खुश रहना एक कला है और ज़िंदगी में आने वाले हर तरह के पड़ाव व लम्हे को हंसी-खुशी स्वीकारना इसी कला में महारत हासिल करने जैसा है। अपने आस-पास आपने ऐसे बहुत से लोग देखे होंगे, जो हमेशा मुस्कुराते रहते हैं। उन्हें देखकर आप मन ही मन सोचते भी होंगे कि आखिर ये हमेशा इतना खुश कैसे रह लेते हैं। आज की दौड़ती-भागती ज़िंदगी में महसूस करने के लिए गम के बहाने बहुत हैं, मगर कोशिश की जाए तो उनको भी हंसते-मुस्कुराते जिया जा सकता है। लोगों की ज़िंदगी में खुशी की इसी अहमियत को रचाने-बसाने और उनको हंसते-खेलते जीवन का महत्व समझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र 20 मार्च को वर्ल्ड हैप्पिनेस डे के तौर पर मनाता है। यूनाइटेड नेशंस यानि कि संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि दुनिया में खुशी का महत्व और लोगों में खुशी का एहसास जगाना बहुत ज़रूरी है।
खुशी मतलब कोई भी वह चीज़, इंसान या काम, जिसके आस-पास होने या पूरा हो जाने से आपका मन प्रसन्न और पूर्ण हो जाए। यह कहावत सच है कि रुपये-पैसे के बल पर खुशियां नहीं खरीदी जा सकती हैं। आप कितने भी अमीर हों पर उसका मतलब यह नहीं हो सकता है कि आप अंदर से उतने ही खुश भी हों। संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार रहे जेमी इलियन ने हैप्पिनेस डे मनाने का प्रस्ताव रखा था। इस दिवस को मनाने के माध्यम से वे दुनिया को एहसास दिलाना चाहते थे कि देश की समृद्धि के लिए सिर्फ आर्थिक विकास ही ज़रूरी नहीं है, बल्कि लोगों की खुशहाली और सुख को बढ़ाना भी अहम है।
20 मार्च को दुनिया भर में मनाए जाने वाले इस खास दिवस की हर साल एक अलग थीम होती है। इसे वर्ल्ड हैप्पिनेस डे के साथ ही इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पिनेस (International Day of Happiness) के तौर पर भी जाना जाता है। इसका प्रस्ताव भूटान की तरफ से आया था और 1970 से ही भूटान का मुख्य उद्देश्य राज्य के लोगों की खुशहाली रहा है, न कि राष्ट्रीय आय को बढ़ाना।
भारतीयों के बीच बॉलीवुड का एक अलग ही जलवा है और यह जलवा आज का न होकर बरसों से है। न जाने कितने ही लोग अपनी आम बोलचाल वाली भाषा में भी बॉलीवुड के डायलॉग्स का इस्तेमाल करना बेहद पसंद करते हैं। वे न सिर्फ बॉलीवुड स्टार्स के फैन होते हैं, बल्कि उनके द्वारा निभाए गए खास किरदारों के भी। बॉलीवुड ने हमें कई सफल कॉमेडियंस भी दिए हैं।
1943 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘किस्मत’ से चाइल्ड एक्टर के तौर पर बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले एक्टर महमूद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उसके बाद उन्होंने अनगिनत फिल्मों में कई छोटे-बड़े किरदार निभाए। धीरे-धीरे उन्हें उनकी कॉमेडी के लिए पहचाना जाने लगा था। लीड एक्टर के खास दोस्त के किरदार में वे काफी जंचते थे। कुछ सालों बाद आलम यह हो गया था कि बड़े सितारे भी फिल्म में उनकी मौजूदगी होने से घबराने लगे थे। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को भी महमूद ने ही कमर्शियल सिनेमा स्पेस से जोड़ा था।
फिल्म 1951 से बॉलीवुड में सक्रिय रहे जॉनी लीवर को बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ कॉमेडियंस में से एक माना जाता है। उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में अपनी अदाकारी और कॉमिक टाइमिंग का लोहा मनवाया है। वे बॉलीवुड के इकलौते स्टार हैं, जिनके नाम का इस्तेमाल गानों और फिल्म के टाइटल तक में किया गया है। उन्होंने अपने सफल करियर से 14 साल का ब्रेक लेकर जेम स्टोन्स का अपना बिज़नेस शुरू कर दिया था। वे इंडस्ट्री के पहले एक्टर थे, जिन्होंने संडे को छुट्टी लेने की शुरुआत की थी।
बॉलीवुड एक्टर, कॉमेडियन और राजनीतिज्ञ के तौर पर मशहूर परेश रावल ने कॉमेडी के अपने हुनर से फिल्मों में अलग ही मसाले का तड़का लगाया है। 1985 में फिल्म अर्जुन से उन्होंने सपोर्टिंग रोल के तौर पर बॉलीवुड में डेब्यू किया था और उसके बाद से ही उन्होंने कभी पलट कर नहीं देखा। सफलता उनके कदम चूमती गई और इंडस्ट्री में उनकी चमक भी बढ़ती गई। उन्होंने गुजराती थिएटर और कई हिन्दी टीवी सीरियल्स में अपनी अदाकारी का जादू चलाया है।
200 से ज्यादा फीचर फिल्म्स में नज़र आ चुके वर्सेटाइल एक्टर सतीश शाह ने बॉलीवुड फिल्मों के साथ ही मराठी फिल्म इंडस्ट्री और टेलीविजन सीरियल्स में भी काम किया है। साराभाई वर्सेस साराभाई में अपने अहम किरदार के लिए खासतौर पर मशहूर सतीश शाह ने लाफ्टर कॉन्टेस्ट ‘कॉमेडी सर्कस’ को जज भी किया था। 1978 में अपनी पहली फिल्म ‘अरविंद देसाई की अजीब दास्तां’ से करियर की शुरुआत करने वाले सतीश शाह ने 1980 में सिटकॉम यह जो है ज़िंदगी में काम किया था, जिसमें 1 साल के अंदर उन्होंने 60 अलग-अलग कैरेक्टर्स में जान फूंकी थी।
1987 से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाले एक्टर अली असगर को इंडिया के बेस्ट कॉमेडियंस में गिना जाता है। वे जितनी सहजता से पुरुष किरदारों को निभाते हैं, उतनी ही काबीलियत से महिला किरदारों को भी। सीरियल जीनी और जूजू के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर इन अ कॉमिक रोल से सम्मानित भी किया जा चुका है। वे एनिमेटेड फिल्म ‘डेस्पिकेबल मी’ में ग्रू और ड्रू नामक दो किरदारों के लिए हिंदी डबिंग भी कर चुके हैं। अली असगर को कपिल शर्मा के शोज़ के लिए भी जाना जाता है।
थिएटर-फिल्म एक्टर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट बोमन ईरानी ने सन 2000 से अपनी फिल्मी पारी की शुरुआत की थी। उससे पहले वे मुंबई के होटल में वेटर और इन रूम सर्विस के तौर पर काम किया करते थे। इंडस्ट्री में उन्होंने अपना सही मुकाम मुन्ना भाई सीरीज़ से बनाया था, जिसमें वे संजय दत्त के साथ नज़र आए थे। बोमन ईरानी ने अपनी ज़िंदगी में काफी संघर्ष किया है और उसी के बलबूते अब वे लोगों की प्रेरणा बन चुके हैं। वे एक बेहतरीन फोटोग्राफर भी हैं।
लोकप्रिय बॉलीवुड एक्टर गोविंदा को उनकी कॉमेडी के साथ ही अनोखे डांस स्टेप्स के लिए भी जाना जाता है। 1986 में फिल्म इल्ज़ाम से अपने करियर की शुरुआत करने वाले गोविंदा ने 165 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है। फिल्म ‘हद कर दी आपने’ में गोविंदा ने 6 किरदार निभाए थे - राजू, उसकी मम्मी, उसके पापा, उसकी बहन, उसकी दादी और उसके बाबा। कॉमेडी हीरो के तौर पर मशहूर गोविंदा ने डांस रियलिटी शोज़ भी जज किए हैं।
बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार का असली नाम राजीव हरि ओम भाटिया है। फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया था। मल्टी टैलेंटेड एक्टर अक्षय ने हर जोनर में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है। बात चाहे एक्शन फिल्मों की हो या कॉमेडी की, बायोपिक्स की हो या रोमांटिक की, वे हर फिल्म से दर्शकों पर अपना जादू चला देते हैं। लगभग 29 साल के करियर में अक्षय 100 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। उनके खाते में फ्लॉप से ज्यादा हिट फिल्में हैं।
इंडियन-कनाडाई मूल के कादर खान एक जाने-माने फिल्म एक्टर, स्क्रीनराइटर, कॉमेडियन और डायरेक्टर थे। 1973 में फिल्म दाग से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले कादर खान ने 300 से अधिक फिल्मों में एक्टिंग की है। बहुत कम लोग जानते हैं कि अभिनय क्षेत्र में अपनी किस्मत आज़माने से पहले वे एक कॉलेज में प्रोफेसर थे। एक्टिंग के साथ ही उन्होंने कई फिल्मों के लिए डायलॉग भी लिखे हैं। कई अवॉर्ड्स अपने नाम कर चुके कादर खान की 31 दिसंबर 2018 को कनाडा में मृत्यु हो गई थी।
स्टैंड अप कॉमेडियन, एक्टर और प्रोड्यूसर कपिल शर्मा ने अपने हंसी के फुहारों को ही अपनी पहचान बना लिया है। वे कभी अपने कॉमेडी के तड़कों के लिए लोकप्रियता हासिल कर लेते हैं तो कभी अपने अजीबोगरीब व्यवहार से। स्टैंड अप कॉमेडी में हाथ आज़माने के बाद उन्होंने फिल्मों का रुख किया और उनमें एक्टिंग करने के साथ ही उन्हें प्रोड्यूस भी करने लगे। फिलहाल छोटे पर्दे पर वे द कपिल शर्मा शो के सीज़न 2 से छाए हुए हैं। उन्हें कॉमेडी जीनियस और बेस्ट कॉमेडी एक्टर जैसे अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं।