एक बच्चे के पैदा होने के बाद उसके लिए मां का दूध सबसे बेहतर होता है। ब्रेस्टमिल्क यानी मां के दूध के में वो सभी आवश्यक तत्व होते हैं, जो बेबी की सेहत और उसके विकास के लिए ज़रूरी हैं। मगर ऐसे कई परिस्थितियां पड़ जाती हैं, जब मां चाह कर भी अपने बच्चे को दूध नहीं पीला पाती। जैसे- डिलीवरी के तुरंत बाद मां के दूध का न बनना, मां का दूध कम आना या फिर एक समय के बाद खुद बेबी को मां के दूध से हटाकर ऊपर का दूध इंट्रोड्यूस कराना। ऐसे में ब्रेस्टमिल्क का विकल्प बनकर आता है, फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk)। हम ये नहीं कहते कि फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) बेबी के लिए मां के दूध से ज्यादा अच्छा होता है लेकिन अगर किसी परिस्थिति वश आप बेबी को फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) पिलाने की सोच रही हैं तो उससे पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी है।
बेबी को फाॅर्मूला मिल्क देते समय ध्यान में रखें ये 10 बातें
फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) को मां का दूध यानी ब्रेस्टमिल्क ध्यान में रखते हुए ही तैयार किया जाता है। इसमें उन सभी मिनरल्स, विटामिन्स, प्रोटीन्स आदि आवश्यक तत्व मिलाए जाते हैं, जो कि मां के दूध में मौजूद होते हैं। इसके बावजूद बेबी को फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) देते समय इन 10 बातों को ध्यान में ज़रूर रखें।
1- बेबी को फाॅर्मूला मिल्क कब से देना शुरू करें?
इसका कोई निर्धारित समय नहीं है। कुछ माओं में डिलीवरी के तुरंत बाद दूध बनने की प्रक्रिया शुरू नहीं होती। हालांकि 3-4 दिन में ब्रेस्टमिल्क बनना शुरू हो जाता है। मगर तब तक बेबी को भूखा नहीं रख सकते। ऐसे में डॉक्टर्स बेबी को फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) पिलाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा जिन माओं को कम दूध आने की समस्या से दो-चार होना पड़ता है, वो भी दिन में 2 से 3 बार बच्चे को फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) पिला सकती हैं। नौकरी करने वाली माएं भी 6 महीने बाद बच्चे को फाॅर्मूला मिल्क इंट्रोड्यूस करा देती हैं।
2- बेबी को कौन सा फाॅर्मूला मिल्क दें?
वैसे तो बाजार में कई ब्रांड्स के फाॅर्मूला मिल्क उपलब्ध हैं। इनमें कुछ काफी सस्ते हैं तो कुछ काफी महंगे। मगर बात जब अपने बच्चे की आती है तो सस्ता-महंगा जैसा कुछ नज़र नहीं आता। ऐसे में आपके बेबी को कौन सा फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) देना है, इसका सबसे अच्छा जवाब आपके बेबी के डॉक्टर यानी पीडियाट्रिशन दे सकते हैं। उनसे मिलकर इस बात पर चर्चा ज़रूर करें।
3- बच्चे को कितना फाॅर्मूला मिल्क देना चाहिए?
बेबी को कितना फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) देना है, ये पूरी तरह से उसकी भूख पर निर्भर करता है। 1 महीने के अंदर वाले बच्चे 30 से 50 ml तक दूध पी लेते हैं। वहीं बेबी के बड़ा होने के साथ ही फाॅर्मूला मिल्क की मात्रा में भी बदलाव आने लगते हैं। धीरे-धीरे बच्चा 60 ml से 90 ml और फिर अपनी भूख के हिसाब से उससे ज्यादा पर स्विच करता जाता है। ध्यान रहे बेबी को हर 2-3 घंटे में फीड कराएं। समय के साथ आपको खुद अंदाज़ लगना शुरू हो जाएगा कि आपको अपने बेबी के लिए कितना फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) बनाना है।
4- फाॅर्मूला मिल्क कैसे बनता है?
फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) बनाने के लिए हमेशा साफ या फ़िल्टर किया हुआ पानी ही इस्तेमाल करें। इसके लिए पानी को पहले अच्छे से उबाल लें और फिर पीने लायक ठंडा होने पर उसमें फाॅर्मूला मिल्क मिलकर बच्चे को दें। आप चाहें तो पानी को उबालकर और पीने लायक ठंडा होने के बाद मिल्टन की आधी या 1 लीटर वाले पानी की बेतल में भी स्टोर करके रख सकती हैं। इसका एक फायदा यह है कि जब आपके बच्चे को भूख लगेगी तो तुरंत पानी गरम करने किचन नहीं भागना पड़ेगा। बस पानी में फाॅर्मूला मिल्क मिलाना है और बच्चे को पिला देना है। ध्यान रहे फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) मिक्स करते समय उसमें गुल्थियां नहीं पड़नी चाहिए।
5- बच्चे को फाॅर्मूला मिल्क कैसे पिलाएं?
बच्चे को फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) कैसे पिलाना है, ये आपके फैसले पर निर्भर करता है। कुछ माएं बच्चे को दूध पिलाने के लिए बोतल का इस्तेमाल करती हैं तो कुछ कटोरी-चम्मच की मदद से बेबी को दूध पिलाती हैं। अब ये आपको डिसाइड करना है कि आपके लिए क्या ज्यादा आसान है।
6- फाॅर्मूला मिल्क पिलाने के लिए बोतल कैसी हो?
अगर आप बेबी को बोतल से दूध पिलाने के बारे में सोच रही हैं तो बोतल से संबंधित कुछ बातों का पता होना बेहद ज़रूरी है। सबसे पहले ये जान लें कि हर बार बेबी को दूध पिलाने से पहले बोतल को साफ पानी में उबाल लें। इसके लिए बोतल हमेशा अच्छी क्वालिटी की ही खरीदें। ज्यादा प्रिंट और डिज़ाइन वाली बोतल बार-बार उबालने से ख़राब भी हो सकती है। जैसे उसका प्रिंट पानी से उतरकर निप्पल में लग सकता है या फिर ज्यादा गरम पानी होने पर बोतल की प्लास्टिक पिघल भी सकती है। ध्यान रहे बोतल की प्लास्टिक BPA फ्री होनी चाहिए। इसके अलावा बोतल 250 ml तक की लें। साथ ही हर महीने निप्पल को चेंज भी करती रहें।
7- फाॅर्मूला मिल्क कितनी देर तक फ्रेश रहता है?
कोई भी फॉर्मूला मिल्क (Formula milk) सिर्फ 10 से 15 मिनट तक ही फ्रेश रहता है। उससे ज्यादा रखने पर दूध ख़राब होने लगता है। अगर आपसे दूध ज्यादा बन गया है या फिर बच्चा दूध नहीं पी रहा है तो उसे फेंकने में ज़रा भी न हिचकिचाएं। बच्चे की सेहत से बढ़कर कुछ भी नहीं है।
8- क्या बेबी को फाॅर्मूला मिल्क सूट कर रहा है?
ये एक ऐसा सवाल है, जो हर नई मां के ज़ेहन में आना आम बात है। बेबी को फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) सूट कर रहा है या नहीं। ये पता करने के कई तरीके हैं। जैसे अगर आपके बेबी को हर बार दूध पीने के बाद उल्टी आए या फिर दिन में ज्यादा बार दूध उलट रहा है तो ये इस बात का संकेत है कि बच्चे को फाॅर्मूला मिल्क सूट नहीं कर रहा है। इसके अलावा ज्यादा गैस बनने पर, बेबी की पॉटी हार्ड या फिर बेबी को बार-बार दस्त लगने की शिकायत हो रही है तो समझ लें कि ये फाॅर्मूला मिल्क सूट नहीं कर रहा है। इसकी जगह आप किसी और ब्रांड के फाॅर्मूला मिल्क पर स्विच करें। साथ ही अगर हर हफ्ते आपके बेबी का वेट भी नहीं बढ़ रहा है, तो भी समझ जाएं कि बेबी को फाॅर्मूला मिल्क सूट नहीं कर रहा है।
9- क्या बच्चे को फाॅर्मूला मिल्क और ब्रेस्टमिल्क साथ में दे सकते हैं?
अगर आप ब्रेस्टमिल्क के साथ बेबी को फाॅर्मूला मिल्क भी देना चाहती हैं तो कभी भी उन्हें एक साथ एक बोतल में न दें। पहले बेबी को अपना फीड दें उसके बाद फाॅर्मूला मिल्क (Formula milk) बना कर दें।
10- बच्चे को फाॅर्मूला मिल्क कब तक देना चाहिए?
लगभग 1 साल तक बच्चे को फाॅर्मूला मिल्क दें। अगर आप उसे गाय या भैंस का दूध पिलाना चाहती हैं तो 1 साल के बाद ही पिलाएं। इसकी वजह यह है कि छोटे बच्चे का पाचन तंत्र अभी इतना मजबूत नहीं होता कि वो गाय भैंस का दूध पचा सके। इसलिए 1 साल के बाद फाॅर्मूला मिल्क देना बंद करें। इसके अलावा बच्चे की बढ़ती उम्र के साथ ही फाॅर्मूला मिल्क की स्टेजेस भी बढ़ती चली जाती हैं। जैसे 6 महीने तक बेबी 1 नंबर का फाॅर्मूला मिल्क पीता है, वहीं 6 महीने के बाद ये नंबर बढ़कर 2 हो जाता है। ऐसे ही धीरे-धीरे नंबर बढ़ते चले जाते हैं। किस नंबर का फाॅर्मूला मिल्क कब पिलाना है, इस बारे में अपने बेबी के डॉक्टर से सलाह लें।
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