैं, तो आप गर्भवती नहीं हो सकती हैं।

5. PCOS होने पर प्रेग्नेंट होने की सही उम्र क्या है?

PCOS के साथ प्रेग्नेंट होने की सही उम्र के बारे में बता पाना आसान नहीं है क्योंकि हर एक महिला में इसके अलग-अलग लक्षण होते हैं। साथ ही ये महिलाओं के शरीर पर निर्भर करता है। इसके अलावा 35 साल से कम उम्र की महिलाएं पीसीओएस की समस्या के साथ मां बन सकती हैं।

6. क्या PCOS पूरी तरह से ठीक हो सकता है?

पीसीओएस का अभी तक पूरी तरह से कोई इलाज नहीं है। हालांकि, दवाइयों के जरिए इसे कम जरूर किया जा सकता है। साथ ही इससे होने वाली समस्याओं के खतरे को भी कम किया जा सकता है।

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