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जाने खर्राटे क्यों आते हैं और इसे रोकने के उपाय – How to Stop Snoring in Hindi

Renu Chouhan  |  Oct 25, 2019
खर्राटे क्यों आते हैं , खर्राटे रोकने के उपाय- How to Stop Snoring in Hindi
खर्राटे एक ऐसी समस्या है, जिसमें आप से ज्यादा आपके साथ या आस-पास सो रहे लोगों को तकलीफ होती है। तकलीफ भी ऐसी कि आपके खर्राटों की आवाज से दूसरे लोग सो तक नहीं पाते। खर्राटों का शोर इतना तेज़ होता है कि उसकी वजह से गहरी से गहरी नींद टूट जाती है। नतीजतन, दिन-भर परेशान रहना है, काम में मन न लग पाना, यानी पूरी प्रोडक्टिविटी और एनर्जी, सब-कुछ छू मंतर। आपको बता दें कि खर्राटों का लंबे समय तक बने रहना सेहत के लिए भी नुकसानदायक होता है। कैसे, जानिए यहां।

खर्राटे आने के कारण – Causes of Snoring in Hindi

अगर आप जानना चाहते हैं कि खर्राटे क्यों आते हैं (kharate kyon aate hain) तो हम आपको बता दें कि खर्राटे आने के कारण कई होते हैं (causes of snoring), लेकिन सबसे आम कारण है, खुल के सांस न ले पाना। इसके अलावा भी कई वजहें हैं, जिनसे खर्राटे आते हैं। यहां जानिए खर्राटे आने के ऐसे ही कुछ कारणों (kharate ke karan) के बारे में। 

एलर्जी

कई बार एलर्जी (allergy) की वजह से भी खर्राटे आते हैं, जैसे- बारिश या फिर बढ़ती सर्दी और घटती गर्मी के मौसम में तमाम तरह की एलर्जी होती हैं, जो खर्राटों का कारण (kharate ke karan) बनती हैं। ऐसे में नाक से हवा ठीक से आ-जा नहीं पाती है और सांस लेने में दिक्कत होती है, जिससे रात को खर्राटे आते हैं।

साइनस

जो लोग साइनस (sinus) से पीड़ित होते हैं, उन्हें भी खर्राटों की शिकायत होती है, क्योंकि साइनस में सांस ठीक से लेने में दिक्कत आती है और इसका नतीजा होता है रात में खर्राटे।

शराब और नींद की गोली

एल्कोहल और नींद की दवा गले और जीभ की मांसपेशियों को शांत कर देती है, जिससे नींद के दौरान ये मांसपेशियां सांस लेने में अपनी एनर्जी नहीं लगा पातीं। इस वजह से खर्राटे आते हैं। इसके अलावा जीभ और गले की मांसपेशियां बढ़ती उम्र के साथ भी कमज़ोर  होती हैं।

मोटापा

शरीर में ज्यादा फैट सिर्फ पेट या फेस पर ही नहीं, बल्कि गले पर भी बढ़ता है। ये मोटापा गले में मौजूद टिशूज़ को भी वजनदार बना देता है, जिस वजह से खर्राटे आते हैं।

यूव्यूला का साइज़ बढ़ना

आपने खांसी या खराश के विज्ञापनों में गले के बीच में लटका यूव्यूला (गले के बीचोबीच लटका मांस का टुकड़ा या टिशू) देखा ही होगा। इसका साइज़ बढ़ा होने पर भी खर्राटे आते हैं, क्योंकि यूव्यूला के बढ़ने से गले और नाक का रास्ता बंद हो जाता है।

खर्राटे रोकने के नैचुरल तरीके – Home Remedies for Snooring in Hindi

खर्राटे रोकने के उपाय कई है लेकिन खर्राटे नैचुरल तरीकों से भी ठीक किए जा सकते हैं। (remedies to stop snoring) ठीक उसी तरह जैसे बाकी बीमारियों को ठीक करने के लिए नैचुरल या घरेलू तरीकों को अपनाया जाता है। यहां जानिए खर्राटे रोकने के उपाय (Stop Snoring) 

वजन कम करें

खर्राटे की एक बड़ी वजह मोटापा भी हो सकता है। अगर खर्राटे बंद करना (kharate) है तो सबसे पहले अपना वजन कम करने पर ध्यान दें।

करवट लेकर सोएं

खर्राटे रोकने के उपाय एक ये भी है कि आप पीठ के बल न सोकर करवट लेकर सोएं, क्योंकि ऐसे सोने से जीभ गले से दूर रहेगी, इससे एयरफ्लो ब्लॉक नहीं होगा और खर्राटे (kharate) कम आएंगे।

सोते समय सिर को ऊपर रखें

खर्राटे बंद करना तो सोतो समय अपने सिर के नीचे तकिया लगाएं। वैसे बिना तकिए के सोने से पीठ दर्द में आराम मिलता है, लेकिन तकिया लेकर सोने से खर्राटों में आराम मिलता है। 

शराब छोड़ें

शराब गले और जीभ की मांसपेशियों को शांत कर देती है, जिससे खर्राटे (kharate) बढ़ते हैं। खर्राटे बंद करना है तो शराब छोड़ें और खर्राटों से निजात पाएं।

स्मोकिंग छोड़ें

धुम्रपान वैसे भी सेहत के लिए खराब होता है। साथ ही ये खर्राटों को भी और बढ़ाता है, इसलिए शराब के साथ-साथ धुम्रपान भी छोड़ें।

खर्राटों का इलाज

नैचुरल तरीकों के साथ-साथ कुछ डिवाइस के जरिये भी खर्राटों का इलाज (snoring treatment) मौजूद है। खर्राटों को रोकने के लिए मार्केट में कई डिवाइस उपलब्ध हैं। डॉक्टर खर्राटे का इलाज के लिए ओरल दवाइयां (kharate ki dawa) भी लिखते हैं। यहां जानिए कुछ डिवाइस और सर्जरी के बारे में, जो खर्राटों को रोकने के लिए की जाती हैं।

एंटी स्नोरिंग डिवाइस

खर्राटों को रोकने के लिए कई एंटी स्नोरिंग डिवाइस आते हैं, जैसे नेज़ल डिवाइस (नेजल स्ट्रिप), ओरल डिवाइस (इसे चिन स्ट्रिप और वेस्टिबुलर शील्ड) कहते हैं) और मेंडिबुलर एडवांस डिवाइस (MAD)।

सर्जरी

खर्राटों को कम या खत्म करने के लिए डॉक्टर्स कई तरह की सर्जरी (surgery) भी करते हैं, जैसे:-
– पैलेटल इंप्लाट्स, इसमें डॉक्टर यूव्यूला के ऊपर मौजूद स्किन (पैलेट) पर पॉलिस्टर के कुछ तार लगा देता है जिससे नाक और गले के बीच हवा पास होने में कोई रुकावट न आए। 
– कॉन्टीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर – ये एक तरह की थेरेपी है, जिससे गले में हवा पास कराई जाती है।
– रेडियो फ्रीक्वेंसी टिशू एबलेशन – इसमें पीड़ित को बेहोश कर खर्राटे (kharate) की आवाज को खत्म किया जाता है।
– लेजर सर्जरी – इसमें डॉक्टर लेजर बीम की मदद से पैलेट की एक्स्ट्रा लेयर को हटाते हैं, ताकि गले में हवा पास हो सके।
– ट्रेडिशनल सर्जरी – ये सबसे जोखिम भरी सर्जरी होती है। इसमें गले के अंदर मौजूद पैलेट और यूव्यूला को टाइट किया जाता है। 

ईयर प्लग्स

ये खर्राटे लेने वाले के लिए नहीं, बल्कि उसके आस-पास सो रहे लोगों के लिए है, ताकि वे कानों में ईयर प्लग्स लगाएं और उन्हें खर्राटों का शोर सुनाई न दें।

खर्राटे में परहेज़

शराब और धुम्रपान के अलावा भी ऐसी कई चीज़ें है, जिनका परहेज खर्राटे से परेशान लोगों को करना चाहिए। यहां जानिए ऐसी ही तीन चीज़ों के बारे में, (snoring solutions) जो खर्राटे बढ़ाने का काम करती हैं।

नींद की गोलियां न लें

धीरे-धीरे नींद की गोलियों से परहेज करें। नींद लाने वाली ये दवा खर्राटे (kharate ki dawa) बढ़ाती है। अलग आपको डॉक्टर ने नींद की दवाएं दी हैं तो उन्हें अपने खर्राटों के बारे में बताएं और दवा का सेवन कम करें।

मसाले कम खाएं

ज्यादा तीखा, मसालेदार खाना पेट के लिए ही नहीं, बल्कि गले के लिए भी खराब होता है। इसे भी अवॉइड करें। साथ ही रात में हल्का खाना खाएं। ये आपकी सेहत और खर्राटे दोनों के लिए अच्छा है।

ठंडे पानी से बचें

कई बार ज्यादा ठंडा पानी पीने से भी गला बंद हो जाता है। ठंडा पानी खांसी-जुकाम भी लाता है, जिससे खर्राटे बढ़ते हैं, इसलिए हमेशा नॉर्मल पानी पीएं।     

खर्राटे से जुड़े हेल्थ रिस्क – Health Risk of Snooring in Hindi

खर्राटे की वजह से आपके साथ सो रहे लोगों की ही नहीं, बल्कि आपकी सेहत को भी खतरा रहता है। ये खतरा उन्हें ज्यादा है, जिन्हें लंबे समय से खर्राटे लेने की दिक्कत या आदत हो। (snoring health risk)

नींद पूरी न होना

खर्राटे की वजह से नींद खराब होती है, जिसका असर पड़ता है आपकी लाइफस्टाइल पर। बार-बार खर्राटे लेने के दौरान अचानक आंख खुल जाती है, जिससे नींद डिस्टर्ब होती है। बार-बार सोने की कोशिश करने के बावजूद नींद नहीं आती, जिस वजह से दिन में शरीर और सिर में दर्द और चिड़चिड़ापन होने लगता है।

दिल की सेहत खराब

खर्राटे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं, क्योंकि एक सीक्वेन्स में सांस न ले पाना और बार-बार सांस लेने में रुकावट, नींद पूरी न होना जैसे तमाम कारणों की वजह से खर्राटे दिल की सेहत खराब करते हैं।

बीपी हाई रहना

खर्राटे लेने वाले लोगों में अक्सर हाई बीपी (high blood pressure) की दिक्कत देखी जाती है, जो किे और बीमारियों को बढ़ाती है। दिल की धड़कनें तेज़ होना, अचानक घबराहट होने लगना, सिर में तेज़ दर्द, छाती में दर्द, धुंधला दिखना और यहां तक की पेशाब से खून आने की भी दिक्कत होने लगती है।

ध्यान न लगा पाना

खर्राटे से काम में ध्यान लगाने में भी दिक्कत आने लगती है, यानी आप अपनी रुटीन लाइफस्टाइल की चीज़ों तक पर भी ध्यान नहीं लगा पाते, जिससे धीरे-धीरे आपके सारे काम खराब होने लगते हैं।

चिड़चिड़ापन

खर्राटे की वजह से व्यवहार में चिड़चिड़ापन आने लग जाता है। इसका कनेक्शन नींद से भी है। जब खर्राटों की वजह से पूरी नींद नहीं ले पाते तो बिहेवियर में चिड़चिड़ाहत आने लग जाता है। इससे पर्सनैलिटी खराब होती है।

खर्राटे की समस्या में क्या खाना चाहिए – Diet for Snoring

खान-पान में बदलाव भी खर्राटे की समस्या से धीरे-धीरे निजात दिला सकते हैं, लेकिन आपको अपने खाने में ये बदलाव रेगुलर तरीके से फॉलो करने होंगे, फायदा तभी मिलेगा।

चाय

अगर आप कम दूध वाली चाय या फिर ब्लैक टी पीएंगे तो ये ज्यादा फायदेमंद होगी, क्योंकि चाय गला साफ करती है, जिससे खर्राटे की समस्या कम होती है।

हल्दी

हल्दी एक प्रकार की एंटीसेप्टिक है, जो मसल्स को आराम पहुंचाती है। शरीर के अंदर मौजूद सूजन को कम करती है। गुनगुने पानी के साथ ली गई हल्दी (turmeric) की फंकी खर्राटे में आराम दिला सकती है।

शहद

ठीक हल्दी की ही तरह शहद (Honey) भी गले को साफ करने काम करता है। इसे भी गुनगुने पानी में डालकर पीएं।

गुनगुना पानी

रोज़ाना सुबह गुनगुने पानी को धीरे-धीरे पीएं। इससे गले में मौजूद सूजन कम होगी, जिससे खर्राटे में कमी आएगी।

मछली

मछली (Fish) की तासीर गर्म होती है, जो शरीर को ओमेगा-3 देकर आराम पहुंचाती है। मछली खाने से भी खर्राटों में फायदा मिलता है।

लहसुन

लहसुन (garlic ) में हीलिंग क्वालिटी होती है, जो गले-नाक वगैरह के ब्लॉकेज को खोलकर खुल के सांस लेने में मदद करती है। लहसुन का लाभ साइनस से पीड़ित लोगों को भी मिलता है।

अदरक

रोज़ाना सुबह अदरक का छोटा टुकड़ा चबाने से गला और नाक दोनों खुल जाते हैं, जिससे सांस लेने में काफी आसानी होती है। जैसे सर्दी-खांसी के वक्त अदरक बहुत फायदेमंद होता है, ठीक वैसे ही खर्राटे में भी ये फायदा करता है।

इलायची

इलायची भी श्वसन तंत्र खोल देती है, जिससे नाक और गला दोनों ही अच्छी तरह से साफ हो जाते हैं। इलायची को भी खाना खाने के बाद खाएं। खर्राटे कम करने के साथ-साथ ये माउथ फ्रेशनर का भी काम करेगी।

सवाल-जवाब (FAQ’s)

क्या विक्स खर्राटे में आराम दिलाता है?

अगर आप रात में सोने से पहले छाती, गले और नाक पर विक्स लगाते हैं तो इससे खर्राटे कम आते हैं।

अगर परिवार में खर्राटे लेने की समस्या चली आ रही है तो क्या आगे आने वाली पीढ़ी को भी ये दिक्कत हो सकती है?

हां, अगर फैमिली हिस्ट्री में खर्राटे की समस्या लंबे समय से चली आ रही है तो आगे भी ये दिक्कत हो सकती है।

नींद की दवा लेने से खर्राटे कम होते हैं?

नहीं, नींद की दवा आपकी जीभ और गले की मसल्स को शांत कर देती है, जिससे खर्राटे ज्यादा आते हैं।

लड़के या लड़कियों में से खर्राटों की समस्या का सामना किसे ज्यादा करना पड़ता है?

लड़कों को खर्राटे ज्यादा आते हैं, लेकिन ज्यादातर महिलाओं को मेनोपोज़ के वक्त खर्राटे की शिकायत हो जाती है।

बूढ़े लोग ज्यादा खर्राटे क्यों लेते हैं?

ढलती उम्र गले और जीभ की मसल्स को कमज़ोर या धीमा करती जाती है, जिससे खर्राटे ज्यादा आते हैं।

किस साइड सोने से खर्राटे कम आते हैं?

लेफ्ट या राइट जो भी आपकी पसंद की साइड हो सोएं, करवट लेकर सोने से खर्राटे कम ही आएंगे।

क्या खर्राटे और एपनिया एक ही हैं?

नहीं, एपनिया ज्यादा खतरनाक है। एपनिया के मरीज़ों में हार्ट अटैक, टाइप 2 डायबिटिज़ और अस्थमा जैसी खतरनाक बीमारियां या दिक्कतें देखी जाती हैं।

क्या खर्राटों की वजह डिहाइड्रेशन भी हो सकता है?

हां, शरीर में पानी की कमी भी खर्राटों की वजह बनती है। क्योंकि डिहाइड्रेशन से आपका गला और मुंह सूखता है, जिससे खर्राटे ज्यादा आते हैं। इसलिए दिनभर में ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं।

क्या पतले लोगों को खर्राटे नहीं आते?

हां, पतले लोगों को भी खर्राट आते हैं।

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