जब मैं टीनएज में थी तो एक ऐसे लड़के से मिली जिसने मुझे पूरी तरह बदल दिया। मुझ में self-confidence की बहुत कमी थी और मैं लोगों पर आसानी से विश्वास नहीं कर पाती थी। ये लड़का मुझ से आठ साल बड़ा था और एक princess की तरह treat करता था। उसका दिल बहुत अच्छा था…. एक लड़की को और क्या चाहिए। उसके आने से मैं एक बेहतर इंसान बन गई थी। एक दिन हमारे बीच काफी बड़ा झगड़ा हो गया। मैं पढ़ने के लिए abroad जाना चाहती थी, पर उसे ये आइडिया पसंद नहीं आया। मुझे पता था कि उसे ये पसंद इसलिए नहीं आया क्योंकि वो मुझे अपने आप से दूर नहीं जाने देना चाहता था। कुछ घंटों के बाद मुझे उसका message आया, “हम इसके बारे में बाद में बात करेंगे। अभी मैं लोनावला जा रहा हूं cousins से मिलने।” मैंने “ओके” में reply किया। मैंने उसे थोड़ा समय देने का सोचा। मुझे क्या पता था कि उसे ये मेरा आखिरी message होगा। एक घंटे के बाद मुझे उसके नंबर से कॉल आया, पर कोई अजनबी बात कर रहा था। उसने मुझे बताया कि जिसका ये फोन है उसका accident हो गया है। उसे बहुत चोटें आई हैं और अस्पताल लेकर जा रहे हैं। अपने दो दोस्तों के साथ मैं अस्पताल के लिए निकल गई। मैंने उसकी बहन को भी बताया। जब मैं पहुंची, तब उसकी सर्जरी चल रही थी। ये पांच घंटे चली और फिर उसे observation में रखा गया। उसे पूरे दिन होश नहीं आया। मुझे अपने सामने अपनी दुनिया बिखरती हुई नज़र आ रही थी। मुझे कुछ और भी बुरा होने की आशंका हो रही थी। उसे एक और बड़े hospital में शिफ्ट किया गया। उसके पापा मुझे उसके बारे में बता नहीं रहे थे कि उसे हुआ क्या है। वो अगले दिन होश में आया पर उसके पेरेंट्स मुझे उस से मिलने नहीं दे रहे थे। तो मैं सिर्फ उसके भाई-बहन से उसका हाल पूछ रही थी। अखिरकार, उसके भाई ने मुझे बताया कि हुआ क्या है। उसके सिर में गहरी चोट आई थी और उसकी याद्दाश्त चली गई थी। अगर मैं उससे मिलती तो भी वो मुझे पहचान नहीं पाता। ये सुनते ही मेरा दिल टूट गया, पर मैं उसे देखना चाहती थी। मैं उसके कमरे के बाहर इंतज़ार करती रहती थी और थोड़ी थोड़ी देर में उसे देख लेती थी। एक महीने के बाद उसने मुझे उसके भाई से बात करते हुए देखा तो मेरे बारे में पूछा कि मैं कौन हूं। उसने कहा कि दोस्त हूं। मुझे नहीं पता था कि मैं क्या करूं और इन हालातों का कैसे सामना करूं। उसे घर ले जाया गया जहां पर हर वक्त उसका ख्याल रखने वाले काफी लोग थे। मैं उसे देखने के लिए उसके घर जाती रहती थी पर मैं उससे इस डर से नहीं मिलती थी कि वो मेरे बारे में सवाल करेगा जिससे उसे stress हो सकता था। ये कुछ महीनों तक चलता रहा, फिर उसने मुझे नोटिस करना शुरू कर दिया। एक दिन, उसने मुझसे बात की। “Hi, मेरा भाई घर पर नहीं है, क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूं?” मैं इतना ही कह पाई, “ ओह सॉरी, मैं बाद में आ जाऊंगी।” “रुको, मैं उससे पूछता हूं कि वो कहां है।” उसने अपने भाई से बात की और कहा कि वो 20 मिनट में वापिस आएगा। वो 20 मिनट हम दोनों ने बात करते हुए बिताए। और वो बातचीत ऐसी थी जैसे हम पहली बार मिल रहे थे। ये मेरी ज़िंदगी का सबसे मुश्किल पल था… जो इंसान मेरी दुनिया हुआ करता था, वो मुझे एक अजनबी समझ रहा था। बाद में उसके भाई ने मुझे बताया कि उसे मुझसे बात करके बहुत अच्छा लगा। हमने ज़्यादा बातें करना शुरू कर दिया और एक साथ वक्त बिताना भी। मुझे महसूस होता था कि वो मुझे फिर से पसंद करने लगा है और उस हादसे के 13 महीने के बाद हम फिर से रिलेशनशिप में आए। मुझे लगता है कि मैं बहुत किस्मत वाली हूं क्योंकि उसे मुझसे फिर से प्यार हो गया और मुझे अपना प्यार वापिस मिल गया। मैं बहुत ही बुरे वक्त से गुज़री थी अपने प्यार के लिए और ज़्यादा strong बनकर निकली। इससे प्यार में मेरा विश्वास और पक्का हो गया था। वो इस इंतज़ार और मेहनत के बिल्कुल लायक भी था। हमें एक साथ 13 साल हो चुके हैं और हम जल्दी ही सगाई करने वाले हैं। Image: Shutterstock.com यह भी पढ़ें: #MyStory: और हम Lovers से फिर अजनबी बन गए… यह भी पढ़ें: #MyStory: और मैं अनजाने में ही किसी की Girlfriend बन गई