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इस मलयालम मैगजीन के कवर फोटोशूट से छिड़ गया था ओपन ब्रेस्टफीडिंग कैंपेन

Deepali Porwal  |  Mar 1, 2018
इस मलयालम मैगजीन के कवर फोटोशूट से छिड़ गया था ओपन ब्रेस्टफीडिंग कैंपेन

हाल ही में एक मलयालम मैगजीन ‘गृहलक्ष्मी’ के कवर ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। कवर पर वहां की लोकप्रिय एक्ट्रेस गीलू जोसफ हैं, जो कि एक बच्चे को स्तनपान करवा रही हैं। इस कवर पेज के साथ मैगजीन ने पब्लिक में ब्रेस्टफीडिंग को सहजता से लेने की अपील की है।

केरल से छिड़ा कैंपेन

केरल के एक पत्रकार ने मलयालम मैगजीन ‘गृहलक्ष्मी’ का कवर पेज ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘यह गृहलक्ष्मी मैगजीन का नया कवर है। इसमें कहा गया है कि केरल से सारी मांएं बोल दें कि हमें घूरना बंद करो क्योंकि हमें बच्चे को स्तनपान करवाना है।’ उन्होंने इस कवर को काफी बोल्ड कहा है। उनके इस ट्वीट को बहुत लोगों ने शेयर करते हुए इसे एक अलग ही मुद्दा बना दिया है। जहां एक पक्ष ओपन ब्रेस्टफीडिंग को एक सराहनीय प्रयास बता रहा है तो वहीं दूसरा पक्ष इसके खिलाफ है।

बदलाव की छिड़ रही है मुहिम

हाल ही में फिल्म ‘पैडमैन’ की रिलीज से पहले देश भर में पैड के साथ फोटो खिंचवाने का कैंपेन चला था। उस कैंपेन का मकसद था कि लोग बेझिझक होकर पैड व पीरियड्स के बारे में बात करें। उसी तरह से मलयालम पत्रिका ‘गृहलक्ष्मी’ ने भी इस कवर शूट से समाज में एक संदेश देने की कोशिश की है। ‘गृहलक्ष्मी’ मैगजीन की एडिटर-इन-चीफ मॉन्सी जोसफ का कहना है कि अब हमें ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े टैबू को तोड़ने की ज़रूरत है। कई बार बच्चा भूखा होता है पर किसी के देख लेने के डर से मांएं उसे स्तनपान करवाने में झिझकती हैं। इसलिए इस महिला दिवस पर हमें इससे बेहतर मुहिम समझ में नहीं आई।

एक मां से ही मिली प्रेरणा

जनवरी में 23 वर्षीय अमृता के पति ने उनकी एक फोटो शेयर की थी, जिसमें वे अपने डेढ़ महीने के बच्चे को ओपन ब्रेस्टफीड करवा रही थीं। ‘गृहलक्ष्मी’ मैगजीन को इस कैंपेन की प्रेरणा अमृता से ही मिली थी। ‘गृहलक्ष्मी’ पत्रिका को दिए गए अपने इंटरव्यू में अमृता ने कहा कि जब वे अपने बच्चे को इस तरह से दूध पिलाती थीं तो लोग उन्हें टोकते थे। उनका मानना है कि अब हमें समाज की इन रीतियों को तोड़ने की ज़रूरत है। मलयालम एक्ट्रेस एंड मॉडल गीलू जोसफ ने इस कवर के लिए अपना शूट करवाया है। उनका कहना है कि अपने बच्चे को पब्लिक में ब्रेस्टफीड करवाने में एक मां को किसी प्रकार की शर्म नहीं महसूस करनी चाहिए।

‘गृहलक्ष्मी’ मैगजीन, गीलू जोसफ व अमृता द्वारा शुरू किए गए इस कैंपेन की जितनी तारीफ की जाए, वह कम ही है। बच्चे के शरीर को मज़बूत आधार देने के लिए उसकी मां का दूध सबसे अच्छा माना जाता है। मगर साथ में एक टैबू भी है कि स्तनपान हमेशा पर्दे में करवाना चाहिए। इस वजह से कई बार बच्चा भूखा होता है पर सही जगह नहीं मिल पाने की वजह से मां उसे दूध पिलाने में हिचकिचाती है। इस फोटोशूट पर छिड़ी बहस को खत्म कर हमें इसका पॉजिटिव पक्ष देखना चाहिए।

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