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स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय

जानिए स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय – Smaran Shakti Badhane ke Upay

 

स्मरण शक्ति क्या है, यह कौन नहीं जानना चाहता! स्मरण शक्ति का दूसरा नाम याद्दाश्त है, यानी किसी भी बात को याद रखने की क्षमता, जोकि हमारा मस्तिष्क करता है। चाहे कोई भी हो या किसी भी उम्र का हो, अक्सर सुनने में आ जाता है कि मुझे कुछ याद नहीं रहता या याद्दाश्त कमजोर होती जा रही है। वैसे तो शारीरिक तौर पर, मानसिक या फिर भावनात्मक तौर पर किसी भी व्यक्ति में याद रखने की क्षमता उम्र के हिसाब से कम हो ही जाती है,  फिर भी कुछ लोग बाजार में मिलने वाली स्मरण शक्ति बढ़ाने की दवा का सहारा लेने लगते हैं। आज हम आपको बताएंगे कुछ आसान से टिप्स (how to improve memory power in hindi), जिन्हें अपनाकर आप बगैर दवाओं के भी अपनी स्मरण शक्ति बढ़ा सकते हैं। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है, इसलिए स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए जीवन शैली, खान-पान और व्यायाम, सब पर ध्यान देना जरूरी है।                                                                                            प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय

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स्मरण शक्ति कमजोर होने के कारण – Causes of Memory Loss in Hindi

आए दिन हम अक्सर कुछ न कुछ भूलते ही रहते हैं। ये इतनी चिंता की बात नहीं है, क्योंकि ये दिमाग की अपनी कार्यशैली होती है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में स्मरण शक्ति क्षमता में कमी आना बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है। इन स्थितियों में कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं और ऐसे में याद रखने ,देखने, सुनने,  सोचने आदि जैसी क्रियाओं से जुड़ी कोशिकाओं का नेटवर्क प्रभावित होता है। आइए जानते हैं, स्मरण शक्ति कमजोर होने की विशेष परिस्थितियों के बारे में।

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आयु – Age

बढ़ती उम्र के साथ मानसिक कोशिकाओं की स्थति में भी फर्क पड़ता है।

मेनोपॉज़ – Menopause

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत से हारमोनल बदलाव होते हैं और एस्ट्रोजन के स्तर में भी गिरावट आती है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता है।

अवसाद – Depression

अवसाद से घिरे हुए लोग अक्सर नकारात्मक विचारों के शिकार हो जाते हैं। इससे दूसरी बातों के साथ-साथ उनकी मानसिक कोशिकाओं की कार्यशैली पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।

थायरॉइड – Thyroid

कई बार इस बीमारी में भी मानसिक दशा पर असर पड़ता है और याद्दाश्त कमजोर हो जाती है।

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अत्यधिक दवाएं

दवाओं का अत्यधिक सेवन करने से भी स्मरण शक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

स्मरण शक्ति  कमजोर होने के लक्षण – Symptoms of Memory Loss in Hindi

हम अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए दिमाग पर ही निर्भर है। आमतौर पर देखने में आता है कि लोग इससे जुड़े बदलावों को समझ नहीं पाते और इस अवस्था को किसी व्यक्ति का भुलक्कड़पना मान लेते हैं। आइए जानते हैं कि वे लक्षण कौन से हैं, जिनके आधार पर इस समस्या को पहचाना जा सकता है-
  • छोटी-छोटी बातों को भी भूल जाना
  • बोलने में परेशानी
  • एक ही बात को बार-बार दोहराना
  • समय, स्थान अथवा नामों का याद न रहना
  • सोचने की क्षमता में कमी आना
  • मूड में लगातार बदलाव होना

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए क्या खाएं – Food for Increasing Memory Power in Hindi

 

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ – जैसे ब्रोकोली, नट्स, ओट्स, बीन्स और साबुत अनाज का सेवन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाले शॉर्ट-चेन फैटी एसिड के उत्पादन को संतुलित करके मस्तिष्क की उम्र बढ़ने में मदद करता है। ये जानी हुई बात है कि हमारे शरीर की सभी गतिविधियां मस्तिष्क से ही नियंत्रित होती हैं, इसलिए मस्तिष्क का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। सबसे उचित तरीका ये है कि सही डाइट का ध्यान रखा जाए जिससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़े। आइए जानते हैं कुछ इसी बारे में।

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अंडा – Egg

 

अपने रोजाना के आहार में नियमित रूप से अंडे का सेवन करना चाहिए, क्योंकि अंडे में कोलीन नाम का पोषक तत्व होता है, जो मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। साथ ही इसके सेवन से मस्तिष्क को एंटी ऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में मिलता है।

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पालक – Spinach

 

पालक का नियमित सेवन दिमाग की सतर्क रहने की क्षमता को बढ़ाता है ,क्योंकि इसमें फोलिक एसिड होता है। यह दिमाग की मजबूती के लिए भी कारगर है।

बींस – Beans

 

इसमें बहुत से पोषक तत्व, जैसे- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन बी 12 फोलिक एसिड एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। इनका सेवन मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है।

साबुत अनाज – Grains

 

साबुत अनाज अत्यधिक ऊर्जा का स्त्रोत होते हैं, जिसकी वजह से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।

नट्स – Nuts

 

काजू, बादाम, अखरोट जैसे नट्स में विटामिन ई और अनसेचुरेटिड फैट के अच्छे सोर्स होते हैं। एक तरफ विटामिन ई जहां ब्रैन के लिए काफी फायदेमंद है, वहीं अनसेचुरेटिड फैटी एसिड ब्रैन तक ऑक्सीजन की सप्लाई को बेहतर करने में मदद करते हैं, जिससे चीजों को याद करने में मदद मिलती है, इसलिए नट्स को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

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कलौंजी – Nigella Seeds

 

कलौंजी में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरॉन सुरक्षा से भरे गुण पाए जाते हैं, कलौंजी के सेवन से दिमाग तेज होता है और स्मरण शक्ति बढ़ती है। शोध के अनुसार रोजाना कलौंजी के बीज का सेवन आश्चर्यजनक रूप से स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।

दालचीनी और शहद – Cinnamon and Honey

 

दालचीनी और शहद का सेवन स्मरण शक्ति को बढ़ाता है। इसके सेवन से चयापचय में वृद्धि होती है और तनाव कम होता है।

ब्रोकली – Brokley

 

ब्रोकली फोलेट से भरपूर तो होती ही है। साथ ही इसमें कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन ए और सी तथा आयरन पाया जाता है। इसका सेवन मूड को सही रखने में मदद करता है और अवसाद के खतरे को कम करता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से भी एक बेहतरीन दवा की तरह है।

बैरिज

 

सभी तरह की बैरिज़ जैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, रास्पबेर आदि में फ्लैवोनोइड्स व एंथोसाइनिन नामक  एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचूर मात्रा में होते हैं, जिनके सेवन से मस्तिष्क की कोशिकाएं मजबूत होती हैं और याद्दाश्त में वृद्धि होती है। 

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अनार – Pomegranate

 

प्रदूषण या धूम्रपान जैसे फ्री रेडिकल्स आदि के कारण शरीर पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स रोकते हैं। इन फ्री रेडिकल्स का सबसे ज्यादा और तीव्र असर हमारे मस्तिष्क पर ही पड़ता है।

डार्क चॉकलेट – Dark Chocolate 

 

वैसे तो  चॉकलेट  हेल्थ और वेट के हिसाब से बहुत अच्छे नहीं माने जाते हैं, लेकिन डार्क चॉकलेट में  एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करते है,  इसलिए डार्क चॉकलेट का सेवन भी स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए फायदेमंद है।

नारियल का तेल – Coconut Oil

 

मस्तिष्क के लिए नारियल का तेल भी बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इसके सेवन से भी मस्तिष्क के न्यूरॉन्स की क्षमता बढ़ती है। यह प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले तत्वों के उत्पादन को कम कर देता है। साथ ही संतृप्त वसा की आपूर्ति करता है, जिससे मस्तिष्क सुचारू रूप से कार्य करता है।

जैतून का तेल – Olive Oil

 

जैतून के तेल में भरपूर मात्रा में  एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जोकि दिमाग के साथ शरीर के लिए भी उपयोगी हैं।

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मछली का तेल

 

मछली और मछली के तेल में काफी मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। साथ ही इसमें डोकोसहेक्साएनिक एसिड भी होता है, जो कि अल्जाइमर जैसी बीमारियों से मस्तिष्क को प्रभावित होने से बचाता है। फिश ऑयल कैप्सूल कब खाना चाहिए

स्मरण शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय – Smaran Shakti Badhane ke Gharelu Upay

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आंवला – Amla

चाहें तो आप ताजा आंवला, आंवले का जूस या फिर मुरब्बा, कुछ भी नियमित रूप से अपनी रोज की डाइट में शामिल कर सकते हैं। आंवले का सेवन स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है।

धनिया – Coriander

धनिए में कई प्रकार के पोषक तत्व, लवण और विटामिन होते हैं। साथ ही इसमें मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स,  रेडिकल डैमेज या मस्तिष्क कोशिकाओं के डैमेज में सुरक्षा प्रदान  करते हैं। इसमें उपस्थित  विटामिन  अल्जाइमर की बीमारी की रोकथाम में भी बहुत सहायक होते  हैं, इसलिए धनिये को चाहे मसाले के रूप में प्रयोग किया जाए या चटनी के रूप में,  कैसे भी इसे अपने आहार का हिस्सा जरूर बनाएं।

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अदरक

इसमें भी बहुत से एंटीऑक्सीडेंट्स एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व मौजूद हैं, जो कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होते हैं। साथ ही अदरक रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। अदरक तनाव भी कम करता है, इसलिए भी मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए काफी उपयोगी है।

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए व्यायाम – How to Increase Memory Power in Hindi (Exercise)

प्रतिदिन व्यायाम शारिरिक ही नहीं, मानसिक तौर पर भी  फायदा पहुंचाता है। जब शरीर की कार्यप्रणाली सही होती है तो मस्तिष्क भी सही कार्य करता है। मेमोरी पावर बढ़ाने के उपाय – सुबह-सुबह की वॉक और साथ में कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज़ शरीर और दिमाग, दोनों को ही बहुत फायदा पहुंचाती है। आइए, कुछ और जानते हैं इसी बारे में।

Exercise for increasing memory power

दिमागी कसरत – Brain Workout

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए दिमागी कसरत  बहुत भी जरूरी होता है। इस मामले में दिलचस्प ये है कि ये काम हम खेल-खेल में भी कर सकते हैं। ये बात याद रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि दिमाग वह शारीरिक मशीन है, जो निरंतर कार्य करती रहती है। इसके लिए जरूरी है कि दिमागी गेम जैसे कि सुडोकू, पज़ल गेम आदि को आप अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बना लीजिए। 

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मेडिटेशन – Meditation

ध्यान करने के दौरान भ्रामरी प्राणायाम से हमारे दिमाग में स्थिरता आती है और तनाव कम होता है। ये हमारे मन-मस्तिष्क से नकारात्मक विचारों को दूर करता है। सुबह के समय इनसे मस्तिष्क की कोशिकाओं में  पर्याप्त ऑक्सीजन और खून का संचार होता है, जिसके कारण  स्मरण शक्ति तेज होती है पद्मासन या सुखासन में 10 से 15 मिनट के लिए आंखें बंद करके बैठकर गहरी सांस लेना भी अपने-आप में इतना असरदार होता है कि इसका परिणान हैरानी में डाल देता है। स्मरण शक्ति बढ़ाने में मेडिटेशन बहुत फायदा पहुंचात है।

स्मरण शक्ति बढ़ाने के योग – Yoga

पादहस्तासन, हलासन, ताड़ासन, पद्मासन, पश्चिमोत्तानासन,  सर्वांगासन आदि बहुत ही फायदेमंद आसन हैं। इन आसनों से तंत्रिका तंत्र  उत्तेजित होती है। इन  आसनों का नियमित अभ्यास मस्तिष्क में स्मृति केंद्रों के आकार, तरंग गतिविधि और साथ ही मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति व ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है। स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए नियमित रूप से योगासन करना बहुत फायदेमंद है।

जीवनशैली बदलकर स्मरण शक्ति कैसे बढ़ाएं – Smaran Shakti Kaise Badhaye

भागती-दौड़ती जीवन शैली का हमारे जीवन पर इतना नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है कि हम संपूर्ण स्वास्थ्य के बारे में सोच तक नहीं पाते। नियमित जीवनशैली में थोड़ा सा परिवर्तन करके भी हम अपने-आप को मानसिक रूप से काफी राहत दे सकते हैं। 

तनाव से बचें – Avoid Stress

कमजोर स्मरण शक्ति की समस्या से बचने के लिए किसी भी तरह के मानसिक तनाव से दूर रहना बेहद जरूरी होता है। हालांकि आज की जीवनशैली में ये बात इतनी आसान नहीं है, लेकिन हमारे लिए ये जानना भी बेहद जरूरी है कि जब हम अत्यधिक  मानसिक तनाव में होते हैं  तो डिमेंशिया या अल्माइजर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। असल में  शरीर का नियंत्रण दिमाग ही करता है। जब हम हर समय तनाव से घिरे रहेंगे तो  दिमाग का  तंत्रिका तंत्र और उसकी कार्य शैली भी प्रभावित होगी ही।

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7-8 घंटे नींद 

अगर आप चाहते हैं कि आपका मस्तिष्क बिल्कुल सुचारू रूप से कार्य करें तो उसके लिए भी यह जरूरी है 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।  यदि हम पूरी नींद नहीं सोएंगे तो दिन भर चिड़चिड़ा महसूस करते रहेंगे। चिड़चिड़ाहट हमारी कार्यशैली को भी प्रभावित करती है। हमारे शरीर में एक तरह का प्रोटीन अनोलाइट बेटा भी होता है, जो नींद में गड़बड़ी के कारण असंतुलित हो जाता है और वजह बनता है अल्जाइमर जैसी बीमारी की। अतः स्वस्थ दिमाग के लिए भरपूर नींद अति आवश्यक है।

जंक फूड से दूरी

ये बात तो हम सभी जानते ही हैं कि जैसा खाओ अन्न, वैसा बने मन, इसीलिए हमारा खान-पान सिर्फ शरीर ही नहीं, दिमाग पर भी गहरा असर डालता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका मन और मस्तिष्क पूर्ण तरह से सुचारू रूप से कार्य करें और आप अल्माइजर या डिमेंशिया जैसी बीमारी से बचे रहें तो इसके लिए भी बेहद जरूरी है कि आप जंक फूड से दूरी बनाएं। चीनी और नमक का सेवन संतुलित अनुपात में करें।

अल्कोहल से बनाएं दूरी

अल्कोहल का बहुत ज्यादा सेवन या धूम्रपान करना आपको वक्त से पहले शारीरिक रूप से कमजोर और मानसिक बीमारियों का शिकार बना देता है। इससे दिमाग को पहुंचने वाले नुकसान के चलते कोशिकाओं का हनन होता है और भूलने की बीमारी जन्म लेती है।

ज्यादा पानी पिएं

पानी या तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन हमारे शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसका असर हमारी याद्दाश्त पर भी साफ-साफ देखा जा सकता है। 

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खुश रहें – Be Happy

जो लोग हमेशा खुश रहते हैं, उनकी स्मरण शक्ति भी अच्छी होती है, क्योंकि खुश रहने से एंडोर्फिन  नामक हार्मोन का स्त्राव होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और तनाव घटाता है, जिससे याददाश्त बेहतर होती है। दुखी होने के लिए सैकड़ों कारण हैं, लेकिन खुश रहने का सबसे बड़ा और ठोस कारण है, हमारी हेल्थ, इसलिए जितना हो सके, हमेशा मस्त रहें, व्यस्त रहें, स्वस्थ रहें।

ध्यान देने वाली बातें – Things to Note

1-हमें हमेशा सकारात्मक विचारों को आत्मसात करना चाहिए, नकारात्मक विचार हमें तनावग्रस्त करते हैं और तनाव से हमारी मस्तिष्क की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। 
2- स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए बहुत ही आसान सी टिप्स है कि आप रात को सोने से पहले सारे दिन, आपकी दिनचर्या के बारे में जरूर सोचें।
3-रात को सोने से पहले बिस्तर पर शवासन की मुद्रा में लेटकर तीन-तीन के सेट में चार बार गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें। ये आदत आपकी याद्दाश्त को तेज़ करने का काम करती है।

स्मरण शक्ति के विषय में पूछे जाने वाले कुछ सवाल -जवाब – FAQ’s

स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट का क्या रोल रहता है?

ऑक्सीडेंट से स्ट्रेस, मूड स्विंग्स और ब्रेन ऐजिंग कम होती है।

स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए क्या नट्स के सेवन का कोई विशेष समय है?

सुबह या शाम काजू, बादाम और दिन के समय अखरोट और किशमिश का सेवन उचित है.

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए कब और किस समय चिकित्सक से संपर्क करना उचित है?

अत्यधिक तनाव या माइग्रेन है तो इस केस में फौरन डॉक्टर से सलाह लें। यदि तनाव से शुगर की या हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ रही है तो भी बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है, वरना बाद में यह सब मेमोरी लॉस का कारण बनने लगते हैं।

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए क्या कोई नेचुरल थेरेपी भी है?

मेडिटेशन एक ऐसी नेचुरल थेरेपी है, जिससे काफी हद तक स्मरण शक्ति बढ़ाने में फायदा पहुंचता है।

… अब आएगा अपना वाला खास फील क्योंकि POPxo आ गया है 6 भाषाओं में … तो फिर देर किस बात की! चुनें अपनी भाषा – अंग्रेजीहिन्दीतमिलतेलुगूबांग्ला और मराठी.. क्योंकि अपनी भाषा की बात अलग ही होती है।
14 Nov 2019

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