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जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाते हैं, फिल्म ‘डीयर ज़िंदगी’ के ये 15 डायलॉग

Megha Sharma  |  Jun 23, 2021
जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाते हैं, फिल्म ‘डीयर ज़िंदगी’ के ये 15 डायलॉग
‘डीयर ज़िंदगी’ (Dear Zindagi) बॉलीवुड की एक बहुत ही शानदार फिल्म है, जो हमें जीवन को अलग और सकारात्मक तरीके से देखना सिखाती है। इस फिल्म में ऐसे बहुत से डायलॉग (Dialogue) का इस्तेमाल किया गया है, जो हमें जीवन के प्रति थैंकफुल बनाते हैं और जीवन में होने वाली सभी छोटी चीजों के लिए शिकायत ना करना सिखाते हैं। इस वजह से हम आपके लिए फिल्म के कुछ ऐसे डायलॉग लाए हैं, जिन्हें आपको हमेशा याद रखना चाहिए। 

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”अपने पास्ट को कभी अपने आज पर हावी ना होने दें और आने वाले खूबसूरत कल को खराब ना करें।”
”कभी-कभी हम मुश्किल रास्ता सिर्फ इसलिए चुनते हैं क्योंकि हमें लगता है कि, जरूरी चीजें पाने के लिए हमें मुश्किल रास्ता अपनाना चाहिए। खुद को सजा देना बहुत जरूरी समझते हैं। लेकिन क्यों? आसान रास्ता क्यों नहीं चुन सकते? क्या बुराई है उसमें? खासकर, जब उस मुश्किल का सामना करने के लिए हम तैयार ही नहीं हैं” 
” अलबर्ट आइंस्टाइन ने कहा था, पागल वो होता है, जो रोज़ रोज़ सेम काम करता है, लेकिन चाहता है कि नतीजा अलग हो।” 
” जब हम अपने आपको अच्छी तरह समझ लेते हैं, तो दूसरे क्या समझते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बिल्कुल भी नहीं।”
”जीनियस वो नहीं होता, जिसके पास हर सवाल का जवाब हो, जीनियस वो होता है, जिसके पास हर सवाल के जवाब तक पहुंचने का पेशेंस हो।”
”तुम अगर खुल के रो नहीं सकोगी, तो खुल कर हंस कैसे पाओगी।”
” ज़िंदगी में जब कोई पैटर्न बनता या फिर आदत बनती दिखाई दे ना तो उसके बारे में अच्छे से सोचना चाहिए। जीनियस होने का मतलब है कि यह पता होना कि कब रुकना है।”
”ज़िंदगी एक जिग्सो पजल की तरह है, मेरे जैसे लोग उस पज़ल के खोए हुए टुकड़े हैं, सिर्फ ढूंढने और जोड़ने में मदद कर सकते हैं लेकिन सिर्फ आप ही इस पज़ल को पूरा कर सकते हैं।”
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”ज़िंदगी की पाठशाला में हम अपने खुद के शिक्षक हैं।”
”सेफ फील करने के लिए पहले सारे डर मिटाना ज़रूरी है।”
”बचपन में जब रोना आता है तो बड़े बोलते हैं, आंसू पोंछो। जब गुस्सा आता है तो बड़े कहते हैं कि स्माइल ताकि घर में शांती बनी रहे। नफरत करना चाहे, तो इजाज़त नहीं दी। और जब प्यार करना चाहें, तो पता चला कि साला इंमोशनल सिस्टम ही गड़बड़ा गया है, काम नहीं कर रहा है। रोना, गुस्सा, नफरत कुछ भी खुल के ज़ाहिर नहीं करने दिया। अब प्यार कैसे ज़ाहिर करें?”
”हम इतनी कुर्सियां देखें, एक खरीदने से पहले फिर अपना लाइफ पार्टनर चूज़ करने से पहले ऑपीनियन्स देखने में क्या प्रोबल्म है?”
”अपने अंदर के बच्चे को ज़िंदा रखें”
”बढ़े होने के बाद दोस्त को खोना बड़े होने की निशानी है।”
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