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हरड़ (हरीतकी) के फायदे और नुकसान – Harad ke Fayde

Anu Verma  |  Aug 24, 2019
Harad ke Fayde, Harad Benefits in Hindi
वर्तमान समय में अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए ऐसी चीजों की तलाश, जो सेहत के लिए वाकई फायदेमंद हों, ढूंढ़ना कठिन हो चुका है। वजह यह है कि जिस तरह की मिलावट हो रही है, कोई भी खाद्य पदार्थ पूरी तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं होता है। ऐसी परिस्थिति में आप जिस हद तक प्रकृति के नजदीक जाएंगे, उतने ही सेहतमंद भी रहेंगे। शुद्ध और प्राकृतिक चीजों का सेवन ही हमें ये फायदे पहुंचा सकता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसी लाभकारी औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी विशेषता के बारे में जान कर आप भी हैरान रह जाएंगे। हम बात कर रहे हैं एक अत्यंत लाभकारी औषधि हरड़ की।
जी हां, हरड़ एक ऐसी औषधि है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक है और कई रोगों का नाश करती है। आयुर्वेद से जुड़ी चरक संहिता में, जीवन में आयुर्वेद के महत्व के बारे में बताया गया है। साथ ही इसमें प्राचीन काल से चली आ रही आयुर्वेद पद्धतियों और जड़ी-बूटियों के बारे में भी बताया गया है। ऐसी औषधियां, जिनके कई गुण हैं, उन्हें आयुर्वेद ने अपने दैनिक जीवन में शामिल करने की सलाह दी है। ऐसी ही औषधियों में से एक हरड़ भी है। इसे अंग्रेजी में चेबुलिस मिरबोलान कहते हैं। यह एक तरह का फल होता है और इसके कई फायदे हैं। दरअसल, हरड़ त्रिफला चूर्ण का ही एक अंग है। इसे कई लोग हरीतकी भी बुलाते हैं। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई दवाओं के रूप में किया जाता है। हरीतकी (Benefits of Haritaki) मुख्य रूप से उत्तर भारत के इलाकों  में पाया जाता है। भारत में विशेषत: यह हिमालय क्षेत्र में रावी तट से लेकर पूर्वी बंगाल-असम तक पाया जाता है। खास बात यह है कि इस जड़ी-बूटी की छाल, फल और जड़ सभी कुछ इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं। यह जड़ी-बूटी ऐसा फल है, जो कि पकने के बाद हरे रंग से काले रंग में तब्दील हो जाता है।
तो आइए, जान लेते हैं कि हरड़ का किन-किन तरीकों से इस्तेमाल किया जाना चाहिए और क्यों यह आपकी सेहत के लिए बेहद खास होता है।

हरड़ के पोषक तत्व – Nutrients of Harad in Hindi

हरड़ के पोषक तत्वों की बात की जाए तो यह काफी पौष्टिक होता है। चूंकि इसमें विटामिन सी और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं, इसलिए अगर आपके शरीर में विटामिन सी की कमी है तो इसके सेवन से उसे दुरुस्त किया जा सकता है।

स्वास्थ्य के लिए हरड़ के फायदे – Harad ke Fayde

हरड़ स्वास्थ्य के लिए किस हद तक लाभदायक है, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि विशेषज्ञों की सलाह से इसके नियमित इस्तेमाल से कई सारी बीमारियां दूर हो जाती हैं। इसमें ऐसे गुण होते हैं, जिनमें अनेक शारीरिक बीमारियों को दूर करने की पूरी क्षमता होती है।

दस्त, कब्ज – Dehydration, Constipation

हरड़ का सेवन उन लोगों को सबसे अधिक करना चाहिए, जिन्हें कब्ज की समस्या रहती है। उनके लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है। शोधकतार्ओं का मानना है कि हरड़ में एक गैलिक एसिड नाम का तत्व मौजूद होता है, जो एचडीएल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है और इसकी वजह से रक्त में प्लाज्मा इंसुलिन बढ़ जाता है। कब्ज दूर करने के लिए हरड़ के पल्प को चुटकी भर नमक के साथ खाना चाहिए। इसे आधी ग्राम लौंग या दालचीनी के साथ खाना भी लाभदायक होता है। यही नहीं, दस्त की समस्या होने पर भी इसके चूर्ण का सेवन किया जाए तो इससे दस्त रुक जाते हैं और काफी आराम मिलता है। कच्चे हरड़ के फलों को पीस कर, चटनी बना कर दस्त के दौरान दिन में 3 बार खाने से दस्त बंद हो जाते हैं। यह शरीर और मलाशय में हल्कापन लाने में सहायता करता है, वहीं कब्ज दूर करने के लिए हरड़, बहेड़ा और आंवले का चूर्ण खाने से इस समस्या में बहुत लाभ मिलता है और आंत की शुद्धि बनी रहती है।

शरीर की सूजन में राहत

हरड़ का सेवन शरीर में होने वाली अलग-अलग सूजन संबंधी समस्याओं में किया जा सकता है। जी हां,  यह एक ऐसी औषधि है, जिसका सेवन कई तरह की सूजन को पूरी तरह से खत्म कर देता है। मुंह में सूजन होने पर हरड़ के गरारे करने से काफी फायदा मिलता है। हरड़ को पीस कर और पतली छाछ के साथ मिला कर गरारे करने से मसूड़ों की सूजन खत्म हो जाती है। सूजन की समस्या को खत्म करने के लिए गोमूत्र के साथ भी हरड़ को मिला कर पीने की सलाह दी जाती है।  पुराना गुड़ व हरड़ का चूर्ण बराबर मात्रा में मिला कर 15-15 ग्राम के लड्डू बना कर रख लें। हर रोज़ एक लड्डू खाने से भी शरीर में सूजन की परेशानी खत्म हो जाती है।        

मलेरिया

मलेरिया ऐसी बीमारी है, जिसका सही समय पर पता न चले तो बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ते देर नहीं लगती। ऐसे में इसके मरीजों को राय दी जाती है कि वे हरड़ का सेवन करें। हरड़ के चूर्ण को पांच ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम लेने से मलेरिया में बहुत अधिक फायदा होता है। अगर मरीज लंबे समय से मलेरिया से परेशान है तो उसे यह औषधि जरूर देनी चाहिए।   
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आंखों की समस्याओं से निदान

आपको यह बात जान कर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है कि आंखों की रौशनी को बढ़ाने के लिए हरड़ बेहतरीन औषधि है। आंखों की कई तरह की समस्याएं होने पर भी हरड़ के पानी से आंखें धोने पर काफी फायदा होता है। इससे नेत्र विकार दूर होता है और साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।        

कुष्ठ रोग से निजात

हरड़ के सेवन से कुष्ठ रोगों से भी निजात मिल सकती है। इसके नियमित सेवन से कुष्ठ रोग खत्म होता है। खास कर हरड़ के चूर्ण का सेवन हर रोज़ करने वाले कुष्ठ रोग से निजात पा सकते हैं।        

भूख न लगने की समस्या में राहत

कई लोगों को भूख न लगने की समस्या होती है। इससे शरीर कमज़ोर होता है और कई बीमारियां घर कर लेती हैं। वजह है कि भूख न लगने पर सही वक्त पर भोजन नहीं हो पाता है और पूरी पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। ऐसे मरीजों को आयुर्वेद सलाह देता है कि वे हरड़ का सेवन जरूर करें। हरड़ के चूर्ण को शहद में मिला कर खाने से भूख लगने की प्रवृति खूब बढ़ती है और फिर अपने-आप भूख लगनी शुरू हो जाती है। हरड़ का सेवन छाछ के साथ करने से भी भूख न लगने की बीमारी से निजात मिलती है। यही नहीं, हरड़ का चूर्ण गुड़ या सेंधा नमक के साथ निरंतर करने से भूख खुल कर लगती है और भोजन आसानी से पचता है।         

स्वस्थ दांत

स्वस्थ दांत चाहिए तो आपके घर में हरड़ होना ही चाहिए। हरड़ के चूर्ण से नियमित मंजन करने पर न सिर्फ दांत स्वस्थ रहते हैं, बल्कि वे निरोगी भी बनते हैं। हरड़ और कत्था चूसने से भी दांत मजबूत हो जाते हैं।
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पेट संबंधी बीमारी में इलाज

हरड़ इतना पौष्टिक है कि इससे पेट संबंधी सारी बीमारियों से निजात मिलती है। वजह यह है कि इसका चूर्ण, छाल और जड़ तीनों ही पेट के लिए अच्छे होते हैं। ये पेट संबंधी बीमारियों को फौरन खत्म कर देता है।

पीलिया में राहत

अगर कोई मरीज लंबे समय से पीलिया से ग्रस्त है तो हरड़ के चूर्ण में पुराना गुड़ समान मात्रा में मिला कर दिन में तीन बार सेवन करने की सलाह दी जाती है। इससे पीलिया की परेशानी से छुटकारा मिलता है। सेवन की मात्रा 10 से 20 ग्राम तक रखी जानी चाहिए।

  बवासीर की समस्या को दूर करे

बवासीर के रोगियों को अपने खान-पान का ध्यान बहुत सोच-समझ कर रखना पड़ता है। ऐसे में हरड़ का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इस बीमारी में हरड़ को गर्म पानी में उबाल कर इस्तेमाल करें। इसके लिए पहले हरड़ को गर्म पानी में डालें। फिर थोड़ा ठंडा होने पर, दिन भर में एक बार विशेषज्ञ की सलाह के हिसाब से सेवन करने से बवासीर की परेशानी से राहत मिल जाती है।

एसिडिटी की परेशानी का समाधान

हरड़ के सेवन से एसिडिटी की परेशानी खत्म हो जाती है। यह पाचन क्रिया को मजबूत करने का काम करता है। हरड़ के सेवन से गैस, अपचन की समस्या से निजात मिलती है। एसिडिटी को खत्म करने के लिए हरड़ को आधा कप पानी में मिला कर पीना चाहिए। इससे पाचन संबंधी सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।  इसके अलावा एक चम्मच हरड़ के चूर्ण की मात्रा, दो किशमिश के साथ लेने से एसिडिटी से छुटकारा मिलता है

छालों से छुटकारा

मुंह में सूजन के साथ-साथ अगर छाले पड़ गए हैं, तब भी हरड़ का सेवन करना चाहिए। छोटी हरड़ को पानी में घिस कर अगर छालों पर लगाया जाए तो उससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
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गले व आवाज के लिए फायदेमंद

अक्सर आवाज फंसने या गला बैठने पर उसे ठीक करने के लिए कई वॉयस आर्टिस्ट आयुर्वेद को ही सबसे ज्यादा भरोसेमंद मानते हैं। हरड़ में फिटकरी मिला कर कुल्ला करने से गला साफ होता है और आवाज भी सुरीली बन जाती है, इसलिए इस क्षेत्र से जुड़े लोग आमतौर पर हरड़ का इस्तेमाल नियमित रूप से करते हैं। इसके पाउडर को लगभग हर रोज़ शहद के साथ मिला कर सेवन करने से बहुत राहत मिलती है।

एलर्जी और खुजली की समस्या में राहत

हरड़ की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह त्वचा को एलर्जी और खुजली जैसी बीमारियों से भी निजात दिलाता है। यह कान और नाक की बाली से हुई एलर्जी, सोने-चांदी से बने गहने से हुई एलर्जी या शरीर पर होने वाले चकत्ते को दूर करने में सहायक होता है। इसका सेवन करने और साथ ही इसके चूर्ण को शहद में मिला कर लगाने  से एलर्जी और खुजली में काफी राहत मिलती है। हरड़ का काढ़ा भी त्वचा संबंधी एलर्जी से निजात दिलाता है। हरड़ के फल को पानी में उबाल कर काढ़ा बना कर अगर दिन में दो बार सेवन किया जाए तो बहुत आराम मिलता है।

हरड़ का सेवन करने के उपाय – How to use Harad in Hindi

हरड़ का सेवन करने के बारे में जानने के लिए आपका यह जानना भी जरूरी है कि हरड़ की छाल, उसके फल और जड़, तीनों का ही इस्तेमाल किया जाता है। कुछ बीमारियों में उसका चूर्ण भी फायदेमंद होता है। चूंकि यह त्रिफला का ही एक अंग है, इसलिए इसके सेवन से कई बीमारियों से निजात मिलती है। डायबीटिज से लेकर उल्टी जैसी लगभग 100 से भी अधिक स्वास्थ्य समस्याओं या बीमारियों के इलाज में यह रामबाण है। 

हरड़ का चूर्ण बना कर भी इस्तेमाल किया जा सकता है तो इसकी जड़ों को पीस कर भी। इसके फल को नारियल तेल में उबाल कर लेप बना कर लगाने से भी काफी फायदे होते हैं। इसका लेप बालों के लिए अच्छा है तो चूर्ण दांतों के लिए। चूर्ण बनाने के लिए इसे धूप में सूखा दें। फिर इसे पीस लें या फिर कूट कर चूर्ण बनाया जा सकता है। हरड़ का लेप एलर्जी जैसी समस्याओं से निदान दिलाता है।

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हरड़ के नुकसान – Harad ke Nuksan

हरड़ बेशक काफी स्वास्थ्यवर्धक होता है, लेकिन हरड़ के इस्तेमाल के साइड इफेक्ट्स भी आपको जानने ही चाहिए। इसकी कसैली और गर्म प्रकृति के कारण इसमें कुछ खामियां भी हैं, इसलिए इसका सेवन गर्भावस्था के दौरान करने से मना किया जाता है। साथ ही शिशुओं और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इससे दूर रखना चाहिए। स्तनपान कराने वाली मांओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

इसके अलावा जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो गयी है, उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। दुबले शरीर वाले ऐसे लोग, जिन्होंने लंबे समय तक उपवास किया है, उन्हें भी इससे दूर रहना चाहिए। जिन्हें पित्त की समस्या हो या जो लोग अधिक शराब पीते हों, उन्हें इसके सेवन से हमेशा बचना चाहिए।

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हरड़ के सेवन से जुड़े सवाल और जवाब

क्या त्वचा के लिए भी हरड़ फायदेमंद होता है?

जी हां, बिल्कुल। अगर हरड़ के पाउडर को गर्म पानी में खौला कर, फिर उसे ठंडा करके मुंहासों पर लगाया जाए तो इससे मुंहासे दूर हो जाते हैं।

क्या बालों के लिए हरड़ का सेवन करना चाहिए?

जी हां, हरड़ के पाउडर को तेल में मिला कर लगाने से रूसी और बालों का झड़ना कम हो सकता है, क्योंकि इसमें औषधीय गुण होते हैं। इसे खासतौर पर आंवले के तेल में मिला कर लगाना चाहिए।

क्या हरड़ उल्टी आने संबंधी समस्याओं से निदान दिलाने में भी सहायक होता है?

जी हां, उल्टी होने पर अगर हरड़ के पाउडर को शहद के साथ मिला कर खाया जाए तो उल्टी जैसी परेशानी से काफी आराम मिलता है।

मैंने सुना है कि हरड़ याददाश्त बढ़ाने और मधुमेह को दूर करने में लाभदायक होता है?

जी हां बिल्कुल। इसका जूस शरीर में ताजगी लाता है और इसका फल याददाश्त बढ़ाने, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में काफी सहायक होता है।

क्या हरड़ से वजन नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है?

जी हां, चूंकि इसके सेवन से पेट संबंधी सारी बीमारियां खत्म होती हैं, इसलिए इसे इस्तेमाल में लाने से वजन नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। हर रोज़ इसके पाउडर को पानी में मिला कर, सुबह-सुबह पीने से वजन नियंत्रण में रहता है।

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