लाइफस्टाइल
लाइफस्टाइल बीमारियों से बचने के लिए शरीर के हार्मोन असंतुलन को ऐसे करें संतुलित – Hormonal Imbalance Treatment
आजकल हमारे बिगड़ते लाइफस्टाइल ने हमें बहुत सी बीमारियां भी उपहार में दे दी हैं। थायरॉयड हो, शुगर हो या फिर पीसीओएस, आजकल की ज्यादातर लाइफस्टाइल बीमारियां शरीर में हार्मोनल असंतुलन की वजह से ही होती हैं।
दरअसल हॉर्मोन्स हमारे शरीर की अधिकतम कार्य प्रणाली को नियंत्रित करते हैं। आप उन्हें ऐसे घटक कह सकते हैं जो हमारे शरीर के विभिन्न अंगों के बीच निर्देशों का प्रसारण करते हैं। आपके शरीर को चालू रखना भी हार्मोन्स का ही काम है। हमारे शरीर के अंदर के अधिकांश जैव रासायनिक तत्व हार्मोन द्वारा नियंत्रित होते हैं। शरीर को अच्छी तरह से काम करने के लिए सही हार्मोनल संतुलन होना जरूरी है। आपके शरीर में संतुलन या होमियोस्टैसिस को बनाए रखने के लिए विभिन्न हार्मोन एक साथ काम करते हैं।
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कभी कभी यह हार्मोनल संतुलन कुछ कारणों से बिगड़ जाता है जैसे कि उच्च तनाव का स्तर, विटामिन डी की कमी, खराब सेहत, समुचित नींद की कमी, विषैले पदार्थों का संपर्क, उम्र बढ़ना और अस्वास्थ्यकर जीवन शैली। इस हार्मोनल असंतुलन को सही स्थिति में लाने के लिए कुछ निश्चित चिकित्सा उपचारों का उपयोग किया जाता है। फिर भी कुछ मामलों में, सिर्फ दवा खाने से यह हार्मोनल असंतुलन ठीक नहीं होता। ऐसा तभी होता है जब हम मूल कारणों की अनदेखी कर रहे हों। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लोगों की जीवनशैली पर करीब से नज़र डालें, तो हार्मोनल असंतुलन का मुख्य कारण पोषण की कमी और खराब आहार होता है, जिससे लोगों में एंडोक्राइन और मेटाबॉलिक विकार पैदा होते हैं।
विभिन्न शोधकर्ताओं का कहना है कि दवाओं पर निर्भर होने के बजाय हार्मोन के अनुकूल आहार और स्वस्थ भोजन की आदत अपनाने से हार्मोनल असंतुलन के मुख्य कारण पर नियंत्रण किया जा सकता है।
भोजन हमारे शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने की कुंजी है और खाने की आदतों में बदलाव करना ही हार्मोनल संतुलन हासिल करने का सबसे आसान और सटीक तरीका है। अध्ययनों से पता चला है कि सही मात्रा में सही तरीके से भोजन ग्रहण करने से हार्मोन्स को नियंत्रित किया जा सकता है। थोड़े थोड़े अंतराल पर हल्का भोजन, कम चीनी वाले खाद्य पदार्थ, एक निश्चित समय पर भोजन करने और रात का खाना जल्दी करने से हार्मोन्स को अच्छी तरह से प्रबंधित किया जा सकता है।
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देखा गया है कि स्वस्थ भोजन की आदत का पहला कदम उत्तेजक खाद्य पदार्थों जैसे अधिक चीनी वाले और प्रोसेस्ड भोजन से दूर रहना है। स्वाभाविक रूप से अगला कदम कुछ अच्छे हार्मोन-अनुकूल खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करना होना चाहिए। शोधों से पता चला है कि भोजन के चार खंड हैं जो विशेष रूप से आपके शरीर के हार्मोनल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं: –
1. दाल, बीन्स, फलियां, प्राकृतिक भोजन
2. भारतीय मसाले
3. पूरे फल और खट्टे फल खाना
4. पेट को शांत करने वाले खाद्य पदार्थ
दाल, बीन्स, फलियां, कच्चा (बिना पकाया हुआ) भोजन
बीन्स और दालें उपलब्ध सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से हैं। अगर फलियों की बात करें तो उनमें चर्बी/फैट कम होता है और कोलेस्ट्रॉल भी नहीं होता। ये प्रोटीन, पोटेशियम, आयरन, फोलेट और मैग्नीशियम में भी भरपूर होती हैं। इसके अलावा इन खाद्य पदार्थों में फाइबर भी भरपूर होता है। शरीर के लिए फलियां एक स्वस्थ विकल्प हो सकती हैं, जिनमें वसा और कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। दाल और बीन्स कई पोषक तत्वों खासकर विटामिन बी और फाइबर से भरपूर होते हैं। ऐसे कई अध्ययन हैं जिनसे पता चलता हैं कि जब व्यक्ति फाइबर युक्त आहार करता है तो शरीर में इंसुलिन और थायरॉइड का उत्पादन होता है। फाइबर का एक और अच्छा स्रोत कच्चा और बिना पकाया हुआ बाजरा है।
भारतीय मसाले – Indian Spices
भारतीय मसाले जैसे हल्दी, हींग, दालचीनी, मेथी और काली मिर्च हार्मोनल संतुलन प्राप्त करने के लिए काफी फायदेमंद साबित हुए हैं। उदाहरण के लिए, हल्दी का सेवन हमारी न्यूरोलॉजिकल प्रणाली को प्रभावित करता है और यह एक बड़ी वजह है कि भारतीयों में पार्किंसन और अल्जाइमर जैसे रोगों की आशंका कम होती है। ये मसाले हमारे तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क की कोशिकाओं को अधिक शक्तिशाली बनाने में मदद करते हैं। चिकित्सकीय रूप से पता किया गया है कि मसाले खाने से तंत्रिका तंत्र और हार्मोन संतुलन को सही किया जा सकता है। इसके अलावा, हींग, मेथी और काली मिर्च जैसे मसालों को मौखिक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में भी जाना जाता है जो इंसुलिन बढ़ाने में मदद करते हैं।
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साबुत फल और साइट्रस फल
विभिन्न शोधों से साबित हुआ है कि कीवी, आंवला, अमरूद और संतरे जैसे फल खाने से शरीर को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। साइट्रस फल हमारे शरीर में इस तरह काम करते हैं कि शरीर में अतिरिक्त हार्मोन उत्पन्न किये बिना हार्मोनल असंतुलन को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।
दिमाग को शांत करने वाला भोजन
सभी को पता है कि कैमोमाइल, चमेली और दालचीनी जैसे तत्वों से बनी चाय व्यक्ति को मानसिक रूप से शांत करती है। इसलिए कैफीनयुक्त पेय पीने के बजाय, डॉक्टर लोगों को ऐसे प्राकृतिक उत्पादों से बनी विभिन्न हर्बल चाय पीने का सुझाव देते हैं, जो मन को शांत करने के लिए जाने जाते हैं। स्वाभाविक रूप से, जब हमारा मन शांत होता है, तो हमारा शरीर कम एड्रेनल बनाता है जो कोर्टिसोल के स्तर में सुधार करता है।
पर्याप्त अध्ययन से पता चलता है कि भोजन शरीर में एक स्वस्थ हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, विशेषज्ञ नियमित व्यायाम करने और स्वस्थ शरीर प्राप्त करने के लिए चीनी से बचने जैसी कुछ सरल चीजों की भी सलाह देते हैं।
(इंटेलीजेंट एजिंग में न्यूट्रीशनल साइंस एक्सपर्ट डॉ. मंजरी चंद्रा से बातचीत पर आधारित)
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