इन दिनों कीटोजेनिक डाइट (keto diet) काफी चर्चा में है। सेलिब्रिटीज़ से लेकर न्यूट्रिशनिस्ट तक, सभी इस बारे में बात करते हैं और वजन कम करने के लिए इस डाइट की सलाह भी देते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर कुछ ही दिनों में वजन कम करने का दावा करने वाली यह डाइट है क्या (keto diet kya hai)? जानिए, कीटो डाइट से जुड़ी सभी ज़रूरी बातें। वजन बढ़ाने के लिए डाइट चार्ट
कीटो डाइट क्या है? – What is Keto Diet in Hindi?
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कीटो डाइट एक लो कार्ब हाई फैट डाइट होती है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और वसा की ज्यादा होती है। इससे डाइटिंग पर रहने के बाद भी शरीर में एनर्जी की कमी नहीं होती और वजन भी कंट्रोल में रहता है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कार्बोहाइड्रेट की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म स्तर को बढ़ा देती है और वजन तेजी से कम होने लगता है। यह प्रक्रिया कीटोसिस भी कहलाती है। इसमें शरीर का फैट पूरे दिन बर्न होता है और उर्जा भी बनी रहती है। जब शरीर का इन्सुलिन लेवल गिर जाता है तो फैट बर्निंग बढ़ जाती है। इस डाइट से वेट लॉस तो होता ही है, भूख भी कम लगती है क्योंकि ऊर्जा बनी रहने के कारण भूख का एहसास ही नहीं होता है।
हाई प्रोटीन डाइट
इस डाइट को लोग अलर्ट और फोकस्ड डाइट भी कहते हैं क्योंकि इसमें कुछ ही दिनों में वजन कम करने का टारगेट होता है। इसमें साइकिलिकल कीटोजेनिक डाइट, टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट, स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट और हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट शामिल होती हैं। आमतौर पर एथलीट और बॉडी बिल्डर्स साइकिलिक और टार्गेटेड डाइट को फॉलो करते हैं। स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट लो-कार्ब, मॉडरेट प्रोटीन और हाई फैट डाइट है। इस में 75% फैट, 20% प्रोटीन और सिर्फ 5% कार्ब होते हैं।
कीटो डाइट से होता क्या है
कीटो डाइट भी बाकी डाइट्स की तरह ही होती है बस इसमें कार्ब लो और फैट हाई रखना होता है। यह डाइट शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती है। यह बाकी सभी डाइट्स से बेहतर है।
- कीटो डाइट पर व्यक्ति का शरीर एक फैट बर्निंग मशीन की तरह काम करता है, जो पूरे दिन फैट बर्न करता है और इससे इन्सुलिन की मात्रा लगातार घटती है, जिससे भूख का एहसास नहीं होता।
- अक्सर डाइटिंग पर रहने से कमजोरी महसूस होती है लेकिन कीटो डाइट में ऐसा नहीं होता है। यह आपकी भूख को कंट्रोल में रखते हुए बॉडी को एनर्जी देता है।
- कीटो डाइट से सिर्फ वजन ही कंट्रोल में नहीं आता, बल्कि इससे टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा भी कम होता है। दरअसल, कीटो डाइट शरीर में शुगर लेवल्स को कम करते हुए डायबिटीज़ को रोकने का काम करती है।
- कीटो डाइट का पालन करने वाले लोगों में हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है क्योंकि यह डाइट एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल्स, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कम करती है।
- अल्जाइमर जैसी खतरनाक बीमारी के शिकार लोग भी कीटो डाइट फालो कर सकते हैं क्योंकि इस डाइट में अल्जाइमर को कम करने की क्षमता होती है।
- कीटो डाइट में छोटे बच्चों में होने वाले एपिलेप्सी रोग से लड़ने की भी क्षमता है। बच्चे भी इस डाइट को फॉलो कर सकते हैं।
- कीटो डाइट में वसा का इनटेक होता है, जो आपकी उर्जा के साथ-साथ फिजिकल परफॉर्मेंस भी बढ़ाती है। आमतौर पर व्यक्ति के शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स एकत्र होते हैं, जो कुछ घंटों के लिए ही ऊर्जा देते हैं लेकिन शरीर में मौजूद वसा एक हफ्ते तक शरीर को ऊर्जा दे सकती है।
कीटो डाइट में क्या खाएं – What to Eat in Keto Diet in Hindi?
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि कीटो डाइट में वसा की मात्रा ज्यादा ली जाती है इसलिए इस डाइट में 60 से 80 फीसदी कैलोरीज वसा से प्राप्त की जाती है। इस डाइट में डाइटिशियन आपको ऐसे फल और सब्जियां खाने को कहते हैं, जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और वसा ज्यादा होती है। इसमें साल्मन, बटर, क्रीम, ओमेगा 3 होल एग्स, अनप्रोसेस्ड चीज़, लाल मीट, चिकन, बादाम और अखरोट जैसे मेवे, कोकोनट ऑयल, एवोकाडो ऑयल, एवोकाडो, लो-कार्ब सब्जियां, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च आदि खाई जाती हैं।
कीटो डाइट प्लान चार्ट – Keto Diet Chart in Hindi
यूं तो शरीर के अनुसार कीटो आहार प्लान बनता है लेकिन हम आपको वह कीटो डाइट चार्ट बता रहे हैं, जिसका पालन करना बहुत आसान है।
सुबह के नाश्ते में
सुबह के नाश्ते में पालक, खीरा, टमाटर, गोभी और मशरूम की सब्जी बनाकर खा सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो प्लेन दही (जिसमें मीठा न हो) भी खा सकते हैं। चाय पीने का मन हो तो काली चाय या फिर कम दूध वाली चाय भी ले सकते हैं।
दिन के खाने में
दिन के खाने में आप राजमा या चने की दाल खा सकते हैं। दालों में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होने से शरीर को पोषक तत्व मिलते हैं। दाल में विटामिन और फाइबर भी मिल जाते हैं। दाल खाने से पेट भी देर तक भरा रहता है।
शाम को स्नैक्स के रूप में
शाम को अगर भूख लगती है तो आप खरबूजा, पपीता या फिर कीवी ले सकते हैं। ध्यान रखें कि फल अगर ज्यादा मीठे हों तो उन्हें न खाएं। इसके अलावा आप एक कप दूध पी सकते हैं लेकिन उसमें भी मीठा न डालें। दूध में प्राकृतिक रूप से शक्कर होती है। इसके अलावा बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज, तिल, अलसी के बीज, तरबूज और खरबूजे के बीज आदि भी खाए जा सकते हैं।
रात को डिनर में
डिनर में आप मटन, मछली, अंडा और उसके साथ चिकन ले सकते हैं। इस सभी में हाई प्रोटीन होता है और फैट की मात्रा भी दूसरी चीजों से ज्यादा होती है।
कीटो डाइट के फायदे – Keto Diet Benefits in Hindi
जब भी डाइट की बात होती है तो लोग अक्सर कम कैलोरी वाला खाना खाने लगते हैं लेकिन कीटो डाइट उससे काफी अलग है। इसलिए कम कैलोरी वाली डाइट के बजाय कीटो डाइट चार्ट को अपनाएं। इसके कई फायदे होते हैं और उन्हीं फायदों में से कुछ के बारे में हम आपको बता रहे हैं।
स्ट्रॉन्ग मेंटल हेल्थ
आज-कल लोग अपनी मेंटल हेल्थ के कारण काफी परेशान हैं। इसका कारण है अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खान-पान। हालांकि, कीटो डाइट न सिर्फ मानसिक शक्ति को मजबूत करती है, बल्कि मस्तिष्क को ऊर्जा भी देती है। ये दोनों मिल कर आपके दिमाग की एकाग्रता को बढ़ाते हैं। अधिक मात्रा में फैटी एसिड लेने से हमारा मस्तिष्क अधिक सक्रिय और एनर्जी से भरपूर हो जाता है।
वजन घटाने में
कीटो डाइट से शरीर के मेटाबॉलिज्म का स्तर पहले की अपेक्षा अधिक काम करने लगता है, जिससे फैट ज्यादा बर्न होता है और एनर्जी भी मिलती है। इस डाइट की खास बात यह है कि इसे लेने से हमारे शरीर का फैट बर्न होने लगता है, जिससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बहुत कम हो जाता है।
एनर्जी बढ़ाने में
कीटो डाइट बॉडी को एनर्जी से भर देती है। कीटो डाइट से हमारे शरीर को ऊर्जा का एक बेहतर स्त्रोत मिलता है, जिससे आप दिन में अधिक ऊर्जावान महसूस करते है। यह ऊर्जा शरीर में मौजूद फैट से बनती है। इस प्रक्रिया में फैट का अधिक से अधिक इस्तेमाल होता है।
मिर्गी के इलाज में
पिछले कुछ सालों से मिर्गी के इलाज में कीटो डाइट का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा रहा है। आज-कल पीड़ित बच्चे या व्यक्ति में मिर्गी को दूर करने के लिए उपचार के रूप में कीटो डाइट की सलाह दी जाने लगी है। इसका सबसे बड़ा लाभ है कि इसमें खर्च बहुत कम होता है और यह मिर्गी को नियंत्रित करने में असरदार भी है।
कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में
आज की लाइफस्टाइल में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे कोलेस्ट्रॉल की शिकायत न हो। लेकिन अब इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि कीटो डाइट से इसका उपचार आसान हो गया है। दरअसल कीटो डाइट, ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करती है। इसमें कर्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है और फैट ज्यादा होता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है।
इंसुलिन को रोकने में
सभी जानते हैं कि इंसुलिन प्रतिरोध की वजह से टाइप-2 डायबिटीज़ होने की आशंका रहती है। कम कार्बोहाइड्रेट और कीटोजेनिक डाइट इंसुलिन के स्तर को कम करने और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
मुंहासों से छुटकारा दिलाने में
अच्छे खाने का असर आपके चेहरे पर दिखता है और यह बात कीटो डाइट चार्ट में साफ हो जाती है। कीटो डाइट लेने से आपकी त्वचा में खुद-ब-खुद सुधार होने लगता है और स्किन की चमक बढ़ जाती है। इससे चेहरे की त्वचा पर मौजूद पिंपल्स और रिंकल्स दूर होते हैं। कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट के दौरान घाव और त्वचा की सूजन में सुधार देखा जाता है।
कीटो डाइट के नुकसान – Side Effects of Keto Diet in Hindi
किसी भी नई डाइट को शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए। दरअसल कई बार डाइट प्लान में खाने की कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जो आपको सूट नहीं करतीं और उससे खराब परिणाम सामने आने लगते हैं। आमतौर पर कीटो डाइट प्लान सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन ज़रूरी नहीं है कि यह हर किसी को सूट करे।
शरीर में ऐंठन
कई बार कीटो डाइट से बॉडी में कुछ पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से पैरों और शरीर में ऐंठन होने लगती है। यह दिक्कत सुबह और शाम के समय में ज्यादा बढ़ जाती है। हालांकि इस बात से घबराने की ज़रूरत नहीं है। शरीर में खनिज और मैग्नीशियम की कमी से भी यह समस्या हो सकती है। इसलिए अपने आहार में अधिक से अधिक तरल खाद्य पदार्थ और नमक शामिल करें।
कब्ज की समस्या
कई बार कोई भी डाइट प्लान शुरू करने से कब्ज की समस्या बनने लगती है क्योंकि शरीर उस तरह की डाइट का आदी नहीं होता है, जो आपने अचानक से शुरू कर दी होती है। सभी जानते हैं कि पानी की कमी कब्ज की सबसे सामान्य समस्या है। इसलिए इसका सबसे सरल समाधान है कि अधिक से अधिक पानी पीया जाए। अगर आपको भी लगातार कब्ज की समस्या है तो फाइबर और बिना स्टार्च वाली सब्जियों का सेवन करें। इससे कब्ज़ से राहत मिलती है।
दिल की असामान्य धड़कन होना
डाइट पर जाने के बाद शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं क्योंकि आपका खान-पान अपना असर दिखाने लगता है। इसलिए कई बार आपकी दिल की धड़कन पहले की उपेक्षा तेज़ हो जाती है और सांस लेने में भी परेशानी होने लगती है। यह एक सामान्य बात है, इसलिए चिंता न करें। अगर धड़कनें ज्यादा तेज हो रहीं हैं तो ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और थोड़ी देर के लिए आराम करें। कीटो डाइट से शरीर पर जल्दी प्रभाव पड़ता है इसलिए ऐसे में यह समस्या और भी बढ़ सकती है।
शारीरिक क्षमता कम होना
जब आप कीटो डाइट लेना शुरू करते हैं और सुबह से लेकर रात तक अपना पूरा खाना-पीना बदल लेते हैं तो हो सकता है कि आपकी शारीरिक क्षमता में कुछ कमी आ जाए। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका शरीर फैट को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, कुछ ही दिनों में आपकी शारीरिक क्षमता पहले जैसी हो जाएगी।
4 हफ्ते का कीटो डेली डाइट प्लान – 4 Week Ketogenic Diet in Hindi
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वजन कम करने के लिए चार हफ्ते का यह ऐसा भारतीय कीटो डाइट प्लान है, जिसका असर सबसे जल्दी होता है। 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्ते तक आप इसे फॉलो कर सकते हैं।
पहला हफ्ता –
पहले वीक में आप सामान्य खाना खा सकते हैं। जैसे कि सामान्य सलाद (पालक, शिमला मिर्च, ऑमलेट, मशरूम (जैतून के तेल और मक्खन में तला हुआ), चिकन, अंडे और कभी-कभी केवल सब्जी और पनीर की अधिक मात्रा ले सकते हैं।
दूसरा हफ्ता –
दूसरे हफ्ते में आप अपनी डाइट का खाना बदल सकते हैं। अब आप नारियल तेल और क्रीम या फिर बटर जैसी चीजें खा सकते हैं। इन तीनों का मिश्रण खाना पड़ता है। आमतौर पर यह कठिन होता है लेकिन इस डाइट में ऐसा करना पड़ता है। चीनी से परहेज करें। उसकी जगह आप शुगर-फ्री का इस्तेमाल करें।
तीसरा हफ्ता –
तीसरे हफ्ते में कीटो डाइट आपके लिए मुश्किल हो जाती है। तीसरे हफ्ते को उपवास चरण कहते हैं। इसमें आप सुबह जल्दी नाश्ता कर लें और दोपहर में कुछ न खाएं। इस तरह आप 12 घंटे के उपवास के बाद रात के भोजन में अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ ले सकते हैं।
चौथा हफ्ता –
चौथा हफ्ता तीसरे से भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। इस हफ्ते में केवल रात को ही भोजन करना होता है। पूरे दिन उपवास के दौरान आप बिना चीनी वाली ग्रीन टी और नींबू पानी पी सकते हैं। साथ ही आप अधिक से अधिक पानी पिएं। अगर यह उपवास करना आपके लिए बहुत मुश्किल हो रहा हो तो तीसरे हफ्ते वाला डाइट प्लान रिपीट कर सकते हैं।
कीटो डाइट के बारे मे पूछे जाने वाले सवाल-जवाब – FAQ’s
कीटो डाइट में हेवी खाना खाने के बाद भी फैट बर्न कैसे होता है?
कीटोसिस एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो भोजन की मात्रा कम होने पर हमें जीवित रहने में मदद करती है। इस स्थिति में हमारा शरीर कीटोन्स का उत्पादन करता है, जो लीवर में फैट के बर्न होने से बनते हैं।
कीटो डाइट को लो कार्ब और हाई फैट डाइट क्यों कहते हैं?
कीटो डाइट कम कार्बोहाइड्रेट आहार के लिए जाना जाता है। कीटो डाइट से लीवर में कीटोन्स बनने लगते हैं, जिन्हें शरीर ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करने लगता है। इस डाइट को “लो कार्ब और हाई फैट डाइट” के नाम से भी जाना जाता है।
कीटो डाइट में कभी भी बॉडी से मिनरल्स और विटामिन्स दूर होने लगते हैं। ऐसे में क्या करना चाहिए?
कीटो डाइट में आपकी बॉडी को उतने सारे मिनरल्स और विटामिन्स नहीं मिलेंगे, जिनकी बॉडी को जरूरत होती है इसलिए आपकी बॉडी में इन सबकी कमी हो जाएगी। ऐसे में मल्टीविटामिन टैबलेट को अपनी डाइट में ऐड करने की सलाह दी जाती है।
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