याद है वो दिन, जब लाइब्रेरी से किताबें लेकर घंटों उन्हें बैठकर पढ़ा करते थे। घर पर मनोरंजन का साधन तब सिर्फ रेडियो और टीवी हुआ करते थे। कहते हैं किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। उनसे हर बार कुछ न कुछ सीखने को ज़रूर मिलता है। मगर आजकल सोशल मीडिया के ज़माने में बच्चों को किताबों की खुशबू और उनसे मिलने वाली सीख का एहसास दिलाना मुश्किल हो गया है। बच्चे तो बच्चे बड़े भी दिनभर मोबाइल में ही व्यस्त रहते हैं। ऐसे में किताबों का अस्तित्व धीरे-धीरे खोता जा रहा है। वे सिर्फ स्कूल के बैग तक ही सिमट कर रह गई हैं। बच्चों में किताब पढ़ने की रूचि जगे, इसलिए हम आपको बता रहे हैं कुछ आसान से टिप्स।
पढ़ने की जगह तय करें
सोचिये एक ऐसी जगह, जो शांत और सुव्यवस्थित हो। जहां बच्चे घंटों बैठकर अपनी मनपसंद किताब पढ़ सकें और किताबों की दुनिया में खो जाएं। अपने घर पर एक ऐसी जगह बनाएं, जो किताबों से भरी हो और काफी शांत हो। एक बार बच्चे उस जगह को पसंद करने लगेंगे तो बार-बार पढ़ने के लिए वहां जाना चाहेंगे। जब तक वे अपने आस-पास किताबें देखते हैं, वे उन्हें उठाते रहेंगे।
अपने लिए भी किताब चुनें
बच्चे हमें देखकर ज्यादा सीखते हैं। तो, अपनी पसंदीदा किताब उठाएं और पढ़िए। बच्चे जब हमें ऐसा करते देखेंगे तो किताबें पढ़ने के लिए और ज्यादा प्रेरित होंगे। उनके साथ बैठकर उनकी पसंदीदा किताबों पर चर्चा करें, उसने पूछें कि वे उस किताब के बारे में क्या सोचते हैं। आप इसे और अधिक मज़ेदार बनाने के लिए अपने बच्चों और उनके दोस्तों के लिए एक स्टोरी टेलिंग सेशन भी आयोजित कर सकते हैं।
पढ़ने का समय तय करें
दिनभर में एक समय बनाएं, जब बच्चे और आप साथ बैठकर किताब पढ़ें। हमारी कोशिश बच्चों को किताब पढ़ने की आदत डालना है और यह तभी होगा जब उनके साथ खुद हम भी कोशिश करेंगे। बेहतर रहेगा घर के अन्य सदस्य भी इसमें भाग लें। इससे बच्चों को अलग सा महसूस नहीं होगा। आखिर बच्चों भी पूरी मेहनत करनी पड़ती है।
पहले पढ़ें फिर देखें
हैरी पॉर्टर का उदाहरण लें तो ऐसी बहुत सी किताबें हैं, जिनपर फिल्में बन चुकी हैं। माता-पिता बच्चों को यह फिल्में दिखाना भी पसंद करते हैं लेकिन बेहतर होगा पहले बच्चों को वो किताबें पढ़ाएं। उसके बाद उन्हें फिल्म दिखने ले जाएं। इससे सीन दर सीन उनमें रूचि भी जागेगी और वो बता सकेंगे की फिल्म में आगे क्या होने वाला है। बाद में आप बच्चे के साथ इसपर चर्चा भी कर सकते हैं।
उन्हें लाइब्रेरी घुमाएं
लाइब्रेरी का दौरा करें। अगर आपके घर के आस-पास कोई लाइब्रेरी नहीं है, तो बच्चों की किताबों की दुकान पर जाएं और उन्हें एक ऐसी किताब लेने दें, जिसका वे आनंद ले सकें। किताबों के बारे में बात करने के अलावा लाइब्रेरी जाकर भी आप बच्चों को किताब पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
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