मैं बी.टेक के फस्ट ईयर में पढ़ रही थी जब मेरी मुलाकात आशुतोष से हुई। जब उसने मुझे पहली बार friend request भेजी तो मैंने accept नहीं की। वो मेरे लिए बिल्कुल अजनबी था, फेसबुक पर हम दोनों के कोई mutual friend भी नहीं थे। मैं एक बार प्यार में धोखा खा चुकी थी इसलिए लड़कों से दोस्ती करने में मुझे डर लगने लगा था। एक गलत लड़के पर भरोसा करने के बाद मैं अब किसी पर भी भरोसा नहीं कर पा रही थी। मैं सिंगल रहकर ही खुश थी। लेकिन कुछ महीनों बाद आशुतोष ने फिर से मुझे friend request भेजी। इस बार हमारे कई mutual friends थे, इसलिए इस बार मैंने ये request accept कर ली और इस तरह फेसबुक पर हमारी दोस्ती की शुरूआत हुई। वो मुझे अक्सर मैसेज भेजता था लेकिन मैंने कभी उनका जवाब नहीं दिया। कुछ समय बाद उसने मैसेज भेजना बंद कर दिया। उसके मैसेज बंद करने से मुझे अजीब सी परेशानी हुई इसलिए एक दिन मैंने खुद उसे मैसेज किया। उस दिन पहली बार हमारे बीच चैट हुई..ऑनलाइन ही सही..लेकिन ये बात चार घंटे तक चली!! मुझे उसका sense of humour बहुत पसंद था। वो मेरे अंदर के उस खुशनुमा इंसान को वापस लाया जो कहीं खो चुका था…ब्रेकअप के बाद मेरी मायूस सी लाइफ में वो दुबारा खुशियां लेकर आया था। दिन बीतते रहे और हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। हम रोज़ चैट करते थे। लेकिन जब मेरे exams शुरू हुए तो मैं बहुत ज्यादा stressed रहने लगी और मुझे उससे बात करने का टाइम नहीं मिल पाता था। मैं उसको मिस कर रही थी और उसे बताना चाहती थी कि मुझे उसकी याद आ रही है…लेकिन सिर्फ एक दोस्ती की तरह..उसे ये बताना भी जरूरी था। मैं नहीं चाहती थी कि वो कुछ और समझने लगे। Exams के दौरान उसने मेरी बहुत मदद की…वो मुझे टिप्स देता था कि कैसे मैं पेपर की तैयारी करूं बिना कोई टेंशन लिए।
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Megha Sharma