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तोड़ दीजिए ‘सोलो ट्रैवलिंग’ से जुड़े इन मिथ को और निकल पड़िए अकेले सुहाने सफर पर

Supriya Srivastava  |  Aug 2, 2021
Solo travelling myth busting

सोलो ट्रैवलिंग (Solo Travelling) यानी अकेले यात्रा पर निकलना। सुनने में ही बेहद रोमांचित लगता है न। मगर लोगों ने इसे रोमांचित के बजाय डरवाना बना दिया है, वो भी कुछ मिथ के चलते, खासतौर पर लड़कियों के लिए। घर पर सोलो ट्रैवलिंग का नाम लेते ही परिवार वाले टेंशन में आ जाते हैं। कई लड़कियां तो उम्र भर बस सोलो ट्रैवलिंग का सपना ही देखती रह जाती हैं। उन्हें या तो दोस्तों के साथ या फिर परिवार वालों के साथ ही ट्रैवलिंग नसीब होती है। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है।

आज के जमाने में जब सोलो ट्रैवलिंग एक तरह का ट्रेंड बन चुकी है, तब ऐसा कौन सा डर है, जो किसी लड़की को या फिर उसके घर वालों को अकेले यात्रा पर भेजने से रोक देता है। दरअसल, इसके पीछे कुछ ऐसे मिथ (Myth) वजह हैं, जो लोगों के दिल और दिमाग से बाहर ही नहीं निकल पाते। मगर अब समय आ गया है, जब आप सोलो ट्रैवलिंग से जुड़े हर मिथ को तोड़ कर अकेले सुहाने सफर का आनंद उठायें। हम यहां ऐसे ही कुछ मिथ के बारे में बता रहे हैं। 

मिथ 1- अकेले खो जाएंगे

सोलो ट्रैवलिंग पर आप अकेले खो जाएंगी, यह आज के समय में किसी मजाक से कम नहीं। अगर आपको खोना ही है तो क्या आप खुद अपने शहर में नहीं खो सकतीं। जबकि, आप एक अनजान शहर में थोड़ा अधिक सतर्क रहेंगी क्योंकि आप अवचेतन रूप से वहां एक अनजान होने के नाते ज्यादा जागरूक होंगी। …और गूगल मैप तो है ही, इसने न जाने कितनी मुश्किलों को आसान कर दिया है। तो रिलैक्स करिये और बिना ज्यादा सोचे अकेले यात्रा पर निकल पड़िए। 

मिथ 2- सोलो ट्रैवलिंग सिर्फ सिंगल्स के लिए होती है 

इसे इस तरह से सोचें, आप अभी भी अपने आप को एक रिश्ते में होने के बावजूद कुछ समय देते हैं, है ना? जरूरी नहीं लाइफ में पार्टनर आने के बाद आप सब कुछ एक साथ ही करें। अपने साथी से ब्रेक लेना भी कभी-कभी जरूरी हो जाता है। यह आपके रिश्ते में ताजगी भी लाता है और विशेष रूप से तब मदद करता है जब आप अपने साथी से ब्रेक लेने पर वाकई विचार कर रही हों। इसलिए ऐसा सोचना बंद कर दीजिये कि सोलो ट्रैवलिंग सिर्फ सिंगल्स के लिए होती है। 

मिथ 3- सोलो ट्रैवलिंग बहुत बड़ी चीज़ है 

सोलो ट्रैवलिंग सुनने में जरूर बहुत बड़ी चीज़ लग सकती है लेकिन यह उतनी ही बड़ी है, जितना आप इसे अपने दिमाग में बड़ा करते जाते हैं। हां, इसका विचार कठिन लग सकता है और इसलिए आपके दिमाग में यह मिथ अपनी जगह बना सकता है। लेकिन अगर आपने छोटी (वीकेंड की छुट्टी) शुरुआत की और फिर धीरे-धीरे बड़ी (अंतर्राष्ट्रीय) यात्राओं पर गए, तो आप खुद अपने जीवन में परिवर्तन पाएंगे और आत्मविश्वास का निर्माण करेंगे।

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